Article 263 of the Constitution | अनुच्छेद 263 व्याख्या
यह लेख Article 263 (अनुच्छेद 263) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
�� अनुच्छेद 263 (Article 263) – Original
भाग 11 राज्यों के बीच समन्वय 263. अंतरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध — यदि किसी समय राष्ट्रपति को यह प्रतीत होता है कि ऐसी परिषद् की स्थापना से लोक हित की सिद्धि होगी जिसे— (क) राज्यों के बीच जो विवाद उत्पन्न हो गए हों उनकी जांच करने और उन पर सलाह देने; (ख) कुछ या सभी राज्यों के अथवा संघ और एक या अधिक राज्यों के सामान्य हित से संबंधित विषयों के अन्वेषण और उन पर विचार-विमर्श करने; या (ग) ऐसे किसी विषय पर सिफारिश करने और विशिष्ठतया उस विषय के संबंध में नीति और कार्रवाई के अधिक अच्छे समन्वय के लिए सिफारिश करने, के कर्तव्य का भार सौंपा सौं जाए तो राष्ट्रपति के लिए यह विधिपूर्ण होगा कि वह आदेश द्वारा ऐसी परिषद् की स्थापना करे और उस परिषद् द्वारा किए जाने वाले कर्तव्यों की प्रकृति को तथा उसके संगठन और प्रक्रिया को परिनिश्चित करे। |
अनुच्छेद 263 हिन्दी संस्करण
Article 263 English Version
�� Article 263 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 11, अनुच्छेद 245 से लेकर अनुच्छेद 263 तक कुल 2 अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।
Chapters I | Title विधायी संबंध (Legislative Relations) | Articles Article 245 – 255 |
II | प्रशासनिक संबंध (Administrative Relations) | Article 256 – 263 |
जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग केंद्र-राज्य सम्बन्धों (Center-State Relations) के बारे में है। जिसके तहत मुख्य रूप से दो प्रकार के सम्बन्धों की बात की गई है – विधायी और प्रशासनिक।
भारत में केंद्र-राज्य संबंध देश के भीतर केंद्र सरकार और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच शक्तियों,यों जिम्मेदारियों और संसाधनों के वितरण और बंटवारे को संदर्भित करते हैं।
ये संबंध भारत सरकार के संघीय ढांचे के लिए महत्वपूर्ण हैं, जैसा कि भारत के संविधान में परिभाषित किया गया है। संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की शक्तियों और कार्यों का वर्णन करता है, और यह राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित करते हुए दोनों के बीच संतुलन बनाए रखने का प्रयास करता है।
अनुच्छेद 256 से लेकर अनुच्छेद 263 तक केंद्र-राज्य प्रशासनिक सम्बन्धों (Centre-State Administrative Relations) का वर्णन है। और यह भाग केंद्र-राज्य संबन्धों से जुड़े बहुत सारे कॉन्सेप्टों को आधार प्रदान करता है; जिसमें से कुछ प्रमुख है;
राज्यों की ओर संघ की बाध्यता (Union’s obligation towards the states)
राज्यों पर संघ का नियंत्रण (Union control over states)
जल संबंधी विवाद (Water disputes)
इस लेख में हम अनुच्छेद 263 को समझने वाले हैं; लेकिन अगर आप इस पूरे टॉपिक को एक समग्रता से (मोटे तौर पर) Visualize करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लेख से शुरुआत कर सकते हैं;
⚫ अंतर्राज्यीय परिषद (Inter-state council)
Closely Related to Article 263
| अनुच्छेद 263 – अंतरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध (Provisions With Respect To An Inter-State Council)
अनुच्छेद 263 के तहत अंतरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध (Provisions with respect to an inter-State Council) का वर्णन है।
अनुच्छेद 263 के तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति को यदि लगता है कि ऐसी किसी अंतर्राज्यीय परिषद (interstate council) का गठन सार्वजनिक हित में है तो वह ऐसी परिषद का गठन कर सकता है। इस परिषद के निम्नलिखित कर्तव्य होंगेहों गे;
(क) राज्यों के मध्य उत्पन्न विवादों की जांच करना तथा ऐसे विवादों पर सलाह देना
(ख)* ऐसे विषय, जिसमें राज्यों के साथ-साथ केंद्र का भी समान हित हो, उस पर अन्वेषण तथा विचार-विमर्श करना। (ग)* ऐसे विषयों के लिए विशेष तौर पर बनाये गये नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए संस्तुति (Recommendation) देना।
राष्ट्रपति अगर इस तरह का कोई परिषद बनाता है तो राष्ट्रपति का ही यह काम होगा कि वह उस परिषद् द्वारा किए जाने वाले कर्तव्यों की प्रकृति को तथा उसके संगठन और प्रक्रिया को परिनिश्चित करे।
अब तक इन उपबंधों का उपयोग करके राष्ट्रपति निम्न परिषदों का गठन कर चुका है।
◾ केन्द्रीय स्वास्थ्य परिषद,
◾ केन्द्रीय स्थानीय सरकार तथा शहरी विकास परिषद,
◾ बिक्री कर हेतु उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी तथा दक्षिणी क्षेत्रों के लिए चार क्षेत्रीय परिषदें।
यहाँ याद रखने वाली बात ये है कि उच्चतम न्यायालय जिस तरह से अनुच्छेद 131 का प्रयोग करके राज्यों के मध्य विवादों के निर्णय देती है। उसी प्रकार के अधिकार इन परिषदों के पास भी होता है। अंतर बस इतना होता है कि परिषद का कार्य सलाहकारी होता है जबकि उच्चतम न्यायालय का निर्णय अनिवार्य रूप से मान्य।
Article 263 in Nutshell
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 263 एक अंतर-राज्य परिषद (ISC) की स्थापना का प्रावधान करता है। ISC एक सलाहकार निकाय है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से बना है।
आईएससी उन विषयों की जांच और चर्चा करने के लिए जिम्मेदार है जिनमें कुछ या सभी राज्यों,ज्यों या संघ और एक या अधिक राज्यों का साझा हित है। आईएससी इन विषयों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को सिफारिशें भी कर सकता है।
केंद्र तथा राज्य सम्बन्धों पर सुझाव देने के लिए गठित सरकारिया आयोग (1983 – 87) संविधान के अनुच्छेद 263 के अंतर्गत नियमित अंतर्राज्यीय परिषद की स्थापना के लिए सुझाव दिये। यानी कि एक ऐसा परिषद जिसके पास अनुच्छेद 263 के उपखंड* ‘ख’ और ‘ग’ से संबंधित जिम्मेदारियाँ भी हो और इसी अनुच्छेद के तहत बनाए गए अन्य परिषदों से अलग रह कर काम कर सकें।
सरकारिया आयोग की सिफ़ारिशों को मानते हुए, वी पी सिंह के नेतृत्व वाली जनता दल सरकार ने 1990 में अंतर्राज्यीय परिषद का गठन किया। इसमें निम्न सदस्य थे।
▪ अध्यक्ष – प्रधानमंत्री।
▪ सभी राज्यों के मुख्यमंत्री।
▪ विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री।
▪ उन केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक जहां विधानसभा नहीं है
▪ राष्ट्रपति शासन वाले राज्यों के राज्यपाल। तथा,
▪ प्रधानमंत्री द्वारा नामित छह केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री (गृह मंत्री को शामिल करते हुए)
यहाँ ध्यान देने वाली ये है कि प्रधानमंत्री द्वारा नामित पाँच कैबिनेट मंत्री परिषद के स्थायी आमंत्रित सदस्य होते हैं।
इस परिषद के कार्य निम्नलिखित है। आप नीचे देख सकते हैं जो इसका काम वही है जो अनुच्छेद 263 के क्लॉज़ ‘ख’ और ‘ग’ में वर्णित है।
▪️ऐसे विषयों पर अन्वेषन तथा विचार विमर्श करना जिनमें राज्यों अथवा केंद्र का साझा हित निहित हो। ▪️इन विषय पर नीति तथा इसके क्रियान्वयन में बेहतर समन्वय के लिए संस्तुति करना।
▪️ऐसे दूसरे विषयों पर विचार-विमर्श करना जो राज्यों के सामान्य हित में हो, और अध्यक्ष द्वारा इसे सौपे गए हों।हों
ISC ने कई अंतर-राज्यीय विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उदाहरण के लिए, आईएससी नदी जल के बंटवारे, प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन और केंद्रीय कानूनों के कार्यान्वयन पर विवादों को सुलझाने में शामिल रहा है। आईएससी ने इन विषयों पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को कई सिफारिशें भी की हैं।
परिषद की एक सलाहकार भूमिका है, और इसकी सिफारिशें संघ या राज्यों पर बाध्यकारी नहीं हैं। हालाँकि, राष्ट्रपति किसी भी मामले को विचार के लिए परिषद को भेज सकता है, और उससे राष्ट्रपति को सिफारिशें प्रदान करने की अपेक्षा की जाती है।
अंतर-राज्य परिषद की स्थापना का उद्देश्य संघ और राज्यों के बीच संवाद और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करके सहकारी संघवाद की भावना को बढ़ावा देना है। यह आम चिंता के मुद्दों पर विचारों और सिफारिशों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है।
कुल मिलाकर, अंतर्राज्यीय परिषद (interstate council) एक महत्वपूर्ण निकाय है जो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह एक ऐसा मंच है जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने मतभेदों पर चर्चा कर सकती हैं और आम समस्याओं का समाधान ढूंढ सकती हैं।
तो यही है अनुच्छेद 263 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल–जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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1. What is the main purpose of Article 263 of the Indian Constitution?
a) Establishing the President’s authority
b) Facilitating the formation of the Lok Sabha
c) Promoting coordination and cooperation among States and between the Union and States d) Defining the powers of the Prime Minister
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2. Who chairs the Inter-State Council established under Article 263?
a) President of India
b) Chief Justice of India
c) Prime Minister of India
d) Chief Ministers of States
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3. What is the advisory role of the Inter-State Council according to Article 263?
a) It can issue binding directives to States
b) Its recommendations are binding on the Union
c) Its recommendations are not binding on the Union or States
d) It has the power to veto legislation
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4. What subjects can the Inter-State Council discuss and make recommendations on under Article 263?
a) Only matters related to defense
b) Only economic and social planning
c) Only disputes and grievances
d) Matters of common interest in economic and social planning, disputes and grievances, and any other matter referred to it by the President
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5. Who are the members of the Inter-State Council according to Article 263?
a) Chief Ministers of States and Union Territories only
b) Prime Minister and Chief Ministers of States only
c) Prime Minister, Chief Ministers of States, and Union Ministers concerned with the subject under discussion
d) President, Prime Minister, and Chief Ministers of States only
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6. Which of the following is a limitation on the power of the ISC?
(a) The ISC is an advisory body, and its recommendations are not binding on the Union Government or the State Governments.
(b) The ISC cannot legislate on any matter.
(c) Both (a) and (b)
(d) None of the above
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7. Which of the following is the most important implication of Article 263 of the Indian Constitution?
(a) It establishes the Inter-State Council, which is a forum where the Union Government and the State Governments can discuss their differences and find solutions to common problems. (b) It helps to promote cooperation and coordination between the Union Government and the State Governments.
(c) It helps to ensure that the federal structure of the Indian Constitution functions effectively. (d) All of the above
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