Article 80

Article 80

Article 80 Explained in Hindi 

यह लेख अनुच्छेद 80 (Article 80) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें। 

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अनुच्छेद 80 (Article 80) 

संसद 

80. राज्य सभा की संरचना — (1) 1- 

(क) राष्ट्रपति द्वारा खंड (3) के उपबंधों के अनुसार नाम निर्देशित किए जाने वाले बारह सदस्यों,स्यों और (ख) राज्यों के 3 दो सौ अड़तीस से अनधिक प्रतिनिधियों,यों से मिलकर बनेगी। 

(2) राज्य सभा में राज्यों के और 4 प्रतिनिधियों द्वारा भरे जाने वाले स्थानों का आवंटन चौथी अनुसूची में इस निमित्त अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार होगा। 

(3) राष्ट्रपति द्वारा खंड (1) के उपखंड (क) के अधीन नामनिर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगेहों गेजिन्हे निम्नलिखित विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है, अर्थात:- साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा। 

(4) राज्यसभा में प्रत्येक 5***राज्य के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाएगा। 

(5) राज्य सभा में 6 के प्रतिनिधि ऐसी रीति से चुने जाएंगे जो संसद विधि द्वारा विहित करें। 

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1. संविधान (पैंतीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1974 की धारा 3 द्वारा (1-3-1975 से) “राज्य सभा” के स्थान पर प्रतिस्थापित। 2. संविधान (छतीसवाँ संशोधन) अधिनियम, 1975 की धारा 5 द्वारा (26-4-1975 से) “दसवीं अनुसूची के पैरा 4 के उपबंधों के अधीन रहते हुए शब्दों का लोप किया गया। 

3. संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा (1-11-1956 से) जोड़ा गया। 

4. संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा (1-11-1956 से) अंतः स्थापित। 

5. संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा “पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट” शब्दों और अक्षरों का (1-11-1956 से) लोप किया गया। 

6. संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 3 द्वारा “पहली अनुसूची के भाग ग में विनिर्दिष्ट राज्यों के स्थान पर प्रतिस्थापित। —-अनुच्छेद 80—- 

Parliament 

80. Composition of the Council of States.— (1) 1 shall consist of— 

(a) twelve members to be nominated by the President in accordance with the provisions of clause (3); and (b) not more than two hundred and thirty-eight representatives of the States 3. 

(2) The allocation of seats in the Council of States to be filled by representatives of the States 4 shall be in accordance with the provisions in that behalf contained in the Fourth Schedule. 

(3) The members to be nominated by the President under sub-clause (a) of clause (1) shall consist of persons having special knowledge or practical experience in respect of such matters as the following, namely:— Literature, science, art and social service. 

(4) The representatives of each State 5*** in the Council of States shall be elected by the elected members of the Legislative Assembly of the State in accordance with the system of proportional representation by means of the single transferable vote. 

(5) The representatives of the 6 in the Council of States shall be chosen in such manner as Parliament may by law prescribe. 

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1. . Subs. by the Constitution (Thirty-fifth Amendment) Act, 1974, s. 3, for “The Council of States” (w.e.f. 1-3- 1975). 

2. The words “Subject to the provisions of paragraph 4 of the Tenth Schedule,” omitted by the Constitution (Thirty-sixth Amendment) Act, 1975, s. 5 (w.e.f. 26-4-1975). 

3. Added by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 3 (w.e.f. 1-11-1956). 

4.Inserted by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 3 (w.e.f. 1-11-1956). 

5. The words and letters “specified in Part A or Part B of the First Schedule” omitted by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 3 (w.e.f. 1-11-1956). 

6. Subs. by s. 3, ibid, for “States specified in Part C of First Schedule” (w.e.f. 1-11-1956). 

—Article 80— 

�� Article 80 Explanation in Hindi 

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का दूसरा अध्याय है – संसद (Parliament)। 

संसद के तहत अनुच्छेद 79 से लेकर 122 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के संसद की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), लोकसभा (Lok Sabha), एवं राज्यसभा (Rajya Sabha) आते हैं। 

तो इस अध्याय के तहत आने वाले अनुच्छेदों में हम संसद (Parliament) को विस्तार से समझने वाले हैं। यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है। 

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अध्याय II अंतर्गत अनुच्छेद 79 से लेकर अनुच्छेद 122 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 80 (Article 80) को समझने वाले हैं

⚫ अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान 

⚫ अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान 

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| अनुच्छेद 80 – राज्य सभा की संरचना 

अनुच्छेद 79 के तहत, देश के सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के रूप में संसद की व्यवस्था की गई है। जो कि अपने तीन घटकों के माध्यम से संचालित होता है- राष्ट्रपति (President) और दो सदन— राज्यसभा (Rajya Sabha) एवं लोकसभा (Lok Sabha)। 

संसद के ऊपरी सदन को राज्यसभा कहा जाता है। इसके सदस्यों का चुनाव जनता सीधे नहीं करती है इसीलिए यहाँ ऐसे लोग सदस्य के रूप में आते हैं जो सामान्यतः चुनाव का सामना नहीं कर सकते हैं। 

संविधान के अनुच्छेद 80(1) और (3) के अनुसार, राज्यसभा में अधिकतम 250 सीटें हो सकती है। इसमें से 238 सीटें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए है वहीं 12 सीटें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने के लिए है। 

यहाँ यह याद रखने वाली बात है कि राष्ट्रपति, साहित्य (Literature), विज्ञान (Science), कला (Art) और समाज सेवा (Social Services) के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्ति को मनोनीत करता है। इसके पीछे उद्देश्य है कि नामी या प्रसिद्ध व्यक्ति बिना चुनाव के राज्यसभा भेजा जा सके। 

वर्तमान की बात करें तो राज्यसभा में 245 सदस्य हैं। जिसमें से 225 सदस्य राज्यों का और 8 केंद्रशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं इसके अलावा 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत हैं। 

अनुच्छेद 80(2) के अनुसार, राज्य सभा में राज्यों के और और संघ राज्यक्षेत्रों के प्रतिनिधियों द्वारा भरे जाने वाले स्थानों का आवंटन चौथी अनुसूची में इस निमित्त अंतर्विष्ट उपबंधों के अनुसार होगा। 

किस राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को राज्यसभा में कितनी सीटें आवंटित की गई है इसका वर्णन संविधान की चौथी अनुसूची में किया गया है। जिसे आप यहाँ से देख सकते हैं – 4th schedule pdf 

State/Union Territory Number of Seats
Andhra Pradesh 11
Arunachal Pradesh 1
Assam 7
Bihar 16
Chhattisgarh 5
Goa 1
Gujarat 11
Haryana 5
Himachal Pradesh 3
Jharkhand 6
Karnataka 12
Kerala 9
Madhya Pradesh 11
Maharashtra 19
Manipur 1
Meghalaya 1
Mizoram 1
Nagaland 1
Odisha 10
Punjab 7
Rajasthan 10
Sikkim 1
Tamil Nadu 18
Telangana 7
Tripura 1
Uttar Pradesh 31
Uttarakhand 3
West Bengal 16
National Capital Territory of Delhi 3
Puducherry 1
Jammu & Kashmir 4
Nominated Members 12
Total 245
https://www.mea.gov.in/Images/pdf1/S4.pdf

राज्यसभा के लिए राज्यों की सीटों का बंटवारा उनकी जनसंख्या के आधार पर होता है। इसीलिए जिस राज्य की जनसंख्या अधिक है उसे सीटें भी अधिक मिली है और कम जनसंख्या वाले राज्य को कम सीटें। जैसे उत्तर प्रदेश में राज्यसभा के लिए 31 सीटें है जबकि त्रिपुरा में सिर्फ 1, वहीं केंद्रशासित प्रदेश की बात करें तो दिल्ली व पुडुचेरी को ही राज्यसभा में सीटें मिली है। 

लेकिन अब चूंकि जम्मू-कश्मीर भी केंद्रशासित प्रदेश हो गया है जिसके पास राज्यसभा में 4 सीटें पहले से है तो अब उसकी भी गिनती केंद्रशासित प्रदेश में होगा। इसके अलावे जो अन्य केंद्रशासित प्रदेश है उसे राज्यसभा में इसलिए प्रतिनिधित्व नहीं मिला है क्योंकिक्यों इन प्रदेशों की जनसंख्या बहुत कम है। 

अनुच्छेद 80(4) के अनुसार, राज्यसभा में प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति (Proportional Representation System) के अनुसार एकल संक्रमणीय मत (Single Transferable Vote) द्वारा किया जाएगा। 

उदाहरण से समझिए

◾ प्रत्येक राज्य के लिए राज्यसभा सीट का कोटा संविधान की अनुसूची 4 के अनुसार निर्धारित है (जैसा कि हमने ऊपर देखा)। राज्यसभा के सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष के लिए होता है और और जितनी भी सीटें हैं उनमें से 1/3 सीटों पर हर 2 साल में चुनाव होते हैं। 

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि किसी राज्य से 1 सीट के लिए राज्यसभा चुनाव होना है। और यह भी मान लेते हैं कि राज्य विधानमंडल में दो मुख्य दल है, बीजेपी और काँग्रेस। बीजेपी के पास 100 सीटें हैं और कांग्रेस के पास 60 सीटें हैं। यानि कि विधानसभा में कुल 160 निर्वाचित सदस्य है। 

चूंकि राज्यसभा की 1 सीट उस राज्य से खाली हैं इसीलिए दोनों पार्टियां राज्यसभा की 1 सीट के लिए एक-एक उम्मीदवार उतार सकती हैं। 

जीतने के लिए कितना वोट चाहिए

राज्यसभा सीट जीतने के लिए उम्मीदवार को आवश्यक संख्या में वोट मिलने चाहिए। वह संख्या (भागफल) नीचे दिए गए सूत्र का प्रयोग करके निकाली जाती है। लेकिन याद रखिए कि जब सिर्फ एक सीट का चुनाव होता है तब यह फॉर्मूला काम करता है। 

जीतने का कोटा = कुल वोटों की संख्या / (राज्यसभा सीटों की संख्या + 1) + 1 

कोटा = (160/1+1) +1 = 81 

यानि कि 1 राज्यसभा सदस्य बनने के लिए 81 MLA का वोट चाहिए। भाजपा के पास 100 MLA है इसीलिए एक सामान्य स्थिति में उसका प्रतिनिधि राज्यसभा जाएगा। 

लेकिन अगर 1 से अधिक सीटों के लिए चुनाव होना हो तो फॉर्मूला में कुल MLA के संख्या में 100 से गुना कर दिया जाता है। यानि कि इसे कुछ इस तरह से लिखा जाता है। 

जीतने का कोटा = कुल वोटों की संख्या x 100 / (राज्यसभा सीटों की संख्या + 1) + 1 

अगर मान लें कि तीन सीटों के लिए चुनाव होना है तो एक निश्चित संख्या में मत मूल्य प्राप्त करना होगा। यानि कि (160×100/ 3+1)+1 = 4001 

यानि कि एक उम्मीदवार को जिताने के लिए 4001 मतमूल्य की जरूरत होगी। चूंकि बीजेपी के पास 100 MLA है और सभी का मत मूल्य 10000 हुआ। 

तीनों उम्मीदवारों को जिताने के लिए 12003 मत मूल्य चाहिए, लेकिन चूंकि बीजेपी के पास 10000 मत मूल्य ही है इसीलिए वो अपने दो उम्मीदवारों को ही जीता सकता है (सामान्य स्थिति में)। 

याद रखें; सदस्य प्रत्येक सीट के लिए मतदान नहीं करते हैं। अगर ऐसा होता तो सत्ता पक्ष के प्रतिनिधि ही जीतते। इसके बजाय, सदस्य प्रत्येक उम्मीदवार को 1, 2, 3, 4, 5 और 6 के रूप में वरीयता (Preference) देते हैं। 

यदि 41 या अधिक सदस्य किसी उम्मीदवार को अपनी पहली पसंद के रूप में चुनते हैं, तो वह निर्वाचित हो जाता है। वहीं कांग्रेस के पास भी चूंकि 60 सीटें हैं इसीलिए एक सदस्य उसका भी निर्वाचित हो सकता है यदि सदस्य पहली वरीयता के रूप में अपने उम्मीदवार के लिए वरीयता देते हैं। 

वहीं बीजेपी 2 सदस्यों को आसानी से निर्वाचित करवा सकता है क्योंकिक्यों वो 100 सदस्यों में से 82 वोट प्राप्त कर सकती है। 

⚫ राज्यसभा के लिए चुनाव कैसे होता है इसपर हमने विस्तार पूर्वक उदाहरणों के साथ बात किया है, तो आप उसे अवश्य पढ़ें: राज्यसभा चुनाव: उदाहरण सहित 

अनुच्छेद 80(5) के अनुसार, राज्य सभा में संघ राज्यक्षेत्रों (Union Territories) के प्रतिनिधि ऐसी रीति से चुने जाएंगे जो संसद, विधि द्वारा विहित (prescribe) करें। 

यानि कि राज्यों से राज्यसभा सदस्य किस तरह से चुन कर आएंगे वो तो अनुच्छेद 80(3) में बता दिया गया है लेकिन केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में इसे संसद पर छोड़ दिया गया है। संसद इसके लिए वही नियम अपनाता है, जो राज्यों के लिए अपनाया जाता है। 

तो यही है अनुच्छेद 80 (Article 80), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। 

⚫ अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान 

⚫ अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान 

Article 80 

FAQ. अनुच्छेद 80 (Article 80) क्या है

अनुच्छेद 80 राज्य सभा की संरचना के बारे में है। इस अनुच्छेद के अनुसार राज्यसभा में अधिकतम 250 सीटें हो सकती है। इसमें से 238 सीटें राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व के लिए है वहीं 12 सीटें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाने के लिए है। अभी फिलहाल राज्यसभा में 245 सीटें है। 

विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;