यह लेख Article 346 (अनुच्छेद 346) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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📜 अनुच्छेद 346 (Article 346) – Original

भाग 17 [राजभाषा] अध्याय 2 – प्रादेशिक भाषाएं
346. एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा— संघ में शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने के लिए तत्समय प्राधिकृत भाषा, एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच तथा किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा होगी :

परन्तु यदि दो या अधिक राज्य यह करार करते हैं कि उन राज्यों के बीच पत्रादि की राजभाषा हिन्दी भाषा होगी तो ऐसे पत्रादि के लिए उस भाषा का प्रयोग किया जा सकेगा।
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अनुच्छेद 346 हिन्दी संस्करण

Part XVII [OFFICIAL LANGUAGE] CHAPTER II.—REGIONAL LANGUAGES
346. Official language for communication between one State and another or between a State and the Union— The language for the time being authorised for use in the Union for official purposes shall be the official language for communication between one State and another State and between a State and the Union:

Provided that if two or more States agree that the Hindi language should be the official language for communication between such States, that language may be used for such communication.
Article 346 English Version

🔍 Article 346 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 17, अनुच्छेद 343 से लेकर अनुच्छेद 351 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग राजभाषा (Official Language) के बारे में है। इस भाग को तीन अध्यायों में बांटा गया है जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं;\

ChaptersTitlesArticles
Iसंघ की भाषा (Language of the Union)343-344
IIप्रादेशिक भाषाएं (Regional Language)345-347
IIIउच्चतम एवं उच्च न्यायालयों आदि की भाषा (Language of Supreme and High Courts etc.)348-349
IVविशेष निदेश (Special Directives)350-351
Part 17 of the Constitution

इस लेख में हम “प्रादेशिक भाषाएं (Regional Language)” अध्याय के तहत आने वाले, अनुच्छेद 346 को समझने वाले हैं;

Article 120 (Language to be used in Parliament)
Article 210 (Language to be used in the Legislature)
Closely Related to Article 346

| अनुच्छेद 346 – एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा (Official language for communication between one State and another or between a State and the Union)

जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक भाषायी विविधता वाला देश है। 22 भाषाएँ तो सिर्फ संविधान में वर्णित है इसके अलावा भी विभिन्न भाषा परिवारों की सैंकड़ों भाषाएँ भारत में बोली जाती है।

अनुच्छेद 345 के तहत हमने राज्य की राजभाषा (Official language of the State) को बहुत ही विस्तारपूर्वक समझा है। अनुच्छेद 346 उसी अनुच्छेद का विस्तार है। यह अनुच्छेद एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा की बात करता है।

अनुच्छेद 346 के तहत कहा गया है कि संघ में शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग किए जाने के लिए तत्समय प्राधिकृत भाषा, एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच तथा किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा होगी :

यह अनुच्छेद यह स्पष्ट करता है कि वर्तमान में आधिकारिक उद्देश्यों के लिए संघ में उपयोग के लिए अधिकृत भाषा राज्यों के बीच और एक राज्य और संघ के बीच संचार के लिए भी आधिकारिक भाषा होगी।

उदाहरण के लिए, यदि अंग्रेजी संघ की आधिकारिक भाषा है, तो यह राज्यों के बीच और एक राज्य और संघ के बीच आधिकारिक संचार के लिए उपयोग की जाने वाली भाषा होगी।

हालाँकि, प्रावधान में इस नियम का अपवाद शामिल है। इसमें कहा गया है कि यदि दो या दो से अधिक राज्य आपस में आधिकारिक संचार के लिए हिंदी भाषा का उपयोग करने के लिए सहमत हैं, तो वे ऐसा कर सकते हैं।

यानि कि यदि दो या अधिक राज्य यह करार करते हैं कि उन राज्यों के बीच पत्रादि की राजभाषा हिन्दी भाषा होगी तो ऐसे पत्रादि के लिए उस भाषा का प्रयोग किया जा सकेगा।

यह भारत की भाषाई विविधता को मान्यता देता है और राज्यों को एक दूसरे के साथ उस भाषा में संवाद करने की अनुमति देता है जिसमें वे सहज हों। यह राज्यों को आधिकारिक संचार के लिए भाषा के चयन में कुछ लचीलापन भी देता है, जब तक कि वे एक-दूसरे के साथ किसी समझौते पर पहुंच सकें।

तो यही है अनुच्छेद 346, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद 343
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मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।