यह लेख अनुच्छेद 64 (Article 64) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 64

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📜 अनुच्छेद 64 (Article 64)

64. उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना — उपराष्ट्रपति, राज्य सभा का पदेन सभापति होगा और अन्य कोई लाभ का पद धारण नहीं करेगा:

परंतु जिस किसी अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति, अनुच्छेद 65 के अधीन राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है या राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन करता है, उस अवधि के दौरान वह राज्य सभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करेगा और वह अनुच्छेद 97 के अधीन राज्य सभा के सभापति को संदेय वेतन या भत्ते का हकदार नहीं होगा।
—-अनुच्छेद 64—-

64. The Vice-President to be ex officio Chairman of the Council of States.—The Vice-President shall be ex officio Chairman of the Council of the States and shall not hold any other office of profit:

Provided that during any period when the Vice-President acts as President or discharges the functions of the President under article 65, he shall not perform the duties of the office of Chairman of the Council of States and shall not be entitled to any salary or allowance payable to the Chairman of the Council of States under article 97.
Article 64

🔍 Article 64 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 64 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 64 – उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना

अनुच्छेद 64 के तहत यह व्यवस्था किया गया है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होगा।

अनुच्छेद 63 में लिखा है कि भारत में एक उपराष्ट्रपति होगा। इसी अनुच्छेद में हमने समझा था कि कैसे उपराष्ट्रपति बस एक प्रतीक मात्र रहता है। ऐसे में अनुच्छेद 64 ही है जो उपराष्ट्रपति को कुछ ढंग का काम करने की अवसर प्रदान करता है।

दरअसल अनुच्छेद 64 में लिखा है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा। यानी कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा की अध्यक्षता करता है और सच तो ये है कि यही इसका मुख्य कार्य है, यहीं पर रह के उपराष्ट्रपति को कुछ सृजनात्मक काम करने का मौका बराबर मिलता है।

क्योंकि उपराष्ट्रपति के पद पर रहते हुए कुछ ढंग का काम करने के लिए तभी दरवाजे खुलते हैं जब राष्ट्रपति का पद किसी भी कारण से रिक्त हो। उप-राष्ट्रपति का पद बनाए भी तो इसी दिन के लिए गए हैं।

यहाँ पर एक शर्त ये है कि जिस किसी अवधि के दौरान उपराष्ट्रपति, अनुच्छेद 65 के अधीन राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है, उस अवधि के दौरान वह राज्य सभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करेगा और वह अनुच्छेद 97 के अधीन राज्य सभा के सभापति को संदेय वेतन या भत्ते का हकदार नहीं होगा।

कहने का अर्थ ये है कि जब राष्ट्रपति का पद रिक्त होता है और उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति का पद संभालता है तब वो राष्ट्रपति ही समझा जाएगा और राज्यसभा के सभापति के रूप में वो काम नहीं कर पाएगा।

और राज्यसभा के सभापति के रूप में जो वेतन व भत्ते मिलते हैं वो भी नहीं मिलेगा, ऐसा इसीलिए क्योंकि राष्ट्रपति पद संभालने के बाद राष्ट्रपति को जो वेतन व भत्ते मिलते है वो उन्हे मिलेंगे।

कुल मिलाकर यहाँ समझने वाली बात यही है कि उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा का सभापति होता है। और जब राष्ट्रपति का पद किन्ही कारणों से समय से पहले रिक्त होता है तब उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है। ऐसा वो तब तक करता है जब तक कि नए राष्ट्रपति चुन न लिए जाएं। इसके बारे में और भी विस्तार से हम अनुच्छेद 65 में समझेंगे।

तो यही है अनुच्छेद 64, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है? [यूपीएससी]

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 64 (Article 64) क्या है?

अनुच्छेद 64 के तहत उपराष्ट्रपति को राज्य सभा का पदेन सभापति बनाया गया है। राज्यसभा का सभापति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता है बल्कि उपराष्ट्रपति होता है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।