विदेशी भारतीय नागरिकता; भारतीय मूल के व्यक्तियों को दोहरी नागरिकता प्रदान करने से संबंधित हैं, हालांकि इसमें भारतीय नागरिक जितना अधिकार नहीं मिलता है।

इस लेख में हम विदेशी भारतीय नागरिकता (Overseas Citizenship of India) पर सरल और सहज चर्चा करेंगे एवं इसके विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने की कोशिश करेंगे;

चूंकि ये नागरिकता से संबंधित है इसीलिए इस लेख की बेहतर समझ के लिए पहले नागरिकता↗️ और उसके विभिन्न प्रावधानों को अवश्य समझ लें।

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Overseas Citizenship of India विदेशी भारतीय नागरिकता
Overseas Citizenship of India [Image Credit Freepik]
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विदेशी भारतीय कौन हैं?

विदेशी भारतीय नागरिकता । Overseas Citizenship of India - [Polity Podcast] P B Chaudhary WonderHindi

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एक होता हैNRI (Non Resident Indian/अप्रवासी भारतीय), जो किसी भी कारण से सामान्यतः भारत के बाहर निवास करता है और उसके पास भारतीय पासपोर्ट भी होता है।

NRI को वे सभी लाभ मिलते है जो किसी भारतीय नागरिक को उपलब्ध होता है यानी कि ये भारत में सभी प्रकार की गतिविधियों में सम्मिलित हो सकते है और उन पे वही सारे नियम और कानून लागू होते हैं जो किसी अन्य भारतीय नागरिक पे लागू होते हैं।

कुल मिलाकर ये भारतीय नागरिक ही हैं जो भारत के बाहर मामूली तौर पर रह रहा है। इसके बारे में आयकर अधिनियम 1961 के धारा 6 में बताया गया है।

दूसरा होता है – PIO (Person of Indian Origin/ भारतीय मूल के व्यक्ति), यानी कि ऐसा व्यक्ति जिसका कोई पूर्वज भारतीय नागरिक था और जो वर्तमान में अन्य देश की नागरिकता या राष्ट्रीयता धारण करता है या करती है। जिस देश के ये नागरिक होते हैं उसी देश का पासपोर्ट इनके पास होता है।

चूंकि ये भारत के नागरिक नहीं होते हैं इसीलिए इन लोगों को कोई विशेष लाभ नहीं मिलता। ये लोग अगर भारत आते भी हैं तो उसी प्रकार के गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं जिस प्रकार के वीजा पर ये आए हैं। जैसे कि अगर पर्यटन वीजा पर आए है तो सिर्फ भारत में पर्यटन कर सकते हैं।

इसके अलावा अगर ये लोग भारत में 180 दिनों से अधिक रहते हैं तो इनका स्थानीय पुलिस प्राधिकारियों के साथ निबंधित होना आवश्यक होता है। विदेशी भारतीय नागरिकता (Overseas Citizenship of India); जो कि हम इस लेख में पढ़ने वाले हैं, मुख्य रूप से इन्ही लोगों के लिए है। इसके बारे में नागरिकता अधिनियम 1955 में बताया गया है।

यहाँ ये याद रखिए कि विदेशी भारतीय नागरिकता भारत की वास्तविक नागरिकता नहीं है, क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 9 में साफ-साफ लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति किसी और देश की नागरिकता स्वेच्छा से ग्रहण कर लेता है तो उसकी भारतीय नागरिकता समाप्त हो जाएगी।

यानी कि सच्चे अर्थों में भारत, दोहरी नागरिकता किसी को नहीं दे सकता है। हाँ, उसके नाम पर कुछ सुविधाएं जरूर दे सकता है और वहीं देता भी है।

विदेशी भारतीय नागरिकता की पृष्ठभूमि

अगस्त 2002 में PIO कार्ड स्कीम (Persons of Indian Origin Card) को शुरू किया गया था इसके तहत कोई विशेष लाभ नहीं दिया गया था बस यह एक ऐसे व्यक्ति को जारी की गई पहचान थी, जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, ईरान, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के अलावा किसी अन्य देश का पासपोर्ट रखता था और इससे पहले तीन पीढ़ियों तक अपनी भारतीय उत्पत्ति को साबित कर सकता था।

सितंबर 2000 में भारत सरकार (विदेश मंत्रालय) ने भारतीय डायस्पोरा पर एल.एम. सिंघवी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। कमिटी को वैश्विक भारतीय डायस्पोरा के व्यापक अध्ययन करने तथा उनके साथ रचनात्मक संबंध बनाने के उपायों पर अनुशंसा देने का कार्य सौंपा गया।

(डायस्पोरा शब्द प्राचीन ग्रीक शब्द से आया है जिसका अर्थ है “प्रसार या फैलाव”। यानी कि जब लोग अपनी मातृभूमि से दूर दुनिया भर के स्थानों तक बिखरे रहते हैं और अपनी संस्कृति को फैलाते हैं, तो उसे समग्र रूप से डायस्पोरा कहा जाता है।)

इस समिति ने अपनी रिपोर्ट जनवरी, 2002 में सौंपी। इसने नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन की सिफ़ारिश की ताकि कुछ विशेष देशों में रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्तियों (Persons of Indian Origin) को दोहरी नागरिकता प्रदान की जा सके।

उसी अनुसार नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2003 के माध्यम से नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करके विदेशी नागरिकता शीर्षक से ”धारा 7क, धारा 7ख, धारा 7ग एवं धारा 7घ” शामिल किया गया।

इसके तहत 16 देशों के भारतीय मूल के व्यक्तियों (पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर) के लिए विदेशी भारतीय नागरिकता (Overseas Citizenship of India यानी कि OCI) का प्रावधान किया गया।

दोहरी नागरिकता के लिए लगातार मांगों के जवाब में, विशेष रूप से उत्तरी अमेरिका और अन्य विकसित देशों में प्रवासी भारतीयों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए, अगस्त 2005 में नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करके सभी देशों के भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए (पाकिस्तान और बांग्लादेश को छोड़कर) विदेशी भारतीय नागरिकता (Overseas Citizenship of India यानी कि OCI) योजना शुरू की गई।

कुल मिलाकर अब स्थिति ये बनी कि PIO कार्ड स्कीम 2002 से चल ही रहा था और अब OCI स्कीम भी 2005 से चलने लगी। यानी कि दोनों स्कीम साथ-साथ चलने लगी, वैसे OCI स्कीम अधिक लोकप्रिय हुई।

बाद में चलकर आवेदकों के लिए और अधिक सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने PIO कार्ड स्कीम तथा OCI स्कीम को मिलाकर एकल स्कीम का सूत्रण किया जिसमें दोनों स्कीमों के सकारात्मक पक्षों को शामिल किया गया।

इस प्रकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 अधिनियमित किया गया। PIO कार्ड स्कीम को 2015 के प्रभाव से रद्द कर दी गई और यह अधिसूचित किया गया कि सभी चालू PIO कार्डधारक 2015 से विदेशी भारतीय नागरिकता कार्डधारक (Overseas Citizenship of India Cardholder) मान लिए जाएँगे।

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 ने ”विदेशी भारतीय नागरिक (Overseas Citizen of India” को बदलकर ” विदेशी भारतीय नागरिक कार्डधारक (Overseas Citizen of India Cardholder)” कर दिया। वर्तमान में अभी यही स्कीम चल रहा है।

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015 के तहत मुख्य अधिनियम (जो कि धारा 7क, धारा 7ख, धारा 7ग, धारा 7घ था) में बदलाव लाया गया और OCI कार्डहोल्डर के संबंध में अब वर्तमान स्थिति निम्नलिखित है –

कौन लोग विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड होल्डर (OCI Cardholder) के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकता है?

1. केंद्र सरकार, जरूरी शर्तों, निर्बंधनों (Restrictions) और रीति के अधीन रहते हुए, इस संबंध में किए गए आवेदन पर, किसी को विदेशी भारतीय नागरिक कार्डधारक (Overseas Citizen of India Cardholder) के रूप में पंजीकृत कर सकती है, यदि वे निम्न में से कोई शर्त पूरा करता हो –

(a) पूर्ण आयु एवं क्षमतावाला कोई व्यक्ति,

  • (I) जो किसी अन्य देश का नागरिक है, लेकिन संविधान लागू होने के समय अथवा उसके पश्चात किसी समय भारत का नागरिक था, अथवा
  • (II) जो किसी अन्य देश का नागरिक है लेकिन संविधान लागू होने के समय भारत का नागरिक होने लिए योग्य था, अथवा
  • (III) जो किसी अन्य देश का नागरिक है लेकिन उस भू-भाग से संबंध रखता है जो 15 अगस्त 1947 के पश्चात भारत का भाग बन गया था, अथवा
  • (IV) जो किसी ऐसे नागरिक का पुत्र/पुत्री या पौत्र/पौत्री या प्रपौत्र/प्रपौत्री हो, अथवा

(b) कोई व्यक्ति जो धारा (a) में उल्लिखित व्यक्ति का नाबालिग बच्चा हो, अथवा

(c) कोई व्यक्ति जो कि नाबालिग बच्चा हो और जिसके माता-पिता भारत के नागरिक है अथवा माता-पिता में से एक भारत का नागरिक है, अथवा

(d) भारतीय नागरिक का विदेशी मूल का/की पति/पत्नी, या विदेशी भारतीय नागरिक कार्डधारक का विदेशी मूल का पति/पत्नी जिसका विवाह निबंधित (Registered) है और उसका विवाह आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि के पूर्व कम से कम दो वर्ष तक लगातार बना हुआ है,

इन प्रावधानों के तहत आने वाले भारतीय मूल के विदेशी भारत के कार्डधारक विदेशी नागरिक (Overseas Citizen of India Cardholder) के रूप में खुद को रजिस्ट्रीकृत कर सकेगी।

▪️ कोई भी व्यक्ति जो स्वयं अथवा उसके माता-पिता में से कोई अथवा जिसके दादा/दादी, परदादा/परदादी पाकिस्तान, बांग्लादेश अथवा ऐसे किसी देश जिन्हे भारत सरकार उल्लिखित कर सकती है, विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड होल्डर के लिए निबंधन (Registration) के लिए योग्य नहीं होगा।

2. भारत सरकार, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, उस आंकड़ें को उल्लिखित कर सकती है जिसमें से सूचीबद्ध भारतीय मूल के कार्डधारक व्यक्तियों को विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर (Overseas Citizen of India Cardholder) मान लिया जाएगा।

3. बिन्दु (1) में कोई बात पहले रहते हुए भी, केंद्र सरकार अगर संतुष्ट हो की कोई विशेष परिस्थिति बनती है, तो उन परिस्थितियों को लिखित में अभिलेखित कर, किसी व्यक्ति को विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर के रूप में निबंधित (register) कर सकती है।

विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर को प्राप्त अधिकार

1. एक विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर को ऐसे अधिकार प्राप्त होंगे जैसा की केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से उल्लिखित या विनिर्दिष्ट किया जाएगा।

2. एक विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर को निम्नलिखित अधिकार नहीं होंगे (जोकि किसी भारतीय नागरिक को मिलते हैं) –

(a) उसे अनुच्छेद 16 के अधीन, सार्वजनिक रोजगार के मामले में अवसर की समानता का अधिकार नहीं होगा

(b) वह अनुच्छेद 58 के अधीन, राष्ट्रपति चुने जाने के योग्य नहीं होगा

(c) वह अनुच्छेद 66 के अधीन, उपराष्ट्रपति चुने जाने के योग्य नहीं होगा

(d) वह अनुच्छेद 124 के अधीन, सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के योग्य नहीं होगा

(e) वह अनुच्छेद 217 के अधीन, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के योग्य नहीं होगा

(f) वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 16 के अधीन, एक मतदाता के रूप में पंजीकृत किए जाने का अधिकारी नहीं होगा

(g) वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 3 और 4 के अधीन, लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य नहीं होगा

(h) वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 5, धारा 5क और धारा 6 के अधीन, राज्य विधानसभा या राज्य विधानपरिषद का सदस्य चुने जाने के योग्य नहीं होगा

(i) वह सार्वजनिक सेवाओं में नियुक्ति तथा संघ अथवा राज्य के मामलों से संबन्धित पद के लिए योग्य नहीं होगा, जब तक कि ऐसी सेवाओं एवं पदों पर नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार विशिष्ट निर्देश न दे।

विदेशी नागरिकता कार्ड का परित्याग कैसे किया जा सकता है?

विदेशी भारतीय नागरिकता

1. यदि पूर्ण आयु एवं क्षमतावाला कोई विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर निर्धारित प्रपत्र पद्धति से उस कार्ड के परित्याग की घोषणा करता है तो इस घोषणा को केंद्र सरकार द्वारा पंजीकृत किया जाएगा तथा इस पंजीकरण के पश्चात वह व्यक्ति विदेशी भारतीय नागरिक नहीं रह जाएगा।

2. जब एक व्यक्ति विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर नहीं रह जाता है तब उसका विदेशी मूल की पत्नी/पति जिसने विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड प्राप्त किया है और इसका नाबालिग बच्चा जो की विदेशी भारतीय नागरिक के रूप में पंजीकृत है, भारत का विदेशी नागरिक नहीं रह जाएगा।

विदेशी भारतीय नागरिक कार्ड होल्डर के रूप में पंजीकरण कब रद्द हो सकता है?

केंद्र सरकार, आदेश द्वारा, विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर के रूप में पंजीकृत किसी व्यक्ति का पंजीकरण रद्द कर सकता है, यदि वह संतुष्ट है की –

(a) विदेशी भारतीय नागरिकता कार्डहोल्डर धोखाधड़ी, असत्य प्रतिनिधित्व अथवा भौतिक साक्ष्य को छुपाकर प्राप्त की गई है, अथवा

(b) विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर ने भारत के संविधान के प्रति अनिष्ठा प्रदर्शित की है, अथवा

(c) विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर ने, ऐसे किसी युद्ध जिसमें भारत भी संलग्न है, के दौरान शत्रु के साथ गैरकानूनी रूप से संपर्क स्थापित किया है, अथवा

(d) विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर ने पंजीकरण के पाँच वर्षों के भीतर दो वर्षों से कम की कैद की सजा भुगती है, अथवा

(e) यदि ऐसा करना भारत की संप्रभुता एवं अखंडता भारत की सुरक्षा, किसी दूसरे देश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध अथवा सामान्य जनता के हित में हो, अथवा

(f) किसी विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर का विकास – (I) किसी सक्षम न्यायालय द्वारा या अन्य द्वारा भंग कर दिया गया हो, अथवा (II) भंग नहीं किया गया हो, लेकिन ऐसे विवाह के बने रहते ही उसने किसी और के साथ विवाह कर लिया हो।

विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर को मिलने वाले लाभ

(1) मुफ्त भारत यात्रा के लिए बहु प्रविष्टि (Multiple entry) एवं जीवन भर के लिए बहुउद्देश्यीय वीजा (Multipurpose visa) की सुविधा।

(हालांकि OCI कार्डहोल्डर को भारत में शोधकार्य के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी जिसके लिए वे इंडिया मिशन /पोस्ट/ FRRO को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। कुल मिलाकर कहें तो ऐसे लोग जीवन भर बिना वीजा भारत आ सकता है।

(2) भारत में कितने भी लंबे समय तक रुकने के लिए एक FRRO (Foreigners Regional Registration Officer) के साथ पंजीयन से छूट।

[नोट- भारत में वीज़ा और आव्रजन संबंधी सेवाओं जैसे कि, पंजीकरण, वीज़ा एक्सटेंशन, वीज़ा रूपांतरण, एक्ज़िट परमिट आदि की इच्छा रखने वाले सभी विदेशी को FRRO की जरूरत पड़ती है।]

(3) कृषि अथवा बागान परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के मामलों को छोड़कर वित्तीय, आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में एनआरआई के साथ समानता। यानी कि ये लोग भारत में कृषि भूमि नहीं खरीद सकते हैं।

(4) ये लोग कितने भी समय तक देश में रुक सकता है, वो भी बिना पुलिस अधिकारियों को रिपोर्ट किए। वही बिना कार्डधारक व्यक्ति अगर देश में 180 दिनों से ज्यादा रुकता है तो उसे पुलिस को रिपोर्ट करनी पड़ती है।

(5) पंजीकृत विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर भारत में घरेलू उड़ानों के किराए के मामले में आप्रवासी भारतीय के बराबर समझे जाएँगे।

(6) पंजीकृत विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर भारत से राष्ट्रीय उद्यानों एवं वन्यजीव अभयारण्यों में वही प्रवेश शुल्क लिया जाएगा जो घरेलू आगंतुकों से लिया जाता है।

(7) राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि OCI कार्डहोल्डर पंजीकरण, उन लोगों को प्रदान की जाने वाली किसी भी सेवा के लिए उनके पहचान पत्र के रूप में व्यवहार में लाया जाये।

OCI कार्डधारक से संबंधित नियमों में हुए नए बदलाव

मार्च 2021 में गृह मंत्रालय ने OCI कार्डधारक के संबंधित कुछ नियमों में बदलाव किए हैं जो कि निम्नलिखित है;

1. OCI कार्डधारक को FRRO या किसी सक्षम प्राधिकारी से विशेष अनुमति (Special permission) लेनी होगी, अगर वे निम्नलिखित में से किसी गतिविधि में शामिल होने के लिए इंडिया आए हैं-

– रिसर्च के लिए,
– मिशनरी या तबलिगी गतिविधि में शामिल होने के लिए,
– पर्वतारोहण के लिए,
– पत्रकारिता के लिए,
– किसी ऐसी जगह घूमने के लिए जो कि संरक्षित है या प्रतिबंधित है,
– किसी विदेशी संस्थाओं आदि में Internship करने के लिए।

2. OCI कार्डधारक अब निम्नलिखित मामलों में भारत के नागरिकों के समान ही माने जाएँगे;

– घरेलू उड़ानों के किरायों में,
– बच्चे गोद लेने के अंतर्राष्ट्रीय मामलों में,
– कृषि भूमि को छोड़कर अन्य भूमि को खरीदने और बेचने के मामलों में,
– डॉक्टर, नर्स, अधिवक्ता, आर्किटेक्ट और चार्टर अकाउंटेंट जैसे व्यवसाय करने के मामलों में।

3. OCI कार्डधारक को अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं (जैसे JEE और NEET) के मामले में NRI के बराबर माना जाएगा। यानी कि NRI के तहत जो कोटा निर्धारित किया गया है उसी के तहत ये भी आएंगे न कि भारतीय नागरिक के कोटे के तहत।

ये लोग भारत का नागरिक कैसे बन सकते हैं?

नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुसार कोई व्यक्ति यदि OCI कार्डहोल्डर के रूप में पाँच वर्ष के लिए पंजीकृत रहता है और जो नागरिकता पंजीकरण आवेदन के पहले लगातार 12 माह तक सामान्यतः भारत में निवास करता रहा है, भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकता है।

Overseas Citizenship of India Practice Quiz


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विदेशी भारतीय नागरिकता (OCI) अभ्यास प्रश्न

  1. Number of Questions - 8
  2. Passing Marks - 75 %
  3. Time - 6 Minutes
  4. एक से अधिक विकल्प सही हो सकते हैं।

Which of the following is/are correct about Overseas Indian Citizenship (OCI)?

  1. Foreign citizenship, added by the Citizenship Amendment Act 2003.
  2. The 'OCI Cardholder' was introduced by the Citizenship Amendment Act of 2015.
  3. Overseas Indian citizens are citizens of India as well as other countries.
  4. Overseas Indian Citizen cannot settle in India.

1 / 8

विदेशी भारतीय नागरिकता (OCI) के बारे में इनमें से क्या सही है?

  1. विदेशी नागरिकता, नागरिकता संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा जोड़ा गया।
  2. 2015 के नागरिकता संशोधन अधिनियम द्वारा 'OCI Cardholder' शुरू किया गया।
  3. विदेशी भारतीय नागरिक भारत के साथ-साथ दूसरे देश के भी नागरिक होते हैं।
  4. विदेशी भारतीय नागरिक भारत में बस नहीं सकता है।

2 / 8

FRRO का Full Form क्या है?

Which of the given statements is/are correct regarding NRI?

  1. NRIs are not Indians.
  2. NRI does not have Indian passport.
  3. NRI as defined under the Income Tax Act 1961.
  4. NRIs can come to India whenever they want.

3 / 8

NRI के संबंध में दिए गए कथनों में से कौन सा कथन सही है?

  1. NRI भारतीय नहीं होते हैं।
  2. NRI के पास भारतीय पासपोर्ट नहीं होता है।
  3. NRI आयकर अधिनियम 1961 के तहत परिभाषित है।
  4. NRI जब चाहे भारत आ सकते हैं।

When can the registration of a person registered as an Overseas Indian Citizen Cardholder be cancelled?

  1. When he has obtained this card by fraud or concealment of physical evidence.
  2. When he has shown disloyalty to the Constitution of India.
  3. When he has illegally sided with the enemy during the war.
  4. When he criticized our army.

4 / 8

विदेशी भारतीय नागरिक कार्डहोल्डर के रूप में पंजीकृत किसी व्यक्ति का पंजीकरण कब रद्द किया जा सकता है?

  1. जब उसने ये कार्ड धोखाधड़ी अथवा भौतिक साक्ष्य को छुपाकर प्राप्त किया हो।
  2. जब उसने भारतीय संविधान के प्रति अनिष्ठा प्रदर्शित किया हो।
  3. जब उसने युद्ध के दौरान गैर-कानूनी रूप से शत्रु का साथ दिया हो।
  4. जब उसने हमारे सेना की आलोचना की हो।

Which of these statements is/are correct?

  1. Any person of full age and capacity who was a citizen of India at the time the Constitution came into force can become an OCI Cardholder.
  2. OCI cardholder does not get rights under Article 16.
  3. OCI cardholder cannot vote in India.
  4. The OCI Cardholder shall be entitled to be registered as a voter, under section 16 of the RPA 1950.

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इनमें से कौन सा कथन सही है?

  1. पूर्ण आयु एवं क्षमतावाला कोई व्यक्ति जो संविधान लागू होने के समय भारत का नागरिक था OCI Cardholder बन सकता है।
  2. OCI Cardholder को अनुच्छेद 16 के तहत अधिकार नहीं मिलते हैं।
  3. OCI Cardholder भारत में मतदान नहीं कर सकता है।
  4. OCI Cardholder, RPA 1950 की धारा 16 के अधीन, एक मतदाता के रूप में पंजीकृत किए जाने का अधिकारी होगा।

Which of these facilities is not available to the OCI Cardholder?

  1. These people can stay in the country for any length of time, that too without reporting to the police authorities.
  2. They will be treated at par with NRIs in terms of fares for domestic flights in India.
  3. These people can come to India without visa for life.
  4. These people can buy agricultural land in India.

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OCI Cardholder को इनमें से कौन सी सुविधाएं नहीं मिलती है?

  1. ये लोग कितने भी समय तक देश में रुक सकता है, वो भी बिना पुलिस अधिकारियों को रिपोर्ट किए।
  2. भारत में घरेलू उड़ानों के किराए के मामले में इन्हे आप्रवासी भारतीय के बराबर समझे जाएँगे।
  3. ये लोग जीवन भर बिना वीजा भारत आ सकता है।
  4. ये लोग भारत में कृषि भूमि खरीद सकते हैं।

In 2021, which of the following statements are correct regarding the changes in the rules for OCI Cardholder?

  1. For engaging in missionary or Tablighi activity, the Cardholder will have to take special permission from a competent authority.
  2. In international adoption cases, the child will now be treated at par with an Indian citizen.
  3. The cardholder will be treated at par with an NRI in the case of All India Entrance Examinations (such as JEE and NEET).
  4. Card holders coming to India to do journalism are no longer required to take special permission from any authority.

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2021 में, OCI Cardholder के नियमों में  हुए बदलाव के संबंध में इनमें से कौन सा कथन सही है?

  1. मिशनरी या तबलिगी गतिविधि में शामिल होने के लिए कार्डधारक को किसी सक्षम प्राधिकारी से विशेष अनुमति लेनी होगी।
  2. बच्चा गोद लेने के अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अब वह भारतीय नागरिक के समान ही माने जाएँगे।
  3. कार्डधारक को अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षाओं (जैसे JEE और NEET) के मामले में NRI के बराबर माना जाएगा।
  4. भारत में पत्रकारिता करने आए कार्डधारक को अब किसी प्राधिकारी से विशेष अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।

Which of the following rights are not available to the OCI cardholder?

  1. He can become a member of Lok Sabha or Rajya Sabha.
  2. He can become a judge of the Supreme Court.
  3. He can become the President of India.
  4. He can become the Vice-President of India.

8 / 8

OCI Cardholder को निम्न में से कौन से अधिकार नहीं मिलते हैं?

  1. वह लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य बन सकता है।
  2. वह सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बन सकता है।
  3. वह भारत का राष्ट्रपति बन सकता है।
  4. वह भारत का उप-राष्ट्रपति बन सकता है।

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नागरिकता
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Important Acts & Rules
संविधान निर्माण की कहानी
नागरिकता अधिनियम 1955↗️
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2003↗️
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2005↗️
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2015↗️
मूल संविधान भाग 2 नागरिकता↗️
विकिपडिया – Overseas Citizenship of India↗️ & Indian Nationality Law↗️
Ministry of External Affairs – Overseas Citizenship of India Scheme↗️
New rules for OCI cardholders