यह लेख अनुच्छेद 59 (Article 59) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 59

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📜 अनुच्छेद 59 (Article 59)

59. राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें — (1) राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान राष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
(2) राष्ट्रपति अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा।
(3) राष्ट्रपति, बिना किराया दिए, अपने शासकीय निवासों के उपयोग का हकदार होग और ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का भी, जो संसद, विधि द्वारा अवधारित करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट है, हकदार होगा।
(4) राष्ट्रपति की उपलब्धियों और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नही किए जाएंगे।
अनुच्छेद 59
59. Conditions of President’s office.— (1) The President shall not be a member of either House of Parliament or of a House of the Legislature of any State, and if a member of either House of Parliament or of a House of the Legislature of any State be elected President, he shall be deemed to have vacated his seat in that House on the date on which he enters upon his office as President.
(2) The President shall not hold any other office of profit.
(3) The President shall be entitled without payment of rent to the use of his official residences and shall be also entitled to such emoluments, allowances and privileges as may be determined by Parliament by law and, until provision in that behalf is so made, such emoluments, allowances and privileges as are specified in the Second Schedule.
(4) The emoluments and allowances of the President shall not be diminished during his term of office.
Article 59

🔍 Article 59 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 59 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 59 – राष्ट्रपति के पद के लिए शर्तें

अनुच्छेद 58 के तहत हमने समझा कि कौन-कौन राष्ट्रपति बन सकता है। अनुच्छेद 59 राष्ट्रपति पद की शर्तों के बारे में है जो कि राष्ट्रपति पद धारण करने वाले व्यक्ति पर लागू होता है। इसके तहत 4 खंड आते हैं जिसमें उन शर्तों का जिक्र किया गया है। आइये समझें;

संविधान द्वारा राष्ट्रपति के पद के लिए निर्धारित शर्ते :

अनुच्छेद 59(1) के अनुसार राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा।

लेकिन यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान राष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।

कहने का अर्थ ये है कि राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा लेकिन अगर ऐसा होता है तो पद ग्रहण करने से पूर्व उस सदन से त्यागपत्र देना होगा।

अनुच्छेद 59(2) के अनुसार वह कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करेगा। यानि कि अगर कोई व्यक्ति राष्ट्रपति बनता है तो उसे अपना पूरा समय राष्ट्रपति के कृत्यों के निर्वहन में बिताना होगा ऐसा नहीं हो सकता है कि पार्ट टाइम में राष्ट्रपति फ्रीलान्सिंग कर रहा है।

अनुच्छेद 59(3) के अनुसार उसे बिना कोई किराया चुकाए आधिकारिक निवास राष्ट्रपति भवन आवंटित होगा। इसके अलावा उसे संसद द्वारा निर्धारित उपलब्धियां, भत्ते व विशेषाधिकार प्राप्त होंगे।

यानि कि राष्ट्रपति का राष्ट्रपति भवन में रहना एक शर्त है। उसकी इच्छा हो या न हो उसे वहीं रहना होगा। वैसे भी भला कोई राष्ट्रपति कहीं और क्यों रहना चाहेगा।

इसके अलावा राष्ट्रपति को कितना वेतन, भत्ता व विशेषाधिकार मिलेगा ये संसद द्वारा तय किया जाता है।

और अनुच्छेद 59(4) के अनुसार उसकी उपलब्धियां और भत्ते उसकी पदावधि के दौरान कम नहीं किए जा सकते है।

यानि कि ऐसा नहीं होगा कि पहले उसे 5 लाख रुपए महीने मिलते थे और अब उसे घटाकर 3 लाख रुपए महीने कर दिया जाए। हाँ बढ़ाया जरूर जा सकता है।

यहाँ याद रखें कि राष्ट्रपति को अनेक विशेषाधिकार भी प्राप्त हैं। उसे अपने आधिकारिक कार्यों में किसी भी विधिक जिम्मेदारियों से उन्मुक्ति (Immunity) होती है।

अपने कार्यकाल के दौरान उसे किसी भी आपराधिक कार्यवाही से उन्मुक्ति होती है, यहाँ तक कि व्यक्तिगत कृत्य से भी। वह गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, न ही जेल भेजा जा सकता हैं,

हालांकि दो महीने के नोटिस देने के बाद उसके कार्यकाल में उस पर उसके निजी कृत्यों के लिए अभियोग (Prosecution) चलाया जा सकता है।

[संबंधित] राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया

अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति के चुनाव में कौन-कौन से लोग भाग लेंगे उसके बारे में है। यानि कि निर्वाचक मण्डल के बारे में है।

वहीं अनुच्छेद 55 राष्ट्रपति चुनाव के प्रक्रिया क्या है उसके बारे में है। जिसे कि हमने ऊपर समझा।

ये दो अनुच्छेद तो राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बताता ही है साथ ही साथ अनुच्छेद 57 बताता है कि क्या कोई दोबारा राष्ट्रपति बन सकता है।

अनुच्छेद 58 बताता है कि राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अर्हताएँ (Qualifications) क्या-क्या है। 

अनुच्छेद 62 बताता है कि अगर राष्ट्रपति का पद खाली है या होने वाला है तो कब तक चुनाव कराना आवश्यक है।

राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझने के लिए पढ़ें –  राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

तो यही है अनुच्छेद 59 (Article 59), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-31(ख) – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 59 (Article 59) क्या है?

राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा और यदि संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधान-मंडल के किसी सदन का कोई सदस्य राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो यह समझा जाएगा कि उसने उस सदन में अपना स्थान राष्ट्रपति के रूप में अपने पद ग्रहण की तारीख से रिक्त कर दिया है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अनुच्छेद 58
अनुच्छेद 60
⚫ Article 58
⚫ Article 60
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भारतीय संविधान
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।