यह लेख अनुच्छेद 2 का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें। इसकी व्याख्या इंग्लिश में भी उपलब्ध है, इसके लिए आप नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करें;
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📜 अनुच्छेद 2
2. नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना – संसद, विधि द्वारा, ऐसे निबंधनों और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे, संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकेगी। |
2. Admission or Establishment of New States – Parliament may by law admit into the Union, or establish, new States on such terms and conditions as it thinks fit. |
🔍 व्याख्या (Explanation)
अनुच्छेद 2 उन राज्यों के विलय और संगठन को संदर्भित करता है जो भारतीय संघ का हिस्सा नहीं हैं। उदाहरण के लिए, आप गोवा को ले सकते हैं जो पहले पुर्तगाली शासन के अधीन था, लेकिन 1961 में इसे भारत में मिला लिया गया था। अर्थात्, केवल संसद ही अधिनियमन द्वारा भारत में एक नए राज्य में प्रवेश या स्थापना कर सकती है।
वहीं अनुच्छेद 3 भारतीय संघ के सीमा के भीतर के क्षेत्रों के जोड़-घटाव के बारे में हैं। कहने का अर्थ ये है कि अनुच्छेद 2 के तहत भारतीय संघ का भौगोलिक विस्तार होता है। इसे आप अनुच्छेद 1 के तीसरे प्रावधान से भी जोड़कर देख सकते हैं क्योंकि उसमें कहा गया है कि अभी जो भारतीय संघ की स्थिति है वो अंतिम नहीं है बल्कि अगर भारत सरकार किसी नए क्षेत्र का अधिग्रहण करती है तो वो भी भारतीय संघ का हिस्सा बन जाएगा।
अनुच्छेद 2 क्या है?
2. नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना – संसद, विधि द्वारा, ऐसे निबंधनों और शर्तों पर, जो वह ठीक समझे, संघ में नए राज्यों का प्रवेश या उनकी स्थापना कर सकेगी।
[ज्यादा जानकारी के लिए व्याख्या पढ़ें]
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अस्वीकरण - यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।