यह लेख Article 238 (अनुच्छेद 238) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 238 (Article 238) – Original
भाग 7 “राज्य” Repealed |
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238. पहली अनुसूची के भाग ख के राज्य — संविधान (सातवाँ संशोधन) अधिनियम 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा (1-11-1956 से) निरसित। |
Part VI “State” |
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238. The States in Part B of the First Schedule— Omitted by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 29 and Sch. (w.e.f. 1-11-1956) |
🔍 Article 238 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान में भाग 7 जैसा कोई भाग अभी प्रभाव में नहीं है। क्योंकि इसे 7वें संविधान संशोधन अधिनियम 1956 की मदद से निरसित (repealed) कर दिया गया है। इसे क्यों निरसित कर दिया गया है इसे समझना जरूरी है।
मूल संविधान ने भारतीय संघ के राज्यों को चार प्रकार से वर्गीकृत किया – भाग ‘क’, भाग ‘ख’, भाग ‘ग’, एवं भाग ‘घ’। ये सभी संख्या में 29 थे ।
– भाग ‘क’ में वे राज्य थे, जहां ब्रिटिश भारत में गवर्नर का शासन था। यानी कि एक निर्वाचित गवर्नर और राज्य विधायिका द्वारा शासित था। ये संख्या में 9 था।
– भाग ‘ख’ में उन 9 राज्यों को शामिल किया गया था जहाँ शाही शासन (princely states) था। और जो राजप्रमुख द्वारा शासित था।
– भाग ‘ग’ में ब्रिटिश भारत के मुख्य आयुक्त का शासन एवं कुछ में शाही शासन था।
– अंडमान एवं निकोबार द्वीप को अकेले भाग ‘घ’ में रखा गया था।
भाग ‘क’ | भाग ‘ख’ | भाग ‘ग’ | भाग ‘घ’ |
1. असम | 1. हैदराबाद | 1. अजमेर | 1. अंडमान & निकोबार द्वीप समूह |
2. बिहार | 2. J & K | 2. बिलासपुर | |
3. बंबई | 3. मध्य भारत | 3. भोपाल | |
4. मध्यप्रदेश | 4. मैसूर | 4. कूच बिहार | |
5. मद्रास | 5. पटियाला & पूर्वी पंजाब | 5. दिल्ली | |
6. ओड़ीसा | 6. राजस्थान | 6. कुर्ग | |
7. पंजाब | 7. सौराष्ट्र | 7. हिमाचल प्रदेश | |
8. संयुक्त प्रांत | 8. विंध्य प्रदेश | 8. कच्छ | |
9. पश्चिम बंगाल | 9. त्रावणकोर-कोचीन | 9. मणिपुर | |
10. त्रिपुरा |
◾ भारतीय राज्यों के बनने की कहानी (Story of Formation of States in India) |
इस अनुच्छेद के तहत भाग “ख” के राज्यों के बारे में बात की गई थी। हालांकि भारत सरकार ने दिसम्बर 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में राज्य पुनर्गठन आयोग (State Reorganization Commission) गठित किया।
1955 में जब इन्होने अपनी रिपोर्ट पेश कि तो इस बात को व्यापक रूप से स्वीकार किया कि राज्यों के पुनर्गठन में भाषा को मुख्य आधार बनाया जाना चाहिए।
हाँ, लेकिन मुख्य और बड़ी संख्या में बोली जाने वाली भाषा को ही आधार माना जाना चाहिए।
इस आयोग ने सलाह दी कि मूल संविधान के अंतर्गत स्थापित चार आयामी राज्यों के वर्गीकरण को समाप्त किया जाए यानी कि राज्यों के भाग क, भाग ख, भाग ग और भाग घ वाले वर्गीकरण को समाप्त कर दिया जाना चाहिए और 16 राज्यों एवं 3 केंद्रशासित क्षेत्रों का निर्माण किया जाना चाहिए।
भारत सरकार ने बहुत कम परिवर्तनों के साथ इन सिफ़ारिशों को स्वीकार कर लिया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 और 7वें संविधान संशोधन अधिनियम 1956 के द्वारा 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया। (जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं)। चूंकि पुरानी वाली व्यवस्था समाप्त हो गई और नई व्यवस्था लाई गई ऐसे में अनुच्छेद 238 किसी काम का नहीं था।
राज्य | केंद्रशासित प्रदेश |
1. आंध्र प्रदेश | 1. अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह |
2. बिहार | 2. दिल्ली |
3. बंबई | 3. हिमाचल प्रदेश |
4. असम | 4. लकादीव, अमीनदिवी और मिनीकॉय द्वीप समूह |
5. जम्मू एवं कश्मीर | 5. मणिपुर |
6. केरल | 6. त्रिपुरा |
7. मध्य प्रदेश | |
8. मद्रास | |
9. मैसूर (कर्नाटक) | |
10. ओड़ीसा | |
11. पंजाब | |
12. राजस्थान | |
13. उत्तर प्रदेश | |
14. पश्चिम बंगाल |
तो यही है अनुच्छेद 238 , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |