यह लेख Article 279A (अनुच्छेद 279क) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें। खासकर के टेलीग्राम और यूट्यूब से जरूर जुड़ जाएं;
⬇️⬇️⬇️

📜 अनुच्छेद 279A (Article 279क) – Original

भाग 12 [वित्त, संपत्ति, संविदाएं और वाद] अध्याय 1 – वित्त (संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण)
1[279A. माल और सेवा कर परिषद्‌ — (1) राष्ट्रपति, संविधान (एक सौं एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 के प्रारंभ की तारीख से साठ दिन के भीतर, आदेश द्वारा, माल और सेवा कर परिषद्‌ के नाम से ज्ञात एक परिषद्‌ का गठन करेगा।

(2) माल और सेवा कर परिषद्‌ निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, अर्थात्‌ —
(क) संघ का वित्त मंत्री — अध्यक्ष ;
(ख) संघ का राजस्व या वित्त का भारसाधक राज्यमंत्री — सदस्य ;
(ग) प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट वित्त या कराधान का भारसाधक मंत्री या कोई अन्य मंत्री — सदस्य ।

(3) खंड (2) के उपखंड (ग) में निर्दिष्ट माल और सेवा कर परिषद्‌ के सदस्य, यथाशीघ्र अपने में से एक सदस्य को ऐसी अवधि के लिए, जो वे विनिश्चित करें, परिषद्‌ का उपाध्यक्ष चुनेंगे।

(4) माल और सेवा कर परिषद्‌ निम्नलिखित के संबंध में संघ और राज्यों को सिफारिशें करेगी–

(क) संघ, राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा उद्गृहित कर, उपकर और अधिभार, जो माल और सेवा कर में सम्मिलित किए जा सकेंगे ;
(ख) माल और सेवाएं जो माल और सेवा कर के अध्यधीन हो सकेंगी या जिन्हें माल और सेवा कर से छूट प्राप्त हो सकेगी ;
(ग) आदर्श माल और सेवा कर विधियां, अनुच्छेद 269क के अधीन अन्तरराज्यिक व्यापार या वाणिज्य के अनुक्रम में प्रदाय माल पर उदगृहीत माल और सेवा कर के उद्‌ग्रहण, प्रभाजन के सिद्धांत तथा वे सिद्धांत जो प्रदाय के स्थान को शासित करते हैं ;
(घ) आवर्त की वह अवसीमा जिसके नीचे माल और सेवाओं को माल और सेवा कर से छूट प्रदान की जा सकेगी ;
(ङ) माल और सेवा कर के समूहों के साथ दरें जिनके अंतर्गत न्यूनतम दरें भी हैं ;
(च) किसी प्राकृतिक विपत्ति या आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए किसी विनिर्दिष्ट अवधि के लिए कोई विशेष दर या दरें ;
(छ) अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध ; और
(ज) माल और सेवा कर से संबंधित कोई अन्य विषय, जो परिषद्‌ द्वारा विनिश्चित किया जाए |

(5) माल और सेवा कर परिषद्‌ उस तारीख की सिफारिश करेगी जिसको अपरिष्कृत पेट्रोलियम, उच्च गति डीजल, मोटर स्पिरिट (सामान्यतया पेट्रोल के रूप में ज्ञात), प्राकृतिक गैस और विमानन टरबाइन ईंधन पर माल और सेवा कर उद्गृहित किया जाए।

(6) इस अनुच्छेद द्वारा प्रदत्त कृत्यों का निर्वहन करते समय, माल और सेवा कर परिषद्‌ माल और सेवा कर की सामंजस्यपूर्ण संरचना और माल और सेवाओं के लिए सुव्यवस्थित राष्ट्रीय बाजार के विकास की आवश्यकता द्वारा मार्गदर्शित होगी ।

(7) माल और सेवा कर परिषद्‌ की, उसकी बैठकों में, गणपूर्ति परिषद्‌ के कुल सदस्यों के आधे सदस्यों से मिलकर होगी ।

(8) माल और सेवा कर परिषद्‌ अपने कृत्यों के पालन के लिए प्रक्रिया अवधारित करेगी।

(9) माल और सेवा कर परिषद्‌ का प्रत्येक विनिश्चय बैठक में उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के अधिमानप्राप्त मतों के कम से कम तीन-चौथाई के बहुमत द्वारा निम्नलिखित सिद्धांतों के अनुसार किया जाएगा, अर्थात्‌ —
उस बैठक में,–
(क) केन्द्रीय सरकार के मत को डाले गए कुल मतों के एक-तिहाई का अधिमान प्राप्त होगा ; और
(ख) सभी राज्य सरकारों के मतों को एक साथ लेने पर डाले गए कुल मतों के दो-तिहाई का अधिमान प्राप्त होगा ।

(10) माल और सेवा कर परिषद्‌ का कोई भी कार्य या कार्यवाहियां केवल इस कारण से अविधिमान्य नहीं होंगी कि–
(क) परिषद्‌ में कोई रिक्ति है या उसके गठन में कोई त्रुटि है ; या
(ख) परिषद्‌ के किसी सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति की नियुक्ति में कोई त्रुटि है; या
(ग) परिषद्‌ की प्रक्रिया में कोई अनियमितता है जो मामले के गुणावगुण को प्रभावित नहीं करती है ।

(11) माल और सेवा कर परिषद्‌,–
(क) भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच ; या
(ख) एक ओर भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों तथा दूसरी ओर एक या अधिक अन्य राज्यों के बीच ; या
(ग) दो या अधिक राज्यों के बीच,
परिषद्‌ की सिफारिशों या उनके कार्यान्वयन से उद्भूत किसी विवाद के न्यायनिर्णयन के लिए एक तंत्र की स्थापना करेगी।]
=================
1. संविधान (एक सौं एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 का धारा 2 द्वारा (12-9-2016 से) अन्तःस्थापित।
अनुच्छेद 279A हिन्दी संस्करण

Part XII [FINANCE, PROPERTY, CONTRACTS AND SUITS] Chapter 1 – Finance (Distribution of revenues between the Union and the States)
1[279A. Goods and Services Tax Council—(1) The President shall, within sixty days from the date of commencement of the Constitution (One Hundred and First Amendment) Act, 2016, by order, constitute a Council to be called the Goods and Services Tax Council.

(2) The Goods and Services Tax Council shall consist of the following members, namely:—
(a) the Union Finance Minister — Chairperson;
(b) the Union Minister of State in charge of Revenue or Finance — Member;
(c) the Minister in charge of Finance or Taxation or any other Minister nominated by each State Government — Members.

(3) The Members of the Goods and Services Tax Council referred to in sub-clause (c) of clause (2) shall, as soon as may be, choose one amongst themselves to be the Vice-Chairperson of the Council for such period as they may decide.

(4) The Goods and Services Tax Council shall make recommendations to the Union and the States on—
(a) the taxes, cesses and surcharges levied by the Union, the States and the local bodies which may be subsumed in the goods and services tax;
(b) the goods and services that may be subjected to, or exempted from, the goods and services tax;
(c) model Goods and Services Tax Laws, principles of levy, apportionment of Goods and Services Tax levied on supplies in the course of inter-State trade or commerce under article 269A and the principles that govern the place of supply;
(d) the threshold limit of turnover below which goods and services may be exempted from goods and services tax;
(e) the rates including floor rates with bands of goods and services tax ;
(f) any special rate or rates for a specified period, to raise additional resources during any natural calamity or disaster;

(g) special provision with respect to the States of Arunachal Pradesh, Assam, Jammu and Kashmir, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, Tripura, Himachal Pradesh and Uttarakhand; and
(h) any other matter relating to the goods and services tax, as the Council may decide.

(5) The Goods and Services Tax Council shall recommend the date on which the goods and services tax be levied on petroleum crude, high speed diesel, motor spirit (commonly known as petrol), natural gas and aviation
turbine fuel.

(6) While discharging the functions conferred by this article, the Goods and Services Tax Council shall be guided by the need for a harmonised structure of goods and services tax and for the development of a harmonised
national market for goods and services.

(7) One-half of the total number of Members of the Goods and Services Tax Council shall constitute the quorum at its meetings.

(8) The Goods and Services Tax Council shall determine the procedure in the performance of its functions.

(9) Every decision of the Goods and Services Tax Council shall be taken at a meeting, by a majority of not less than three-fourths of the weighted votes of the members present and voting, in accordance with the following principles, namely:—
(a) the vote of the Central Government shall have a weightage of one-third of the total votes cast, and
(b) the votes of all the State Governments taken together shall have a weightage of two-thirds of the total votes cast, in that meeting.

(10) No act or proceedings of the Goods and Services Tax Council shall be invalid merely by reason of—
(a) any vacancy in, or any defect in, the constitution of the Council; or
(b) any defect in the appointment of a person as a Member of the Council; or
(c) any procedural irregularity of the Council not affecting the merits of the case.

(11) The Goods and Services Tax Council shall establish a mechanism to adjudicate any dispute—
(a) between the Government of India and one or more States; or
(b) between the Government of India and any State or States on one side and one or more other States on the other side; or
(c) between two or more States,
arising out of the recommendations of the Council or implementation thereof.]
============
1. Ins. by the Constitution (One Hundred and First Amendment) Act, 2016, s. 12 (w.e.f. 12-9-2016).
Article 279A English Version

🔍 Article 279A Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 12, अनुच्छेद 264 से लेकर अनुच्छेद 300क तक कुल 4अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।

ChaptersTitleArticles
Iवित्त (Finance)Article 264 – 291
IIउधार लेना (Borrowing)Article 292 – 293
IIIसंपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS)294 – 300
IVसंपत्ति का अधिकार (Rights to Property)300क
[Part 11 of the Constitution]

जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) के बारे में है।

संविधान का यही वह भाग है जिसके अंतर्गत हम निम्नलिखित चीज़ें पढ़ते हैं;

  • कर व्यवस्था (Taxation System)
  • विभिन्न प्रकार की निधियाँ (different types of funds)
  • संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States)
  • भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा उधार लेने की व्यवस्था (Borrowing arrangement by Government of India or State Government)
  • संपत्ति का अधिकार (Rights to Property), इत्यादि।

संविधान के इस भाग (भाग 12) के पहले अध्याय को तीन उप-अध्यायों (Sub-chapters) में बांटा गया है। जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं;

Sub-Chapters TitleArticles
साधारण (General)Article 264 – 267
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States)Article 268 – 281
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध (Miscellaneous Financial Provisions)282 – 291*
* अनुच्छेद 291 को 26वें संविधान संशोधन अधिनियम 1971 की मदद से निरसित (Repealed) कर दिया गया है।

इस लेख में हम अनुच्छेद 279A को समझने वाले हैं; जो कि संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States) के तहत आता है। हालांकि मोटे तौर पर समझने के लिए आप नीचे दिये गए लेख से स्टार्ट कर सकते हैं;

केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations)
Closely Related to Article 279A

| अनुच्छेद 279A – माल और सेवा कर परिषद्‌ (Goods and Services Tax Council)

अनुच्छेद 279A के तहत माल और सेवा कर परिषद्‌ (Goods And Services Tax Council) का वर्णन है। जैसा कि हम जानते हैं साल 2017 से भारत ने पुरानी कर व्यवस्था को खत्म कर GST नाम से एक नयी और एकीकृत प्रणाली को अपनाया है।

इस अनुच्छेद को भी साल 2016 में 101वां संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से अंतःस्थापित किया गया है। इस अनुच्छेद की मदद से जीएसटी परिषद (GST Council) का गठन किया गया है। इस अनुच्छेद के तहत कुल 11 खंड है।

अनुच्छेद 279A के खंड (1) तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति, संविधान (एक सौं एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 के प्रारंभ की तारीख से साठ दिन के भीतर, आदेश द्वारा, माल और सेवा कर परिषद्‌ के नाम से ज्ञात एक परिषद्‌ का गठन करेगा।

इस खंड से यह सुनिश्चित किया गया था कि जीएसटी के लिए जो संविधान में 101वां संशोधन हुआ है उसके लागू होने के 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति आदेश द्वारा माल और सेवा कर परिषद्‌ (GST Council) नाम से एक परिषद का गठन करेगा।

8 सितंबर को इस अधिनियम को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली और जीएसटी परिषद को 15 सितंबर 2016 को अधिसूचित किया गया। जीएसटी परिषद की सहायता के लिए, जीएसटी परिषद सचिवालय का कार्यालय भी स्थापित किया गया था।

अनुच्छेद 279A के खंड (2) तहत बताया गया है कि माल और सेवा कर परिषद्‌ किन लोगों से बनेगा।

इस खंड के अनुसार GST Council निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, —

(क) संघ का वित्त मंत्री — अध्यक्ष ;
(ख) राजस्व या वित्त के प्रभारी केंद्रीय राज्य मंत्री – सदस्य;
(ग) वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री – सदस्य।

अनुच्छेद 279A के खंड (3) तहत बताया गया है कि खंड (2) के उपखंड (ग) में निर्दिष्ट माल और सेवा कर परिषद्‌ के सदस्य, यथाशीघ्र अपने में से एक सदस्य को ऐसी अवधि के लिए, जो वे विनिश्चित करें, परिषद्‌ का उपाध्यक्ष चुनेंगे।

जीएसटी काउंसिल का अध्यक्ष तो केंद्रीय वित्त मंत्री होता है लेकिन उसका उपाध्यक्ष (Vice-Chairperson) का चुनाव प्रत्येक राज्यों के वित्त मंत्री या उसके जगह पर आए व्यक्ति द्वारा होता है।

उपाध्यक्ष (Vice-Chairperson) के पद की अवधि क्या होगी इसे भी जीएसटी काउंसिल ही तय करता है।

अनुच्छेद 279A के खंड (4) तहत बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल का मुख्य काम निम्नलिखित के संबंध में संघ और राज्यों को सिफ़ारिश करना है;–

(क) संघ, राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए गए कर (Taxes), उपकर (Cess) और अधिभार (Surcharge) जिन्हें वस्तु और सेवा कर में शामिल किया जा सकता है;

(ख) वे वस्तुएँ और सेवाएँ जो GST के अधीन हो सकती हैं या उनसे छूट प्राप्त हो सकती हैं;

(ग) मॉडल जीएसटी कानून, लेवी के सिद्धांत, अनुच्छेद 269ए के तहत अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान आपूर्ति पर लगाए गए माल और सेवा कर का विभाजन और आपूर्ति के स्थान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत;

(घ) टर्नओवर की वह प्रारंभिक सीमा जिसके नीचे वस्तुओं और सेवाओं को माल और सेवा कर से छूट दी जा सकती है;

(ङ) GST के समूहों के साथ दरें जिनके अंतर्गत न्यूनतम दरें भी हैं ;

(च) किसी प्राकृतिक आपदा या आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए किसी निर्दिष्ट अवधि के लिए कोई विशेष दर या दरें;

(छ) अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध ; और

(ज) माल और सेवा कर से संबंधित कोई अन्य विषय, जो परिषद्‌ द्वारा विनिश्चित किया जाए।

अनुच्छेद 279A के खंड (5) तहत बताया गया है कि वस्तु एवं सेवा कर परिषद उस तारीख की सिफारिश करेगी जिस दिन पेट्रोलियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (आमतौर पर पेट्रोल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और विमानन टरबाइन ईंधन पर वस्तु एवं सेवा कर लगाया जाएगा।

कहने का अर्थ है कि अभी पेट्रोल, प्राकृतिक गैस आदि पर जीएसटी नहीं लगता है और यह उस दिन से लागू होगा जो दिन जीएसटी काउंसिल तय करेगा।

अनुच्छेद 279A के खंड (6) तहत बताया गया है कि इस अनुच्छेद द्वारा प्रदत्त कृत्यों का निर्वहन करते समय, माल और सेवा कर परिषद्‌ माल और सेवा कर की सामंजस्यपूर्ण संरचना और माल और सेवाओं के लिए सुव्यवस्थित राष्ट्रीय बाजार के विकास की आवश्यकता द्वारा मार्गदर्शित होगी।

दरअसल यह खंड GST के मार्गदर्शक सिद्धांत (Guiding Principles) के बारे में बताता है। इस अनुच्छेद द्वारा प्रदत्त कार्यों का निर्वहन करते समय जीएसटी काउंसिल निम्नलिखित सिद्धांतों द्वारा मार्गदर्शित होगा;

1) माल और सेवा कर की सामंजस्यपूर्ण संरचना;
2) माल और सेवाओं के लिए सुव्यवस्थित राष्ट्रीय बाजार के विकास की आवश्यकता।

अनुच्छेद 279A के खंड (7) तहत बताया गया है कि माल और सेवा कर परिषद्‌ की, उसकी बैठकों में, गणपूर्ति परिषद्‌ के कुल सदस्यों के आधे सदस्यों से मिलकर होगी।

गणपूर्ति या कोरम का मतलब उस न्यूनतम सदस्यों से जिसके बिना परिषद की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है। जीएसटी काउंसिल के मामले में यह कुल सदस्यों का आधा है। यानि कि जब तक आधे सदस्य काउंसिल में उपस्थित नहीं होंगे जीएसटी काउंसिल की कार्यवाही शुरू नहीं होगी।

अनुच्छेद 279A के खंड (8) तहत बताया गया है कि माल और सेवा कर परिषद्‌ अपने कृत्यों के पालन के लिए प्रक्रिया अवधारित करेगी। जीएसटी काउंसिल को अपनी प्रक्रिया खुद निर्धारित करने की शक्ति मिली हुई है।

अनुच्छेद 279A के खंड (9) तहत बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल के निर्णय किस बहुमत के द्वारा लिए जाएंगे।

इस खंड के अनुसार, जीएसटी काउंसिल का प्रत्येक निर्णय उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम तीन-चौथाई मतों के बहुमत से लिया जाएगा;

लेकिन 3/4 मत प्राप्त करने के पीछे कुछ शर्ते हैं; अर्थात्‌ —

  • उस बैठक में केंद्र सरकार के वोट का महत्व कुल वोटों का एक तिहाई होगा ; और
  • उस बैठक में सभी राज्य सरकारों के वोट कुल वोटों का दो-तिहाई होगा।

कुल मिलाकर कहने का अर्थ ये है केंद्र या राज्य सिर्फ अपने दम पर जीएसटी काउंसिल में किसी प्रस्ताव को पारित नहीं करवा सकता है।

अनुच्छेद 279A के खंड (10) तहत बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल का कोई भी कार्य या कार्यवाहियां केवल इस कारण से अविधिमान्य नहीं होंगी कि–

(क) परिषद्‌ में कोई रिक्ति है या उसके गठन में कोई त्रुटि है ; या
(ख) परिषद्‌ के किसी सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति की नियुक्ति में कोई त्रुटि है; या
(ग) परिषद्‌ की प्रक्रिया में कोई अनियमितता है जो मामले के गुणावगुण को प्रभावित नहीं करती है ।

अनुच्छेद 279A के खंड (11) तहत बताया गया है कि जीएसटी परिषद, निम्नलिखित मामलों में परिषद की सिफारिशों या उसके कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद का निपटारा करने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगी;

(क) भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच ; या
(ख) एक ओर भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों तथा दूसरी ओर एक या अधिक अन्य राज्यों के बीच ; या
(ग) दो या अधिक राज्यों के बीच।

तो यही है Article 279A, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

जीएसटी क्या है? Basics of GST
Related to Article 279A

सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial

Related MCQs with Explanation

Question 1: Article 279A of the Indian Constitution deals with:

(a) The power of the Union Government to levy taxes on goods and services
(b) The power of the State Governments to levy surcharges on the taxes levied by the Union Government
(c) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess
(d) The establishment of the Goods and Services Tax (GST) Council

Click to Answer
Answer: (d) Explanation: Article 279A of the Indian Constitution deals with the establishment of the Goods and Services Tax (GST) Council. The GST Council is a body that is responsible for making recommendations to the Union Government and the State Governments on matters related to the GST.

Question 2: What is the composition of the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution?

(a) The Union Finance Minister, the Union Minister of State in charge of Revenue, and the Minister in charge of Finance or Taxation or any other Minister nominated by each State Government

(b) The Prime Minister, the Union Finance Minister, and the Chief Ministers of all the States

(c) The Union Finance Minister, the Union Minister of State in charge of Commerce, and the Minister in charge of Finance or Taxation or any other Minister nominated by each State Government

(d) The President of India, the Vice President of India, and the Prime Minister of India

Click to Answer
Answer: (a) Explanation: The GST Council is composed of the Union Finance Minister, the Union Minister of State in charge of Revenue, and the Minister in charge of Finance or Taxation or any other Minister nominated by each State Government.

Question 3: Which of the following is NOT a function of the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution?

(a) To recommend the rates of GST
(b) To recommend the principles that govern Place of Supply
(c) To recommend the threshold limits for GST registration
(d) To recommend the modalities for settlement of inter-state disputes

Click to Answer
Answer: (d) Explanation: The GST Council is not responsible for recommending the modalities for settlement of inter-state disputes.

Question 4: What is the main challenge associated with the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution?

(a) It can be difficult to achieve consensus among the members of the GST Council on important issues.
(b) The GST Council is not accountable to the Parliament or to the State Legislatures.
(c) The GST Council is a complex body and its decisions can be difficult to understand.
(d) All of the above

Click to Answer
Answer: (d) Explanation: All of the above are challenges associated with the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution.

| Related Article

अनुच्छेद 280 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद 279 – भारतीय संविधान
Next and Previous to Article 279A
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
Important Pages of Compilation
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।