इस लेख में डीएनए और आरएनए (DNA and RNA) पर सरल एवं सहज चर्चा करेंगे एवं इसके विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं की मदद से इसके बीच के अंतर को समझेंगे।

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डीएनए (DNA) यानी कि डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड, और आरएनए (RNA) यानी कि राइबोन्यूक्लिक एसिड है। हालांकि डीएनए और आरएनए दोनों में आनुवंशिक जानकारी होती है, लेकिन उनके बीच काफी अंतर है। आइये इस सब को एक-एक करके समझते हैं।

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डीएनए और आरएनए

डीएनए और आरएनए की पृष्ठभूमि

DNA यानी कि Deoxyribonucleic acid (डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड) असल में एक मॉलिक्यूल (अनु) है, जो किसी मुड़ी हुई लंबी सीढ़ी या दोहरी कुंडली (Double Helix) की तरह होता है। 

सीढ़ी के डंडे चार अलग-अलग तरह के छोटे मॉलिक्यूल्स से बने होते है। इन्हे न्यूक्लियोटाइड  (Nucleotide) कहते है। इन  चारों न्यूक्लियोटाइड को एडेनिन (A), ग्वानिन (G), थाइमिन (T) और साइटोसिन (C) कहा जाता है और यही हमारे जेनेटिक अल्फाबेट के अक्षर है। 

इस अक्षर की खास तरह की जमावट से सारे जिंदा चीज़ को निर्देश मिलते है। जैसे कि – कैसे बढ़ना, चलना, खाना, पचाना, माहौल को देखना या प्रजनन करना।  

यहाँ से समझेंडीएनए की बेसिक्स

डीएनए प्रसिद्ध है। क्योंकि इस पर बहुत ज़्यादा बातें होती है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि आरएनए (राइबोन्यूक्लिक एसिड) का कोई महत्व नहीं है।

दरअसल, आरएनए कई मायनों में डीएनए के ही समान है। यह फॉस्फेट समूहों द्वारा एक साथ जुड़ी हुई शर्करा (sugar) की एक लंबी श्रृंखला है। प्रत्येक शर्करा या शक्कर से एक क्षार (base) जुड़ा होता है। यह एक डबल हेलिक्स बनाने के लिए मिलान करने वाले भागीदारों के साथ जुड़ सकते हैं।

यह डीएनए जैसा दिखता है लेकिन हेलिक्स थोड़ा विपरीत होता है और अक्सर आरएनए को जटिल संरचनाओं में जोड़ दिया जाता है, जो लंबे एकल-फंसे हुए छोरों के साथ छोटे हेलिक्स द्वारा स्थिर होते हैं।

कुल मिलाकर, डीएनए के विपरीत, आरएनए प्रकृति में एक एकल स्ट्रैंड (single strand) के रूप में पाया जाता है, जो एक युग्मित डबल स्ट्रैंड (paired double strand) के बजाय खुद पर मुड़ा होता है।

कोशिकीय जीव (cellular organisms) अनुवांशिक जानकारी देने के लिए मैसेंजर आरएनए (mRNA) का उपयोग करते हैं, इसके लिए यह नाइट्रोजनिकृत क्षार (Nitrogenous bases), यानी कि ग्वानिन (G), यूरैसिल (U), एडेनिन (A) और साइटोसिन (C) का इस्तेमाल करता है। कई वायरस आरएनए जीनोम का उपयोग करके अपनी आनुवंशिक जानकारी को एन्कोड (encode) करते हैं।

आरएनए अणु, जैविक प्रतिक्रियाओं को उत्प्रेरित करके, जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करके, या कोशिकीय संकेतों के प्रति प्रतिक्रियाओं को संवेदित और संचारित करके कोशिकाओं के भीतर सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इन सक्रिय प्रक्रियाओं में से एक प्रोटीन संश्लेषण (protein synthesis) है।

प्रोटीन संश्लेषण क्या है? – दरअसल, प्रोटीन संश्लेषण एक सार्वभौमिक कार्य है, जिसमें आरएनए अणु, राइबोसोम (ribosome) पर प्रोटीन के संश्लेषण को निर्देशित करते हैं। यह प्रक्रिया अमीनो एसिड को राइबोसोम तक पहुंचाने के लिए ट्रांसफर आरएनए (tRNA) अणुओं का उपयोग करती है, जहां राइबोसोमल आरएनए (rRNA) फिर अमीनो एसिड को कोडित प्रोटीन बनाने के लिए एक साथ जोड़ता है।

[नोट – राइबोसोम (ribosome) किसे कहते हैं? इसके लिए लेख के नीचे का FAQs देखें।]

डीएनए और आरएनए के बीच अंतर

1. डीएनए में शुगर डीऑक्सीराइबोज (deoxyribose) होता है, जबकि आरएनए में शुगर राइबोज (ribose) होता है। राइबोज और डीऑक्सीराइबोज के बीच एकमात्र अंतर यह है कि राइबोज में डीऑक्सीराइबोज की तुलना में एक अधिक ऑक्सिजन अणु होता है।

Explanation – डीएनए, न्यूक्लियोटाइडों से मिलकर बना होता है और प्रत्येक न्यूक्लियोटाइड में एक क्षार (Base) होता है, ये एडेनिन, थाइमिन, साइटोसिन और गुआनिन में से कोई भी हो सकता है। और प्रत्येक क्षार (Base) एक चीनी अणु (sugar molecule) और एक फॉस्फेट अणु (phosphate molecule) से जुड़ा होता है। [ये कैसे जुड़ा होता है इसे आप चित्र में देख सकते हैं।]

न्यूक्लियोटाइड दिए गए चित्र के अनुसार व्यवस्थित होता है। यहाँ Sugar का मतलब Ribose या Deoxyribose है।

अगर शुगर Ribose है इसका मतलब वो RNA है और अगर शुगर Deoxyribose है इसका मतलब वो DNA है।

दरअसल ‘डीआक्सी’ का अर्थ होता है ‘एक आक्सीजन की कमी’ यानी कि DNA में जो शुगर होता है उसमें RNA की तुलना में एक ऑक्सिजन कम होता है।

आप नीचे दिए गए तस्वीर में देख सकते हैं कि शर्करा या शुगर (Sugar) की रासायनिक संरचना में किस तरह से एक ऑक्सिजन कम होता है।

2. डीएनए एक डबल-स्ट्रैंडेड अणु (double-stranded molecule) है, जबकि आरएनए एकल-स्ट्रैंडेड अणु (single-stranded molecule) है।

Explanation – दरअसल जब बहुत सारे न्यूक्लियोटाइड एक के बाद एक क्रम में जुड़ते हैं तो उसमें उपस्थित शुगर और फास्फेट एक किनारा (strand) का निर्माण करते हैं। इसे Sugar Phosphate backbone भी कहा जाता है। डीएनए के मामले में यह base pair के दोनों ओर बनता है जबकि आरएनए के मामले में आमतौर पर बस एक ही साइड बनता है। इसे आप नीचे दिए गए तस्वीर में देख सकते हैं।

डीएनए और आरएनए
image source – wikipedia

3. डीएनए और आरएनए मनुष्यों में अलग-अलग कार्य करते हैं। डीएनए आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत और स्थानांतरित करने के लिए जिम्मेदार है, जबकि आरएनए सीधे अमीनो एसिड के लिए कोड (code) करता है और प्रोटीन बनाने के लिए डीएनए और राइबोसोम के बीच एक संदेशवाहक के रूप में कार्य करता है।

4. डीएनए और आरएनए का बेस पेयरिंग थोड़ा अलग है क्योंकि डीएनए एडेनिन (A), थाइमिन (T), साइटोसिन (C) और ग्वानिन (G) बेस का उपयोग करता है; जहां एडेनिन (A), थाइमिन (T) के साथ जुड़ता है और साइटोसिन (C), ग्वानिन (G) के साथ।

वहीं आरएनए की बात करें तो यह बेस (base) के रूप में एडेनिन, यूरैसिल, साइटोसिन और ग्वानिन का उपयोग करता है। जहां एडेनिन (A), यूरैसिल (U) के साथ जुड़ता है और साइटोसिन (C), ग्वानिन (G) के साथ। यूरैसिल थाइमिन से इस मायने में भिन्न है कि इसके वलय पर मिथाइल समूह का अभाव होता है। इसे आप ऊपर वाले तस्वीर में देख सकते हैं।

नोट – अगर आपको ऊपर बतायी गई चीज़ें पूरी तरह से समझ में नहीं आयी है तो आप पहले इस लेख को पढ़ और समझ लीजिये ; डीएनए और आरएनए की विकास यात्रा

डीएनए और आरएनए की तुलना

जबकि डीएनए और आरएनए दोनों का उपयोग आनुवंशिक जानकारी को संग्रहीत करने के लिए किया जाता है, उनके बीच स्पष्ट अंतर हैं। यह तालिका मुख्य बिंदुओं को सारांशित करती है:

तुलनाडीएनएआरएनए
पूरा नामडिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DeoxyriboNucleic Acid)राइबोन्यूक्लीक एसिड (RiboNucleic Acid)
कार्यआनुवंशिक जानकारी का दीर्घकालीन भंडारण; अन्य कोशिकाओं और नए जीवों को बनाने के लिए आनुवंशिक जानकारी का संचरण।प्रोटीन बनाने के लिए आनुवंशिक कोड को नाभिक (nucleus) से राइबोसोम में स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किया जाता है। आरएनए का उपयोग कुछ जीवों में अनुवांशिक जानकारी प्रसारित करने के लिए किया जाता है और हो सकता है कि यह अणु आदिम जीवों में अनुवांशिक ब्लूप्रिंट को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाने वाला अणु हो।
संरचना डीएनए एक डबल-स्ट्रैंडेड अणु है जिसमें न्यूक्लियोटाइड की एक लंबी श्रृंखला होती है।आरएनए आमतौर पर एक सिंगल-स्ट्रैंड हेलिक्स होता है जिसमें न्यूक्लियोटाइड्स की छोटी श्रृंखलाएं होती हैं।
Base PairsAT (एडेनिन-थाइमिन)
GC (गुआनिन-साइटोसिन)
AU (एडेनिन-यूरैसिल)
GC (गुआनिन-साइटोसिन)
प्रतिकृति
(replication)
डीएनए अणु स्व-प्रतिकृति (self replication) कर सकता है।जबकि आरएनए अणुओं को ट्रांसक्रिप्शन नामक प्रक्रिया द्वारा संश्लेषित किया जाता है। आरएनए को आवश्यकतानुसार डीएनए से संश्लेषित किया जाता है।

यह भी पढ़ें – एंटी ऑक्सीडेंट क्या है?

डीएनए और आरएनए अणुओं के बीच समानताएं

डीएनए और आरएनए दोनों न्यूक्लिक एसिड हैं, और दोनों के बीच कई समानताएं हैं। जिसे आप नीचे देख सकते हैं;

न्यूक्लियोटाइड्स और राइबोन्यूक्लियोटाइड्स – डीएनए के न्यूक्लियोटाइड और आरएनए बनाने वाले राइबोन्यूक्लियोटाइड संरचना में बहुत समानता हैं। दोनों में एक फॉस्फेट समूह, एक 5-कार्बन वाला शर्करा (sugar) और एक नाइट्रोजनयुक्त क्षार होता है।

नाइट्रोजनी क्षारों की संख्या – डीएनए और आरएनए अणुओं दोनों में चार नाइट्रोजनस बेस होते हैं। इनमें से तीन (एडेनिन, साइटोसिन और ग्वानिन) दोनों प्रकार के न्यूक्लिक एसिड में पाए जाते हैं। बस एक बेस अलग होता है, डीएनए में thymine होता है जबकि आरएनए में उसकी जगह पर uracil होता है।

Sugar-Phosphate Backbone – डीएनए और आरएनए अणु दोनों का Strand एक चीनी (sugar) और -फॉस्फेट समूह के अणुओं से बनता है, इसे ही sugar-phosphate backbone कहा जाता है। न्यूक्लियोटाइड के बेस (यानी कि एडेनिन, साइटोसिन, ग्वानिन, थाइमिन या यूरासिल) इसी से चिपके रहते हैं।

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Some Facts about DNA and RNA

पहले क्या आया, डीएनए या आरएनए ? – कुछ सबूत हैं कि डीएनए पहले हुआ होगा, लेकिन अधिकांश वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि आरएनए, डीएनए से पहले विकसित हुआ है। आरएनए की एक सरल संरचना है और डीएनए के कार्य करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। आरएनए अपने आप में कुछ रासायनिक प्रतिक्रियाओं के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है।

असली सवाल यह है कि अगर आरएनए मौजूद था तो डीएनए का विकास क्यों हुआ? – इसका सबसे संभावित उत्तर यह है कि दोहरे-स्ट्रैंडेड अणु होने से आनुवंशिक कोड को क्षति से बचाने में मदद मिलती है। यदि एक स्ट्रैंड टूट गया है, तो दूसरा स्ट्रैंड मरम्मत के लिए एक टेम्पलेट के रूप में काम कर सकता है। डीएनए के आसपास के प्रोटीन भी एंजाइमी हमले के खिलाफ अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं।

क्या डीएनए सिर्फ डबल-स्ट्रैंडेड होते हैं? – डीएनए का सबसे सामान्य रूप डबल हेलिक्स है। हालांकि शाखादार डीएनए (branched DNA) और ट्रिपल स्ट्रैंड्स से बने अणुओं के दुर्लभ प्रमाण उपलब्ध हैं।

हालांकि आमतौर पर RNA single-stranded होता है लेकिन कभी-कभी ये डबल-स्ट्रैंडेड भी हो सकता है। और यह डीएनए के समान ही होता है, सिवाय इसके कि थाइमिन को यूरैसिल द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। इस प्रकार का RNA कुछ विषाणुओं में पाया जाता है। जब ये वायरस यूकेरियोटिक कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं, तो dsRNA सामान्य आरएनए फ़ंक्शन में हस्तक्षेप कर सकता है और इंटरफेरॉन प्रतिक्रिया (interferon response) को उत्तेजित कर सकता है।

वहीं बात करें, सर्कुलर सिंगल-स्ट्रैंड आरएनए (circRNA) की तो ये जानवरों और पौधों दोनों में पाया गया है। वर्तमान में, इस प्रकार के आरएनए का कार्य अज्ञात है।

[उम्मीद है आपको यह लेख समझ में आया होगा, डीएनए एवं इससे जुड़ी अन्य टॉपिक भी बहुत रोचक है, तो आप उसे भी अवश्य पढ़ें, और इसे शेयर जरूर करें।]
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References,
https://www.genome.gov/
https://www.nigms.nih.gov/education/Booklets/the-new-genetics/Documents/Booklet-The-New-Genetics.pdf#page=11
RNA – Wikipedia
DNA vs. RNA Biology dictionary