यह लेख अनुच्छेद 1 (article 1) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें। इसकी व्याख्या इंग्लिश में भी उपलब्ध है, इसके लिए आप नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करें;

इस अनुच्छेद में घोषणा की गई है कि इंडिया, जिसे भारत के नाम से भी जाना जाता है, राज्यों का एक संघ होगा। यह अनुच्छेद यह भी निर्दिष्ट करता है कि भारत के क्षेत्र में राज्यों के क्षेत्र, केंद्र शासित प्रदेश और भविष्य में अधिग्रहित किए जा सकने वाले अन्य क्षेत्र शामिल हैं।

अनुच्छेद 1 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची प्रदान नहीं करता है बल्कि यह बताता है कि सूची कहां मिलेंगी। सूची अनुसूची 1 में दी गई है।

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Article 1

📜 अनुच्छेद 1 (Article 1)

1.  संघ का नाम और राज्यक्षेत्र – (1) इंडिया, अर्थात्‌ भारत, राज्यों का संघ होगा।
1[(2) राज्य और उनके राज्यक्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।]
(3) भारत के राज्यक्षेत्र में, 
(क) राज्यों के राज्यक्षेत्र, 
2[(ख) पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट संघ राज्यक्षेत्र, और]
(ग) ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र जो अर्जित किए जाएँ, समाविष्ट होंगे।
———————
1.  Name and territory of the Union – (1) India, that is Bharat, shall be a Union of States
1[(2) The States and the territories thereof shall be as specified in the First Schedule]
(3) The territory of India shall comprise,
(a) The territories of the States;
2[(b) the Union territories specified in the First Schedule; and]
(c) such other territories as may be acquired.
—————

📜 अनुच्छेद 1 में किया गया संशोधन !

1. संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 2 द्वारा खंड (2) के स्थान पर प्रतिस्थापित।

2. संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 2 द्वारा उपखंड (ख) के स्थान पर प्रतिस्थापित।



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🔍 Article 1 Explained in Hindi

जैसा कि हम जानते हैं हमारा संविधान 22 भागों में बंटा हुआ है। इसी के पहले भाग में 4 अनुच्छेद आते हैं और अनुच्छेद 1 इसका पहला अनुच्छेद है। हम देख सकते हैं कि अनुच्छेद 1 के अंतर्गत कुल तीन प्रावधान है। जिसमें से इसका पहला प्रावधान कहता है कि इंडिया यानी कि भारत ‘राज्यों का संघ’ होगा (India that is Bharat shall be Union of states)।

पहले प्रावधान में दो महत्वपूर्ण शब्द है – “इंडिया अर्थात भारत” और “राज्यों का संघ”। 

आपके मन में सवाल आ सकता है कि संविधान में इंडिया अर्थात भारत क्यों लिखा हुआ है सिर्फ इंडिया या फिर सिर्फ भारत क्यों नहीं लिखा हुआ है। 

दरअसल इसका कारण वैचारिक मतभेद है। जब संविधान का निर्माण हो रहा था तो संविधान सभा के कुछ लोग जो परंपरावादी विचारधारा को ज्यादा तवज्जो देते थे; देश का नाम भारत रखना चाहते थे क्योंकि ये नाम हमारे समृद्ध परंपरा को रिप्रेजेंट करता था ।

वहीं कुछ प्रोग्रेसिव विचारधारा के लोग देश का नाम इंडिया रखना चाहते थे क्योंकि उन लोगों के हिसाब से ये नाम एक नए और आधुनिक भारत का प्रतीक था।

संविधान सभा के सदस्य एच. वी. कामथ देश का मुख्य नाम भारत रखे जाने का पक्षधर थे। साथ ही संविधान सभा के एक और सदस्य सेठ गोविंद दास ने तो वेदो-पुराणों आदि का हवाला देते हुए इस बात को स्थापित करने की कोशिश की कि हमेशा से यह देश भारत के नाम से ही जाना जाता रहा है। इन्होने इंडिया दैट इज़ भारत के स्थान पर ”bharat known as india in foreign country” प्रयोग करने की सिफ़ारिश की।

इस मुद्दे पर काफी नोक-झोंक हुई, आखिरकार वोटिंग करने का निर्णय लिया गया और इसीलिए अनुच्छेद 1 में ‘इंडिया यानी कि भारत‘ लिखा हुआ है। यहाँ पर ये याद रखिए कि संविधान में हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग नहीं हुआ है। 

‘इंडिया यानी कि भारत‘ का एक मतलब ये भी है कि जिसे हम इंडिया कहते हैं वो दरअसल कुछ और नहीं बल्कि भारत ही है। कहने का अर्थ ये है कि मुख्य नाम भारत है।

➖ ‘राज्यों का संघ‘ (Union of states) का मतलब

संघ को सबसे आसान भाषा में समझना हो तो हम कह सकते हैं कि एक ऐसी राजनैतिक व्यवस्था जहां दो स्तरों पर सरकार हो और दोनों के मध्य शक्तियों का विभाजन हो। इस हिसाब से देखें तो भारत एक संघ है।

समझने कि बात ये है कि अनुच्छेद 1 भारत को एक ‘Union’ के रूप में वर्णित करता है, हालांकि इसकी संवैधानिक प्रकृति ‘Federal’ है। आप सोचेंगे कि Union और Federal या Federation में अंतर क्या है?

इसी अंतर को समझाते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर ने निम्नलिखित दो बातें कही है;

पहला – भारतीय संघ अमेरिकी संघ की भांति राज्यों के बीच हुए किसी समझौते का परिणाम नहीं है। 

और दूसरा – भारतीय राज्यों को भारतीय संघ से अलग होने का कोई अधिकार नहीं है। 

आप Union का मतलब इस तरह से समझ सकते हैं जैसे कि शरीर का कोई अंग। उदाहरण के लिए हाथ को हम शरीर से अलग नहीं कर सकते हैं क्योंकि इसे बाहर से नहीं जोड़ा जाता है बल्कि खुद ब खुद अंदर से जुड़े होते हैं।

कुल मिलाकर प्रशासन की सुविधा के लिए ही देश को अलग-अलग राज्यों में बांटा गया है लेकिन कोई भी राज्य अपने आप को संघ से अलग नहीं कर सकता। चूंकि कोई भी राज्य खुद को भारतीय संघ से अलग नहीं कर सकता है इसीलिए यह Union है।

दूसरे शब्दों में कहें तो Indian Federation अपनी अविनाशी प्रकृति (indestructible nature) के कारण एक Union है। हालांकि हिन्दी में दोनों के लिए संघ शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है।

अमेरिका के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि वहाँ अलग-अलग प्रांतों ने मिलकर अमेरिकी संघ का निर्माण किया है। बल्कि भारत पहले से अस्तित्व में था किन्ही वजहों से इसके कई प्रांत अलग प्रतीत हो रहे थे पर वो अंदर से जुड़े हुए थे। बाहर से उसे बस स्वीकार किया गया।

[विशेष जानकारी के लिए आप भारतीय संघ पढ़ें]

| 2.  अनुच्छेद 1 (article 1) के दूसरे प्रावधान की बात करें तो इसमें कहा गया है कि राज्य और उनके राज्यक्षेत्र वे होंगे जो अनुसूची 1 में वर्णित है। यानी कि अगर आपको सारे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की जानकारी चाहिए तो आपको अनुसूची 1 (schedule 1) खंगालनी चाहिए। 

| 3. अनुच्छेद 1 (article 1) के तीसरे प्रावधान की बात करें तो भारत के राज्यक्षेत्र में न केवल सभी राज्यों और संघ क्षेत्रों के क्षेत्र शामिल होंगे, बल्कि वे क्षेत्र भी भारत का हिस्सा बन जाएंगे, जिन्हें सरकार द्वारा अधिग्रहित किया जाएगा।

दूसरे शब्दों में, यदि भारत सरकार नई भूमि का अधिग्रहण करती है, तो वह भी भारत का हिस्सा होगी और नक्शा उसी हिसाब से बदल जाएगा। उदाहरण के लिए, गोवा स्वतंत्रता के समय भारतीय संघ का हिस्सा नहीं था, बाद में इसे भारतीय संघ में शामिल कर लिया गया। 

यहाँ पर यह याद रखिए कि इस खंड भारत के राज्यक्षेत्र (Territory of India) की बात की गई है, भारतीय संघ (Union of India) की नहीं।

दोनों में अंतर ये है कि राज्यक्षेत्र (Territory) के अंदर, राज्य (States), संघशासित प्रदेश (UTs) और विदेशों में स्थित दूतावास का क्षेत्र भी आता है। वहीं भारतीय संघ के अंदर केवल राज्य (States) आता है, केंद्र शासित प्रदेश को भी इसके तहत नहीं रखा जाता है क्योंकि यह एकात्मकता (Unitary Nature) को दर्शाता है।

FAQs Related to Article 1

प्रश्न: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 क्या स्थापित करता है?

उत्तर: अनुच्छेद 1 भारत को राज्यों के संघ के रूप में स्थापित करता है, जिसमें विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

प्रश्न: अनुच्छेद 1 का क्या महत्व है?

उत्तर: अनुच्छेद 1 महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के संघीय ढांचे की नींव रखता है एवं राज्यों के संघ को स्थापित करता है।

प्रश्न: क्या अनुच्छेद 1 के तहत नये राज्य बनाये जा सकते हैं?

उत्तर: अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि भारत के राज्यक्षेत्र में ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र शामिल होंगे जो किसी भी समय अर्जित किए जाएँगे। हालांकि नए राज्यों का भारतीय संघ में प्रवेश अनुच्छेद 2 के तहत होता है।

प्रश्न: क्या अनुच्छेद 1 राज्य की सीमाओं में परिवर्तन की अनुमति देता है?

उत्तर: नहीं, अनुच्छेद 3 संसद को कुछ संवैधानिक प्रावधानों के अधीन मौजूदा राज्यों की सीमाओं को बदलने का अधिकार देता है।

प्रश्न: क्या अनुच्छेद 1 भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची को परिभाषित करता है?

उत्तर: नहीं, अनुच्छेद 1 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची प्रदान नहीं करता है। बल्कि यह बताता है कि ऐसी सूची आपको अनुसूची 1 में मिलेंगी।

प्रश्न: क्या संसद अनुच्छेद 1 के तहत नए क्षेत्रों का अधिग्रहण कर सकती है?

उत्तर: हां, अनुच्छेद 1 संसद को क्षेत्रों के अधिग्रहण का अधिकार देता है।

प्रश्न: क्या अनुच्छेद 1 में संशोधन किया जा सकता है?

उत्तर: हां, भारतीय संविधान के अन्य प्रावधानों की तरह, अनुच्छेद 1 को निर्धारित संवैधानिक संशोधन प्रक्रिया के माध्यम से संशोधित किया जा सकता है, जैसा कि अनुच्छेद 368 में उल्लिखित है। हालांकि, किसी भी संशोधन को संविधान की मूल संरचना और आवश्यक विशेषताओं का पालन करना होगा।

General MCQs

Q1. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 क्या स्थापित करता है?

A. नागरिकों के मौलिक अधिकार
B. राज्यों का संघ
C. राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
D. राष्ट्रपति की शक्तियाँ

स्पष्टीकरण: सही उत्तर B है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 1 भारत को राज्यों के संघ के रूप में स्थापित करता है। यह देश के संघीय ढांचे की नींव रखता है।

Q2. भारत में नए राज्य बनाने की शक्ति किस प्राधिकरण के पास है?

A. भारत के राष्ट्रपति
B. भारत के प्रधान मंत्री
C. भारत की संसद
D. राज्य सरकारें

स्पष्टीकरण: सही उत्तर C है। भारत की संसद के पास नए राज्य बनाने की शक्ति है। इस प्रक्रिया के लिए राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता होती है।

Q3. क्या मौजूदा राज्यों की सीमाओं को अनुच्छेद 1 के तहत बदला जा सकता है?

A. हां
B. नहीं

स्पष्टीकरण: सही उत्तर B है। नहीं, अनुच्छेद 3 संसद को कुछ संवैधानिक प्रावधानों के अधीन मौजूदा राज्यों की सीमाओं को बदलने का अधिकार देता है।

Q4. क्या अनुच्छेद 1 भारत में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सूची निर्दिष्ट करता है?

A. हां
B. नहीं

स्पष्टीकरण: सही उत्तर B है। नहीं, अनुच्छेद 1 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एक सूची प्रदान नहीं करता है। बल्कि अनुसूची 1 इस तरह की सूची प्रदान करता है।

तो कुल मिलाकर यही है अनुच्छेद 1 (article 1), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अनुच्छेद 1 (article 1) क्या है?

1.  संघ का नाम और राज्यक्षेत्र – (1) इंडिया, अर्थात्‌ भारत, राज्यों का संघ होगा।
(2) राज्य और उनके राज्यक्षेत्र वे होंगे जो पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं।
(3) भारत के राज्यक्षेत्र में, (क) राज्यों के राज्यक्षेत्र, (ख) पहली अनुसूची में विनिर्दिष्ट संघ राज्यक्षेत्र, और (ग) ऐसे अन्य राज्यक्षेत्र जो अर्जित किए जाएँ, समाविष्ट होंगे।
[ज्यादा जानकारी के लिए व्याख्या पढ़ें ]

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अनुच्छेद 2
अनुच्छेद 3
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⚫ Article 2
⚫ Article 3
⚫ Article 4
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भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।