संस्था और संस्थान दोनों ही शब्दों का इस्तेमाल खूब किया जाता है और आमतौर पर इसका इस्तेमाल एक-दूसरे के पर्याय के रूप में किया जाता है। हालांकि इन दोनों में सूक्ष्म अंतर विद्यमान है।
इस लेख में हम संस्था और संस्थान पर सरल एवं सहज चर्चा करेंगे एवं इसके बीच सूक्ष्म अंतर को जानेंगे, तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें,

| संस्था और संस्थान
◼️ अगर इंग्लिश के शब्द ‘institute‘ को देखें तो इससे बहुत कुछ स्पष्ट नहीं होता है, क्योंकि संस्था और संस्थान दोनों ही के लिए इंग्लिश में institute शब्द का इस्तेमाल होता है।
हालांकि संस्था और संस्थान में अंतर प्रदर्शित होती रहे, इसके लिए संस्था के लिए institution शब्द का प्रयोग किया जाता है।
◼️ संस्थान के लिए इंग्लिश में एक शब्द establishment का भी उपयोग किया जाता है, दरअसल establishment शब्द का आशय आभिजात वर्ग (Elite class) के लोगों के एक ऐसी टोली से है, जो संख्या में तो कम होता है लेकिन पूरे वर्ग (Elite class) के लोगों के एक ऐसी टोली से है, जो संख्या में तो कम होता है लेकिन पूरे संस्था (organization) पर नियंत्रण रखता है।
◼️ यहाँ से एक बात तो आप समझ रहे होंगे कि संस्थान छोटी होती है, जबकि संस्था बहुत बड़ी। दूसरी बात ये कि संस्था के लिए जब organization या agency या body जैसे शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसमें थोड़ा बड़ापन का भाव आता है।
◼️ संस्था के लिए जब body जैसे शब्द का इस्तेमाल किया जाता है तो संस्थान को समझना और भी आसान हो जाता है। तब आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि संस्था अगर body है तो संस्थान उसके parts।
- body शब्द का इस्तेमाल कुछ इस तरह किया जाता है, जैसे कि Constitutional body यानी कि संवैधानिक संस्था। संविधान अपने आप में एक बहुत बड़ी संस्था है, उसके अंदर न जाने कितने छोटे-छोटे संस्थान काम करते हैं।
इससे थोड़ा तो स्पष्ट हुआ है आइये कुछ और अंतर खोजने की कोशिश करते हैं।
| संस्था क्या है?
◼️ किसी प्रकार के सभा, समिति, समूह या मंडली आदि के लिए संस्था शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
संस्था के संबंध में जो एक महत्वपूर्ण बात याद रखने योग्य है वो ये है कि इसका उद्देश्य सामाजिक हित या सार्वजनिक कल्याण होता है, व्यक्तिगत लाभ नहीं. उदाहरण के लिए देखें तो अनाथालय, पुस्तकालय, विद्यालय, महाविद्यालय आदि की व्यवस्था और संचालन करने वाले संगठन संस्था कहे जाते हैं क्योंकि यह सामूहिक हित का कार्य करनेवाले लोगों का संगठन है।
◼️ पर इसका ये कतई मतलब नहीं है कि इसमें से लाभ पूरी तरह से नदारद होता है. व्यावसायिक दृष्टि से संगठित लोगों का समूह भी संस्था कहा जाता है। जैसे उदाहरण के लिए सहकारी संस्था की बात करें तो ये कहीं न कहीं लाभ के सिद्धांत पर ही काम करती है।
◼️ लोक जीवन से संबंध रखने वाला कोई नियम या परंपरा आधारित प्रथा भी संस्था है। तभी तो विवाह को एक संस्था कहा गया है।
◼️ विस्तृत रूप में और बड़े पैमाने पर महत्वपूर्ण संगठनात्मक कार्य करनेवाले व्यक्ति को भी संस्था कहते हैं; जैसे- महात्मा गांधी स्वयं एक संस्था थे।
| संस्थान क्या है?
◼️ संस्थान का उद्देश्य भी कमोबेश वही होता है जो संस्था का होता है पर संस्थान के कार्य संस्था के अपेक्षा बहुत सीमित होता है. जैसे कि अगर उदाहरण के लिए केन्द्रीय हिन्दी संस्थान देखें तो ये सिर्फ हिंदी तक ही सीमित है, वहीं अगर दिल्ली यूनिवर्सिटी की बात करें तो उसका क्षेत्र बहुत व्यापक है और उसमें बहुत सारे संस्थान काम कर रहें हैं.
◼️ यहाँ पर एक बात स्पष्ट तौर पर जाहिर होती है कि संस्था जातिवाचक होता है वहीं संस्थान व्यक्तिवाचक।
◼️ इसी तरह से हम सरकार को संस्था कहते है लेकिन उसके मंत्रालयों के अंतर्गत कई छोटी-छोटी संस्थानें काम करती है।
| संस्था और संस्थान में कुल मिलाकर अंतर
◼️ कुल मिलाकर देखें तो संस्थान में अध्ययन और अध्यापन का कार्य भी होता है। वहीं संस्था अक्सर प्रबंधन और प्रशासन आदि देखती है।
◼️ संस्था स्त्रीलिंग है और संस्थान पुलिंग। संस्था में व्यापकता (expansiveness) का भाव होता है, वहीं संस्थान सीमितता (Limitedness) का भाव होता है।
◼️ एक ही संस्था कई संस्थानों का संचालन कर सकती है यानी कि ये एक अम्ब्रेला की तरह कार्य कर सकती है जिसके अंदर कई संस्थान हो सकते हैं।
◼️ संस्था से सामान्यता का बोध होता है वहीं संस्थान से विशिष्टता का बोध होता है।
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