यह लेख अनुच्छेद 56 (Article 56) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 56

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📜 अनुच्छेद 56 (Article 56)

56. राष्ट्रपति की पदावधि — (1) राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा:
परंतु-
(क) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा;
(ख) संविधान का अतिक्रमण करने पर राष्ट्रपति को अनुच्छेद 61 में उपबंधित रीति से चलाए गए महाभियोग द्वारा पद से हटाया जा सकेगा;
(ग) राष्ट्रपति, अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी, तब तक पद धारण करता रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
(2) खंड (1) के परंतुक के खंड (क) के अधीन उपराष्ट्रपति को संबोधित त्यागपत्र की सूचना उसके द्वारा लोक सभा के अध्यक्ष को तुरंत दी जाएगी।
अनुच्छेद 56
56. Term of office of President.— (1) The President shall hold office for a term of five years from the date on which he enters upon his office:
Provided that—
(a) the President may, by writing under his hand addressed to the Vice-President, resign his office;
(b) the President may, for violation of the Constitution, be removed from office by impeachment in the manner provided in article 61;
(c) the President shall, notwithstanding the expiration of his term, continue to hold office until his successor enters upon his office.
(2) Any resignation addressed to the Vice-President under clause (a) of the proviso to clause (1) shall forthwith be communicated by him to the Speaker of the House of the People.
Article 56

🔍 Article 56 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 56 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 56 – राष्ट्रपति की पदावधि

अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति की पदावधि के बारे में है। इस अनुच्छेद के दो खंड है।

अनुच्छेद 56(1) के अनुसार, राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा। यानि कि एक बार राष्ट्रपति अपने पद पर आसीन हो जाता है तो वह अपने पद पर 5 वर्ष तक के लिए रहेगा।

लेकिन,

◾ अगर राष्ट्रपति चाहे तो अनुच्छेद 56(1)(क) के तहत वह उपराष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सक सकता है।

◾ अगर संसद चाहे तो अनुच्छेद 56(1)(ख) के तहत, संविधान का अतिक्रमण करने पर राष्ट्रपति को, अनुच्छेद 61 में बताए गए रीति से चलाये गए महाभियोग (Impeachment) द्वारा पद से हटाया जा सकता है।

सीधे-सीधे कहें तो राष्ट्रपति को महाभियोग की प्रक्रिया द्वारा पद से हटाया जा सकता है। महाभियोग की प्रक्रिया कैसे काम करेगी यह अनुच्छेद 61 में लिखा हुआ है। तो महाभियोग की प्रक्रिया जानने के लिए अनुच्छेद 61 अवश्य पढ़ें;

◾ तीसरी बात कि अनुच्छेद 56(1)(ग) के अनुसार राष्ट्रपति, अपने पद अवधि समाप्त हो जाने पर भी तब तक पद धारण करता रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।

अनुच्छेद 56(2) खंड (1) के परंतुक के खंड (क) के अधीन उपराष्ट्रपति को संबोधित त्यागपत्र की सूचना उसके द्वारा लोक सभा के अध्यक्ष को तुरंत दी जाएगी।

हमने ऊपर समझा कि अगर राष्ट्रपति चाहे तो अनुच्छेद 56(1)(क) के तहत उपराष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सक सकता है।

जब ऐसा होगा तब उपराष्ट्रपति का यह दायित्व है कि उस त्यागपत्र को लोक सभा अध्यक्ष को दें।

राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव में कौन-कौन से लोग भाग लेंगे उसके बारे में है। यानि कि निर्वाचक मण्डल के बारे में है।

वहीं अनुच्छेद 55 राष्ट्रपति चुनाव के प्रक्रिया क्या है उसके बारे में है। जिसे कि हमने ऊपर समझा।

ये दो अनुच्छेद तो राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बताता ही है साथ ही साथ अनुच्छेद 57 बताता है कि क्या कोई दोबारा राष्ट्रपति बन सकता है।

अनुच्छेद 58 बताता है कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अर्हताएँ (Qualifications) क्या-क्या है। 

अनुच्छेद 62 बताता है कि अगर राष्ट्रपति का पद खाली है या होने वाला है तो कब तक चुनाव कराना आवश्यक है।

राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझने के लिए पढ़ें –  राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

तो यही है अनुच्छेद 56 (Article 56), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-31(ख) – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 56 क्या है?

यह अनुच्छेद राष्ट्रपति की पदावधि के बारे में है। इसमें लिखा है कि राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा:
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अनुच्छेद 55
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⚫ Article 55
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भारतीय संविधान
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अस्वीकरण - यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।