रोबोट, जिसके बारे में आज ये भी कहा जाता है कि भविष्य में यही राज करेंगे, क्या होगा ये तो नहीं पता लेकिन आज रोबोट के बिना दुनिया की कल्पना करना बहुत ही मुश्किल है।
आज ये अपनी पहुँच लगभग हर जगह स्थापित कर चुका है, चाहे वो घर हो, ऑफिस हो या फिर फैक्ट्री। आज जैसी दुनिया है उसे ऐसा बनाने में रोबोटों की बहुत बड़ी भूमिका है।
इस लेख में हम रोबोट पर सरल एवं सहज चर्चा करेंगे एवं इसके विभिन्न प्रकारों को समझेंगे, तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें;
| रोबोट क्या है?
रोबोट एक कम्प्युटरीकृत मशीन है जिसे कम्प्युटर प्रोग्रामिंग की मदद से किसी विशिष्ट और जटिल कार्य के लिए बनाया जाता है।
सभी मशीनें रोबोट नहीं होती है बल्कि केवल उसी प्रकार के मशीन को रोबोट माना जाता है जो इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्रामिंग को सपोर्ट करता हो और डाटा को प्रोसेस करके खुद को स्वायत्ता से संचालित कर सकने में सक्षम हो।
| रोबोट का इतिहास
प्राचीन चीन, ग्रीस और मिस्र सभ्यताओं के अध्ययन से पता चलता है कि प्राचीन काल से ही मनुष्य ऐसे मशीनों के निर्माण करने के बारे में सोचते थे और यथासंभव प्रयास भी करते थे जो स्वतः चालित हो।
लगभग दूसरी शताब्दी से ही इस क्षेत्र में हमेशा कुछ न कुछ किया जाता रहा है पर आधुनिक रोबोटिक्स के जनक के रूप में Joseph Frederick Engelberger को माना जाता है।
उन्होने सन 1950 में पहले यांत्रिक श्रमिक का निर्माण किया था, जिसका नाम यूनिमेट्स था। हालांकि उससे पहले भी कई रोबोट बनाए जा चुके थे, लेकिन उसमें कई खामियाँ थी।
आज की बात करें तो रोबोट तेजी से आम ज़िंदगी का एक हिस्सा बनता जा रहा है। कुछ लोग तो ये भी संभावना जताते है कि आने वाला वक़्त रोबोटों का होगा।
| रोबोट के प्रकार
रोबोटों के विभिन्न क्षेत्रों में उपियोगिता एवं अनुप्रयोग के आधार पर उसे निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है –
घरेलू रोबोट (Domestic Robot)
इन रोबॉट्स में स्वीपर्स, वैक्यूम क्लीनर, पूल क्लीनर आदि तरह के कार्य करने वाले रोबोट आते हैं। हालांकि अब घरेलू रोबोटों में शिक्षा, मनोरंजन या चिकित्सा के आदि जैसे सेवा देने वाले रोबोटें भी आ रहें हैं।
घरेलू रोबोट एक प्रकार का सर्विस रोबोटें है, जो एक स्वायत्त रोबोट होता है। इन का निर्माण घरेलू कार्यों को सम्पन्न करने के लिए किया जाता है।
औद्योगिक रोबोट (Industrial Robot)
औद्योगिक रोबोटों का निर्माण मुख्यत: इस क्षेत्र में विनिर्मान कार्यों के के लिए किया जाता है। ऐसे रोबोटों का इस्तेमाल आम तौर पर सामान उठाने, वेल्डिंग करने, साफ-सफाई करने, पैकेजिंग करने, असेम्ब्लिंग करने के लिए किया जाता है।
इस प्रकार के कार्य को करने के लिए इसमें विशेष प्रकार के हाथ लगाए जाते हैं। औद्योगिक रोबोट ने उत्पादन की परिभाषा ही बदल दी।
सैन्य रोबोट (Military Robot)
इन का उपयोग सैन्य कार्यों में किया जाता है। इन में टोही ड्रोन, बम निरोधक, विशेष प्रकार के परिवहन रोबोटें तथा रेसक्यू रोबोट आदि आते हैं।
चिकित्सा रोबोट (Medical Robot)
इस प्रकार के रोबोटों का निर्माण चिकित्सा संस्थानों में विभिन्न प्रकार के कार्यों में लगाए जाते हैं। जैसे कि मरीजों की देखभाल के लिए, सर्जरी जैसे कामों के लिए आदि ।
अन्तरिक्ष रोबोट (Space Robot)
इस प्रकार की रोबोटें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन, अंतरिक्षीय खोजबीन तथा दूसरे ग्रह पर खोजबीन के लिए प्रयुक्त होते हैं। जैसे- मार्श रोवर।
सेवा कार्य रोबोट (Service Robot)
वे निर्णय लेने और निर्धारित कार्यों को पूरा करने के लिए वास्तविक और अप्रत्याशित वातावरण में स्वायत्त रूप से कार्य करने में सक्षम हैं। ये रोबोटें शोध कार्य, आंकड़ों के संग्रहण, ग्राहक सेवा, ऑफिस कार्य आदि में प्रयुक्त होते हैं।
ह्यूमनॉइड (Humanoid)
एक ऐसा रोबोट है जिसके शरीर के आकार को मानव शरीर जैसा बनाया जाता है। सामान्य तौर पर, ह्यूमनॉइड रोबोट में एक धड़, एक सिर, दो हाथ और दो पैर होते हैं।
साथी रोबोट (Companion Robot)
साथी रोबोट, वे रोबोटें है जिसे मानव के लिए वास्तविक साहचर्य बनाने के उद्देश्य से बनाया गया है। मतलब की साथ रहने वाला और ख्याल रखने वाला रोबोट ।
इस प्रकार के रोबोटों को खासकर के बच्चों और बूढ़ों के लिए बनाया जाता है ताकि उसे अपनों की कमी न खले।
| रोबॉट्स के कुछ प्रमुख कार्य
बढ़ती मानवीय जरूरतों और इच्छाओं के कारण आज रोबोटों का काम इन्सानों के लिए बहुत ही ज्यादा प्रासंगिक है। कई क्षेत्रों में तो ये अपनी उपस्थिती दर्ज करवा चुकी है पर अभी ऐसे कई क्षेत्र है जहां इसकी उपस्थिती वांछित है।
रेडियो धर्मी पढ़ार्थों संबंधी कार्य में रोबोट
नाभिकीय ऊर्जा में रेडियोधर्मी रसायनो के प्रबंधन की जरूरत होती है। क्योंकि रेडियोधर्मी पदार्थों के सीधे संपर्क में आना इन्सानों के लिए खतरनाक है इसीलिए रोबोटों द्वारा रेडियो धर्मी रसायनों का प्रबंधन किया जाता है।
इस तरह इंसान रेडियोधर्मी पदार्थों के नाभिकीय ऊर्जा के जोखिम से छुटकारा पा लेता है।
अग्निशमन में रोबोट
हालांकि आग बुझाने और लोगों को बचाने जैसे कार्यों के लिए रोबोटों का इस्तेमाल अभी प्रारंभिक अवस्था में है पर निकट भविष्य में ये हमें बृहत पैमाने पर अग्निशमन दस्तों में दिखेगा।
खदानों में कार्य
खदानों में जहां जमीन के धँसने, छत के टूटने और हानिकारक गैसों का खतरा हमेशा बना रहता है। वहाँ ये काफी उपयोगी साबित हो रहें हैं।
समुद्र तल में कार्य (Work at sea level)
आज तक मनुष्य समुद्र की अटल गहराइयों में 100 से 200 मीटर तक ही गया है और वह भी विशेष प्रकार के कपड़ों तथा सांस लेने के उपकरणों के साथ।
धरातल का 70 प्रतिशत भाग जलमग्न है। समुद्र का अधिकतर भाग 2 से 6 किलोमीटर तक गहरा है। ऐसे में यांत्रिक भुजाओं तथा दृष्टि से युक्त रोबोट काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।
जिसे समुद्र की गहराइयों में भेजकर गहरे समुद्र की खोज करने और बहुमूल्य चीजों को एकत्र करने के काम में लगाया जा सकता है।
जब भारत का कई साल पहले एक एयर इंडिया का जम्बो जेट ध्वस्त होकर समुद्र में समा गया था तब एक ऐसे ही स्कारेव नामक रोबोट को क्षतिग्रस्त विमान के ब्लाक बॉक्स को समुद्र तल से निकालने के काम में लाया गया था।
आकाशीय खोज में (Robots in celestial search)
आकाशीय खोजों में भी आज रोबोटें बहुत काम आ रहा है। अभी हाल में अमेरिका द्वारा संपादित वायजर द्वितीय प्रोग्राम काफी हद तक इस कारण सफल हो सका क्योंकि इसमें दो रोबोट कई कामों में मदद पहुंचा रहें थे।
चिकित्सा कार्यों में उपयोग (Medical use)
अर्थोटिक्स एवं प्रौस्थेटिक्स के क्षेत्रों में रोबोटों का बड़ा योगदान है। प्रौस्थेटिक्स ऐसा चिकित्सा विज्ञान है जिसमें मनुष्य का खोया अंग प्रत्यारोपित किया जाता है।
अगर किसी व्यक्ति का हाथ या पाव कट जाता है तो कृत्रिम हाथ-पाव जोड़ दिये जाते है जो कि शरीर के बिना कटे अंगों से प्राप्त एलेक्ट्रोमायोग्राफ संकेतों को माप कर दिमाग के निर्देश को समझ सकता है। इस प्रकार के प्रयोग आज कल बहुत हो रहे हैं।
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