यह लेख Article 354 (अनुच्छेद 354) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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📜 अनुच्छेद 354 (Article 354) – Original

भाग 18 [आपात उपबंध]
354. जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना— (1) जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राष्ट्रपति, आदेश द्वारा, यह निदेश दे सकेगा कि इस संविधान के अनुच्छेद 268 से अनुच्छेद 279 के सभी या कोई उपबंध ऐसी किसी अवधि के लिए, जो उस आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए और जो किसी भी दशा में उस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से आगे नहीं बढ़ेगी, जिसमें ऐसी उद्घोषणा प्रवर्तन में नहीं रहती है, ऐसे अपवादों या उपान्तरणों के अधीन रहते हुए प्रभावी होंगे, जो वह ठीक समझे ।

(2) खंड (1) के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश, किए जाने के पश्चात्‌ यथाशक्य शीध्र, संसद्‌ के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाएगा।
अनुच्छेद 354 हिन्दी संस्करण

Part XVIII [EMERGENCY PROVISIONS]
354. Application of provisions relating to distribution of revenues while a Proclamation of Emergency is in operation— (1) The President may, while a Proclamation of Emergency is in operation, by order direct that all or any of the provisions of articles 268 to 279 shall for such period, not extending in any case beyond the expiration of the financial year in which such Proclamation ceases to operate, as may be specified in the order, have effect subject to such exceptions or modifications as he thinks fit.

(2) Every order made under clause (1) shall, as soon as may be after it is made, be laid before each House of Parliament.
Article 354 English Version

🔍 Article 354 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 18, अनुच्छेद 352 से लेकर अनुच्छेद 360 तक में विस्तारित है जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग आपात उपबंध (EMERGENCY PROVISIONS) के बारे में है।

भारतीय संविधान के आपातकालीन प्रावधान विशेष शक्तियों का एक समूह हैं जिन्हें राष्ट्रीय या संवैधानिक संकट के समय भारत के राष्ट्रपति द्वारा लागू किया जा सकता है। ये प्रावधान सरकार को कुछ मौलिक अधिकारों को निलंबित करने और संकट से निपटने के लिए अन्य असाधारण उपाय करने की अनुमति देते हैं।

आपातकालीन प्रावधानों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:

राष्ट्रीय आपातकाल: यह सबसे गंभीर प्रकार का आपातकाल है और इसकी घोषणा तब की जा सकती है जब राष्ट्रपति संतुष्ट हो जाएं कि भारत या इसके किसी हिस्से की सुरक्षा को युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से खतरा है।

राष्ट्रपति शासन: यह तब घोषित किया जा सकता है जब राष्ट्रपति इस बात से संतुष्ट हो कि किसी राज्य का शासन संविधान के प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है।

वित्तीय आपातकाल: यदि राष्ट्रपति संतुष्ट हो कि वित्तीय संकट मौजूद है या होने की संभावना है तो इसे घोषित किया जा सकता है।

आपातकालीन प्रावधान भारतीय संविधान का एक विवादास्पद हिस्सा हैं। कुछ लोगों का तर्क है कि संकट के समय में देश की रक्षा के लिए वे आवश्यक हैं, जबकि अन्य का तर्क है कि वे बहुत शक्तिशाली हैं और सरकार द्वारा उनका दुरुपयोग किया जा सकता है।

उपरोक्त सारे आपातकालीन प्रावधानों को अनुच्छेद 352 से लेकर अनुच्छेद 360 तक में सम्मिलित किया गया है; और इस लेख में हम अनुच्छेद 354 को समझने वाले हैं;

राष्ट्रीय आपातकाल और उसके प्रावधान (National Emergency)
Closely Related to Article 354

| अनुच्छेद 354 – जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंधों का लागू होना (Application of provisions relating to distribution of revenues while a Proclamation of Emergency is in operation)

विपरीत परिस्थितियों में देश की संप्रभुताएकता, अखंडता एवं लोकतांत्रिक राजनैतिक व्यवस्था को कायम रखने के लिए आपातकालीन प्रावधानों की व्यवस्था की गई है।

अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा की बात की गई है। जिसे कि हमने विस्तार से समझ लिया है। अनुच्छेद 354 के तहत आपातकालीन प्रावधानों को और आगे बढ़ाते हुए इस बारे में बताया गया है कि जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण संबंधी उपबंध कैसे लागू होंगे।

अनुच्छेद 354 संविधान में एक आवश्यक प्रावधान है जो यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के पास आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन हों, साथ ही राज्यों के अधिकारों की भी रक्षा हो।

इस अनुच्छेद के तहत कुल दो खंड आते हैं आइये इसे समझें;

अनुच्छेद 354 के खंड (1) के तहत कहा गया है कि जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राष्ट्रपति, आदेश द्वारा, यह निदेश दे सकेगा कि इस संविधान के अनुच्छेद 268 से अनुच्छेद 279 के सभी या कोई उपबंध ऐसी किसी अवधि के लिए, जो उस आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए और जो किसी भी दशा में उस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से आगे नहीं बढ़ेगी, जिसमें ऐसी उद्घोषणा प्रवर्तन में नहीं रहती है, ऐसे अपवादों या उपान्तरणों के अधीन रहते हुए प्रभावी होंगे, जो वह ठीक समझे।

अनुच्छेद 354 के पहले खंड के अनुसार, आपातकाल की स्थिति के दौरान, राष्ट्रपति के पास राजस्वों के वितरण से संबंधित संविधान के कुछ पहलुओं को अस्थायी रूप से बदलने का अधिकार है। राष्ट्रपति एक आदेश जारी कर सकते हैं, जिसमें निर्देश दिया जा सकता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 268 से 279 में उल्लिखित कुछ प्रावधान, कुछ अपवादों या संशोधनों के अधीन प्रभावी होंगे।

हालांकि, ये संशोधन या अपवाद केवल एक विशिष्ट अवधि के लिए ही किए जा सकते हैं, और उस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से आगे नहीं बढ़ सकते हैं जिसमें आपातकाल की उद्घोषणा लागू नहीं होती है।

अनुच्छेद 354 के खंड (2) के तहत कहा गया है कि खंड (1) के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश, किए जाने के पश्चात्‌ यथाशक्य शीध्र, संसद्‌ के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाएगा।

इसका मतलब यह है कि अनुच्छेद 354 के खंड (1) के तहत राष्ट्रपति द्वारा जारी कोई भी आदेश, जो उन्हें आपातकाल की स्थिति के दौरान संघ और राज्यों के बीच राजस्व के वितरण से संबंधित कुछ प्रावधानों को अस्थायी रूप से संशोधित करने की अनुमति देता है, को तुरंत संसद्‌ के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाएगा।

यह सुनिश्चित करता है कि आपातकाल की स्थिति के दौरान राजस्व के वितरण में किए गए किसी भी बदलाव की संसदीय निगरानी हो एवं पारदर्शिता बनी रहे।

तो यही है अनुच्छेद 354, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

राष्ट्रीय आपातकाल और उसके प्रावधान (National Emergency)
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Related MCQs with Explanation

(a) It deals with the suspension of fundamental rights during a national emergency.
(b) It empowers the President to proclaim an emergency due to internal disturbances.
(c) It authorizes the Union Government to modify the distribution of revenue between the Union and the States during an emergency.
(d) It specifies the financial powers of the Union and the States during a national emergency.

(a) The modifications must be approved by the Parliament.
(b) The modifications must be laid before each House of Parliament as soon as possible.
(c) The modifications must not impose any undue burden on the States.
(d) All of the above.

(a) To ensure that the Union has sufficient financial resources to deal with the emergency situation.
(b) To provide flexibility in managing finances during times of crisis.
(c) To prevent the States from profiting from increased wartime income.
(d) All of the above.

(a) Grants excessive power to the Union Government at the expense of the States’ financial autonomy.
(b) Can be misused by the Union Government to financially undermine States it disagrees with politically.
(c) Lacks sufficient transparency and accountability measures regarding the modifications made.
(d) All of the above.

Answer 1: (c) Explanation: Article 354 deals with the application of provisions relating to the distribution of revenues while the proclamation of an emergency is in operation. It allows the Union Government to modify the distribution of revenues from specific taxes and duties between the Union and the States for the financial year in which the emergency is declared and the following financial year.

Answer 2: (d) Explanation: The Union Government’s power to modify the distribution of revenues under Article 354 is subject to all of the above conditions.

Answer 3: (d) Explanation: The power granted to the Union Government under Article 354 serves multiple purposes. It ensures adequate financial resources for handling the emergency, provides flexibility in managing finances during a crisis, and potentially prevents States from benefiting disproportionately from increased income during wartime.

Answer 4: (d) Explanation: Article 354 has faced criticism for potentially concentrating power in the Union, allowing potential political misuse, and lacking clear transparency and accountability mechanisms.

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