यह लेख अनुच्छेद 57 (Article 57) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 57

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📜 अनुच्छेद 57 (Article 57)

57. पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता — कोई व्यक्ति, जो राष्ट्रपति के रूप में पद धारण करता है या कर चुका है, इस संविधान के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए उस पद के लिए पुनर्निर्वाचन का पात्र होगा।
अनुच्छेद 57
57. Eligibility for re-election A person who holds, or who has held, office as President shall, subject to the other provisions of this Constitution, be eligible for re-election to that office.
Article 57

🔍 Article 57 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 57 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 57 – पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता

वर्तमान या सेवानिवृत्त राष्ट्रपति फिर से उस को ग्रहण कर सकता है कि नहीं; इसी का जवाब देता है अनुच्छेद 57।

अनुच्छेद के अनुसार कोई व्यक्ति, जो राष्ट्रपति के रूप में पद धारण करता है या कर चुका है, इस संविधान के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए उस पद के लिए पुनर्निर्वाचन का पात्र होगा।

दूसरे शब्दों में, कोई व्यक्ति, जो राष्ट्रपति के रूप में पद धारण करता है या कर चुका है, इस संविधान के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए फिर से राष्ट्रपति बन सकता है।

◾ हालांकि आमतौर पर ऐसा होता नहीं है, ऐसा इसीलिए क्योंकि जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद दो बार राष्ट्रपति चुने गए थे, तो बहुत से लोगों के आँखों में वे खटकने लगे थे। जिनमें से एक थे पंडित नेहरू।

पंडित नेहरू का डॉ. प्रसाद के साथ बनता नहीं था इसीलिए वे नहीं चाहते थे कि वे फिर से तीसरी बार भी राष्ट्रपति बन जाए।

इसलिए उन्होने संविधान संशोधन करके राष्ट्रपति पद के टर्म को निश्चित कर देने की कोशिश की। (जैसे कि अमेरिका में होता है वहाँ एक व्यक्ति दो बार से अधिक राष्ट्रपति नहीं बन सकता।)

ये बात जब डॉ. राजेंद्र प्रसाद को पता चली तो कहा जाता है कि उन्होने खुद ही तीसरी बार राष्ट्रपति (President) पद के लिए चुनाव लड़ने से मना कर दिया।

ताकि इसके लिए कोई संविधान संशोधन न करना पड़े और ये बस एक परंपरा बन जाए। तब से लेकर आज तक एक परंपरा बन गयी है। डॉ. प्रसाद के बाद कोई भी व्यक्ति दो टर्म के लिए राष्ट्रपति_(President) नहीं बना है।

राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव में कौन-कौन से लोग भाग लेंगे उसके बारे में है। यानि कि निर्वाचक मण्डल के बारे में है।

वहीं अनुच्छेद 55 राष्ट्रपति चुनाव के प्रक्रिया क्या है उसके बारे में है। जिसे कि हमने ऊपर समझा।

ये दो अनुच्छेद तो राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बताता ही है साथ ही साथ अनुच्छेद 57 बताता है कि क्या कोई दोबारा राष्ट्रपति बन सकता है।

अनुच्छेद 58 बताता है कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अर्हताएँ (Qualifications) क्या-क्या है। 

अनुच्छेद 62 बताता है कि अगर राष्ट्रपति का पद खाली है या होने वाला है तो कब तक चुनाव कराना आवश्यक है।

राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझने के लिए पढ़ें –  राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

तो यही है अनुच्छेद 56, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-31(ख) – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 57 (Article 57) क्या है?

अनुच्छेद 57 के तहत कोई व्यक्ति, जो राष्ट्रपति के रूप में पद धारण करता है या कर चुका है, इस संविधान के अन्य उपबंधों के अधीन रहते हुए उस पद के लिए दुबारा चुने जाने योग्य होगा।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अस्वीकरण - यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।