यह लेख अनुच्छेद 52 (Article 52) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 52

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📜 अनुच्छेद 52 (Article 52)

52. भारत का राष्ट्रपति – भारत का एक राष्ट्रपति होगा।
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52. The President of India.—There shall be a President of India.
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🔍 Article 52 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 52 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 52 – भारत का राष्ट्रपति

अनुच्छेद 52 बस इतना कहता है कि भारत का एक राष्ट्रपति होगा। क्यों होगा, कैसे होगा; इसके बारे में आगे के अनुच्छेदों में विस्तार से चर्चा की गई है। यहाँ आइये राष्ट्रपति से संबन्धित कुछ बेसिक्स को समझ लेते हैं;

भारत ने 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से स्वतंत्रता प्राप्त की लेकिन उस समय भारत में कोई राष्ट्रपति नामक पद नहीं था। उस समय ब्रिटिश ताज जॉर्ज VI के हाथों में था और उसी को राजा मानकर या उसके प्रभुत्व के अंदर भारत में गवर्नर-जनरल पद बनाया गया।

इससे पहले भारत में राष्ट्रपति के समकक्ष वायसराय का पद था और भारत में अंतिम वायसराय लॉर्ड माउण्टबेटन थे।

गवर्नर-जनरल पद का सृजन होने के बाद, लॉर्ड माउण्टबेटन भारत के पहले गवर्नर-जनरल बने। वे15 अगस्त 1947 से 21 जून 1948 तक इस पद पर रहे और उसके बाद चक्रवर्ती राजगोपालाचारी प्रथम और आखिरी भारतीय व्यक्ति थे जिन्होने 21 जून 1948 से 26 जनवरी 1950 तक गवर्नर-जनरल का पद संभाला।

स्वतंत्रता के बाद, बी आर अम्बेडकर के नेतृत्व में भारत की संविधान सभा ने देश के लिए एक पूरी तरह से नए संविधान का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की।

भारत का संविधान अंततः 26 नवंबर 1949 को अधिनियमित किया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। और इसी नए संविधान में राष्ट्रपति पद का सृजन किया गया।

सम्राट और गवर्नर-जनरल के कार्यालयों को भारत के राष्ट्रपति के नए कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। और डॉ. राजेंद्र प्रसाद को भारत का पहला राष्ट्रपति बनाया गया।

याद रखिए जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति बने तब भारत में पहला आम चुनाव भी नहीं हुआ था इसीलिए लोक सभा और राज्य सभा उस समय नहीं था।

साल 1951-52 में हुए आम चुनाव के बाद धीरे-धीरे लोक सभा और राज्य सभा में सदस्य आने लगे। आम चुनाव होने से पहले अन्तरिम सरकार काम कर रही थी। जो कि संविधान सभा द्वारा ही बनाया गया था।

भारत के राष्ट्रपति से संबंधित कुछ तथ्य

◾ भारतीय संविधान राष्ट्रपति को भारत के संविधान और उसके कानून के शासन की रक्षा और सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी और अधिकार प्रदान करता है।

◾ अनिवार्य रूप से, संविधान की कार्यकारी या विधायिका संस्थाओं द्वारा की गई कोई भी कार्रवाई राष्ट्रपति की सहमति के बाद ही कानून बनेगी। राष्ट्रपति कार्यपालिका या विधायिका के किसी भी ऐसे कार्य को स्वीकार नहीं करेगा जो असंवैधानिक हो।

◾ भारत का राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख और भारत का प्रथम नागरिक होता है। राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें संसद के दोनों सदनों और राज्यों की विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्य शामिल होते हैं।

◾ राष्ट्रपति पांच साल की अवधि के लिए कार्य करता है और दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से चुना जा सकता है।

◾ राष्ट्रपति कार्यपालिका का नाममात्र का प्रमुख होता है। कार्यपालिका का वास्तविक प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।

◾ राष्ट्रपति के कई महत्वपूर्ण कर्तव्य और जिम्मेदारियां हैं, जिनमें भारतीय सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में सेवा करना, प्रधान मंत्री और अन्य प्रमुख सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति करना और भारतीय संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करना शामिल है।

◾ राष्ट्रपति के पास कुछ मामलों में क्षमादान, राहत और क्षमादान देने की भी शक्ति है।

◾ अपने आधिकारिक कर्तव्यों के अलावा, राष्ट्रपति राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के रूप में भी कार्य करता है और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है।

◾ राष्ट्रपति अक्सर सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, और भारत के हितों और मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए अन्य देशों के नेताओं से मिलते हैं।

◾ 26 जनवरी 1950 को जब भारतीय राष्ट्रपति को चुना गया तब वायसराय हाउस को राष्ट्रपति भवन बना दिया गया।

◾ राष्ट्रपति प्रधान मंत्री और कैबिनेट की सलाह पर कार्य करने के लिए संविधान द्वारा बाध्य है जब तक कि सलाह संविधान का उल्लंघन नहीं करती है।

कुल मिलाकर, भारत के राष्ट्रपति भारत सरकार के कामकाज में और देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भारत के राष्ट्रपतियों की सूची

Sl.NoPresidentFromTo
1Rajendra Prasad26 Jan 195013 May 1962
2S. Radhakrishnan13 May 196213 May 1967
3Zakir Husain13 May 19673 May 1969
ActingV. V. Giri3 May 196920 July 1969
ActingMo. Hidayatullah20 July 196924 Aug 1969
4V. V. Giri24 Aug 196924 Aug 1974
5Fakhruddin Ali Ahmed24 Aug 197411 Feb 1977
ActingB. D. Jatti11 Feb197725 July 1977
6Neelam Sanjiva Reddy25 July 197725 July 1982
7Zail Singh25 July 198225 July 1987
8R. Venkataraman25 July 198725 July 1992
9Shankar Dayal Sharma25 July 199225 July 1997
10K.R. Narayanan25 July 199725 July 2002
11A.P.J. Abdul Kalam25 July 200225 July 2007
12Pratibha Patil25 July 200725 July 2012
13Pranab Mukherjee25 July 201225 July 2017
14Ram Nath Kovind25 July 201725 July 2022
15Draupadi Murmu25 July 2022Current

तो यही है अनुच्छेद 52 (Article 52), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-31(ख) – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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अनुच्छेद 52 क्या है?

भारत के संविधान का अनुच्छेद 52 भारत के लिए एक राष्ट्रपति की व्यवस्था करता है। भारतीय संविधान राष्ट्रपति को भारत के संविधान और उसके कानून के शासन की रक्षा और सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी और अधिकार प्रदान करता है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

| Related Article

अनुच्छेद 49
अनुच्छेद 51क
————-अनुच्छेद 52————–
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
—-Article 52—
अस्वीकरण - यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।