इस लेख में हम भारत के उप-राष्ट्रपति (Vice President of India) पर सरल एवं सहज चर्चा करेंगे एवं इससे संबन्धित सभी मुख्य पहलुओं को समझेंगे; तो अच्छी तरह से समझने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें और साथ ही संबंधित अन्य लेखों को भी पढ़ें।

हम इससे पहले भारत के राष्ट्रपति पर बहुत ही विस्तार से चर्चा कर चुके हैं। भारत के उप-राष्ट्रपति (Vice President of India) की अच्छी समझ के लिए जरूरी है आपके पास राष्ट्रपति की अच्छी समझ हो।

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उप-राष्ट्रपति
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भारत के उप-राष्ट्रपति की समझ

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

अनुच्छेद 63 के तहत भारत में एक उपराष्ट्रपति की व्यवस्था की गई है। भारत के उप राष्ट्रपति (Vice President of India) के बारे में बात करें तो एक उप-राष्ट्रपति के पद के हैसियत से उसके पास ज्यादा कुछ करने को होता नहीं है।

उप राष्ट्रपति की प्रासंगिकता तभी सामने आती है जब राष्ट्रपति किसी कारण से अपने पद पर न हो। इसीलिए उप-राष्ट्रपति को ”His Superfluous Highness” कह दिया जाता है। बेसिकली हिन्दी में इसका मतलब होता है ”फालतू का राजा”।

इस तरह से अगर देखें तो संविधान ने उप-राष्ट्रपति को क्षमता के अनुरूप कोई विशेष कार्य नहीं सौंपे हैं पर इसका मतलब ये कतई नहीं है उसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। जरूरत थी तभी तो इस पद का सृजन किया गया है।

सबसे बड़ी जरूरत इसकी इस सेंस में है कि ये राजनीतिक निरंतरता (Political continuity) को बनाए रखने में मदद करता है। वो कैसे? इसे आगे समझेंगे।

▪️ भारत में उप-राष्ट्रपति सिस्टम अमेरिका के उप-राष्ट्रपति सिस्टम पर आधारित है लेकिन फिर भी अमेरिकी उप-राष्ट्रपति व्यवस्था से ये इस मायने में अलग है कि अगर अमेरिका में राष्ट्रपति का पद रिक्त होता है तो उप-राष्ट्रपति, अपने पूर्व राष्ट्रपति के कार्यकाल की शेष अवधि तक उस पद पर बना रहता है।

दूसरी ओर, भारत का उप-राष्ट्रपति, राष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर, पूर्व राष्ट्रपति के शेष कार्यकाल तक उस पद पर बना नहीं रहता है बल्कि वह एक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में तब तक कार्य करता है, जब तक कि नया राष्ट्रपति कार्यभार ग्रहण न कर लें।

जैसे ही नया राष्ट्रपति आ जाता है उप-राष्ट्रपति पुनः अपने पद पर लौट आता है। यहीं बात अनुच्छेद 65 में लिखा हुआ है। इससे आप समझ पा रहे होंगे कि किस तरह उप-राष्ट्रपति निरंतरता को बनाए रखता है।

अनुच्छेद 65 – राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना

(1) राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा जिस तारीख तक नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करता है।

(2) जब राष्ट्रपति, अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तब उपराष्ट्रपति उस तारीख तक उसके कृत्यों का निर्वहन करेगा जिस तारीख को राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को फिर से संभालता है।

(3) उपराष्ट्रपति जब राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो उसे राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ एवं उन्मुक्तियाँ प्राप्त होती है। इसके साथ ही उसे वे सभी सुविधाएं मिलेगी जो संसद द्वारा तय किया जाएया।

उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना;

अनुच्छेद 63 में लिखा है कि भारत में एक उपराष्ट्रपति होगा पर जाहिर है जैसा कि अभी हमने ऊपर भी पढ़ा है, उप-राष्ट्रपति के पास ज्यादा कुछ करने को रहता नहीं है। हाँ, पर एक अनुच्छेद 64 है जो उप-राष्ट्रपति को कुछ ढंग का काम करने की अवसर प्रदान करता है।

दरअसल अनुच्छेद 64 में लिखा है कि उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा। यानी कि उप-राष्ट्रपति राज्यसभा की अध्यक्षता करता है और सच तो ये है कि यही इसका मुख्य कार्य है, यहीं पर रह के उप-राष्ट्रपति को कुछ सृजनात्मक काम करने का मौका बराबर मिलता है।

क्योंकि उपराष्ट्रपति के पद पर रहते हुए कुछ ढंग का काम करने के लिए तभी दरवाजे खुलते हैं जब राष्ट्रपति का पद किसी भी कारण से रिक्त हो। उप-राष्ट्रपति का पद बनाए भी तो इसी दिन के लिए गए हैं।

अनुच्छेद 66 – भारत के उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन

अनुच्छेद 66 भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India) के निर्वाचन की बात करता है एवं निम्न प्रावधान करता है;

(1) उप राष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा।

(निर्वाचन में मतदान गुप्त होगा यानी कि कौन किसको वोट कर रहा है ये देखा नहीं जाएगा)

(2) उप राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का या राज्य के किसी विधानमंडल का सदस्य नहीं होगा, लेकिन अगर कोई सदन का सदस्य उप राष्ट्रपति के लिए चुना जाता है तो उसकी सदन की सदस्यता चली जाएगी।

कुल मिलाकर उप राष्ट्रपति चुनाव की व्यवस्था राष्ट्रपति चुनाव जैसा ही है बस इसके कुछ प्रावधान अलग है। क्या है?

▪️ राष्ट्रपति के लिए निर्वाचन मंडल में जहां सिर्फ निर्वाचित सदस्य ही चुनाव प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं वहीं उप-राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में निर्वाचित और गैर-निर्वाचित यानी कि मनोनीत सदस्य भी भाग लेते हैं।

लेकिन याद रखिए कि राज्य सभा के और लोकसभा के ही सदस्य इस चुनाव में भाग लेते हैं, न कि राज्य विधान सभा के। जबकि राष्ट्रपति के चुनाव में तो राज्य विधानसभा के सदस्य भी शामिल होते हैं।

अगर आपको उपराष्ट्रपति चुनाव प्रक्रिया विस्तार से समझना है तो आप यहाँ क्लिक↗️ करके उसे अवश्य पढ़ लें।

अर्हताएँ

अनुच्छेद 66 के अनुसार, उप-राष्ट्रपति के चुनाव हेतु किसी व्यक्ति को निम्नलिखित अर्हताएँ पूर्ण करनी चाहिए;

1. वह भारत का नागरिक हो,

2. वह 35 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका को,

3. वह राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता रखता हो

4. वह केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार अथवा किसी स्थानीय प्राधिकरण या अन्य किसी सार्वजनिक प्राधिकरण के अंतर्गत किसी लाभ के पद पर न हो।

◼ यहाँ पर एक बात ध्यान रखिए कि राष्ट्रपति, किसी राज्य का राज्यपाल और संघ अथवा राज्य के मंत्री पद को लाभ का पद नहीं माना जाता है इसीलिए ऐसे व्यक्ति को उप-राष्ट्रपति निर्वाचित होने के योग्य समझा जाता है।

◼ इसके अतिरिक्त उप-राष्ट्रपति के चुनाव के नामांकन के लिए उम्मीदवार के कम से कम 20 प्रस्तावक (proposer) और 20 अनुमोदक (seconder) होने चाहिए।

प्रत्येक उम्मीदवार को भारतीय रिजर्व बैंक में 15000 रुपए जमानत राशि के रूप में जमा करना आवश्यक होता है। इसके अलावा कुछ अन्य शर्तें भी है जो उप-राष्ट्रपति पर लागू होता है।

◼ राज्यसभा सदस्य बनने की योग्यता रखना भी उपराष्ट्रपति पद के लिए एक क्वॉलिफ़िकेशन है। इसे विस्तार से समझने के लिए संसद को समझिए।

अनुच्छेद 69 – शपथ या प्रतिज्ञान (Oath or affirmation)

अनुच्छेद 69 के तहत भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India) अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति या उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेता है या प्रतिज्ञान करता है और उस पर अपने हस्ताक्षर करता है। अपनी शपथ में उप-राष्ट्रपति शपथ लेता है कि-

मैं, अमुक ईश्वर की शपथ लेता हूँ कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूँगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूँ उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगा।

अनुच्छेद 67 – भारत के उप-राष्ट्रपति की पदावधि

अनुच्छेद 67 के तहत भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President of India) की पदावधि उसके पद ग्रहण करने से लेकर 5 वर्ष तक होता है, परंतु-

(क) वह अपनी पदावधि में किसी भी समय अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को दे सकता है।

(ख) उसे अपने पद से पदावधि पूर्ण होने से पूर्व भी हटाया जा सकता है। उसे हटाने के लिए औपचारिक महाभियोग की आवश्यकता नहीं है।

उसे राज्यसभा द्वारा संकल्त्प पारित कर प्रभावी बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है। अर्थात सदन के तत्कालीन कुल सदस्यों का बहुमत। और इसके लिए लोकसभा की सहमति भी आवश्यक है।

यहाँ यह ध्यान रखिए कि ऐसा कोई प्रस्ताव पेश नहीं किया जा सकता जब तक 14 दिन का अग्रिम नोटिस न दिया गया हो।

(ग) उपराष्ट्रपति अपने 5 वर्ष की पदावधि के उपरांत भी पद पर बना रह सकता है। जब तक उसका उतराधिकारी पद ग्रहण न कर ले।

वह उस पद पर पुनर्निर्वाचन के योग्य भी होता है। वह इस पद पर कितनी ही बात निर्वाचित हो सकता है।

नुच्छेद 71 – भारत के उप राष्ट्रपति और चुनाव विवाद

अनुच्छेद 71 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के चुनाव विवादों से संबन्धित है। जिसके तहत निम्नलिखित प्रावधान है;

(1) उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबन्धित सभी शंकाएँ व विवाद की जांच और निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा किए जाते हैं। जिसका निर्णय अंतिम होता है।

(2) यदि उच्चतम न्यायालय द्वारा किसी व्यक्ति के उप राष्ट्रपति के पद पर निर्वाचन को अवैध घोषित किया जाता है तो उच्चतम न्यायालय की इस घोषणा से पूर्व उसके द्वारा किए गए कार्य अवैध घोषित नहीं होंगे, यानी कि वे प्रभावशाली रहेंगे।

(3) इस संविधान के उपबंध के अधीन रहते हुए, उप राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबन्धित किसी विषय का विनियमन संसद विधि द्वारा कर सकेगी।

(4) उप राष्ट्रपति के चुनाव को निर्वाचक मण्डल के अपूर्ण होने के आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती अर्थात जब निर्वाचक मण्डल में किसी सदस्य का पद रिक्त हो।

उप-राष्ट्रपति के कार्य दोहरे होते हैं।

1. वह राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में कार्य करता है। इस संदर्भ में उसकी शक्तियाँ व कार्य लोकसभा अध्यक्ष की भांति ही होते हैं। अमेरिका के उपराष्ट्रपति भी सीनेट (जो कि अमेरिका का उच्च सदन है) का सभापति होता है।

2. जब राष्ट्रपति का पद उसके त्यागपत्र, निष्कासन, मृत्यु तथा अन्य कारणों से रिक्त होता है तो वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी कार्य करता है।

वह कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में अधिकतम छह महीने की अवधि तक कार्य कर सकता है। इस अवधि में नए राष्ट्रपति का चुनाव आवश्यक है।

इसके अतिरिक्त अगर वर्तमान राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कार्यों को करने में असमर्थ हो तो वह राष्ट्रपति के पुनः कार्य करने तक उसके कर्तव्यों का निर्वाह करता है।

◼ कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने के दौरान उप राष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य नहीं करता है। इस अवधि में उसके कार्यों का निर्वाह उप सभापति द्वारा किया जाता है।

उपराष्ट्रपतियों की लिस्ट

उपराष्ट्रपतिपदग्रहणपदमुक्तितत्कालीन राष्ट्रपति
1. सर्वपल्ली राधाकृष्णन13 May 195212 May 1962राजेंद्र प्रसाद
2. ज़ाकिर हुसैन13 May 196212 May 1967सर्वपल्ली राधाकृष्णन
3. वी वी गिरि13 May 196720 July 1969ज़ाकिर हुसैन
4. गोपाल स्वरूप पाठक31 August 196930 August 1974वी वी गिरि,
फकरुद्दीन अली अहमद
5. बी डी जत्ती31 August 197430 August 1979फकरुद्दीन अली अहमद,
नीलम संजीव रेड्डी
6. मोहम्मद हयातुल्लाह31 August 197930 August 1984नीलम संजीव रेड्डी,
ज्ञानी जैल सिंह
7. रामास्वामी वेंकटरमन31 August 198424 July 1987ज्ञानी जैल सिंह
8. शंकर दयाल शर्मा7 September 198724 July 1992रामस्वामी वेंकटरमण
9. के आर नारायण21 August 199224 July 1997शंकर दयाल शर्मा
10. कृष्ण कांत21 August 199727 July 2002
के आर नारायणन,
एपीजे अब्दुल कलाम
11. भैरो सिंह शेखावत19 August 200221 July 2007एपीजे अब्दुल कलाम
12. मोहम्मद हमीद अंसारी11 August 200710 August 2017प्रतिभा पाटिल,
प्रणब मुखर्जी,
राम नाथ कोविन्द
13. वेंकैया नायडु11 August 201710 August 2022राम नाथ कोविन्द
14. Jagdeep Dhankhar11 August 2022Incumbentद्रौपदी मुर्मू

उप-राष्ट्रपति प्रैक्टिस क्विज यूपीएससी


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Chapter Wise Polity Quiz

उप-राष्ट्रपति अभ्यास प्रश्न

  1. Number of Questions - 5
  2. Passing Marks - 80 %
  3. Time - 4 Minutes
  4. एक से अधिक विकल्प सही हो सकते हैं।

1 / 5

उप-राष्ट्रपति बनने के लिए इनमें से कौन सी अर्हताओं का होना जरूरी होता है?

Which of the following statements is true regarding the election of the Vice-President?

  1. The Electoral College of the Vice-President is made up of the members of both the Houses.
  2. The Vice-President is elected according to the system of proportional representation by means of the single transferable vote.
  3. On the written order of the President, the member of the Legislature can also participate in the election of the Vice-President.
  4. Article 65 deals with the election of the Vice-President.

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उप-राष्ट्रपति के निर्वाचन के संबंध में इनमें से कौन सा कथन सत्य है?

  1. उप-राष्ट्रपति का निर्वाचक मंडल दोनों सदनों के सदस्यों से मिल कर बना होता होता है।
  2. उप-राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होता है।
  3. राष्ट्रपति के लिखित आदेश पर विधानमंडल के सदस्य भी उप-राष्ट्रपति के चुनाव में भाग ले सकता है।
  4. अनुच्छेद 65 उप-राष्ट्रपति के निर्वाचन से संबंधित है।

Choose the correct statement from the given statements regarding the Vice-President.

  1. The Vice-President of India acts as the acting President till the new President assumes office.
  2. When the Vice President acts as the President, he exercises the powers and immunities of the President.
  3. According to Article 64, the Vice-President is the ex-officio Chairman of the Rajya Sabha.
  4. In India, the Vice President has been arranged under Article 63.

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उप-राष्ट्रपति के संबंध में दिए गए कथनों में से सही कथन का चुनाव करें।

  1. भारत का उप-राष्ट्रपति नए राष्ट्रपति के पद ग्रहण करने तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है।
  2. जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है तो वे राष्ट्रपति के शक्तियों और उन्मुक्तियों का उपयोग करता है।
  3. अनुच्छेद 64 के अनुसार उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
  4. भारत में उपराष्ट्रपति की व्यवस्था अनुच्छेद 63 के तहत की गई है।

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उप-राष्ट्रपति के लिए निम्न में से कौन सा टर्म इस्तेमाल किया जाता है?

Choose the correct statement from the given statements.

  1. Under Article 69, the Vice President takes the oath or affirmation.
  2. The Vice President cannot remain in office for more than 5 years in any case.
  3. The Vice-President can be removed by an absolute majority with the consent of the Lok Sabha and passing a resolution by the Rajya Sabha.
  4. The first Vice-President of India was Sarvepalli Radhakrishnan.

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दिए गए कथनों में से सही कथन का चुनाव करें।

  1. अनुच्छेद 69 के तहत उपराष्ट्रपति शपथ या प्रतिज्ञान लेता है।
  2. उपराष्ट्रपति 5 वर्ष से अधिक किसी भी सूरत में पद पर बना नहीं रह सकता है।
  3. उपराष्ट्रपति को लोकसभा की सहमति और राज्यसभा द्वारा संकल्त्प पारित कर पूर्ण बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है।
  4. भारत का पहला उप-राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे।

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