यह लेख अनुच्छेद 27 (Article 27) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें। इसकी व्याख्या इंग्लिश में भी उपलब्ध है, इसके लिए आप नीचे दिए गए लिंक का प्रयोग करें;

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अनुच्छेद 27

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📜 अनुच्छेद 27 (Article 27)

27. किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता – किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय की अभिवृद्धि या पोषण में व्यय करने के लिए विनिर्दिष्ट रूप से विनियोजित किए जाते हैं।
—-अनुच्छेद 27—–
27. Freedom as to payment of taxes for promotion of any particular religion — No person shall be compelled to pay any taxes, the proceeds of which are specifically appropriated in payment of expenses for the promotion or maintenance of any particular religion or religious denomination.
Article 27

🔍 Article 27 Explanation in Hindi

धर्म (Religion), विश्वासों, सामाजिक-सांस्कृतिक प्रणालियों, साझा व्यवहार एवं विश्व विचारों का एक संगठित संग्रह है जो मानवता को अस्तित्व के एक क्रम से जोड़ता है।

आमतौर पर धर्म का एक प्रतीक, पवित्र इतिहास या ग्रंथ, पूजा पद्धति एवं विचारधारा होता है जिसका मुख्य उद्देश्य जीवन का अर्थ, उसकी उत्पत्ति या ब्रह्मांड की व्याख्या या आध्यात्मिक उत्कर्ष को प्राप्त करना होता है।

धार्मिक स्वतंत्रता का का उल्लेख हमारे प्रस्तावना में भी है और इससे इसके महत्व का पता चलता है। धार्मिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी भी जानी चाहिए। क्योंकि एक तरह से देखें तो हमारे मूल्य, हमारे संस्कार, हमारे सामाजिक प्रतिमान बहुत हद तक धर्म से संचालित होता है।

शायद इसीलिए हमने पंथनिरपेक्षता (Secularism) की राह को चुना ताकि, सब धर्म मिलजुल कर एक बहुधार्मिक समाज की स्थापना कर सकें जिसका साझा लक्ष्य हो, भारत को समृद्ध बनाना, भारत को विश्व में वो प्रतिष्ठा दिलाना जिसके वो हकदार है, आदि।

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (right to religious freedom)‘ में कुल चार अनुच्छेद आते हैं (जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं) इस लेख में हम इसी का तीसरा अनुच्छेद यानी कि अनुच्छेद 27 (Article 27) को समझने वाले हैं।

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार↗️
अनुच्छेद 25 – अंतःकरण की और धर्म की अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता (Freedom of conscience and free profession, practice and propagation of religion)

अनुच्छेद 26 – धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता (Freedom to manage religious affairs)

अनुच्छेद 27 – किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय से स्वतंत्रता (Freedom as to payment of taxes for promotion of any particular religion)

अनुच्छेद 28 – धार्मिक शिक्षा में उपस्थित होने की स्वतंत्रता (Freedom to attend religious education)
Article 27

| अनुच्छेद 27 – किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता

किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों (Taxes) का संदाय (Payment) के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय की अभिवृद्धि या पोषण में व्यय करने के लिए विनिर्दिष्ट रूप से विनियोजित किए जाते हैं।

जैसा कि हम जानते हैं भारत धर्मनिरपेक्षता को फॉलो करता है। यानी कि लोगों का तो यहाँ अपना धर्म हो सकता है पर राज्य का अपना कोई धर्म नहीं होगा।

इसके अलावा संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता की प्रत्याभूति दी गई जो कि व्यक्तियों के लिए भी है और समूहों के लिए भी। हमारे संविधान की नीति के यह विरुद्ध है कि लोक निधि से किसी विशिष्ट धर्म या विशिष्ट धर्म के संप्रदाय के उन्नयन या पोषण के लिए धन खर्च किया जाए।

राज्य जनता के पैसे का, (जो कि टैक्स के रूप में आता है) इस्तेमाल किसी भी धार्मिक कार्यों में नहीं करेगा तथा न ही राज्य किसी धर्म को प्रोमोट करेगा।

कहने का अर्थ है कि या तो राज्य के नजर में कोई धर्म नहीं है या फिर उसके नजर में सब धर्म समान है। वैसे भी देखें तो राज्य का काम है लोककल्याण न कि धर्म कल्याण।

लेकिन अपवादस्वरूप याद रखें कि –

राज्य धार्मिक संस्थाओं के लौकिक प्रशासन को विनियमित करने के लिए खर्च के लिए फीस लगा सकता है। ऐसे मामलों में अनुच्छेद 27 नहीं लागू होता क्योंकि ऐसे फीस लगाने से किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय का कोई पक्षपात नहीं होता।

तो कुल मिलाकर यही है अनुच्छेद 27 (Article 27), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।


अनुच्छेद 27 (Article 27) क्या है?

किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता – किसी भी व्यक्ति को ऐसे करों का संदाय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा जिनके आगम किसी विशिष्ट धर्म या धार्मिक संप्रदाय की अभिवृद्धि या पोषण में व्यय करने के लिए विनिर्दिष्ट रूप से विनियोजित किए जाते हैं।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अस्वीकरण - यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।