यह लेख अनुच्छेद 58 (Article 58) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

पाठकों से अपील 🙏
Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें;
⬇️⬇️⬇️
अनुच्छेद 58

अगर टेलीग्राम लिंक काम न करे तो सीधे टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial


📜 अनुच्छेद 58 (Article 58)

58. राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं — (1) कोई व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा जब वह-
(क) भारत का नागरिक है,
(ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, और
(ग) लोक सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है।
(2) कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन अथवा उक्त सरकारों में से किसी के नियंत्रण में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र नहीं होगा।
स्पष्टीकरण – इस अनुच्छेद के प्रयोजनों के लिए, कोई व्यक्ति केवल इस कारण कोई लाभ का पद धारण करने वाला नहीं समझा जाएगा कि वह संघ का राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल है। 1*** अथवा संघ का या किसी राज्य का मंत्री है।
————–
1.संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा “या राजप्रमुख या उप-राजप्रमुख” शब्दों का (1-11-1956 से) लोप किया गया।
—-अनुच्छेद 58
58. Qualifications for election as President. (1) No person shall be eligible for election as President unless he—
(a) is a citizen of India,
(b) has completed the age of thirty-five years, and
(c) is qualified for election as a member of the House of the People.
(2) A person shall not be eligible for election as President if he holds any office of profit under the Government of India or the Government of any State or under any local or other authority subject to the control of any of the said Governments.
Explanation.—For the purposes of this article, a person shall not be deemed to hold any office of profit by reason only that he is the President or Vice-President of the Union or the Governor 1*** of any State or is a Minister either for the Union or for any State.
————————-
1. The words “or Rajpramukh or Uparajpramukh” omitted by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 29 and Sch. (w.e.f. 1-11-1956).
Article 58

Article 58 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 58 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
—————————

| अनुच्छेद 58 – राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं

अनुच्छेद 58 के तहत यह बताया गया है कि कौन सा व्यक्ति भारत का राष्ट्रपति बन सकता है। इस अनुच्छेद के दो खंड है;

अनुच्छेद 58(1) के तहत यह बताया गया है कि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र तभी होगा जब वह व्यक्ति –
(क) भारत का नागरिक हो,
(ख) पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो, और
(ग) लोक सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित (qualified) हो।

संविधान के अनुच्छेद 84 के तहत भारतीय संसद में चुने जाने के लिए निम्नलिखित अर्हताएं निर्धारित है-

1. उसे भारत का नागरिक होना चाहिए

2. उसे इस उद्देश्य के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी होगी। अपने शपथ में वह सौगंध लेता है कि वह भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखेगा एवं वह भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखेगा।

3. उसे राज्यसभा में स्थान पाने के लिए कम से 30 वर्ष की आयु और लोकसभा में स्थान पाने के लिए कम से कम 25 वर्ष की आयु का होना चाहिए

4. इसके अलावा भी उसके पास अन्य अर्हताएँ होनी चाहिए जो संसद द्वारा मांगी गई हो।

अनुच्छेद 55(2) के अनुसार कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन अथवा उक्त सरकारों में किसी स्थानीय या अन्य प्राधिकारी के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है, राष्ट्रपति निर्वाचित होने का पात्र नहीं होगा।

◾ यहाँ ये बात याद रखिए कि एक वर्तमान राष्ट्रपति अथवा उप-राष्ट्रपति, किसी राज्य का राज्यपाल और संघ अथवा राज्य का मंत्री लाभ का पद नहीं माना जाता। इस प्रकार वह राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार होता है।

[संबंधित] राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव में कौन-कौन से लोग भाग लेंगे उसके बारे में है। यानि कि निर्वाचक मण्डल के बारे में है।

वहीं अनुच्छेद 55 राष्ट्रपति चुनाव के प्रक्रिया क्या है उसके बारे में है। जिसे कि हमने ऊपर समझा।

ये दो अनुच्छेद तो राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बताता ही है साथ ही साथ अनुच्छेद 57 बताता है कि क्या कोई दोबारा राष्ट्रपति बन सकता है।

अनुच्छेद 58 बताता है कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अर्हताएँ (Qualifications) क्या-क्या है। 

अनुच्छेद 62 बताता है कि अगर राष्ट्रपति का पद खाली है या होने वाला है तो कब तक चुनाव कराना आवश्यक है।

राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझने के लिए पढ़ें –  राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

तो यही है अनुच्छेद 58 (Article 58), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-31(ख) – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
—————————
FAQ. अनुच्छेद 58 (Article 58) क्या है?

अनुच्छेद 58 के तहत कोई व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है, पैंतीस वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, और लोक सभा का सदस्य निर्वाचित होने के लिए अर्हित है, तो वह व्यक्ति भारत का राष्ट्रपति बन सकता है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

| Related Article

Hindi ArticlesEnglish Articles
अनुच्छेद 57
अनुच्छेद 59
⚫ Article 53
⚫ Article 55
—————————
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
—————————–
अस्वीकरण - यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।