यह लेख Article 244A (अनुच्छेद 244क) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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Article 244A अनुच्छेद 244क

📜 अनुच्छेद 244क (Article 244A) – Original

भाग 10 [अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र]
1[244A. असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद्‌ का या दोनों का सृजन— (1) इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद्‌ विधि द्वारा असम राज्य के भीतर एक स्वशासी राज्य बना सकेगी, जिसमें छठी अनुसूची के पैरा 20 से संलग्न सारणी के 1[भाग 1] में विनिर्दिष्ट सभी या कोई जनजाति क्षेत्र (पूर्णतः या भागतः) समाविष्ट होगे और उसके लिए

(क) उस स्वशासी राज्य के विधान-मंडल के रूप में कार्य करने के लिए निर्वाचित या भागतः नामनिर्देशित और भागतः निर्वाचित निकाय का, या
(ख) मंत्रि-परिषद्‌ का, या दोनों का सृजन कर सकेगी, जिनमें से प्रत्येक का गठन, शक्तियां और कृत्य वे होंगे जो उस विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं।

(2) खंड (1) में निर्दिष्ट विधि, विशिष्टतया,

(क) राज्य सूची या समवर्ती सूची में प्रगणित वे विषय विनिर्दिष्ट कर सकेगी जिनके संबंध में स्वशासी राज्य के विधान-मंडल को संपूर्ण स्वशासी राज्य के लिए या उसके किसी भाग के लिए विधि बनाने की शक्ति, असम राज्य के विधान-मंडल का अपवर्जन करके या अन्यथा, होगी ;

(ख) वे विषय परिनिश्चित कर सकेगी जिन पर उस स्वशासी राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार होगा ;

(ग) यह उपबंध कर सकेगी कि असम राज्य द्वारा उदगृहित कोई कर स्वशासी राज्य को वहां तक सौंपा जाएगा जहां तक उसके आगम स्वशासी राज्य से प्रास हुए माने जा सकते हैं ;

(घ) यह उपबंध कर सकेगी कि इस संविधान के किसी अनुच्छेद में राज्य के प्रति किसी निर्देश का यह अर्थ लगाया जाएगा कि उसके अंतर्गत स्वशासी राज्य के प्रति निर्देश है ; और

(ङ) ऐसे अनुपूरक, आनुषंगिक या पारिणामिक उपबंध कर सकेगी जो आवश्यक समझे जाएं।

(3) पूर्वोक्त प्रकार की किसी विधि का कोई संशोधन, जहां तक वह संशोधन खंड (2) के उपखंड (क) या उपखंड (ख) में विनिर्दिष्ट विषयों में से किसी से संबंधित है, तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक वह संशोधन संसद्‌ के प्रत्येक सदन में उपस्थित और मत देने वाले कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा पारित नहीं कर दिया जाता है ।

(4) इस अनुच्छेद में निर्दिष्ट विधि को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन इस बात के होते हुए भी नहीं समझा जाएगा कि उसमें कोई ऐसा उपबंध अंतर्विष्ट है जो इस संविधान का संशोधन करता है या संशोधन करने का प्रभाव रखता है।]
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1. संविधान (बाईसवां संशोधन) अधिनियम, 1969 की धारा 2 द्वारा (25-9-1969 से) अंतःस्थापित।
2. पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 87) की धारा 71 द्वारा (21-1-1972 से) “भाग क* के स्थान पर प्रतिस्थापित।
अनुच्छेद 244A हिन्दी संस्करण

Part X [THE SCHEDULED AND TRIBAL AREAS]
1[244A. Formation of an autonomous State comprising certain tribal areas in Assam and creation of local Legislature or Council of Ministers or both therefor—(1) Notwithstanding anything in this Constitution, Parliament may, by law, form within the State of Assam an autonomous State comprising (whether wholly or in part) all or any of the tribal areas specified in 2[Part I] of the table appended to paragraph 20 of the Sixth Schedule and create therefor—
(a) a body, whether elected or partly nominated and partly elected, to function as a Legislature for the autonomous State, or
(b) a Council of Ministers, or both with such constitution, powers and functions, in each case, as may be specified in the law.

(2) Any such law as is referred to in clause (1) may, in particular,—
(a) specify the matters enumerated in the State List or the Concurrent List with respect to which the Legislature of the autonomous State shall have power to make laws for the whole or any part thereof, whether to the exclusion of the Legislature of the State of Assam or otherwise;
(b) define the matters with respect to which the executive power of the autonomous State shall extend;

(c) provide that any tax levied by the State of Assam shall be assigned to the autonomous State in so far as the proceeds thereof are attributable to the autonomous State;
(d) provide that any reference to a State in any article of this Constitution shall be construed as including a reference to the autonomous State; and
(e) make such supplemental, incidental and consequential provisions as may be deemed necessary.

(3) An amendment of any such law as aforesaid in so far as such amendment relates to any of the matters specified in sub-clause (a) or sub-clause (b) of clause (2) shall have no effect unless the amendment is passed
in each House of Parliament by not less than two-thirds of the members present and voting.

(4) Any such law as is referred to in this article shall not be deemed to be an amendment of this Constitution for the purposes of article 368 notwithstanding that it contains any provision which amends or has the effect of amending this Constitution.]
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1. . Ins. by the Constitution (Twenty-second Amendment) Act, 1969, s. 2 (w.e.f. 25-9-1969).
2. Subs. by the North-Eastern Areas (Reorganisation) Act, 1971 (81 of 1971), s. 71, for “Part A” (w.e.f. 21-1-1972).
Article 244A English Version

🔍 Article 244A Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 10, अनुच्छेद 244 से लेकर अनुच्छेद 244क तक विस्तारित है। यह भाग अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र (Scheduled & Tribal Areas) के बारे में है।

यहां पर दो टर्म्स है : पहला) अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Area) और दूसरा) जनजाति क्षेत्र (Tribal Area); पहले संक्षेप में इन दोनों को समझ लीजिये;

भारत में अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें स्वदेशी जनजातीय समुदायों द्वारा सामना किए जाने वाले ऐतिहासिक और सामाजिक-आर्थिक नुकसान के कारण भारत के संविधान के तहत विशेष ध्यान और सुरक्षा प्राप्त है।

इन क्षेत्रों में विशिष्ट प्रावधान और सुरक्षा उपाय हैं जिनका उद्देश्य इन समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके कल्याण को बढ़ावा देना है।

अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Area) किसे कहते हैं:

अनुसूचित क्षेत्र भारत के वे क्षेत्र हैं जो भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची में सूचीबद्ध हैं। और पांचवी अनुसूची अनुच्छेद 244(1) के तहत ही बनाया गया है। इस अनुसूची में इन क्षेत्रों के प्रशासन और शासन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं, मुख्य रूप से महत्वपूर्ण आदिवासी आबादी वाले राज्यों में।

अनुसूचित क्षेत्र झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में पाए जाते हैं। राज्य के राज्यपाल के पास अनुसूचित क्षेत्रों में विशेष शक्तियां और जिम्मेदारियां हैं, जिसमें आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न मामलों पर नियम बनाना शामिल है।

अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि स्वामित्व और भूमि का हस्तांतरण आदिवासी भूमि के शोषण को रोकने के लिए प्रतिबंधों के अधीन है। पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (PESA) स्थानीय जनजातीय स्वशासी निकायों, जिन्हें पंचायत के रूप में जाना जाता है, को स्थानीय संसाधनों, विकास परियोजनाओं और अन्य मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार प्रदान करता है।

जनजातीय क्षेत्र (Tribal Area) किसे कहते हैं?

जनजातीय , जिन्हें जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, राज्यों के भीतर काफी जनजातीय आबादी वाले क्षेत्र हैं जहां जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक असमानताओं और विकास आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए विशेष विकास योजनाएं और धन आवंटित किए जाते हैं।

इन क्षेत्रों की पहचान और परिभाषा अलग-अलग राज्यों द्वारा उनके क्षेत्रों में जनजातीय आबादी की सघनता के आधार पर की जाती है। अनुसूची 6 में आप इसे देख सकते हैं जिसे कि अनुच्छेद 244(2) और अनुच्छेद 275 (1) के तहत बनाया गया है।

कुल मिलाकर बात यह है कि भारत में अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र दोनों ही जनजातीय समुदायों के अद्वितीय सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं को पहचानने और ऐतिहासिक अन्याय को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इन प्रावधानों का उद्देश्य आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाना और उनकी विशिष्ट पहचान और जीवन के पारंपरिक तरीकों का सम्मान करते हुए उनके समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है।

इस लेख में हम अनुच्छेद 244A को समझने वाले हैं;

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग [NCSC]
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग [NCST]
Closely Related to Article 244A

| Article 244A – असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य . बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद्‌ का या दोनों का सृजन;

अनुच्छेद 244A के तहत असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य . बनाना और उसके लिए स्थानीय विधान-मंडल या मंत्रि-परिषद्‌ का या दोनों का सृजन वर्णित है। इस अनुच्छेद को संविधान (बाईसवां संशोधन) अधिनियम, 1969 द्वारा संविधान में अंतःस्थापित किया गया है। इस अनुच्छेद के तहत कुल 4 खंड आते हैं;

अनुच्छेद 244Aके खंड (1) के तहत कहा गया है कि इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद, कानून द्वारा, असम राज्य के भीतर एक स्वायत्त राज्य का गठन कर सकती है जिसमें छठी अनुसूची के *पैराग्राफ 20 से जुड़ी तालिका के भाग 1 में निर्दिष्ट सभी या किसी आदिवासी क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है और उसके लिए निम्नलिखित का निर्माण किया जा सकता है;

(क) स्वायत्त राज्य के लिए विधानमंडल के रूप में कार्य करने के लिए एक निकाय, चाहे वह निर्वाचित हो या आंशिक रूप से नामांकित और आंशिक रूप से निर्वाचित हो, या
(बी) मंत्रिपरिषद, या,

दोनों का सृजन कर सकेगी, जिनमें से प्रत्येक का गठन, शक्तियां और कृत्य वे होंगे जो उस विधि में बताया जाएगा।

*पैराग्राफ 20 से जुड़ी तालिका के भाग 1 में निम्नलिखित क्षेत्रों का जिक्र है;

  1. The North Cachar Hills District.
  2. The Karbi Anglong District.
  3. The Bodoland Territorial Areas District.

अनुच्छेद 244Aके खंड (2) के तहत कहा गया है कि खंड (1) में उल्लिखित कोई भी कानून, विशेष रूप से,

(क) राज्य सूची या समवर्ती सूची में उल्लिखित मामलों को निर्दिष्ट कर सकेगी जिनके संबंध में स्वायत्त राज्य के विधानमंडल को पूरे या उसके किसी हिस्से के लिए कानून बनाने की शक्ति होगी, चाहे असम राज्य के विधानमंडल को छोड़कर या अन्यथा। ;

(ख) उन मामलों को परिभाषित कर सकेगी जिनके संबंध में स्वायत्त राज्य की कार्यकारी शक्ति का विस्तार होगा;

(ग) यह व्यवस्था की जा सकेगी कि असम राज्य द्वारा लगाया गया कोई भी कर स्वायत्त राज्य को सौंपा जाएगा जहां तक ​​उसकी आय स्वायत्त राज्य के लिए जिम्मेदार है;

(घ) यह उपबंध कर सकेगी कि इस संविधान के किसी भी अनुच्छेद में किसी राज्य के किसी भी संदर्भ को स्वायत्त राज्य के संदर्भ सहित माना जाएगा; और

(ङ) ऐसे अनुपूरक, आनुषंगिक या पारिणामिक उपबंध कर सकेगी जो आवश्यक समझे जाएं।

अनुच्छेद 244Aके खंड (3) के तहत कहा गया है कि पूर्वोक्त प्रकार की किसी विधि का कोई संशोधन, जहां तक वह संशोधन खंड (2) के उपखंड (क) या उपखंड (ख) में विनिर्दिष्ट विषयों में से किसी से संबंधित है, तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक वह संशोधन संसद्‌ के प्रत्येक सदन में उपस्थित और मत देने वाले कम से कम दो-तिहाई सदस्यों द्वारा पारित नहीं कर दिया जाता है।

अनुच्छेद 244Aके खंड (4) के तहत कहा गया है कि इस अनुच्छेद में निर्दिष्ट विधि को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के लिए इस संविधान का संशोधन इस बात के होते हुए भी नहीं समझा जाएगा कि उसमें कोई ऐसा उपबंध अंतर्विष्ट है जो इस संविधान का संशोधन करता है या संशोधन करने का प्रभाव रखता है।

यानि कि इस तथ्य के बावजूद कि इसमें ऐसे प्रावधान शामिल हो सकते हैं जो इस संविधान को बदलते हैं या इसमें संशोधन करने का प्रभाव रखते हैं, इस लेख में संदर्भित किसी भी क़ानून को अनुच्छेद 368 के उद्देश्यों के लिए इस संविधान का संशोधन नहीं माना जाएगा।

तो यही है Article 244A, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।