यह लेख अनुच्छेद 94 (Article 94) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 94

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📜 अनुच्छेद 94 (Article 94) – Original

संसद के अधिकारी
94. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना — लोक सभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के रूप में पद धारण करने वाला सदस्य —
(क) यदि लोक सभा का सदस्य नहीं रहता है तो अपना पद रिक्त कर देगा।
(ख) किसी भी समय, यदि वह सदस्य अध्यक्ष है तो उपाध्यक्ष को संबोधित और यदि वह सदस्य उपाध्यक्ष है तो अध्यक्ष को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग सकेगा ; और
(ग) लोक सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा :

परन्तु खंड (ग) के प्रयोजन के लिए कोई संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जाएगा जब तक कि उस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की कम से कम चौंदह दिन की सूचना न दे दी गई हो :

परन्तु यह और कि जब कभी लोक सभा का विघटन किया जाता है तो विघटन के पश्चात्‌ होने वाले लोक सभा के प्रथम अधिवेशन के ठीक पहले तक अध्यक्ष अपने पद को रिक्त नहीं करेगा।
—-अनुच्छेद 94—-

Officers of Parliament
94. Vacation and resignation of, and removal from, the offices of Speaker and Deputy Speaker.— A member holding office as Speaker or Deputy Speaker of the House of the People —
(a) shall vacate his office if he ceases to be a member of the House of the People;
(b) may at any time, by writing under his hand addressed, if such member is the Speaker, to the Deputy Speaker, and if such member is the Deputy Speaker, to the Speaker, resign his office; and
(c) may be removed from his office by a resolution of the House of the People passed by a majority of all the then members of the House:

Provided that no resolution for the purpose of clause (c) shall be moved unless at least fourteen days’ notice has been given of the intention to move the resolution:

Provided further that, whenever the House of the People is dissolved, the Speaker shall not vacate his office until immediately before the first meeting of the House of the People after the dissolution.
Article 90

🔍 Article 94 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का दूसरा अध्याय है – संसद (Parliament)

संसद के तहत अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के संसद की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha), एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) आते हैं।

तो इस अध्याय के तहत आने वाले अनुच्छेदों में हम संसद (Parliament) को विस्तार से समझने वाले हैं। यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अध्याय II अंतर्गत अनुच्छेद 79 से लेकर अनुच्छेद 122 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 94 (Article 94) को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 94 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना

लोक सभा (Lok Sabha) अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों को प्रतिनिधित्व देने वाला एक संस्था है। अनुच्छेद 79 के तहत, देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में संसद की व्यवस्था की गई है।

संसद तीन घटकों से मिलकर बना है; राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha)। इस संसद के दो सदन है जिसमें से संसद के निचले सदन को लोकसभा कहा जाता है।

जिस तरह राज्य सभा के कार्य संचालन के लिए एक सभापति होता है उसी तरह से लोक सभा के कार्य संचालन के लिए भी एक अध्यक्ष होता है जिसे लोक सभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) कहा जाता है।

लोकसभा के संचालन का काम इसी के जिम्मे होता है। लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा व उसके प्रतिनिधियों का मुखिया होता है तथा वह सदन का मुख्य प्रवक्ता होता है। [लोक सभा↗️ के बारे में विस्तार से जानें]

अनुच्छेद 81 में लोक सभा की संरचना के बारे में बताया गया है। अनुच्छेद 93 में लोक सभा के अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) के बारे में बताया गया है।

वहीं अनुच्छेद 94 में बताया गया है कि लोक सभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष अपने पद को किन स्थितियों में रिक्त करता है। तो आइये इसे समझें;

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
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लोकसभा आम जनों की एक सभा है जहां प्रत्यक्ष मतदान के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि बैठते हैं। वर्तमान में 543 सीटों पर लोकसभा चुनाव होता है यानी कि 543 सदस्य चुनकर यहाँ आते हैं।

चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक के पश्चात उपस्थित सदस्यों के बीच से अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) का चुनाव किया जाता है। और इसकी व्यवस्था अनुच्छेद 93 में की गई है। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की तारीख का निर्धारण राष्ट्रपति करता है।

आमतौर पर लोकसभा अध्यक्ष तब तक अध्यक्ष बने रहते हैं जब तक लोकसभा भंग नहीं हो जाता। अध्यक्ष की ही तरह, उपाध्यक्ष भी जब तक लोकसभा भंग न हो जाये तब तक अपना पद धारण करता है परंतु अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अनुच्छेद 94 के तहत निम्नलिखित तीन स्थितियों में उससे पहले भी अपना पद छोड़ सकता है:-

1. चूंकि लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा का ही सदस्य होता है इसीलिए यदि वह किसी कारण से सदन का सदस्य नहीं रह पाता, तो उसका अध्यक्ष पद भी चला जाता है; इसे रिक्ति (Vacation) कहा जाता है।

2. यदि अध्यक्ष, उपाध्यक्ष को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा इस्तीफ़ा दे दें। या यदि उपाध्यक्ष, अध्यक्ष को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा इस्तीफा दे दे। इसे पद त्याग (resignation) कहा जाता है।

3. यदि लोकसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा उसे उसके पद से हटाया जाये। इसे पद से हटाया जाना (Romoval from the Office) कहा जाता है।

लेकिन ऐसा संकल्प तब तक प्रस्तावित नहीं किया जा सकता जब तक कि कम से कम 14 दिन पूर्व सूचना न दे दी गई हो।

◾ यहाँ यह याद रखिए कि जब लोकसभा विघटित होती है, तब अध्यक्ष अपना पद नहीं छोड़ता वह नई लोकसभा की बैठक तक पद धारण करता है।

तो यही है अनुच्छेद 94 (Article 94), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अनुच्छेद 95
अनुच्छेद 93
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भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
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FAQ. अनुच्छेद 94 (Article 94) क्या है?

लोक सभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद जिन तीन स्थितियों में खाली होता है उसी के बारे में इस अनुच्छेद में बताया गया है; वो तीन स्थितियाँ है, रिक्त होना (Vacation), पद त्याग (Resignation) और पद से हटाया जाना Removal from the Office)।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।