वित्तीय बाज़ार (Financial markets) को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है – मुद्रा बाज़ार (Money Market) और पूंजी बाज़ार (Capital Market)।

इस लेख में हम पूंजी बाज़ार (capital market) पर सरल और सहज चर्चा करेंगे एवं इसके विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को समझेंगे।

नोट – अगर आप शेयर मार्केट के बेसिक्स को ज़ीरो लेवल से समझना चाहते हैं तो आपको पार्ट 1 से शुरुआत करनी चाहिए। अगर वो समझ चुके है या सिर्फ पूंजी बाज़ार (Capital Market) को ही समझना है तो फिर जारी रखें।

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वित्तीय बाज़ार और उसका वर्गीकरण

किसी भी अर्थव्यवस्था में दो प्रकार के लोग होते हैं, एक तो वे लोग जिनके पास अतिरिक्त पैसे (अधिशेष धन) हैं, और दूसरे वे लोग जिन्हे पैसों की जरूरत है ताकि वे विभिन्न प्रकार के संसाधनों का निर्माण कर सके, इन दोनों समूहों को एक प्लैटफ़ार्म पर लाने और उनके बीच लेन-देन सम्पन्न कराने में जो बाज़ार मदद करता है, उसी को वित्तीय बाज़ार (Financial Market) कहते हैं।

वित्तीय बाज़ार को मुख्य रूप से दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है – 1. मुद्रा बाज़ार (Money Market) 2. पूंजी बाज़ार (Capital Market)। ये लेख मुद्रा बाज़ार के ऊपर है।

वित्तीय बाज़ार का वर्गीकरण

पिछले लेख में हम वित्तीय बाज़ार (Financial market) के दो भागों में से एक मुद्रा बाज़ार (Money market) को समझा था। जिसमें हमने देखा था कि मुद्रा बाज़ार अल्पकालिक पूंजी व्यवस्था से संबन्धित है। यानी कि 1 वर्ष से कम की अवधि तक के लिए पूंजी जरूरतों को मुद्रा बाज़ार पूरा कर देता है। लेकिन उससे ज्यादा की अवधि के लिए पूंजी बाज़ार की जरूरत पड़ती है। आइये इसको समझते हैं क्योंकि यही वो भाग है जो शेयर मार्केट से सीधे संबन्धित है।

पूंजी बाज़ार क्या है? (What is Capital Market?)

वित्तीय बाज़ार (Financial market) का वो भाग जहां पर दीर्घकालीन वित्तीय जरूरतों (long term financial needs) की पूर्ति की जाती है, उसे पूंजी बाज़ार कहा जाता है। यहाँ दीर्घकाल से आशय 1 वर्ष से अधिक अवधि से है। क्योंकि 1 वर्ष से कम की अवधि के लिए पूंजी जुटाना मुद्रा बाज़ार का काम है।

दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा वित्तीय बाज़ार जहां पर एक वर्ष या उससे अधिक समय के लिए डेट (Debt) या इक्विटि समर्थित प्रतिभूतियों (Equity backed securities) को खरीदा और बेचा जाता है, पूंजी बाज़ार कहलाता है, जैसे कि Stock Exchange, वाणिज्यिक बैंक (Commercial Bank) आदि की बात करें तो ये एक पूंजी बाज़ार ही है।

नोट – Debt का मतलब होता है ऋण या उधारी। इसे आगे विस्तार से समझेंगे और इक्विटि समर्थित प्रतिभूति (Equity backed Securities) का मतलब है ऐसी प्रतिभूति (Security) जिसमें किसी प्रकार की हिस्सेदारी की बात हो। जैसे कि शेयर को ही ले लीजिये तो ये एक प्रकार की हिस्सेदारी ही तो है।

शेयर और इक्विटि में क्या अंतर है?

आपके मन में सवाल आ सकता है कि इक्विटि मतलब भी हिस्सेदारी होता है और शेयर मतलब भी हिस्सेदारी होता है। फिर दोनों को अलग-अलग क्यूँ लिखा जाता है। दोनों में अंतर क्या है?

दरअसल दोनों का मतलब हिस्सेदारी से ही है, इसीलिए दोनों का इस्तेमाल एक-दूसरे के लिए कर दिया जाता है। हालांकि प्रयोग के आधार पर इसमें अंतर स्पष्ट हो जाता है।

जैसे कि आपने एक टीवी EMI पर खरीदी और उसका 10 प्रतिशत मूल्य आपने चुका दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि उस टीवी की 10 प्रतिशत इक्विटि आपके पास है। यहाँ पर शेयर शब्द का इसीलिए इस्तेमाल नहीं किया जाता है क्योंकि आपने टीवी का शेयर नहीं खरीदा है बल्कि पूरी टीवी का मालिकाना हक ही खरीदा है। कुल मिलाकर इक्विटि एक बड़े हिस्से की बात करता है जबकि शेयर उसके छोटे हिस्से का। [विस्तार से जानने के लिए शेयर और इक्विटि में अंतर पढ़ें]

Q. बैंक लोन भी तो लॉन्ग टर्म के लिए ले सकते हैं तो फिर बॉन्ड या शेयर बेचकर बाज़ार से पैसा जुटाने का क्या मतलब है?

दरअसल बैंक लोन में वो बात नहीं होती है जो शेयर या बॉन्ड में होती है, इसकी मुख्य वजह ये है कि बैंक लोन को आप शेयर और बॉन्ड की तरह मार्केट में खरीद-बिक्री नहीं कर सकते हैं, इसमें हिस्सेदारी जैसी बात नहीं होती है और इसका विनियमन (Regulation) भी थोड़ा कठोर होता है। इसीलिए ये एक पृथक व्यवस्था हो जाता है।

पूंजी बाज़ार की विशेषताएँ – पूंजी बाज़ार उन लोगों को एक साथ लाते हैं जो पूंजी रखते हैं और जो पूंजी की मांग एक साथ करते हैं साथ ही साथ ये एक ऐसी जगह भी प्रदान करते हैं जहां ऐसे लोग प्रतिभूतियों (Securities) का आदान-प्रदान कर सकते हैं।

पूंजी बाज़ार में लोग इसीलिए आते हैं क्योंकि यहाँ पर बहुत ही ज्यादा रिटर्न मिलता है लेकिन साथ ही साथ ये भी ध्यान रखने वाली बात है कि यहाँ रिस्क भी ज्यादा होता है।

पूंजी बाज़ार के घटक (Components of Capital Market)

पूंजी बाज़ार के मुख्यतः तीन घटक माने जाते हैं। 1. बीमा (Insurance), 2. म्यूचुअल फ़ंड (Mutual Fund) और 3. प्रतिभूति या शेयर बाज़ार (Securities or Stock Market)

बीमा (Insurance) की बात करें तो ये पूंजी बाज़ार का एक घटक है जिसमें कोई कंपनी या सरकार एक निश्चित प्रीमियम के भुगतान के बदले कुछ निश्चित नुकसान जैसे- क्षति, बीमारी या मृत्यु के लिए मुआवजे की गारंटी प्रदान करता है। [इस पर अलग से एक लेख मौजूद है, बेहतर समझ के लिए उसे पढ़ें।]

म्यूचुअल फ़ंड (Mutual Fund) की बात करें तो ये एक ऐसा फ़ंड है जिसका निर्माण तब होता है जब बड़ी संख्या में निवेशक अपना धन इसमें लगाते हैं और उस पूरे धन को किसी प्रबंधन कंपनी द्वारा शेयर, बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। इससे जो फायदा होता है वो उसी अनुपात में सभी निवेशकों में बांट दिये जाता हैं जिस अनुपात में उन लोगों ने पैसा लगाया था। [इस पर अलग से एक लेख मौजूद है, बेहतर समझ के लिए उसे पढ़ें।]

यहाँ जो अभी हमारे काम की चीज़ है वो है इसका तीसरा घटक यानी कि प्रतिभूति या शेयर बाज़ार (Securities or Stock Market)। क्योंकि ये शेयर मार्केट से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा हुआ है।

प्रतिभूति (Security) क्या होता है?

कोई भी ऐसा वित्तीय उपकरण (Financial instruments) जिसका मौद्रिक मूल्य (monetary value) होता है, प्रतिभूति (Security) कहलाता है। जैसे कि शेयर, बॉन्ड इत्यादि। इसी शेयर या बॉन्ड की जिस मार्केट में खरीद-बिक्री होती है उसे ही प्रतिभूति या शेयर बाज़ार कहा जाता है।

प्रतिभूति बाज़ार दो प्रकार का होता है – प्राथमिक बाज़ार (Primary market) और द्वितीयक बाज़ार (Secondary market)

जब भी कोई कंपनी या सरकार पहली बार शेयर या बॉन्ड जारी करते हैं और निवेशक उसे खरीदते है तो उसे प्राथमिक बाज़ार कहा जाता है। वहीं एक बार मार्केट में आ जाने के बाद उसी शेयर या बॉन्ड का मार्केट में जब आपस में ही लोग खरीद-बिक्री करने लगते हैं तो उसे द्वितीयक बाज़ार (Secondary market) कहा जाता है।

इस कॉन्सेप्ट को आगे प्रतिभूति बाज़ार में विस्तार से समझेंगे। यहाँ पर एक बात याद रखिए कि शेयर बाज़ार को प्रतिभूति बाज़ार भी कहा जाता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि शेयर भी एक प्रतिभूति है।

कुल मिलाकर पूंजी बाज़ार यही है; इसके कई घटक और टर्म्स जिसका लिंक यथास्थान दिया हुआ है चीजों को connect करने के लिए उस को भी पढ़ें। अगला लेख प्रतिभूतियाँ (Securities) अवश्य पढ़ें क्योंकि इससे शेयर मार्केट कैसे काम करता है उसे समझने में मदद मिलेगी।

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| शेयर मार्केट सिरीज़

Capital Markets Definition – Investopedia
Capital market – Wikipedia
ncert textbook