यह लेख अनुच्छेद 97 (Article 97) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।
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📜 अनुच्छेद 97 (Article 97) – Original
संसद के अधिकारी |
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97. सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते — राज्य सभा के सभापति और उपसभापति को तथा लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को, ऐसे वेतन और भत्तों का जो संसद, विधि द्वारा, नियत करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसे वेतन और भत्तों का, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, संदाय किया जाएगा। |
Officers of Parliament |
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97. Salaries and allowances of the Chairman and Deputy Chairman and the Speaker and Deputy Speaker.—There shall be paid to the Chairman and the Deputy Chairman of the Council of States, and to the Speaker and the Deputy Speaker of the House of the People, such salaries and allowances as may be respectively fixed by Parliament by law and, until provision in that behalf is so made, such salaries and allowances as are specified in the Second Schedule. |
🔍 Article 97 Explanation in Hindi
अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का दूसरा अध्याय है – संसद (Parliament)।
संसद के तहत अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के संसद की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha), एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) आते हैं।
तो इस अध्याय के तहत आने वाले अनुच्छेदों में हम संसद (Parliament) को विस्तार से समझने वाले हैं। यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।
कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अध्याय II अंतर्गत अनुच्छेद 79 से लेकर अनुच्छेद 122 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 97 (Article 97) को समझने वाले हैं;
| अनुच्छेद 97 – सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
लोक सभा (Lok Sabha) अप्रत्यक्ष रूप से राज्यों को प्रतिनिधित्व देने वाला एक संस्था है। अनुच्छेद 79 के तहत, देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में संसद की व्यवस्था की गई है।
संसद तीन घटकों से मिलकर बना है; राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha)। इस संसद के दो सदन है जिसमें से संसद के निचले सदन को लोकसभा कहा जाता है।
जिस तरह राज्य सभा के कार्य संचालन के लिए एक सभापति होता है उसी तरह से लोक सभा के कार्य संचालन के लिए भी एक अध्यक्ष होता है जिसे लोक सभा अध्यक्ष (Lok Sabha Speaker) कहा जाता है।
लोकसभा के संचालन का काम इसी के जिम्मे होता है। लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा व उसके प्रतिनिधियों का मुखिया होता है तथा वह सदन का मुख्य प्रवक्ता होता है। [लोक सभा↗️ के बारे में विस्तार से जानें]
अनुच्छेद 81 में लोक सभा की संरचना के बारे में बताया गया है। अनुच्छेद 93 के तहत लोक सभा में अध्यक्ष (Speaker) और उपाध्यक्ष (Deputy Speaker) की व्यवस्था की गई है।
◼ इसी तरह से संसद के ऊपरी सदन को राज्यसभा (Rajya Sabha) कहा जाता है। इसके सदस्यों का चुनाव जनता सीधे नहीं करती है बल्कि ये लोग अप्रत्यक्ष रूप से चुनकर आते हैं।
अभी फिलहाल 245 सीटें राज्यसभा में प्रभाव में है जिसमें से 233 सदस्यों को चुनने के लिए चुनाव होते हैं जबकि 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।
जिस तरह लोकसभा के कार्य संचालन के लिए एक अध्यक्ष होता है उसी तरह से राज्यसभा के कार्य संचालन के लिए भी एक अध्यक्ष होता है जिसे सभापति कहा जाता है। [राज्यसभा↗️ के बारे में विस्तार से जानें]
अनुच्छेद 80 में राज्यसभा की संरचना के बारे में बताया गया है। वहीं अनुच्छेद 89 के तहत राज्यसभा के लिए सभापति (Chairman) और उपसभापति (Deputy Chairman) की व्यवस्था की गई है।
अनुच्छेद 97 में बताया गया है कि सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते क्या होंगे?, आइये समझते हैं;
⚫ अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान |
अनुच्छेद 97 के अनुसार, राज्य सभा के सभापति और उपसभापति को तथा लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को, ऐसे वेतन और भत्तों का जो संसद, विधि द्वारा, नियत करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसे वेतन और भत्तों का, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, संदाय किया जाएगा।
यहाँ दो बातें हैं;
पहली बात तो ये कि राज्य सभा के सभापति और उपसभापति को तथा लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को, ऐसे वेतन और भत्ते मिलेंगे जो संसद, विधि द्वारा, तय करेंगे।
दूसरी बात ये है कि अगर संसद ने इस संबंध में विधि नहीं बनाई है तो जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक राज्य सभा के सभापति और उपसभापति को तथा लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को ऐसे वेतन और भत्ते मिलेंगे, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट (Specified) हैं।
https://mpa.gov.in/sites/default/files/Actoff2018a.pdf
तो यही है अनुच्छेद 97 (Article 97), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका | ⚫ Constitution ⚫ Basics of Parliament ⚫ Fundamental Rights ⚫ Judiciary in India ⚫ Executive in India |
अनुच्छेद 97 में बताया गया है कि राज्य सभा के सभापति और उपसभापति तथा लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते क्या होंगे?,
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |