यह लेख अनुच्छेद 67 (Article 67) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 67

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📜 अनुच्छेद 67 (Article 67)

67. उपराष्ट्रपति की पदावधि — उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करेगा:
परंतु –

(क) उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा;
(ख) उपराष्ट्रपति, राज्य सभा के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा जिसे राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत ने पारित किया है और जिससे लोक सभा सहमत है; किन्तु इस खंड के प्रयोजन के लिए कोई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम से कम चौदह दिन की सूचना न दे दी गई हो;
(ग) उपराष्ट्रपति, अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी, तब तक पद धारण करता रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी अपना पद ग्रहण नहीं कर लेता है।
—–अनुच्छेद 67—-

67. Term of office of Vice-President.—The Vice-President shall hold office for a term of five years from the date on which he enters upon his office:
Provided that—

(a) a Vice-President may, by writing under his hand addressed to the President, resign his office;
(b) a Vice-President may be removed from his office by a resolution of the Council of States passed by a majority of all the then members of the Council and agreed to by the House of the People; but no resolution for the purpose of this clause shall be moved unless at least fourteen days’ notice has been given of the intention to move the resolution;
(c) a Vice-President shall, notwithstanding the expiration of his term, continue to hold office until his successor enters upon his office
Article 67

🔍 Article 67 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 67 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 67 – उपराष्ट्रपति की पदावधि

अनुच्छेद 67 उपराष्ट्रपति की पदावधि के बारे में है। इस अनुच्छेद के अनुसार, उपराष्ट्रपति का कार्यपाल पदग्रहण की तारीख से लेकर 5 वर्ष तक रहेगा। इसके तीन खंड है;

(क) उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होगा लेकिन वह अपनी पदावधि में किसी भी समय अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को दे सकता है।

(ख) उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होगा लेकिन उसे अपने पद से पदावधि पूर्ण होने से पूर्व भी हटाया जा सकता है। और उसे हटाने के लिए औपचारिक महाभियोग की भी आवश्यकता नहीं है।

उपराष्ट्रपति को, राज्यसभा द्वारा संकल्त्प पारित कर प्रभावी बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। अर्थात तत्कालीन सदन के कुल सदस्यों का बहुमत। हालांकि इसके लिए लोकसभा की सहमति भी आवश्यक है।

यहाँ यह ध्यान रखिए कि ऐसा कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता जब तक 14 दिन का अग्रिम नोटिस न दिया गया हो।

(ग) उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होगा लेकिन उपराष्ट्रपति अपने 5 वर्ष की पदावधि के उपरांत भी पद पर बना रह सकता है। जब तक उसका उतराधिकारी पद ग्रहण न कर ले।

वह उस पद पर पुनर्निर्वाचन के योग्य भी होता है। वह इस पद पर कितनी ही बात निर्वाचित हो सकता है।

तो यही है अनुच्छेद 67 (Article 67), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझें –  उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है? [यूपीएससी]

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 67 (Article 67) क्या है?

अनुच्छेद 67 में उपराष्ट्रपति की पदावधि (Term) के बारे में बताया गया है। उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण करने की तारीख से पाँच वर्ष तक अपने पद पर बना रहता है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।