यह लेख Article 250 (अनुच्छेद 250) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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📜 अनुच्छेद 250 (Article 250) – Original

भाग 11 [संघ और राज्यों के बीच संबंध]
250. यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद्‌ की शक्ति — (1) इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद्‌ को, जब तक आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है, 1[अनुच्छेद 246क के अधीन उपबंधित माल या सेवा कर या] राज्य सूची में प्रगणित किसी भी विषय के संबंध में भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी।

(2) संसद्‌ द्वारा बनाई गई कोई विधि, जिसे संसद्‌ आपात की उद्घोषणा के अभाव में बनाने के लिए सक्षम नहीं होती, उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने के पश्चात्‌ छह मास की अवधि की समाप्ति पर अक्षमता की मात्रा तक उन बातों के सिवाय प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उक्त अवधि की समाप्ति से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है।
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1. संविधान (एक सौं एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 का धारा 5 द्वारा (16-9-2016 से) अंतःस्थापित।
अनुच्छेद 250 हिन्दी संस्करण

Part XI [RELATIONS BETWEEN THE UNION AND THE STATES]
250. Power of Parliament to legislate with respect to any matter in the State List if a Proclamation of Emergency is in operation— (1) Notwithstanding anything in this Chapter, Parliament shall, while a Proclamation of Emergency is in operation, have power to make laws for the whole or any part of the territory of India with respect to 1[goods and services tax provided under article 246A or] any of the matters enumerated in the State List.

(2) A law made by Parliament which Parliament would not but for the issue of a Proclamation of Emergency have been competent to make shall, to the extent of the incompetency, cease to have effect on the expiration of a period of six months after the Proclamation has ceased to operate, except as respects things done or omitted to be done before the expiration of the said period.
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1. Ins. by the Constitution (One Hundred and First Amendment) Act, 2016, s. 5 (w.e.f. 16-9-2016).
Article 250 English Version

🔍 Article 250 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 11, अनुच्छेद 245 से लेकर अनुच्छेद 263 तक कुल 2 अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।

ChaptersTitleArticles
Iविधायी संबंध (Legislative Relations)Article 245 – 255
IIप्रशासनिक संबंध (Administrative Relations)Article 256 – 263
[Part 11 of the Constitution]

जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग केंद्र-राज्य सम्बन्धों (Center-State Relations) के बारे में है। जिसके तहत मुख्य रूप से दो प्रकार के सम्बन्धों की बात की गई है – विधायी और प्रशासनिक

भारत में केंद्र-राज्य संबंध देश के भीतर केंद्र सरकार और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच शक्तियों, जिम्मेदारियों और संसाधनों के वितरण और बंटवारे को संदर्भित करते हैं।

ये संबंध भारत सरकार के संघीय ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसा कि भारत के संविधान में परिभाषित किया गया है। संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की शक्तियों और कार्यों का वर्णन करता है, और यह राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करते हुए दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करता है।

अनुच्छेद 245 से लेकर अनुच्छेद 255 तक मुख्य रूप से विधायी शक्तियों के वितरण (distribution of legislative powers) का वर्णन है। और यह भाग केंद्र-राज्य संबन्धों से जुड़े बहुत सारे कॉन्सेप्टों को आधार प्रदान करता है; जिसमें से कुछ प्रमुख है;

  • शक्तियों का विभाजन (division of powers)
  • अवशिष्ट शक्तियां (residual powers)
  • अंतर-राज्य परिषद (inter-state council)
  • सहकारी संघवाद (cooperative federalism) और
  • केंद्र-राज्य के मध्य विवाद समाधान (Dispute resolution between center and state)

इस लेख में हम अनुच्छेद 250 को समझने वाले हैं; लेकिन अगर आप इस पूरे टॉपिक को एक समग्रता से (मोटे तौर पर) Visualize करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख से शुरुआत कर सकते हैं;

केंद्र-राज्य विधायी संबंध Center-State Legislative Relations)
Closely Related to Article 250

| अनुच्छेद 250 – यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद्‌ की शक्ति (Power of Parliament to legislate with respect to any matter in the State List if a Proclamation of Emergency is in operation)

अनुच्छेद 250 के तहत यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि बनाने की संसद्‌ की शक्ति का वर्णन है। इस अनुच्छेद के तहत कुल दो खंड आते हैं;

अनुच्छेद 250 के खंड (1) के तहत कहा गया है कि इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, संसद्‌ को, जब तक आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है, अनुच्छेद 246क के अधीन उपबंधित माल या सेवा कर या राज्य सूची में प्रगणित किसी भी विषय के संबंध में भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 250 संसद को विधायी शक्तियां प्रदान करने से संबंधित है यह अनुच्छेद संसद को आपातकाल की स्थिति में राज्य सूची में शामिल किसी भी विधि बनाने की शक्ति प्रदान करता है, भले ही इस अध्याय में कुछ भी क्यों न लिखा हो;

जब आपातकाल चल रहा हो तो ऐसी स्थिति में, संसद्‌ को, राज्य सूची के किसी भी विषय के संबंध में भारत के संपूर्ण राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए विधि बनाने की शक्ति होगी। साल 2016 के बाद अब इसमें GST को भी जोड़ दिया गया है यानि कि जीएसटी के संबंध में भी संसद की वही शक्ति होगी जिसके लिए अनुच्छेद 246A नामक अनुच्छेद बनाया गया है।

अनुच्छेद 250 के खंड (2) के तहत कहा गया है कि संसद्‌ द्वारा बनाई गई कोई विधि, जिसे संसद्‌ आपात की उद्घोषणा के अभाव में बनाने के लिए सक्षम नहीं होती, उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने के पश्चात्‌ छह मास की अवधि की समाप्ति पर अक्षमता की मात्रा तक उन बातों के सिवाय प्रभावी नहीं रहेगी जिन्हें उक्त अवधि की समाप्ति से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है।

यहां दो बातें हैं;

पहली बात) अगर संसद कोई ऐसा कानून बनाता है जो कि आपातकाल लागू होने के बिना संसद नहीं बना सकता है तो फिर आपातकाल की समाप्ति के बाद छह महीने की अवधि समाप्त होने पर उस कानून का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।

दूसरी बात) यह प्रावधान कुछ चीज़ों पर लागू नहीं होता है। यह उन चीजों पर लागू नहीं होता है जो उक्त अवधि की समाप्ति से पहले किए गए थे या किए जाने से छूट गए थे। कहने का अर्थ है कि उस अवधि के दौरान जो काम किए गए थे या निर्णय लिए गए थे वो बना रहेगा।

Article 250 in Nutshell

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 250 संसद को आपातकाल के दौरान राज्य सूची की विषयों पर कानून बनाने की क्षमता देता है, जो आम तौर पर राज्यों के विधानमंडलों के अधिकार क्षेत्र में होते हैं। यह प्रावधान संसद को आपातकाल से निपटने के लिए विभिन्न विषयों पर कानून बनाकर संकट की स्थितियों से निपटने की अनुमति देता है।

संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत भारत के राष्ट्रपति द्वारा आपातकाल की उद्घोषणा जारी की जा सकती है यदि वह संतुष्ट हैं कि युद्ध, बाहरी आक्रमण, या सशस्त्र विद्रोह से उत्पन्न गंभीर आपातकाल है जो भारत या इसके किसी भी हिस्से की सुरक्षा को खतरा है।

अनुच्छेद 250 के तहत शक्ति एक बहुत व्यापक शक्ति है, और इसका उपयोग संसद द्वारा विभिन्न मामलों पर कानून बनाने के लिए किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं: सार्वजनिक व्यवस्था का रखरखाव, भारत की रक्षा, भारत की सुरक्षा, भोजन एवं अन्य आवश्यक आपूर्तियों का उत्पादन एवं वितरण, वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें, उद्योग एवं वाणिज्य पर नियंत्रण, आर्थिक मामला इत्यादि।

अनुच्छेद 250 एक महत्वपूर्ण प्रावधान है क्योंकि यह संसद को आपातकाल के दौरान राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कार्रवाई करने की अनुमति देता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अनुच्छेद 250 के तहत शक्ति पूर्ण नहीं है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि अनुच्छेद 250 के तहत शक्ति का उपयोग संविधान की मूल संरचना को कमजोर करने के लिए नहीं किया जा सकता है।

तो यही है अनुच्छेद 250 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

◾ राष्ट्रीय आपातकाल और उसके प्रावधान (National Emergency)
Must Read

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Related MCQs with Explanation

1. What does Article 250 of the Indian Constitution empower the Parliament to do?

a) Make laws on the State List
b) Override decisions of the President
c) Legislate on subjects in the State List during a national emergency
d) Amend the Constitution

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Explanation: c) Article 250 empowers the Parliament to Legislate on subjects in the State List during a national emergency

2. In which part of the Indian Constitution is Article 250 located?

a) Part III
b) Part IX
c) Part XI
d) Part XVIII

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Explanation: c) Article 250 is located in Part XI of the Indian Constitution, which deals with relations between the Union and the States.

3. What distinguishes Article 250 from Article 249 of the Indian Constitution?

a) Article 250 requires the consent of the President
b) Article 250 applies during emergency
c) Article 250 applies without a national emergency
d) Article 250 deals with concurrent subjects

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Explanation: b) Article 250 applies with emergency, allowing Parliament to legislate on State List.

Q.4 Which of the following is a limitation on the power of Parliament under Article 250 of the Constitution of India?

(a) Parliament can only legislate on matters in the State List if the President has proclaimed an emergency.
(b) goods and services tax is also a part of Parliament’s power in this regard.
(c) Parliament cannot alter the jurisdiction of any existing court.
(d) All of the above

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Answer: (d) Explanation: Parliament’s power under Article 250 is subject to the following limitations: Parliament can only legislate on matters in the State List if the President has proclaimed an emergency. Parliament cannot abolish or merge any existing court. Parliament cannot alter the jurisdiction of any existing court.

Q.5 Which of the following is the most important implication of Article 250 of the Constitution of India?

(a) It gives Parliament the power to legislate on any matter in the State List if the President has proclaimed an emergency.
(b) It enables the government to take effective action to deal with a national emergency.
(c) Both (a) and (b)
(d) None of the above

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Answer: (c) Explanation: All of the above options are important implications of Article 250 of the Constitution of India.

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अनुच्छेद 251 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद 249 – भारतीय संविधान
Next and Previous to Article 250
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
Important Pages of Compilation
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।