यह लेख Article 243ZF (अनुच्छेद 243यच) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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📜 अनुच्छेद 243यच (Article 243ZF) – Original

भाग 9क [नगरपालिकाएं]
243ZF. विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना — इस भाग में किसी बात के होते हुए भी, संविधान (चौहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, 1992 के प्रारंभ के ठीक पूर्व किसी राज्य में प्रवृत्त नगरपालिकाओं से संबंधित किसी विधि का कोई उपबंध, जो इस भाग के उपबंधों से असंगत है, जब तक सक्षम विधान-मंडल द्वारा या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसे संशोधित या निरसित नहीं कर दिया जाता है या जब तक ऐसे प्रारंभ से एक वर्ष समाप्त नहीं हो जाता है, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक प्रवृत्त बना रहेगा;

परंतु ऐसे प्रारंभ के ठीक पूर्व विद्यमान सभी नगरपालिकाएं, यदि उस राज्य की विधान सभा द्वारा या ऐसे राज्य की दशा में, जिसमें विधान परिषद्‌ है, उस राज्य के विधान-मंडल के प्रत्येक सदन द्वारा पारित इस आशय के संकल्प द्वारा पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती हैं तो, अपनी अवधि की समाप्ति तक बनी रहेंगी।
अनुच्छेद 243ZF हिन्दी संस्करण

Part IXA [THE MUNICIPALITIES]
243ZF. Continuance of existing laws and Municipalities— Notwithstanding anything in this Part, any provision of any law relating to Municipalities in force in a State immediately before the commencement of the Constitution (Seventy-fourth Amendment) Act, 1992, which is inconsistent with the provisions of this Part, shall continue to be in force until amended or repealed by a competent Legislature or other competent authority or until the expiration of one year from such commencement, whichever is earlier:

Provided that all the Municipalities existing immediately before such commencement shall continue till the expiration of their duration, unless sooner dissolved by a resolution passed to that effect by the Legislative Assembly of that State or, in the case of a State having a Legislative Council, by each House of the Legislature of that State.
Article 243ZF English Version

🔍 Article 243ZF Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 9A, अनुच्छेद 243P से लेकर अनुच्छेद 243ZG तक विस्तारित है। यह भाग भारत में स्थानीय स्व:शासन की नींव रखता है जो कि हमेशा से संविधान का हिस्सा नहीं था बल्कि इसे साल 1992 में 74वें संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से संविधान का हिस्सा बनाया गया।

भाग 9A पूरी तरह से नगरपालिका (Municipalities) को समर्पित है। इसके तहत कुल 18 अनुच्छेद आते हैं जिसकी मदद से नगरपालिका व्यवस्था को एक संवैधानिक संस्था बनाया गया।

नगरपालिका व्यवस्था के जुड़ने से भारत में अब सरकार की त्रिस्तरीय व्यवस्था हो गई है – संघ सरकार (Union Government), राज्य सरकार (State Government) और स्थानीय स्वशासन (जिसके अंतर्गत पंचायत एवं नगरपालिकाएं आती हैं)।

कुल मिलाकर भारत में पंचायतें गाँव, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर (त्रिस्तरीय) स्थानीय स्वशासन संस्थाएँ हैं जो जमीनी स्तर के लोकतंत्र और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस लेख में हम अनुच्छेद 243ZFको समझने वाले हैं;

याद रखें, नगरपालिका के पूरे संवैधानिक कॉन्सेप्ट को समझने के लिए भाग 9A के तहत आने वाले पूरे 18 अनुच्छेद को एक साथ जोड़कर पढ़ना और समझना जरूरी है। अगर आप चीजों को समग्रता के साथ समझना चाहते हैं तो पहले कृपया नीचे दिए गए दोनों लेखों को पढ़ें और समझें;

शहरी स्थानीय स्व-शासन (Urban Local Government)
शहरी स्थानीय स्व-शासन के प्रकार (Types of Urban local Govt.)
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| अनुच्छेद 243ZF – विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना (Continuance of existing laws and Municipalities)

अनुच्छेद 243ZF के तहत विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहने के बारे में बताया गया है।

अनुच्छेद 243ZF के तहत कहा गया है कि इस भाग में किसी बात के होते हुए भी, संविधान (चौहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, 1992 के प्रारंभ के ठीक पूर्व किसी राज्य में प्रवृत्त नगरपालिकाओं से संबंधित किसी विधि का कोई उपबंध, जो इस भाग के उपबंधों से असंगत है, जब तक सक्षम विधान-मंडल द्वारा या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसे संशोधित या निरसित नहीं कर दिया जाता है या जब तक ऐसे प्रारंभ से एक वर्ष समाप्त नहीं हो जाता है, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक प्रवृत्त बना रहेगा;

परंतु ऐसे प्रारंभ के ठीक पूर्व विद्यमान सभी नगरपालिकाएं, यदि उस राज्य की विधान सभा द्वारा या ऐसे राज्य की दशा में, जिसमें विधान परिषद्‌ है, उस राज्य के विधान-मंडल के प्रत्येक सदन द्वारा पारित इस आशय के संकल्प द्वारा पहले ही विघटित नहीं कर दी जाती हैं तो, अपनी अवधि की समाप्ति तक बनी रहेंगी।

अनुच्छेद 243ZF में मौजूदा कानूनों और नगर पालिकाओं की निरंतरता के बारे में निम्नलिखित का उल्लेख है: –

इस भाग में किसी बात के बावजूद, संविधान (चौहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 के प्रारंभ होने से ठीक पहले किसी राज्य में लागू नगर पालिकाओं से संबंधित किसी भी कानून का कोई भी प्रावधान, जो इस भाग से असंगत है, जब तक सक्षम विधान-मंडल द्वारा या अन्य सक्षम प्राधिकारी द्वारा उसे संशोधित या निरसित नहीं कर दिया जाता है तब तक लागू रहेगा।

दूसरी बात, जब तक संविधान (चौहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 को लागू होने के बाद एक वर्ष समाप्त नहीं हो जाता है तब तक पुराने प्रावधान लागू रहेगा।

हालांकि व्यवस्था ये है कि इन दोनों में से जो भी पहले होगा तब तक पुराने प्रावधान लागू रहेंगे। यहां यह भी याद रखिए कि संविधान (चौहत्तरवाँ संशोधन) अधिनियम, 1992 लागू होने से ठीक पहले विद्यमान सभी नगर पालिकाएँ अपनी अवधि की समाप्ति तक बनी रहेंगी। जब तक कि उस राज्य की विधान सभा द्वारा या विधान परिषद वाले राज्य के मामले में, उस राज्य के विधानमंडल के प्रत्येक सदन द्वारा पारित प्रस्ताव द्वारा शीघ्र ही भंग न कर दिया जाए।

कुल मिलाकर, संविधान (चौहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, 1992 से नगरपालिका व्यवस्था संवैधानिक रूप से लागू हुआ। लेकिन नगरपालिकाओं से संबंधित कई कानून इससे पहले कई राज्यों में चल रहे थे, उन्ही पुरानी क़ानूनों को संशोधित करने या समाप्त करने का एक वर्ष का समय विधानमंडलों को दिया गया ताकि नए बने कानून से वो संगत हो जाए।

अगर एक वर्ष के भीतर कुछ भी नहीं किया जाता है तो फिर वो कानून अपने आप ही समाप्त हो जाएगा।

तो यही है अनुच्छेद 243ZF, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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