यह लेख अनुच्छेद 90 (Article 90) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 90

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📜 अनुच्छेद 90 (Article 90) – Original

संसद के अधिकारी
90. उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना — राज्य सभा के उपसभापति के रूप में पद धारण करने वाला सदस्य —
(क) यदि राज्य सभा का सदस्य नहीं रहता है तो अपना पद रिक्त कर देगा ;
(ख) किसी भी समय सभापति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा ; और
(ग) राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा :

परन्तु खंड (ग) के प्रयोजन के लिए कोई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम से कम चौदह दिन की सूचना न दे दी गई हो।
—-अनुच्छेद 90 —-

Officers of Parliament
90. Vacation and resignation of, and removal from, the office of Deputy Chairman.—A member holding office as Deputy Chairman of the Council of States—
(a) shall vacate his office if he ceases to be a member of the Council;
(b) may at any time, by writing under his hand addressed to the Chairman, resign his office; and
(c) may be removed from his office by a resolution of the Council passed by a majority of all the then members of the Council:

Provided that no resolution for the purpose of clause (c) shall be moved unless at least fourteen days’ notice has been given of the intention to move the resolution.
Article 90

🔍 Article 90 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का दूसरा अध्याय है – संसद (Parliament)

संसद के तहत अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के संसद की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha), एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) आते हैं।

तो इस अध्याय के तहत आने वाले अनुच्छेदों में हम संसद (Parliament) को विस्तार से समझने वाले हैं। यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अध्याय II अंतर्गत अनुच्छेद 79 से लेकर अनुच्छेद 122 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 90 (Article 90) को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 90 – उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना

राज्यसभा (Rajya Sabha) अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों को प्रतिनिधित्व देने वाला एक संस्था है। अनुच्छेद 79 के तहत, देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में संसद की व्यवस्था की गई है।

संसद तीन घटकों से मिलकर बना है; राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha)। इस संसद के दो सदन है जिसमें से निचले सदन को लोकसभा और ऊपरी सदन को राज्यसभा कहा जाता है।

इसके सदस्यों का चुनाव जनता सीधे नहीं करती है बल्कि ये लोग अप्रत्यक्ष रूप से चुनकर आते हैं। अभी फिलहाल 245 सीटें राज्यसभा में प्रभाव में है जिसमें से 233 सदस्यों को चुनने के लिए चुनाव होते हैं जबकि 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।

जिस तरह लोकसभा के कार्य संचालन के लिए एक अध्यक्ष होता है उसी तरह से राज्यसभा के कार्य संचालन के लिए भी एक अध्यक्ष होता है जिसे सभापति कहा जाता है। [राज्यसभा↗️ के बारे में विस्तार से जानें]

अनुच्छेद 80 में राज्यसभा की संरचना के बारे में बताया गया है। वहीं अनुच्छेद 89 के तहत राज्यसभा के लिए सभापति (Chairman) और उपसभापति (Deputy Chairman) की व्यवस्था की गई है।

चूंकि देश का उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा का सभापति होता है, इसीलिए सभापति का पद कब रिक्त होगा ये उपराष्ट्रपति बने व्यक्ति पर निर्भर करता है।

लेकिन उपसभापति के मामले में ऐसा नहीं है क्योंकि उपसभापति राज्यसभा का ही सदस्य होता है इसीलिए उस पर सदनों वाले नियम लागू होते हैं; और इसी बात को अनुच्छेद 90 में बताया गया है।

अनुच्छेद 90 के तहत राज्य सभा के उपसभापति के रूप में पद धारण करने वाला सदस्य निम्नलिखित तीन में से किसी एक कारण से अपना पद त्याग सकता है;

(क) यदि राज्य सभा का सदस्य नहीं रहता है तो अपना पद रिक्त कर देगा ; ऐसा इसीलिए क्योंकि उपसभापति राज्यसभा का सदस्य होता है।

(ख) किसी भी समय सभापति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा; और

(ग) राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत (Majority) से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा: लेकिन इस तरह का कोई भी प्रस्ताव 14 दिन के पूर्व नोटिस के बाद ही दिया जा सकता है।

अनुच्छेद 90 में बस इतना ही कहा गया है, तो आइये उपसभापति से संबन्धित कुछ अन्य तथ्यों को भी समझ लेते हैं;

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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Facts Related to Deputy Chairman:

सदन में सभापति का पद खाली होने पर या सभापति की अनुपस्थिति में उप-सभापति ही सभापति के रूप में कार्य करता है। जब ऐसा होता है तो दो उसके पास सभापति की सारी शक्तियाँ आ जाती हैं।

◾ एक बात का ध्यान रखिए कि उपसभापति सभापति के अधीनस्थ नहीं होता बल्कि वह राज्यसभा के प्रति सीधे उत्तरदायी होता है।

◼ सभापति की तरह ही उपसभापति भी सदन की कार्यवाही के दौरान पहले मत नहीं दे सकता लेकिन दोनों ओर से बराबर वोट पड़ने की स्थिति में वह अपना मत दे सकता है।

◼ सभापति की ही तरह जब उसे हटाने का प्रस्ताव विचारधीन हो या वोटिंग चल रहा हो तो वह सदन की कार्यवाही में पीठासीन नहीं होता, हालांकि वह सदन में उपस्थित हो सकता है, बोल भी सकता है।

◼ जब सभापति राज्यसभा की अध्यक्षता कर रहा होता है तब उपसभापति एक साधारण सदस्य की तरह होता है। वह बोल सकता है, कार्यवाही में भाग ले सकता है तथा मतदान कि स्थिति में मत भी दे सकता है।

◼ सभापति की तरह ही उपसभापति को भी संसद द्वारा तय किया गया वेतन और भत्ता मिलता है, जिसका भुगतान भारत की संचित निधि पर भारित होता है।

तो यही है अनुच्छेद 90 (Article 90), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अनुच्छेद 89
⚫ Article 77
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भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
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FAQ. अनुच्छेद 90 (Article 90) क्या है?

अनुच्छेद 90 के तहत बताया गया है कि किन तीन परिस्थितियों में उपसभापति अपना पद त्याग सकता है; (1) सभापति को त्यागपत्र सौंपकर, (2) महाभियोग द्वारा हटाये जाने पर और (3) सदन का सदस्य नहीं रहने पर।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।