यह लेख Article 243H (अनुच्छेद 243ज) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

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📜 अनुच्छेद 243H (Article 243ज) – Original

भाग 9 [पंचायत]
243H. पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा,-
(क) ऐसे कर, शुल्क, पथकर और फीसें उद्गृहित , संगृहीत और विनियोजित करने के लिए किसी पंचायत को, ऐसी प्रक्रिया के अनुसार और ऐसे निर्बंधनों के अधीन रहते हए, प्राधिकृत कर सकेगा;
(ख) राज्य सरकार द्वारा उद्गृहित और संगृहीत ऐसे कर, शुल्क, पथकर और फीसें किसी पंचायत को, ऐसे प्रयोजनों के लिए, तथा ऐसी शर्तों और निर्बंधनों के अधीन रहते हुए, समनुदिष्ट कर सकेगा ;
(ग) राज्य की संचित निधि में से पंचायतों के लिए ऐसे सहायता-अनुदान देने के लिए उपबंध कर सकेगा ; और
(घ) पंचायतों द्वारा या उनकी ओर से क्रमशः प्राप्त किए गए सभी धनों को जमा करने के लिए ऐसी निधियों का गठन करने और उन निधियों में से ऐसे धनों को निकालने के लिए भी उपबंध कर सकेगा,
जो विधि में विनिर्दिष्ट किए जाएं।
अनुच्छेद 243H हिन्दी संस्करण

Part IX [THE PANCHAYATS]
243H. Powers to impose taxes by, and Funds of, the Panchayats—The Legislature of a State may, by law,—
(a) authorise a Panchayat to levy, collect and appropriate such taxes, duties, tolls and fees in accordance with such procedure and subject to such limits;
(b) assign to a Panchayat such taxes, duties, tolls and fees levied and collected by the State Government for such purposes and subject to such conditions and limits;
(c) provide for making such grants-in-aid to the Panchayats from the Consolidated Fund of the State; and
(d) provide for constitution of such Funds for crediting all moneys received, respectively, by or on behalf of the Panchayats and also for the withdrawal of such moneys therefrom, as may be specified in the law.
Article 243H English Version

🔍 Article 243H Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 9, अनुच्छेद 243 से लेकर अनुच्छेद 243-O तक विस्तारित है। यह भाग भारत में स्थानीय स्व:शासन की नींव रखता है जो कि हमेशा से संविधान का हिस्सा नहीं था बल्कि इसे साल 1992 में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से संविधान का हिस्सा बनाया गया।

भाग 9 पूरी तरह से पंचायत को समर्पित है। इसके तहत कुल 16 अनुच्छेद आते हैं जिसकी मदद से पंचायती राज व्यवस्था को एक संवैधानिक संस्था बनाया गया।

पंचायती राज व्यवस्था के जुड़ने से भारत में अब सरकार की त्रिस्तरीय व्यवस्था हो गई है – संघ सरकार (Union Government), राज्य सरकार (State Government) और स्थानीय स्वशासन (जिसके अंतर्गत पंचायत एवं नगरपालिकाएं आती हैं)।

कुल मिलाकर भारत में पंचायतें गाँव, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर (त्रिस्तरीय) स्थानीय स्वशासन संस्थाएँ हैं जो जमीनी स्तर के लोकतंत्र और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस लेख में हम अनुच्छेद 243H को समझने वाले हैं;

याद रखें, पंचायत के पूरे संवैधानिक कॉन्सेप्ट को समझने के लिए भाग 9 के तहत आने वाले पूरे 16 अनुच्छेद को एक साथ जोड़कर पढ़ना और समझना जरूरी है। अगर आप चीजों को समग्रता के साथ समझना चाहते हैं तो पहले कृपया नीचे दिए गए दोनों लेखों को पढ़ें और समझें;

पंचायती राज का इतिहास (History of Panchayati Raj)
पंचायती राज, स्वतंत्रता के बाद (Panchayati Raj after Independence)
Closely Related to Article 243H

| अनुच्छेद 243H – पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां (Powers to impose taxes by, and Funds of, the Panchayats)

अनुच्छेद 243H के तहत पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियां (Powers to impose taxes by, and Funds of, the Panchayats) के बारे में उपबंध किया गया है।

अनुच्छेद 243H के तहत कहा गया है कि किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा पंचायतों को कर अधिरोपित करने की शक्तियां और उनकी निधियों को नियंत्रित करने की निम्नलिखित शक्तियां दे सकती है;

(क) राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, कर (Tax), शुल्क (Fee), पथकर (toll tax) और फीसें उद्गहीत, संगृहीत और विनियोजित करने के लिए किसी पंचायत को, प्राधिकृत कर सकेगा (हालांकि यह कुछ निर्बंधनों के अधीन हो सकता है);

(ख) राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, राज्य सरकार द्वारा उद्गृहित (levied) और संगृहीत कर, शुल्क, पथकर और फीसें किसी पंचायत को, ऐसे प्रयोजनों के लिए सौंप सकेगा (हालांकि यह कुछ निर्बंधनों के अधीन हो सकता है);

(ग) राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा राज्य की संचित निधि में से पंचायतों के लिए ऐसे सहायता-अनुदान देने के लिए उपबंध कर सकेगा ; और

(घ) राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा पंचायतों द्वारा या उनकी ओर से प्राप्त किए गए सभी धनों को जमा करने के लिए ऐसी निधियों का गठन करने और उन निधियों में से ऐसे धनों को निकालने के लिए भी उपबंध कर सकेगा।

तो यही है अनुच्छेद 243H , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

राज्य विधानमंडल (State Legislature): गठन, कार्य, आदि
भारतीय संसद (Indian Parliament): Overview
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।