यह लेख अनुच्छेद 152 (Article 152) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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Article 152


📜 अनुच्छेद 152 (Article 152) – Original

[भाग 6 “राज्य”1] अध्याय 1 — साधारण
152. परिभाषा — इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, “राज्य” पद 2[के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं है]।
1. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 का धारा 29 और अनुसूची द्वारा (1-11-1956 से) “पहली अनुसूची के भाग क में के” शब्दों का लोप किया गया।
2. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 का धारा 29 और अनुसूची द्वारा “का अर्थ पहली अनुसूची के भाग क में उल्लिखित राज्य है” के स्थान पर प्रतिस्थापित।
अनुच्छेद 152 हिन्दी संस्करण

[Part VI “State”1] CHAPTER I — GENERAL
152. Definition.— In this Part, unless the context otherwise requires, the expression “State” 2[does not include the State of Jammu and Kashmir].
1. The words “IN PART A OF THE FIRST SCHEDULE” omitted by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 29 and Sch. (w.e.f. 1-11-1956).
2. Subs. by s. 29 and Sch. ibid., for “means a State specified in Part A of the First Schedule” (w.e.f. 1-11-1956).
Article 152 English Version

🔍 Article 152 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 6, अनुच्छेद 152 से लेकर अनुच्छेद 237 तक कुल 6 अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जैसा कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।

ChaptersTitleArticles
Iसाधारण (General)Article 152
IIकार्यपालिका (The Executive)Article 153 – 167
IIIराज्य का विधान मंडल (The State Legislature)Article 168 – 212
IVराज्यपाल की विधायी शक्ति (Legislative Power of the Governor)Article 213
Vराज्यों के उच्च न्यायालय (The High Courts in the States)Article 214 – 232
VIअधीनस्थ न्यायालय (Subordinate Courts)Article 233 – 237
[Part 6 of the Constitution]

जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं, इस भाग के अध्याय 1 का नाम है “साधारण (General) और इसमें सिर्फ 1 अनुच्छेद आता है, और वो है अनुच्छेद 152

अनुच्छेद 152 का शीर्षक है “परिभाषा (Definition)” और इसमें जम्मू और कश्मीर के बारे में बात की गई है। आइये समझें;

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| अनुच्छेद 152 – परिभाषा (Definition)

अनुच्छेद 152 कहता है कि इस भाग में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, “राज्य” पद के अंतर्गत जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं है।

दरअसल मूल संविधान के तहत भारतीय संघ के राज्यों को चार प्रकार से वर्गीकृत किया – भाग ‘क’भाग ‘ख’भाग ‘ग’, एवं भाग ‘घ’। ये सभी संख्या में 29 थे ।

– भाग ‘क’ में वे राज्य थे, जहां ब्रिटिश भारत में गवर्नर का शासन था। यानी कि एक निर्वाचित गवर्नर और राज्य विधायिका द्वारा शासित था। ये संख्या में 9 था।
– भाग ‘ख’ में उन 9 राज्यों को शामिल किया गया था जहाँ शाही शासन (princely states) था। और जो राजप्रमुख द्वारा शासित था।
– भाग ‘ग’ में ब्रिटिश भारत के मुख्य आयुक्त का शासन एवं कुछ में शाही शासन था।
– अंडमान एवं निकोबार द्वीप को अकेले भाग ‘घ’ में रखा गया था। 

भाग ‘क’भाग ‘ख’भाग ‘ग’भाग ‘घ’
1. असम1. हैदराबाद1. अजमेर1. अंडमान & निकोबार द्वीप समूह
2. बिहार2. J & K2. बिलासपुर 
3. बंबई3. मध्य भारत3. भोपाल 
4. मध्यप्रदेश4. मैसूर4. कूच बिहार 
5. मद्रास5. पटियाला & पूर्वी पंजाब5. दिल्ली 
6. ओड़ीसा6. राजस्थान6. कुर्ग 
7. पंजाब7. सौराष्ट्र7. हिमाचल प्रदेश 
8. संयुक्त प्रांत8. विंध्य प्रदेश8. कच्छ 
9. पश्चिम बंगाल9. त्रावणकोर-कोचीन9. मणिपुर 
  10. त्रिपुरा 
विस्तार से समझने के लिए पढ़ें; भारतीय राज्यों के बनने की कहानी

आप ऊपर देख सकते हैं कि जम्मू और कश्मीर को “भाग ख ” के तहत रखा गया था क्योंकि यहाँ पर राजा का शासन था। यहाँ पर यह भी याद रखिए कि अनुच्छेद 238 के तहत “भाग ख” को रखा गया था। साल 1956 में 7वें संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। यानि कि अनुच्छेद 238 को समाप्त कर दिया गया।

राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 और 7वें संविधान संशोधन अधिनियम 1956 के द्वारा 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया। 

राज्यकेंद्रशासित प्रदेश
1. आंध्र प्रदेश1. अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
2. बिहार2. दिल्ली
3. बंबई3. हिमाचल प्रदेश
4. असम4. लकादीव, अमीनदिवी और मिनीकॉय द्वीप समूह
5. जम्मू एवं कश्मीर5. मणिपुर
6. केरल6. त्रिपुरा
7. मध्य प्रदेश 
8. मद्रास 
9. मैसूर (कर्नाटक) 
10. ओड़ीसा 
11. पंजाब 
12. राजस्थान 
13. उत्तर प्रदेश 
14. पश्चिम बंगाल

जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं इन 14 राज्यों में से एक राज्य जम्मू और कश्मीर भी था। लेकिन चूंकि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था जिसके तहत ये कहा गया था कि अनुच्छेद 238 के तहत जो भाग ख राज्यों की सूची हैं (जिसमें से जम्मू और कश्मीर भी एक है), वो जम्मू और कश्मीर पर काम नहीं करेगा।

फिर जब साल 1956 के बाद जम्मू और कश्मीर को 14 राज्यों में से एक राज्य बनाया गया तो तब भी उपरोक्त व्यवस्था को ही फॉलो किया गया और अनुच्छेद 152 में लिख दिया गया कि संविधान के भाग 6 में जो राज्यों का जिक्र किया गया है (जिसके तहत कि सभी राज्यों के कार्यपालिका, विधायिका एवं न्यायपालिका आते हैं) उसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर राज्य नहीं है, वो भी तब तक जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो।

इसी को आप एक संविधान और दो विधान कहते थे। हालांकि साल 2019 में 5 अगस्त को इस व्यवस्था को खत्म कर दिया गया और जम्मू और कश्मीर को एक केंद्रशासित प्रदेश बना दिया गया है।

तो यही है अनुच्छेद 152 (Article 152), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

⚫ विस्तार से समझें; अनुच्छेद 148 – भारतीय संविधान
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MCQs Related to Article 152

भारतीय संविधान का कौन सा अनुच्छेद जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्त दर्जा प्रदान करता था?
a) अनुच्छेद 370
b) अनुच्छेद 371
c) अनुच्छेद 360
d) अनुच्छेद 356

स्पष्टीकरण: सही उत्तर है (a) अनुच्छेद 370। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 ने जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष स्वायत्त दर्जा प्रदान किया, इसे एक अलग संविधान, एक अलग ध्वज और सीमित विधायी शक्तियां प्रदान कीं। हालाँकि, इसे 5 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा निरस्त कर दिया गया था।

जम्मू-कश्मीर राज्य में वित्तीय आपातकाल घोषित करने की शक्ति किसके पास है?
a) भारत के राष्ट्रपति
b) उपराज्यपाल
c) राज्यपाल
d) मुख्यमंत्री

स्पष्टीकरण: सही उत्तर है (ए) भारत के राष्ट्रपति। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत राष्ट्रपति को जम्मू-कश्मीर समेत पूरे देश में वित्तीय आपातकाल घोषित करने का अधिकार है। वित्तीय आपातकाल के दौरान, राष्ट्रपति वित्तीय मामलों के संबंध में राज्य सरकार को निर्देश जारी कर सकते हैं।

भारतीय संविधान का निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद 2019 में पुनर्गठन से पहले जम्मू और कश्मीर पर लागू था?
a) अनुच्छेद 356
b) अनुच्छेद 371 एफ
c) धारा 370
d) अनुच्छेद 244

स्पष्टीकरण: सही उत्तर (c) अनुच्छेद 370 है। 2019 में जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन से पहले, अनुच्छेद 370 ने राज्य को विशेष दर्जा दिया था। इसने जम्मू और कश्मीर को एक अलग संविधान और सीमित विधायी शक्तियों सहित कुछ विशेषाधिकार प्रदान किए। हालाँकि, इस अनुच्छेद को निरस्त कर दिया गया और कुछ प्रावधानों को अगस्त 2019 में संशोधित किया गया।

पुनर्गठन के बाद जम्मू-कश्मीर में सरकार की कार्यकारी शाखा का प्रमुख कौन है?
a) मुख्यमंत्री
b) उपराज्यपाल
c) राज्यपाल
d) राष्ट्रपति

स्पष्टीकरण: सही उत्तर (b) उपराज्यपाल है। 2019 में जम्मू और कश्मीर के पुनर्गठन के बाद, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का नेतृत्व भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त उपराज्यपाल करते हैं। उपराज्यपाल मुख्य कार्यकारी प्राधिकारी है और क्षेत्र में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।

जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के लिए कौन सा संवैधानिक संशोधन पारित किया गया?
a) 103वां संशोधन
b) 98वां संशोधन
c) 101वाँ संशोधन
d) 370वां संशोधन

स्पष्टीकरण: सही उत्तर (c) 101वां संशोधन है। भारतीय संविधान का 101वां संशोधन अधिनियम 2019 में जम्मू और कश्मीर राज्य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों: जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित करने के लिए पारित किया गया था। इस संशोधन के परिणामस्वरूप अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया और राज्य के प्रशासनिक ढांचे का पुनर्गठन किया गया।

भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।