यह लेख Article 252 (अनुच्छेद 252) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 252 (Article 252) – Original
भाग 11 [संघ और राज्यों के बीच संबंध] |
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252. दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना — (1) यदि किन्हीं दो या अधिक राज्यों के विधान-मंडलों को यह वांछनीय प्रतीत होता है कि उन विषयों में से, जिनके संबंध में संसद् को अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 में यथा उपबंधित के सिवाय राज्यों के लिए विधि बनाने की शक्ति नहीं है, किसी विषय का विनियमन ऐसे राज्यों में संसद् विधि द्वारा करे और यदि उन राज्यों के विधान-मंडलों के सभी सदन उस आशय के संकल्प पारित करते हैं तो उस विषय का तदनुसार विनियमन करने के लिए कोई अधिनियम पारित करना संसद् के लिए विधिपूर्ण होगा और इस प्रकार पारित अधिनियम ऐसे राज्यों को लागू होगा और ऐसे अन्य राज्य को लागू होगा, जो तत्पश्चात् अपने विधान-मंडल के सदन द्वारा या जहां दो सदन हैं वहां दोनों सदनों में से प्रत्येक सदन इस निमित्त पारित संकल्प द्वारा उसको अंगीकार कर लेता है। (2) संसद् द्वारा इस प्रकार पारित किसी अधिनियम का संशोधन या निरसन इसी रीति से पारित या अंगीकृत संसद् के अधिनियम द्वारा किया जा सकेगा, किंतु उसका उस राज्य के संबंध में संशोधन या निरसन जिसको वह लागू होता है, उस राज्य के विधान-मंडल के अधिनियम द्वारा नहीं किया जाएगा। |
Part XI [RELATIONS BETWEEN THE UNION AND THE STATES] |
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252. Power of Parliament to legislate for two or more States by consent and adoption of such legislation by any other State— (1) If it appears to the Legislatures of two or more States to be desirable that any of the matters with respect to which Parliament has no power to make laws for the States except as provided in articles 249 and 250 should be regulated in such States by Parliament by law, and if resolutions to that effect are passed by all the Houses of the Legislatures of those States, it shall be lawful for Parliament to pass an act for regulating that matter accordingly, and any Act so passed shall apply to such States and to any other State by which it is adopted afterwards by resolution passed in that behalf by the House or, where there are two Houses, by each of the Houses of the Legislature of that State. (2) Any Act so passed by Parliament may be amended or repealed by an Act of Parliament passed or adopted in like manner but shall not, as respects any State to which it applies, be amended or repealed by an Act of the Legislature of that State. |
🔍 Article 252 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 11, अनुच्छेद 245 से लेकर अनुच्छेद 263 तक कुल 2 अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।
Chapters | Title | Articles |
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I | विधायी संबंध (Legislative Relations) | Article 245 – 255 |
II | प्रशासनिक संबंध (Administrative Relations) | Article 256 – 263 |
जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग केंद्र-राज्य सम्बन्धों (Center-State Relations) के बारे में है। जिसके तहत मुख्य रूप से दो प्रकार के सम्बन्धों की बात की गई है – विधायी और प्रशासनिक।
भारत में केंद्र-राज्य संबंध देश के भीतर केंद्र सरकार और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच शक्तियों, जिम्मेदारियों और संसाधनों के वितरण और बंटवारे को संदर्भित करते हैं।
ये संबंध भारत सरकार के संघीय ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसा कि भारत के संविधान में परिभाषित किया गया है। संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की शक्तियों और कार्यों का वर्णन करता है, और यह राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करते हुए दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करता है।
अनुच्छेद 245 से लेकर अनुच्छेद 255 तक मुख्य रूप से विधायी शक्तियों के वितरण (distribution of legislative powers) का वर्णन है। और यह भाग केंद्र-राज्य संबन्धों से जुड़े बहुत सारे कॉन्सेप्टों को आधार प्रदान करता है; जिसमें से कुछ प्रमुख है;
- शक्तियों का विभाजन (division of powers)
- अवशिष्ट शक्तियां (residual powers)
- अंतर-राज्य परिषद (inter-state council)
- सहकारी संघवाद (cooperative federalism) और
- केंद्र-राज्य के मध्य विवाद समाधान (Dispute resolution between center and state)
इस लेख में हम अनुच्छेद 252 को समझने वाले हैं; लेकिन अगर आप इस पूरे टॉपिक को एक समग्रता से (मोटे तौर पर) Visualize करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख से शुरुआत कर सकते हैं;
⚫ केंद्र-राज्य विधायी संबंध Center-State Legislative Relations) |
| अनुच्छेद 252 – दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना (Power of Parliament to legislate for two or more States by consent and adoption of such legislation by any other State)
अनुच्छेद 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद् की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना का वर्णन है। इस अनुच्छेद के तहत कुल दो खंड आते हैं;
अनुच्छेद 252 के खंड (1) के तहत कहा गया है कि यदि किन्हीं दो या अधिक राज्यों के विधान-मंडलों को यह वांछनीय प्रतीत होता है कि उन विषयों में से, जिनके संबंध में संसद् को अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 में यथा उपबंधित के सिवाय राज्यों के लिए विधि बनाने की शक्ति नहीं है, किसी विषय का विनियमन ऐसे राज्यों में संसद् विधि द्वारा करे और यदि उन राज्यों के विधान-मंडलों के सभी सदन उस आशय के संकल्प पारित करते हैं तो उस विषय का तदनुसार विनियमन करने के लिए कोई अधिनियम पारित करना संसद् के लिए विधिपूर्ण होगा और इस प्रकार पारित अधिनियम ऐसे राज्यों को लागू होगा और ऐसे अन्य राज्य को लागू होगा, जो तत्पश्चात् अपने विधान-मंडल के सदन द्वारा या जहां दो सदन हैं वहां दोनों सदनों में से प्रत्येक सदन इस निमित्त पारित संकल्प द्वारा उसको अंगीकार कर लेता है।
केंद्र के पास कई तरीके हैं जिसके तहत उसको राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बनाने की शक्ति मिलती है।
अनुच्छेद 249 के तहत हमने समझा कि किस तरह से संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है अगर राज्यसभा उसे ऐसा करने को कहे।
इसी तरह से अनुच्छेद 250 के तहत हमने समझा कि किस तरह से संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है अगर आपातकाल की उद्घोषणा प्रवर्तन में हो। इन दोनों अनुच्छेदों से जो संसद को शक्ति प्राप्त होता है वो तो अपनी जगह है लेकिन अगर कोई ऐसा विषय है जिस पर कि अनुच्छेद 249 और अनुच्छेद 250 लागू नहीं होता हो; यानि कि राज्यसभा संसद को कानून बनाने को न कहें और न ही आपातकाल लगा हो तो ऐसी स्थिति में अनुच्छेद 252 काम कर सकता है;
अनुच्छेद 252 के अनुसार, यदि दो या दो से अधिक राज्यों की विधानमंडलों को यह उचित लगता है कि कोई भी मामला जिसके संबंध में संसद के पास राज्यों के लिए कानून बनाने की शक्ति नहीं है और यदि उस आशय के संकल्प उन राज्यों के विधानमंडलों के सभी सदनों द्वारा पारित किए जाते हैं तो संसद के लिए उस मामले को तदनुसार विनियमित करने के लिए एक अधिनियम पारित करना वैध होगा।
कहने का अर्थ है कि जब दो या दो से अधिक राज्य अपने-अपने विधानमंडल में ये प्रस्ताव पारित कर दे कि संसद राज्य सूची के विषयों पर भी कानून बना सकती है। तो संसद को राज्य के लिए, राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार मिल जाता है ।
हालांकि यहाँ ये बात याद रखने योग्य है कि जो-जो राज्य ये प्रस्ताव पारित करेगा संसद उसी राज्य के लिए कानून बना सकेगा और उसी राज्य पर लागू होगा। लेकिन कोई राज्य अगर संसद द्वारा कानून बनाए जाने के बाद भी अपने विधानमंडल में ऐसा प्रस्ताव पारित कर दे तो उस राज्य में भी ये कानून लागू हो जाएगा।
इस तरह से कुछ कानून पहले पारित भी हो चुके हैं। जैसे कि – जल प्रदूषण (नियंत्रण एवं निवारण) अधिनियम 1974 , वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972, मानव अंग प्रतिरोपन अधिनियम, पुरस्कार प्रतियोगिता अधिनियम 1955, नगर भूमि (अधिकतम सीमा एवं विनियमन) अधिनियम 1976।
अनुच्छेद 252 के खंड (2) के तहत कहा गया है कि संसद् द्वारा इस प्रकार पारित किसी अधिनियम का संशोधन या निरसन इसी रीति से पारित या अंगीकृत संसद् के अधिनियम द्वारा किया जा सकेगा, किंतु उसका उस राज्य के संबंध में संशोधन या निरसन जिसको वह लागू होता है, उस राज्य के विधान-मंडल के अधिनियम द्वारा नहीं किया जाएगा।
कहने का अर्थ है कि संसद द्वारा इस तरह से पारित किसी भी अधिनियम को उसी तरीके से पारित या अपनाए गए संसद के अधिनियम द्वारा संशोधित या निरस्त किया जा सकता है। किसी भी राज्य के संबंध में, जिस पर यह लागू होता है, उस राज्य के विधानमंडल के एक अधिनियम द्वारा इस तरह के कानून को संशोधित या निरस्त नहीं किया जाएगा।
ऐसा इसलिए है क्योंकि संसद द्वारा पारित किसी भी अधिनियम को उसी तरीके से पारित या अपनाए गए संसद के अधिनियम द्वारा संशोधित या निरस्त किया जा सकता है। राज्य विधानमंडल संसद द्वारा पारित कानून को समाप्त नहीं कर सकता है।
तो यही है अनुच्छेद 252 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
Related MCQs with Explanation
1. What does Article 252 of the Indian Constitution pertain to?
a) Residuary powers
b) Legislative relations between the Union and States
c) Emergency provisions
d) Power of Parliament to legislate for two or more States by consent
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2. Under Article 252, when can Parliament legislate for two or more States by consent?
a) Only during a national emergency
b) Only during a financial crisis
c) When two or more States pass a resolution requesting such legislation
d) When the President issues a special directive
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3. What is the constitutional objective of Article 252?
a) Centralization of legislative powers
b) Preservation of federal structure
c) States’ autonomy in legislative matters
d) Prevention of parliamentary supremacy
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Question 4: What happens after the Legislatures of two or more States have passed a resolution under Article 252?
(a) Parliament is required to make a law on the subject in question
(b) Parliament may or may not make a law on the subject in question
(c) Parliament must consult with the Legislatures of the States that passed the resolution before making a law on the subject in question
(d) All of the above
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Question 5: Which of the following is an example of a law that was enacted by Parliament under Article 252 of the Indian Constitution?
(a) The Indian Penal Code, 1860
(b) The Constitution of India
(c) Water Pollution (Control and Prevention) Act 1974
(d) All of the above
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⚫ अनुच्छेद 253 – भारतीय संविधान |
⚫ अनुच्छेद 251 – भारतीय संविधान |
⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका |
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |