यह लेख अनुच्छेद 120 (Article 120) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 120

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📜 अनुच्छेद 120 (Article 120) – Original

साधारणतया प्रक्रिया
120. संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा — (1) भाग 17 में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद 348 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संसद्‌ में कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाएगा :

परन्तु, यथास्थिति, राज्य सभा का सभापति या लोक सभा का अध्यक्ष अथवा उस रूप में कार्य करने वाला व्यक्ति किसी सदस्य को, जो हिन्दी में या अंग्रेजी में अपनी पर्याप्त अभिव्यक्ति नहीं कर सकता है, अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुज्ञा दे सकेगा।

(2) जब तक संसद्‌ विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की अवधि की समाप्ति के पश्चात्‌ यह अनुच्छेद ऐसे प्रभावी होगा मानो “या अंग्रेजी में” शब्दों का उसमें से लोप कर दिया गया हो।
अनुच्छेद 120

Procedure Generally
120. Language to be used in Parliament — (1) Notwithstanding anything in Part XVII, but subject to the provisions of article 348, business in Parliament shall be transacted in Hindi or in English:

Provided that the Chairman of the Council of States or Speaker of the House of the People, or person acting as such, as the case may be, may permit any member who cannot adequately express himself in Hindi or in English to address the House in his mother-tongue.

(2) Unless Parliament by law otherwise provides, this article shall, after the expiration of a period of fifteen years from the commencement of this Constitution, have effect as if the words “or in English” were omitted therefrom.
Article 120

🔍 Article 120 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का दूसरा अध्याय है – संसद (Parliament)

संसद के तहत अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के संसद की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha), एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) आते हैं।

तो इस अध्याय के तहत आने वाले अनुच्छेदों में हम संसद (Parliament) को विस्तार से समझने वाले हैं। यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अध्याय II अंतर्गत अनुच्छेद 79 से लेकर अनुच्छेद 122 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 120 (Article 120) को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 120 – संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा

अनुच्छेद 79 के तहत, देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में संसद की व्यवस्था की गई है। संसद तीन घटकों से मिलकर बना है; राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha)।

संसद में दो सदन है लोक सभा (House of the People) और राज्यसभा (Council of States)। लोकसभा में कुल 543 निर्वाचित सीटें हैं, जो कि प्रत्यक्ष मतदान द्वारा चुनकर आते हैं।

वहीं राज्यसभा में अभी फिलहाल 245 सीटें है जिसमें से 233 सदस्यों को चुनने के लिए चुनाव होते हैं जबकि 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।

सवाल ये आता है कि संसद के सदस्य अलग-अलग भाषा प्रदेशों से आते हैं, ऐसे में कौन सी भाषा संसद की भाषा होगी?

अनुच्छेद 120 के तहत संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा के बारे में बताया गया है। इस अनुच्छेद के 2 खंड है। आइये समझें;

अनुच्छेद-19- भारतीय संविधान

अनुच्छेद 120(1) के तहत बताया गया है कि सविधान भाग 17 में किसी बात के होते हुए भी, किन्तु अनुच्छेद 348 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, संसद्‌ में कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाएगा;

यहाँ पर दो बातें हैं;

पहली बात तो ये कि संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाएगा।

दूसरी बात ये कि यह प्रावधान संविधान के भाग 17 में किसी बात के होते हुए भी लेकिन अनुच्छेद 348 के उपबंधों के अधीन है।

दरअसल संविधान का भाग 17 (जो कि अनुच्छेद 343 से 351 तक फैला है) राजभाषा से संबन्धित है। जिसके तहत संघ की भाषा और प्रादेशिक भाषा के बारे में उपबंधों को बताया गया है।

इसी भाग के अध्याय 3 के तहत अनुच्छेद 348 में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में प्रयोग होने वाली भाषाओं का जिक्र है। जिसके तहत यह लिखा हुआ है कि उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में कार्यवाही की भाषा अंग्रेजी होगी। इसीलिए अनुच्छेद 120(1) को अनुच्छेद 348 के उपबंधों के अधीन रखा गया है।

दरअसल संविधान लागू होने से पहले भाषा पर संविधान सभा के सदस्यों में काफी मतभेद था कुछ सदस्य हिन्दी के पक्ष में थे तो कुछ अंग्रेजी के पक्ष में।

इसी मतभेद के कारण जब संविधान लागू हुआ तब किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा नहीं बनाया गया बल्कि हिन्दी और अंग्रेजी दोनों को सदन की कार्यवाही की भाषा घोषित की गई।

ये व्यवस्था की गई थी कि 15 वर्ष तक अंग्रेजी चलने देते हैं इसके बाद वो खुद ही खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं 1963 में राजभाषा अधिनियम (official language act) बना जिसमें हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी की निरंतरता की भी अनुमति दी गयी।

हालांकि इसका ये मतलब नहीं है कि सदन में इन दोनों भाषाओं को छोड़कर कोई और भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है, अगर पीठासीन अधिकारी चाहे तो सदस्य को अपनी मातृभाषा में भी बोलने का अधिकार दे सकता है क्योंकि दोनों ही सदनों में अनुवाद की व्यवस्था होती है।

अनुच्छेद 120(2) के तहत यह व्यवस्था किया गया है कि जब तक संसद्‌ विधि द्वारा अन्यथा उपबंध न करे तब तक इस संविधान के प्रारंभ से पंद्रह वर्ष की अवधि की समाप्ति के पश्चात्‌ यह अनुच्छेद ऐसे प्रभावी होगा मानो “या अंग्रेजी में” शब्दों का उसमें से लोप कर दिया गया हो।

जैसा कि हमने ऊपर जिक्र किया कि संविधान लागू होने से पहले भाषा पर संविधान सभा के सदस्यों में काफी मतभेद था कुछ सदस्य हिन्दी के पक्ष में थे तो कुछ अंग्रेजी के पक्ष में।

इसी मतभेद के कारण जब संविधान लागू हुआ तब किसी भी भाषा को राष्ट्रभाषा नहीं बनाया गया बल्कि हिन्दी और अंग्रेजी दोनों को सदन की कार्यवाही की भाषा घोषित की गई।

ये व्यवस्था की गई थी कि 15 वर्ष तक अंग्रेजी चलने देते हैं इसके बाद वो खुद ही खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं 1963 में राजभाषा अधिनियम बना जिसमें हिन्दी के साथ-साथ अंग्रेजी की निरंतरता की भी अनुमति दी गयी।

राजभाषा को लेकर भारत सरकार की एक आधिकारिक साइट है जिसका इस्तेमाल आप कई दिलचस्प जानकारियों के लिए कर सकते हैं; https://rajbhasha.gov.in

तो यही है अनुच्छेद 120 (Article 120), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अनुच्छेद 121 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद 119 – भारतीय संविधान
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भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
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FAQ. अनुच्छेद 120 (Article 120) क्या है?

अनुच्छेद 120 के तहत संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा के बारे में बताया गया है। हिन्दी और अंग्रेजी दोनों संसद की भाषा है। इस अनुच्छेद के 2 खंड है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।