सभ्यता और संस्कृति दोनों व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले शब्द है, हालांकि आम तौर पर हम इनके बीच के अंतर को लेकर अंजान रहते हैं और इन दोनों शब्दों को एक पर्याय के रूप में इस्तेमाल कर देते हैं;

इस लेख में हम संस्कृति और सभ्यता (civilization and culture) पर सरल एवं सहज चर्चा करेंगे एवं इसके मध्य कुछ मूल अंतरों को स्पष्ट करेंगे, तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें; और साथ ही रोज़ नए-नए Content के लिए हमारे Facebook Page को लाइक जरूर करें। 

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सभ्यता और संस्कृति
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सभ्यता और संस्कृति

सभ्यता और संस्कृति में अंतर क्या है? - [Key Difference] WonderHindi.Com

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हम किस धर्म को फॉलो करते हैं, हम क्या भोजन करते हैं, हम क्या पहनते हैं, हम इसे कैसे पहनते हैं, हमारी भाषा, विवाह, संगीत, जो हम सही या गलत मानते हैं, हम कैसे मेज पर बैठते हैं, हम आगंतुकों का अभिवादन कैसे करते हैं, हम प्रियजनों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं और अन्य लाखों चीज़ें जिससे हमारी पहचान जुड़ी है, संस्कृति है।

ऊपर के वाक्यों से आप समझ सकते हैं संस्कृति किस स्तर की चीज़ है। और सभ्यता की बात करें तो जितनी भी चीजों का हमने ऊपर जिक्र किया है और इसके अलावे अन्य लाखों चीज़ें जो हम करते हैं या हम उसमें संलग्न (engage) होते हैं; उससे हम प्रत्यक्ष रूप से एक समन्वित भौतिक उन्नति की प्राप्ति करते हैं, जिसे हम सभ्यता कहते हैं।

यूरोप, भारत, रूस और चीन आदि अपनी समृद्ध संस्कृतियों के लिए ही तो जाने जाते हैं, ख़ासकर के भारत जो कि अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, और पर्यटकों को निरंतर आकर्षित करते हैं। [आइये इसे विस्तार से समझते हैं।]

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संस्कृति (Culture)

⚫ संस्कृति का संबंध संस्कार से है। और संस्कार का मतलब होता है भद्दापन अथवा त्रुटियों को दूर कर सही जीवन मूल्यों को स्थापित करना ताकि वे समाज के लिए उपयोगी बन सकें। 

⚫ दूसरे शब्दों में कहें तो जीवन को सुंदर बनाने के लिए मानव द्वारा किया जानेवाला बौद्धिक प्रयास संस्कृति है। संस्कृति किसी सभ्यता का मूल तत्व होता है।

जैसा कि हम जानते हैं संस्कृति के लिए इंग्लिश में “Culture” शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। शब्द “Culture” एक फ्रांसीसी शब्द “colere” से निकला है, जिसका अर्थ है पृथ्वी की ओर बढ़ना, या खेती करना और पोषण करना।

⚫ अगर हम इंसान को एक सभ्यता माने तो उसकी आत्मा संस्कृति है, अगर एक फूल को सभ्यता माने तो उसकी खुशबू संस्कृति है। कहने का अर्थ ये है कि मनुष्य की जीवन यात्रा को सरल बननेवाली आर्थिक, राजनीतिक, वैज्ञानिक और सामाजिक उपलब्धियाँ (जो कि प्रत्यक्ष भौतिक उपलब्धियां है) सभ्यता कहलाता है। वहीं मानव जीवन को अप्रत्यक्ष रूप से समृद्ध बनानेवाली आध्यात्मिक, नैतिक, बौद्धिक और मानसिक उपलब्धियां संस्कृति कहलाता है। 

⚫ कहा जाता है कि सभ्यता और संस्कृति दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू है यानी कि अगर सभ्यता है तो देर-सवेर संस्कृति विकसित हो ही जाती है। 

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संस्कृति का उदाहरण –

पाश्चात्य संस्कृति (Western culture) – इसका इस्तेमाल आमतौर पर यूरोपियन देशों की संस्कृति और उससे प्रभावित अन्य देशों की संस्कृति के लिए किया जाता है। जैसे कि अमेरिका, इस तरह की संस्कृति को उसके शारीरिक खुलापन, फास्ट फूड इत्यादि से जाना जाता है।

सभ्यता और संस्कृति

भारतीय संस्कृति (Indian culture) – इसका इस्तेमाल आमतौर पर भारतीय उप-महाद्वीप के देशों की संस्कृति के लिए किया जाता है। इसकी खासियत है अपनी समृद्ध परंपराओं को साथ लेकर आज की मान्यताओं एवं धारणाओं के साथ आगे बढना।

पूर्वी संस्कृति (Eastern culture) – पूर्वी संस्कृति आम तौर पर सुदूर पूर्व एशिया (चीन, जापान, वियतनाम, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया सहित) और कुछ हद तक भारतीय उपमहाद्वीप के देशों के सामाजिक मानदंडों को संदर्भित करती है। पश्चिम की तरह, पूर्वी संस्कृति अपने प्रारंभिक विकास के दौरान धर्म और साथ ही कृषि कार्यों से काफी प्रभावित रही है। इसीलिए यहाँ की संस्कृति में कृषि एक मूल तत्व है।

अफ्रीकन संस्कृति (african culture) – भारतीय उप-महाद्वीप की संस्कृति की तरह ही अफ्रीकी संस्कृति न केवल राष्ट्रीय सीमाओं के बीच, बल्कि उनके भीतर भी भिन्न होती है। इस संस्कृति की प्रमुख विशेषताओं में से एक महाद्वीप के 54 देशों में बड़ी संख्या में जातीय समूह हैं। उदाहरण के लिए, अकेले नाइजीरिया में 300 से अधिक जनजातियां हैं। इसीलिए पूरे अफ्रीका के संस्कृति को एक ही साँचे में डालना बहुत मुश्किल है।

ब्रिटानिका के अनुसार, कुछ पारंपरिक उप-सहारा अफ्रीकी संस्कृतियों में तंजानिया और केन्या के मासाई, दक्षिण अफ्रीका के ज़ुलु और मध्य अफ्रीका के बटवा शामिल हैं। इन संस्कृतियों की परंपराएं बहुत अलग वातावरण में विकसित हुईं। उदाहरण के लिए, बटवा, जातीय समूहों में से एक है जो परंपरागत रूप से वर्षावन में वनवासी जीवन शैली जीते हैं। दूसरी ओर, मासाई, खुले क्षेत्र में भेड़ और बकरियां चराते हैं।

लैटिन संस्कृति (Latin Culture) – लैटिन अमेरिका को आमतौर पर मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका और मैक्सिको के उन हिस्सों के रूप में परिभाषित किया जाता है जहां स्पेनिश या पुर्तगाली प्रमुख भाषाएं हैं। ये सभी स्थान स्पेन या पुर्तगाल के उपनिवेश थे। इसीलिए यहाँ की संस्कृति में कैथीलिक परंपराओं के साथ-साथ वहाँ की स्थानीय संस्कृति और अफ्रीकियों द्वारा लाए गए संस्कृति का मिश्रण मिलता है।

मध्य पूर्वी संस्कृति (Middle Eastern culture) – मोटे तौर पर, मध्य पूर्व में अरब प्रायद्वीप के साथ-साथ पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र शामिल है। यह क्षेत्र यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और इस्लाम का जन्मस्थान है और अरबी से हिब्रू से तुर्की से पश्तो तक दर्जनों भाषाओं का घर है। विषम मौसमी परिस्थिति और आम जीवन पर शरिया कानून के प्रभाव के कारण यहाँ की संस्कृति एक अलग ही रूप में उभर कर आती है।

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सभ्यता (Civilization)

सभ्य, सभा से विकसित हुआ है। प्राचीन काल में शिष्ट-जनों की या राजाओं की सभा हुआ करती थी जिसमें उस समय के उच्च वर्ग के लोग या फिर जिसे अभिजात वर्ग (Aristocrat class) कहते हैं वहीं शामिल हो पाते थे।

इन सब लोगों को और इनके अलावे भी जिस किसी व्यक्ति को इस सभा में शामिल होने के काबिल समझा जाता था उसे सभ्य कहा जाता था।

सभ्यता और संस्कृति

⚫ कालांतर में अच्छे विचार रखनेवाला और भले लोगों जैसा व्यवहार करने वाला व्यक्ति सभ्य कहा जाने लगा। इसी सभ्य से सभ्यता बना है।

⚫ इन्सानों के शीलवान और सज्जन होने की अवस्था ही सभ्यता है। जैसे हम अगर सिंधु घाटी सभ्यता की बात करें तो उस समय के लोगों के आचार, व्यवहार, जीवनशैली, सामाजिक ताना बाना, आर्थिक गतिविधियों को सामान्य रूप से हम उसकी सभ्यता कहते हैं। 

⚫ दूसरे शब्दों में कहें तो यह मानव समाज की बाहरी और भौतिक उन्नति है, जिसे मनुष्य ने आदिम युग से अब तक लौकिक, व्यावहारिक और सामाजिक क्षेत्र में प्राप्त की है।

⚫ सभ्यता में वे सभी उपलब्धियाँ सम्मिलित हैं, जिन्हे मनुष्य ने प्रकृति पर विजय पाने और जीवन निर्वाह को सुगम बनाने के लिए हासिल की है। जैसे नदी पर बांध बनाना, सड़कें बनाना, घर एवं नालियाँ बनाना, बेहतरीन कपड़े बनाना इत्यादि।

⚫ सभ्यता के लिए इंग्लिश में Civilization शब्द का इस्तेमाल किया जाता है और विकिपीडिया के अनुसार, एक सभ्यता एक जटिल समाज है जिसके पास शहरी विकास, सामाजिक स्तरीकरण, सरकार का एक रूप, और संचार की प्रतीकात्मक प्रणालियाँ होती है।

इसके अलावा सभ्यताएं केंद्रीकरण, पौधों और जानवरों की प्रजातियों (मनुष्यों सहित), श्रम की विशेषज्ञता, प्रगति की सांस्कृतिक रूप से निहित विचारधारा, स्मारकीय वास्तुकला, कराधान, खेती पर सामाजिक निर्भरता और विस्तारवाद जैसी अतिरिक्त विशेषताओं से भी जुड़ी हुई होती है।

एथेंस के एक्रोपोलिस को व्यापक रूप से पश्चिमी सभ्यता के पालने और लोकतंत्र के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। उसी तरह से सिंधु-सरस्वती सभ्यता को भारतीय सभ्यता से जोड़कर देखा जाता है।

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| सभ्यता और संस्कृति में कुल मिलाकर अंतर

⚫ कुल मिलाकर देखें तो मनुष्य की जीवन यात्रा को सरल बननेवाली आर्थिक, राजनीतिक, वैज्ञानिक और सामाजिक उपलब्धियाँ सभ्यता है। यानी कि ये मनुष्य की प्रत्यक्ष और भौतिक उपलब्धियाँ है, वहीं मानव जीवन को अप्रत्यक्ष रूप से समृद्ध बनानेवाली आध्यात्मिक, नैतिक, बौद्धिक और मानसिक उपलब्धियां संस्कृति है। 

⚫ व्यक्तित्व को समृद्ध और परिष्कृत करनेवाला दर्शन, चिंतन, आकलन, साहित्य आदि का संबंध संस्कृति से है। इसीलिए जब हम जीवन मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों, रीति-रिवाजों एवं प्रथाओं आदि की बात करते हैं तो इसको संस्कृति कहते है।

⚫ वहीं जब सभ्यता की बात करते हैं तो इसे एक वृहद पैमाने पर देखते हैं, ऐतिहासिक रूप से, “एक सभ्यता” को अक्सर एक बड़ी और “अधिक उन्नत” संस्कृति के रूप में समझा जाता है, जैसे कि पश्चिमी सभ्यता, भारतीय सभ्यता, रोमन सभ्यता आदि।

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