यह लेख अनुच्छेद 95 (Article 95) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 95

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📜 अनुच्छेद 95 (Article 95) – Original

संसद के अधिकारी
95. अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति — (1) जब अध्यक्ष का पद रिक्त है तब उपाध्यक्ष, या यदि उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है तो लोक सभा का ऐसा सदस्य, जिसको राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करे, उस पद के कर्तव्यों का पालन करेगा।

(2) लोक सभा की किसी बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष, या यदि वह भी अनुपस्थित है तो ऐसा व्यक्ति, जो लोक सभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा अवधारित किया जाए, या यदि ऐसा कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं है तो ऐसा अन्य व्यक्ति, जो लोक सभा द्वारा अवधारित किया जाए, अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा |
—-अनुच्छेद 90 —-

Officers of Parliament
95. Power of the Deputy Speaker or other person to perform the duties of the office of, or to act as, Speaker. — (1) While the office of Speaker is vacant, the duties of the office shall be performed by the Deputy Speaker or, if the office of Deputy Speaker is also vacant, by such member of the House of the People as the President may appoint for the purpose.

(2) During the absence of the Speaker from any sitting of the House of the People the Deputy Speaker or, if he is also absent, such person as may be determined by the rules of procedure of the House, or, if no such person is present, such other person as may be determined by the House, shall act as Speaker.
Article 90

🔍 Article 95 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का दूसरा अध्याय है – संसद (Parliament)

संसद के तहत अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के संसद की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha), एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) आते हैं।

तो इस अध्याय के तहत आने वाले अनुच्छेदों में हम संसद (Parliament) को विस्तार से समझने वाले हैं। यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अध्याय II अंतर्गत अनुच्छेद 79 से लेकर अनुच्छेद 122 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 95 (Article 95) को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 95 – अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति

लोक सभा (Lok Sabha) अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों को प्रतिनिधित्व देने वाला एक संस्था है। अनुच्छेद 79 के तहत, देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में संसद की व्यवस्था की गई है।

संसद तीन घटकों से मिलकर बना है; राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha)। इस संसद के दो सदन है जिसमें से संसद के निचले सदन को लोकसभा कहा जाता है।

जिस तरह राज्य सभा के कार्य संचालन के लिए एक सभापति होता है उसी तरह से लोक सभा के कार्य संचालन के लिए भी एक अध्यक्ष होता है जिसे लोक सभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) कहा जाता है।

लोकसभा के संचालन का काम इसी के जिम्मे होता है। लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा व उसके प्रतिनिधियों का मुखिया होता है तथा वह सदन का मुख्य प्रवक्ता होता है। [लोक सभा↗️ के बारे में विस्तार से जानें]

अनुच्छेद 81 में लोक सभा की संरचना के बारे में बताया गया है। अनुच्छेद 93 के तहत लोक सभा में अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) की व्यवस्था की गई है।

अनुच्छेद 95 में बताया गया है कि जब अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) का पद रिक्त है या अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) अनुपस्थित है तब इन पदों के दायित्वों का निर्वहन कौन करेगा; इस अनुच्छेद में कुल दो खंड है, आइये समझते हैं;

अनुच्छेद 95(1) के तहत कहा गया है कि जब अध्यक्ष का पद रिक्त है तब उपाध्यक्ष, या यदि उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है तो लोक सभा का ऐसा सदस्य, जिसको राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करे, उस पद के कर्तव्यों का पालन करेगा।

यहाँ पर दो बातें हैं;

पहली बात तो ये कि जब अध्यक्ष का पद रिक्त है तब उपाध्यक्ष, उस पद के कर्तव्यों का पालन करेगा।

दूसरी बात ये कि जब उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है तो लोक सभा का ऐसा सदस्य, उस पद के कर्तव्यों का पालन करेगा जिसको राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करेंगे।

अनुच्छेद 95(2) के तहत बताया गया है कि लोक सभा की किसी बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष, या यदि वह भी अनुपस्थित है तो ऐसा व्यक्ति, जो लोक सभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा अवधारित किया जाए, या यदि ऐसा कोई व्यक्ति उपस्थित नहीं है तो ऐसा अन्य व्यक्ति, जो लोक सभा द्वारा अवधारित किया जाए, अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा।

यहाँ पर दो बातें हैं;

पहली बात तो ये कि लोक सभा की किसी बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष, अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा।

दूसरी बात ये कि लोक सभा की किसी बैठक से उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में ऐसा व्यक्ति, लोकसभा अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा जिसे कि लोक सभा की प्रक्रिया के नियमों द्वारा अवधारित किया जाएगा। यदि यह व्यक्ति भी उपलब्ध नहीं है तो ऐसा अन्य व्यक्ति, लोक सभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा जो लोक सभा द्वारा अवधारित (Determined) किया जाएगा।

लोकसभा के प्रक्रिया नियमों के अंतर्गत, अध्यक्ष सदस्यों में से 10 सदस्य को सभापति तालिका के लिए नामांकित करता है। इसका फायदा ये होता है कि अगर अध्यक्ष या उपाध्यक्ष दोनों सदन में अनुपस्थित होता है तो इस तालिका का सदस्य पीठासीन अधिकारी हो सकता है।

पीठासीन होने पर उसकी शक्ति अध्यक्ष के समान ही होती है। वह तब तक पद धारण करता है जब तक नई सभापति तालिका का नामांकन न हो जाये। लेकिन अगर इस पैनल का सदस्य भी अनुपस्थिति रहता है तो सदन किसी अन्य व्यक्ति को अध्यक्ष निर्धारित कर सकता है।

यहाँ पर एक बात ध्यान रखने योग्य है कि जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त हो तो सभापति तालिका का सदस्य सदन का पीठासीन अधिकारी नहीं हो सकता है। (ये केवल अनुपस्थिति के केस में ही मान्य होता है) तब रिक्त पदों के लिए जितना जल्द हो सकें, चुनाव कराया जाता है।

कहने का अर्थ है कि अनुच्छेद 95(1) रिक्ति (Vacation) के बारे में है जबकि अनुच्छेद 95(2) अनुपस्थिति (Absence) के बारे में है। रिक्ति का मतलब होता है कि वो पद खाली है। जबकि अनुपस्थिति का मतलब होता है पद पर संबन्धित व्यक्ति तो है लेकिन अभी वो छुट्टी पर है, या बीमार है इत्यादि।

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
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तो यही है अनुच्छेद 95 (Article 95), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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अनुच्छेद 96
अनुच्छेद 94
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भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
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भारत की कार्यपालिका
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FAQ. अनुच्छेद 95 (Article 95) क्या है?

अनुच्छेद 95 में बताया गया है कि जब अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) का पद रिक्त है या अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) अनुपस्थित है तब इन पदों के दायित्वों का निर्वहन कौन करेगा।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।