यह लेख Article 243ZH (अनुच्छेद 243यज) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें। खासकर के टेलीग्राम और यूट्यूब से जरूर जुड़ जाएं;
⬇️⬇️⬇️

📜 अनुच्छेद 243यज (Article 243ZH) – Original

*भाग 9ख [सहकारी सोसाइटियाँ]
243ZH. परिभाषाएं — इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,-

(क) ‘प्राधिकृत व्यक्ति” से अनुच्छेद 243यथ में उस रूप में निर्दिष्ट कोई व्यक्ति अभिप्रेत है :

(ख) “बोर्ड” से किसी सहकारी सोसाइटी का निदेशक बोर्ड या शासी निकाय, चाहे किसी भी नाम से ज्ञात हो, जिसको किसी सोसाइटी के कार्यकलापों के प्रबंध का निदेशन और नियंत्रण सौंपा गया हो, अभिप्रेत है :

(ग) “सहकारी सोसाइटी” से ऐसी सोसाइटी अभिप्रेत है, जो किसी राज्य में तत्समय प्रवृत्त सहकारी सोसाइटियों से संबंधित किसी विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत है या रजिस्ट्रीकृत समझी गई है;

(घ) “बहुराज्य सहकारी सोसाइटी” से ऐसी सोसाइटी अभिप्रेत है, जिसके उद्देश्य एक राज्य तक सीमित नहीं हैं और जो ऐसी सहकारी सोसाइटियों से संबंधित तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत है या रजिस्ट्रीकृत समझी गई है :

(ङ) “पदाधिकारी” से किसी सहकारी सोसाइटी का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति, उपसभापत्ति, सचिव या कोषाध्यक्ष अभिप्रेत है और जिनमें किसी सहकारी सोसाइटी के बोर्ड द्वारा निर्वाचित किया जाने वाला कोई अन्य व्यक्ति भी सम्मिलित है :

(च) “रजिस्ट्रार” से बहुराज्य सहकारी सोसाइटियों के संबंध में केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त केन्द्रीय रजिस्ट्रार और सहकारी सोसाइटियों के संबंध में किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सहकारी सोसाइटियों का रजिस्ट्रार अभिप्रेत है :

(छ) “राज्य अधिनियम” से किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई कोई विधि अभिप्रेत है ;

(ज) “राज्य स्तरीय सहकारी सोसाइटी” से ऐसी सहकारी सोसाइटी अभिप्रेत है, जिसका सम्पूर्ण राज्य पर विस्तारित अपना प्रचालन क्षेत्र है और जिसको किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि में उस रूप में परिभाषित किया गया है।
==================
* संविधान (सतानवैवां संशोधन) अधिनियम, 2011 का धारा 4 द्वारा (15-2-2012 से) अंतःस्थापित।
अनुच्छेद 243ZH हिन्दी संस्करण

*Part IXB [THE CO-OPERATIVE SOCIETIES]
243ZH. Definitions— In this Part, unless the context otherwise requires,—
(a) “authorised person” means a person referred to as such in article 243ZQ;
(b) “board” means the board of directors or the governing body of a co-operative society, by whatever name called, to which the direction and control of the management of the affairs of a society is entrusted to;
(c) “co-operative society” means a society registered or deemed to be registered under any law relating to co-operative societies for the time being in force in any State;
(d) “multi-State co-operative society” means a society with objects not confined to one State and registered or deemed to be registered under any law for the time being in force relating to such co-operatives;
(e) “office bearer” means a President, Vice-President, Chairperson, Vice-Chairperson, Secretary or Treasurer, of a co-operative society and includes any other person to be elected by the board of any co-operative society;
(f) “Registrar” means the Central Registrar appointed by the Central Government in relation to the multi-State co-operative societies and the Registrar for co-operative societies appointed by the State Government
under the law made by the Legislature of a State in relation to co-operative societies;
(g) “State Act” means any law made by the Legislature of a State;
(h) “State level co-operative society” means a co-operative society having its area of operation extending to the whole of a State and defined as such in any law made by the Legislature of a State.
================
2. Ins. by the Constitution (Ninety-seventh Amendment) Act, 2011, s. 4 (w.e.f. 15-2-2012).
Article 243ZH English Version

🔍 Article 243ZH Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 9B, अनुच्छेद 243ZG से लेकर अनुच्छेद 243ZT तक विस्तारित है। यह भाग भारत में सहकारी सोसाइटियों की नींव रखता है जो कि हमेशा से संविधान का हिस्सा नहीं था बल्कि इसे साल 2012 में 97वां संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से संविधान का हिस्सा बनाया गया।

सहकारी सोसाइटियाँ स्वयं सहायता संगठनों का एक रूप हैं जो समान आर्थिक, सामाजिक या सांस्कृतिक हितों वाले व्यक्तियों द्वारा स्थापित की जाती हैं। ये समितियाँ भारत के सहकारी कानूनों और विनियमों द्वारा शासित होती हैं, और वे आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

भारत में सहकारी सोसाइटियाँ संगठन के एक अनूठे और महत्वपूर्ण रूप के रूप में कार्य करती हैं जो समुदायों और व्यक्तियों के बीच सामूहिक कार्रवाई, आर्थिक सहयोग और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देती हैं।

संविधान (सतानवेवां संशोधन) अधिनियम 2011 की मदद से इसे संविधान में अंतःस्थापित किया गया था। इस संविधान संशोधन की मदद से मुख्यत: तीन चीज़ें की गई थी;

1) सहकारी समिति बनाने के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया।
2) राज्य के नीति निदेशक तत्व में इसे अनुच्छेद 43B के तहत जोड़ा गया। और,
3) संविधान में एक नया खंड 9B जोड़ा जिसके तहत अनुच्छेद ZH से लेकर ZT तक 13 अनुच्छेदों को जोड़ा गया।

कहने का अर्थ है कि भाग 9B पूरी तरह से सहकारी सोसाइटियों (Cooperative Societies) को समर्पित है। इसके तहत कुल 13 अनुच्छेद आते हैं जिसकी मदद से सहकारी सोसाइटियों को एक संवैधानिक संस्था बनाया गया।

इस लेख में हम अनुच्छेद 243ZH को समझने वाले हैं;

याद रखें, सहकारी सोसाइटी के पूरे संवैधानिक कॉन्सेप्ट को समझने के लिए भाग 9B के तहत आने वाले पूरे 13 अनुच्छेद को एक साथ जोड़कर पढ़ना और समझना जरूरी है। अगर आप चीजों को समग्रता के साथ समझना चाहते हैं तो पहले कृपया नीचे दिए गए दोनों लेखों को पढ़ें और समझें;

| अनुच्छेद 243ZH – परिभाषाएं (Definitions)

अनुच्छेद 243ZH के तहत परिभाषाएं (Definitions) के बारे में बताया गया है।

दरअसल सहकारी सोसाइटी के बारे में आगे जितने भी अनुच्छेद आने वाले हैं उसमें जो कुछ विशेष टर्म इस्तेमाल हुआ है उसका क्या मतलब माना जाएगा उसे ही इस अनुच्छेद में बताया गया है, तो जब तक इस भाग में, संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, तब तक उसका मतलब वही होगा जो कि नीचे उल्लिखित है;

इस अनुच्छेद में 8 टर्म्स की परिभाषा दी गई है जिसे कि आप नीचे देख सकते हैं;

प्राधिकृत व्यक्ति (Authorised person) कौन है?

‘प्राधिकृत व्यक्ति” का मतलब अनुच्छेद 243ZQ में उस रूप में निर्दिष्ट कोई व्यक्ति से है :

बोर्ड (board) क्या है?

“बोर्ड” का मतलब किसी सहकारी सोसाइटी का निदेशक बोर्ड या शासी निकाय, चाहे किसी भी नाम से ज्ञात हो, जिसको किसी सोसाइटी के कार्यकलापों के प्रबंध का निदेशन और नियंत्रण सौंपा गया हो, से है :

सहकारी सोसाइटी (co-operative society) क्या है?

“सहकारी सोसाइटी” का मतलब ऐसी सोसाइटी से है, जो किसी राज्य में तत्समय प्रवृत्त सहकारी सोसाइटियों से संबंधित किसी विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत है या रजिस्ट्रीकृत समझी गई है;

बहुराज्य सहकारी सोसाइटी (multi-State co-operative society) क्या है?

“बहुराज्य सहकारी सोसाइटी” का मतलब ऐसी सोसाइटी से है, जिसका उद्देश्य एक राज्य तक सीमित नहीं हैं और जो ऐसी सहकारी सोसाइटियों से संबंधित तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन रजिस्ट्रीकृत है या रजिस्ट्रीकृत समझी गई है :

पदाधिकारी (office bearer) कौन है?

“पदाधिकारी” का मतलब किसी सहकारी सोसाइटी का अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति, उपसभापत्ति, सचिव या कोषाध्यक्ष से है और जिनमें किसी सहकारी सोसाइटी के बोर्ड द्वारा निर्वाचित किया जाने वाला कोई अन्य व्यक्ति भी सम्मिलित है :

रजिस्ट्रार (Registrar) क्या है?

“रजिस्ट्रार” का मतलब बहुराज्य सहकारी सोसाइटियों के संबंध में केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त केन्द्रीय रजिस्ट्रार और सहकारी सोसाइटियों के संबंध में किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई विधि के अधीन राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सहकारी सोसाइटियों का रजिस्ट्रार से है :

राज्य अधिनियम (State Act) क्या है?

“राज्य अधिनियम” का मतलब किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई कोई विधि से है ;

राज्य स्तरीय सहकारी सोसाइटी (State level co-operative society) क्या है?

“राज्य स्तरीय सहकारी सोसाइटी” से ऐसी सहकारी सोसाइटी अभिप्रेत है, जिसका सम्पूर्ण राज्य पर विस्तारित अपना प्रचालन क्षेत्र है और जिसको किसी राज्य के विधान-मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि में उस रूप में परिभाषित किया गया है।

तो यही है अनुच्छेद 243ZH , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

https://wonderhindi.com/what-is-co-operative-federalism/
Must Read

सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial

| Related Article

अनुच्छेद 243ZI – भारतीय संविधान
अनुच्छेद 243ZG – भारतीय संविधान
Next and Previous to Article 243ZH
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
Important Pages of Compilation
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।