यह लेख अनुच्छेद 62 (Article 62) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

पाठकों से अपील 🙏
Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें;
⬇️⬇️⬇️
अनुच्छेद 62

अगर टेलीग्राम लिंक काम न करे तो सीधे टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial


📜 अनुच्छेद 62 (Article 62)

62. राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि — (1) राष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की समाप्ति से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा।

(2) राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से हुई उसके पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्ति होने की तारीख के पश्चात यथाशीघ्र और प्रत्येक दशा में छह मास बीतने से पहले किया जाएगा और रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति, अनुच्छेद 56 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की पूरी अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा।
अनुच्छेद 62—–
62. Time of holding election to fill vacancy in the office of President and the term of office of person elected to fill casual vacancy.— (1) An election to fill a vacancy caused by the expiration of the term of office of President shall be completed before the expiration of the term.

(2) An election to fill a vacancy in the office of President occurring by reason of his death, resignation or removal, or otherwise shall be held as soon as possible after, and in no case later than six months from, the date of occurrence of the vacancy; and the person elected to fill the vacancy shall, subject to the provisions of article 56, be entitled to hold office for the full term of five years from the date on which he enters upon his office.
Article 62

🔍 Article 62 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 62 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
—————————

| अनुच्छेद 62 – राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि

अनुच्छेद 56 के तहत हमने राष्ट्रपति (President) की पदावधि (term of office) के बारे में समझा। वहाँ हमने देखा कि राष्ट्रपति (President) अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करता है।

यानि कि अगर सबकुछ सामान्य रहता है तो राष्ट्रपति का पद 5 वर्ष बाद रिक्त होगा। लेकिन ऐसी भी स्थिति आ सकती है जब राष्ट्रपति अपना टर्म पूरा होने से पहले ही त्यागपत्र दे दे। या फिर टर्म पूरा होने से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो जाए या फिर संविधान के अतिक्रमण के कारण महाभियोग द्वारा हटा दिया जाएं।

कुल मिलाकर दो स्थितियाँ बनती है एक सामान्य स्थिति जिसके तहत 5 वर्ष बाद राष्ट्रपति का पद रिक्त होगा और दूसरा आकस्मिक स्थिति जिसके तहत 5 वर्ष से पहले भी राष्ट्रपति का पद रिक्त हो सकता है।

इसी रिक्ति को भरने के लिए कुछ प्रावधान बनाए गए है जो कि अनुच्छेद 62 के तहत आता है। इस अनुच्छेद के दो खंड है, आइये समझें;

अनुच्छेद 62(1) के तहत यह व्यवस्था किया गया है कि राष्ट्रपति की पदावधि (term of office) की समाप्ति से हुई रिक्ति (vacancy) को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की समाप्ति से पहले ही पूर्ण कर लिया जाएगा।

यानि कि अगर 25 जुलाई को राष्ट्रपति का पद रिक्त होने वाला है तो उससे पहले ही नए राष्ट्रपति का निर्वाचन कर लिया जाएगा। ताकि परिवर्तन एकदम निर्विघ्न (smooth) हो। और ऐसा होता भी है।

S.N.PresidentFromTo
1Rajendra Prasad26 Jan 195013 May 1962
2S. Radhakrishnan13 May 196213 May 1967
3Zakir Husain13 May 19673 May 1969
Act.V. V. Giri3 May 196920 July 1969
Act.Mo. Hidayatullah20 July 196924 Aug 1969
4V. V. Giri24 Aug 196924 Aug 1974
5Fakhruddin Ali Ahmed24 Aug 197411 Feb 1977
Act.B. D. Jatti11 Feb197725 July 1977
6Neelam Sanjiva Reddy25 July 197725 July 1982
7Zail Singh25 July 198225 July 1987
8R. Venkataraman25 July 198725 July 1992
9Shankar Dayal Sharma25 July 199225 July 1997
10K.R. Narayanan25 July 199725 July 2002
11A.P.J. Abdul Kalam25 July 200225 July 2007
12Pratibha Patil25 July 200725 July 2012
13Pranab Mukherjee25 July 201225 July 2017
14Ram Nath Kovind25 July 201725 July 2022
15Draupadi Murmu25 July 2022Current

आपातकाल तक के राजनीतिक उथल-पुथल को अगर छोड़ दे तो आप देखेंगे कि हमारे छठे राष्ट्रपति नीलम संजीवन रेड्डी के बाद से नए राष्ट्रपति का पदग्रहण एकदम समय से हुआ है। हरेक 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति ने पद संभाल लिया है। इसीलिए आप गौर करेंगे कि 20 से 22 जुलाई होते तक नया राष्ट्रपति चुन लिया गया होता है।

अनुच्छेद 62(2) के तहत आकस्मिक रूप से रिक्त हुए राष्ट्रपति के पद को फिर से भरने के बारे में प्रावधान है।

इस अनुच्छेद के तहत यह व्यवस्था किया गया है कि राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से अगर राष्ट्रपति पद रिक्त हुआ है तो पूरी कोशिश की जाएगी कि जितनी जल्दी हो सके निर्वाचन के द्वारा उस पद को फिर से भर दिया जाए।

नए राष्ट्रपति का निर्वाचन पद रिक्त होने की तिथि से छह माह के अंदर हो जानी चाहिए।

जब नए राष्ट्रपति की नियुक्ति हो जाएगी तब नए राष्ट्रपति अनुच्छेद 56 के अनुसार ही अपने पद को धारण करेगी। यानि कि पांच वर्ष के लिए।

इसीलिए यहाँ याद रखिए कि जब आकस्मिक रूप से राष्ट्रपति का पद रिक्त होता है तो जो नया राष्ट्रपति आता है वो पूरे पांच वर्ष के लिए आता है न कि पिछले बचे हुए कार्यकाल के लिए।

याद रखने योग्य कुछ बातें

◾ आप ऊपर के चार्ट को देखकर समझ सकते हैं कि नीलम संजीवन रेड्डी (1977) के बाद से सभी राष्ट्रपति ने पांच वर्ष के अपने पूरे कार्यकाल को पूरा किया है।

◾ हमारे तीसरे राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन (13 मई 1967 – 3 मई 1969) सिर्फ दो वर्ष के आसपास अपने पद पर रह पाए थे। पद पर रहते हुए ही उनकी मृत्यु हो गयी थी।

◾ उसके बाद वी वी गिरि 3 मई 1969 को कार्यवाहक (Acting) राष्ट्रपति के रूप में पद संभालते हैं पर दो महीने से कुछ ज्यादा अपने पद पर बने रहने के बाद वे हटा दिए जाते हैं।

◾ 20 जुलाई 1969 से एम हिदायतुल्लाह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में पद संभालते है पर एक महीने के बाद 24 अगस्त 1969 को फिर से वी वी गिरि राष्ट्रपति पद पर आसीन होते हैं पर इस बार वे सम्पूर्ण कार्यकाल के लिए आते हैं इसीलिए 24 अगस्त 1974 को अपना पद रिक्त करते हैं।

◾ 24 अगस्त 1974 से 11 फ़रवरी 1977 तक फकरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति पद को संभालते है। आपातकाल के दौरान इन्होने इन्दिरा गांधी को काफी मदद पहुंचायी इसीलिए इनकी आलोचना एक रबर स्टैम्प राष्ट्रपति के रूप में किया गया। 11 फ़रवरी 1977 को इनकी मृत्यु हो जाती है।

◾ 11 फ़रवरी 1977 से 25 जुलाई 1977 तक उस समय के उपराष्ट्रपति बी डी जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति पद को संभाला।

◾ 25 जुलाई 1977 को नीलम संजीवन रेड्डी राष्ट्रपति बनते हैं और उसके बाद हरेक पांच साल बाद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति ने पद संभाल लिया।

तो यही है अनुच्छेद 62 (Article 62), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझने के लिए पढ़ें –  राष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
—————————
FAQ. अनुच्छेद 62 (Article 62) क्या है?

अनुच्छेद 62, राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि से संबंधित है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

| Related Article

Hindi ArticlesEnglish Articles
अनुच्छेद 61
अनुच्छेद 63
⚫ Article 61
⚫ Article 63
—–Article 62——
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
—–Article 62——
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।