Article 279A of the Constitution | अनुच्छेद 279क व्याख्या
यह लेख Article 279A (अनुच्छेद 279क) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों
संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
�� अनुच्छेद 279A (Article 279क) – Original
भाग 12 अध्याय 1 – वित्त (संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण) 1 ================= 1. संविधान (एक सौं एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 का धारा 2 द्वारा (12-9-2016 से) अन्तः स्थापित। |
अनुच्छेद 279A हिन्दी संस्करण
Part XII Chapter 1 – Finance (Distribution of revenues between the Union and the States) 1 ============ 1. Ins. by the Constitution (One Hundred and First Amendment) Act, 2016, s. 12 (w.e.f. 12-9-2016). |
Article 279A English Version
�� Article 279A Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 12, अनुच्छेद 264 से लेकर अनुच्छेद 300क तक कुल 4अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।
Title वित्त (Finance) | Articles Article 264 – 291 | |
II | उधार लेना (Borrowing) | Article 292 – 293 |
III | संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) | 294 – 300 |
IV | संपत्ति का अधिकार (Rights To Property) | 300क |
जैसा कि आप देख सकते हैं यह पूरा भाग संपत्ति संविदाएं, अधिकार, दायित्व, बाध्यताएं और वाद (PROPERTY, CONTRACTS, RIGHTS, LIABILITIES, OBLIGATIONS AND SUITS) के बारे में है।
संविधान का यही वह भाग है जिसके अंतर्गत हम निम्नलिखित चीज़ें पढ़ते हैं;
कर व्यवस्था (Taxation System)
विभिन्न प्रकार की निधियाँ (different types of funds)
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of revenues between the Union and the States)
भारत सरकार या राज्य सरकार द्वारा उधार लेने की व्यवस्था (Borrowing arrangement by Government of India or State Government)
संपत्ति का अधिकार (Rights to Property), इत्यादि।
संविधान के इस भाग (भाग 12) के पहले अध्याय को तीन उप-अध्यायों (Sub-chapters) में बांटा गया है। जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं;
Sub-Chapters Title साधारण (General) | Articles Article 264 – 267 |
संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution Of Revenues Between The Union And The States) | Article 268 – 281 |
प्रकीर्ण वित्तीय उपबंध (Miscellaneous Financial Provisions) | 282 – 291* |
* अनुच्छेद 291 को 26वें संविधान संशोधन अधिनियम 1971 की मदद से निरसित (Repealed) कर दिया गया है।
इस लेख में हम अनुच्छेद 279A को समझने वाले हैं; जो कि संघ और राज्यों के बीच राजस्वों का वितरण (Distribution of
revenues between the Union and the States) के तहत आता है। हालांकि मोटे तौर पर समझने के लिए आप नीचे दिये
गए लेख से स्टार्ट कर सकते हैं;
⚫ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंध Center-State Financial Relations)
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| अनुच्छेद 279A – माल और सेवा कर परिषद् (Goods And Services Tax Council)
अनुच्छेद 279A के तहत माल और सेवा कर परिषद् (Goods And Services Tax Council) का वर्णन है। जैसा कि हम जानते हैं साल 2017 से भारत ने पुरानी कर व्यवस्था को खत्म कर GST नाम से एक नयी और एकीकृत प्रणाली को अपनाया है।
इस अनुच्छेद को भी साल 2016 में 101वां संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से अंतः स्थापित किया गया है। इस अनुच्छेद की मदद से जीएसटी परिषद (GST Council) का गठन किया गया है। इस अनुच्छेद के तहत कुल 11 खंड है।
अनुच्छेद 279A के खंड (1) तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति, संविधान (एक सौं एकवां संशोधन) अधिनियम, 2016 के प्रारंभ की तारीख से साठ दिन के भीतर, आदेश द्वारा, माल और सेवा कर परिषद् के नाम से ज्ञात एक परिषद् का गठन करेगा।
इस खंड से यह सुनिश्चित किया गया था कि जीएसटी के लिए जो संविधान में 101वां संशोधन हुआ है उसके लागू होने के 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति आदेश द्वारा माल और सेवा कर परिषद् (GST Council) नाम से एक परिषद का गठन करेगा।
8 सितंबर को इस अधिनियम को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली और जीएसटी परिषद को 15 सितंबर 2016 को अधिसूचित किया गया। जीएसटी परिषद की सहायता के लिए, जीएसटी परिषद सचिवालय का कार्यालय भी स्थापित किया गया था।
अनुच्छेद 279A के खंड (2) तहत बताया गया है कि माल और सेवा कर परिषद् किन लोगों से बनेगा। इस खंड के अनुसार GST Council निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर बनेगी, —
(क) संघ का वित्त मंत्री — अध्यक्ष ;
(ख) राजस्व या वित्त के प्रभारी केंद्रीय राज्य मंत्री – सदस्य;
(ग) वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित कोई अन्य मंत्री – सदस्य।
अनुच्छेद 279A के खंड (3) तहत बताया गया है कि खंड (2) के उपखंड (ग) में निर्दिष्ट माल और सेवा कर परिषद् के सदस्य, यथाशीघ्र अपने में से एक सदस्य को ऐसी अवधि के लिए, जो वे विनिश्चित करें, परिषद् का उपाध्यक्ष चुनेंगे।
जीएसटी काउंसिल का अध्यक्ष तो केंद्रीय वित्त मंत्री होता है लेकिन उसका उपाध्यक्ष (Vice-Chairperson) का चुनाव प्रत्येक राज्यों के वित्त मंत्री या उसके जगह पर आए व्यक्ति द्वारा होता है।
उपाध्यक्ष (Vice-Chairperson) के पद की अवधि क्या होगी इसे भी जीएसटी काउंसिल ही तय करता है।
अनुच्छेद 279A के खंड (4) तहत बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल का मुख्य काम निम्नलिखित के संबंध में संघ और राज्यों को सिफ़ारिश करना है;–
(क) संघ, राज्यों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए गए कर (Taxes), उपकर (Cess) और अधिभार (Surcharge) जिन्हें वस्तु और सेवा कर में शामिल किया जा सकता है;
(ख) वे वस्तुएँ और सेवाएँ जो GST के अधीन हो सकती हैं या उनसे छूट प्राप्त हो सकती हैं;
(ग) मॉडल जीएसटी कानून, लेवी के सिद्धांत, अनुच्छेद 269ए के तहत अंतर-राज्य व्यापार या वाणिज्य के दौरान आपूर्ति पर लगाए गए माल और सेवा कर का विभाजन और आपूर्ति के स्थान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत;
(घ) टर्नओवर की वह प्रारंभिक सीमा जिसके नीचे वस्तुओं और सेवाओं को माल और सेवा कर से छूट दी जा सकती है; (ङ) GST के समूहों के साथ दरें जिनके अंतर्गत न्यूनतम दरें भी हैं ;
(च) किसी प्राकृतिक आपदा या आपदा के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए किसी निर्दिष्ट अवधि के लिए कोई विशेष दर या दरें;
(छ) अरुणाचल प्रदेश, असम, जम्मू-कश्मीर, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध ; और
(ज) माल और सेवा कर से संबंधित कोई अन्य विषय, जो परिषद् द्वारा विनिश्चित किया जाए।
अनुच्छेद 279A के खंड (5) तहत बताया गया है कि वस्तु एवं सेवा कर परिषद उस तारीख की सिफारिश करेगी जिस दिन पेट्रो लियम क्रूड, हाई स्पीड डीजल, मोटर स्पिरिट (आमतौर पर पेट्रो ल के रूप में जाना जाता है), प्राकृतिक गैस और विमानन टरबाइन ईंधन पर वस्तु एवं सेवा कर लगाया जाएगा।
कहने का अर्थ है कि अभी पेट्रो ल, प्राकृतिक गैस आदि पर जीएसटी नहीं लगता है और यह उस दिन से लागू होगा जो दिन जीएसटी काउंसिल तय करेगा।
अनुच्छेद 279A के खंड (6) तहत बताया गया है कि इस अनुच्छेद द्वारा प्रदत्त कृत्यों का निर्वहन करते समय, माल और सेवा कर परिषद् माल और सेवा कर की सामंजस्यपूर्ण संरचना और माल और सेवाओं के लिए सुव्यवस्थित राष्ट्री य बाजार के विकास की आवश्यकता द्वारा मार्गदर्शित होगी।
दरअसल यह खंड GST के मार्गदर्शक सिद्धांत (Guiding Principles) के बारे में बताता है। इस अनुच्छेद द्वारा प्रदत्त कार्यों का निर्वहन करते समय जीएसटी काउंसिल निम्नलिखित सिद्धांतों द्वारा मार्गदर्शित होगा;
1) माल और सेवा कर की सामंजस्यपूर्ण संरचना;
2) माल और सेवाओं के लिए सुव्यवस्थित राष्ट्री य बाजार के विकास की आवश्यकता।
अनुच्छेद 279A के खंड (7) तहत बताया गया है कि माल और सेवा कर परिषद् की, उसकी बैठकों में, गणपूर्ति परिषद् के कुल सदस्यों के आधे सदस्यों से मिलकर होगी।
गणपूर्ति या कोरम का मतलब उस न्यूनतम सदस्यों से जिसके बिना परिषद की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है। जीएसटी काउंसिल के मामले में यह कुल सदस्यों का आधा है। यानि कि जब तक आधे सदस्य काउंसिल में उपस्थित नहीं होंगे जीएसटी काउंसिल की कार्यवाही शुरू नहीं होगी।
अनुच्छेद 279A के खंड (8) तहत बताया गया है कि माल और सेवा कर परिषद् अपने कृत्यों के पालन के लिए प्रक्रिया अवधारित करेगी। जीएसटी काउंसिल को अपनी प्रक्रिया खुद निर्धारित करने की शक्ति मिली हुई है।
अनुच्छेद 279A के खंड (9) तहत बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल के निर्णय किस बहुमत के द्वारा लिए जाएंगे।
इस खंड के अनुसार, जीएसटी काउंसिल का प्रत्येक निर्णय उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के कम से कम तीन चौथाई मतों के बहुमत से लिया जाएगा;
लेकिन 3/4 मत प्राप्त करने के पीछे कुछ शर्ते हैं; अर्थात् —
उस बैठक में केंद्र सरकार के वोट का महत्व कुल वोटों का एक तिहाई होगा ; और
उस बैठक में सभी राज्य सरकारों के वोट कुल वोटों का दो-तिहाई होगा।
कुल मिलाकर कहने का अर्थ ये है केंद्र या राज्य सिर्फ अपने दम पर जीएसटी काउंसिल में किसी प्रस्ताव को पारित नहीं करवा सकता है।
अनुच्छेद 279A के खंड (10) तहत बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल का कोई भी कार्य या कार्यवाहियां केवल इस कारण से अविधिमान्य नहीं होंगी हों कि–
(क) परिषद् में कोई रिक्ति है या उसके गठन में कोई त्रुटि है ; या
(ख) परिषद् के किसी सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति की नियुक्ति में कोई त्रुटि है; या
(ग) परिषद् की प्रक्रिया में कोई अनियमितता है जो मामले के गुणावगुण को प्रभावित नहीं करती है ।
अनुच्छेद 279A के खंड (11) तहत बताया गया है कि जीएसटी परिषद, निम्नलिखित मामलों में परिषद की सिफारिशों या उसके कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद का निपटारा करने के लिए एक तंत्र स्थापित करेगी;
(क) भारत सरकार और एक या अधिक राज्यों के बीच ; या
(ख) एक ओर भारत सरकार और किसी राज्य या राज्यों तथा दूसरी ओर एक या अधिक अन्य राज्यों के बीच ; या (ग) दो या अधिक राज्यों के बीच।
तो यही है Article 279A, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ जीएसटी क्या है? Basics of GST
Related to Article 279A
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Question 1: Article 279A of the Indian Constitution deals with:
(a) The power of the Union Government to levy taxes on goods and services (b) The power of the State Governments to levy surcharges on the taxes levied by the Union Government
(c) The power of the Union Government to collect and distribute the Compensation Cess (d) The establishment of the Goods and Services Tax (GST) Council
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Question 2: What is the composition of the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution?
(a) The Union Finance Minister, the Union Minister of State in charge of Revenue, and the Minister in charge of Finance or Taxation or any other Minister nominated by each State Government
(b) The Prime Minister, the Union Finance Minister, and the Chief Ministers of all the States
(c) The Union Finance Minister, the Union Minister of State in charge of Commerce, and the Minister in charge of Finance or Taxation or any other Minister nominated by each State Government
(d) The President of India, the Vice President of India, and the Prime Minister of India
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Question 3: Which of the following is NOT a function of the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution?
(a) To recommend the rates of GST
(b) To recommend the principles that govern Place of Supply
(c) To recommend the threshold limits for GST registration
(d) To recommend the modalities for settlement of inter-state disputes
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Question 4: What is the main challenge associated with the GST Council under Article 279A of the Indian Constitution?
(a) It can be difficult to achieve consensus among the members of the GST Council on important issues.
(b) The GST Council is not accountable to the Parliament or to the State Legislatures. (c) The GST Council is a complex body and its decisions can be difficult to understand. (d) All of the above
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