यह लेख Article 244 (अनुच्छेद 244) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।

Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें। खासकर के टेलीग्राम और यूट्यूब से जरूर जुड़ जाएं;
⬇️⬇️⬇️

📜 अनुच्छेद 244 (Article 244) – Original

भाग 10 [अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र]
244. अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन— (1) पांचवीं अनुसूची के उपबंध 1[असम, 2[3[मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम]] राज्यों] से भिन्‍न 4**** किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए लागू होंगे।

(2) छठी अनुसूची के उपबंध 1[असम, 2[5[मेघालय,] त्रिपुरा] और मिजोरम राज्यों] के] जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के लिए लागू होंगे।
=================
1. पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम, 1971 (1971 का 81) की धारा 71 द्वारा (21-1-1972 से) “असम राज्य” के स्थान पर प्रतिस्थापित।
2. मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (1986 का 34) की धारा 39 द्वारा (20-2-1987 से) “मेघालय और त्रिपुरा” शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
3. संविधान (उनचासवां संशोधन) अधिनियम, 1984 का धारा 2 द्वारा “और मेघालय” शब्दों के स्थान पर (1-4-1985 से) प्रतिस्थापित।
4. संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 की धारा 29 और अनुसूची द्वारा “पहली अनुसूची के भाग क या भाग ख में विनिर्दिष्ट” शब्दों और अक्षरों का लोप किया गया।
5. मिजोरम राज्य अधिनियम, 1986 (986 का 34) की धारा 39 द्वारा (20-2-1987 से) ‘मेघालय और त्रिपुरा राज्यों और मिजोरम संघ राज्यक्षेत्र’ शब्दों के स्थान पर प्रतिस्थापित।
अनुच्छेद 244 हिन्दी संस्करण

Part X [THE SCHEDULED AND TRIBAL AREAS]
244. Administration of Scheduled Areas and Tribal Areas— (1) The provisions of the Fifth Schedule shall apply to the administration and control of the Scheduled Areas and Scheduled Tribes in any State 1*** other than 2[the States of Assam, 3[4[Meghalaya, Tripura and Mizoram]]].

(2) The provisions of the Sixth Schedule shall apply to the administration of the tribal areas in 2[the States of Assam, 3[5[Meghalaya, Tripura and Mizoram]]].
=============
1. The words and letters “specified in Part A or Part B of the First Schedule” omitted by the Constitution (Seventh Amendment) Act, 1956, s. 29 and Sch. (w.e.f. 1-11-1956).
2. Subs. by the North-Eastern Areas (Reorganisation) Act, 1971 (81 of 1971), s. 71, for “the State of Assam” (w.e.f. 21-1-1972).
3. Subs. by the Constitution (Forty-ninth Amendment) Act, 1984, s. 2, for “and Meghalaya” (w.e.f. 1-4-1985).
4. Subs. by the State of Mizoram Act, 1986 (34 of 1986), s. 39, for “Meghalaya and Tripura” (w.e.f.20-2-1987).
5. Subs. by s. 39, ibid., for “Meghalaya and Tripura and the Union territory of Mizoram”. (w.e.f. 20-2-1987).
Article 244 English Version

🔍 Article 244 Explanation in Hindi

भारतीय संविधान का भाग 10, अनुच्छेद 244 से लेकर अनुच्छेद 244क तक विस्तारित है। यह भाग अनुसूचित और जनजाति क्षेत्र (Scheduled & Tribal Areas) के बारे में है।

यहां पर दो टर्म्स है : पहला) अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Area) और दूसरा) जनजाति क्षेत्र (Tribal Area); (इसे हम आगे समझने वाले हैं;)

भारत में अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें स्वदेशी जनजातीय समुदायों द्वारा सामना किए जाने वाले ऐतिहासिक और सामाजिक-आर्थिक नुकसान के कारण भारत के संविधान के तहत विशेष ध्यान और सुरक्षा प्राप्त है।

इन क्षेत्रों में विशिष्ट प्रावधान और सुरक्षा उपाय हैं जिनका उद्देश्य इन समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके कल्याण को बढ़ावा देना है।

इस लेख में हम अनुच्छेद 244 को समझने वाले हैं;

राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग [NCSC]
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग [NCST]
Closely Related to Article 244

| अनुच्छेद 244 – अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन (Administration of Scheduled Areas and Tribal Areas)

अनुच्छेद 244 के तहत अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन (Administration of Scheduled Areas and Tribal Areas) वर्णित है। इस अनुच्छेद के तहत कुल दो खंड आते हैं;

अनुच्छेद 244 के खंड (1) के तहत कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची के उपबंध असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों से भिन्‍न किसी राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जनजातियों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए लागू होंगे।

चार राज्यों असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय को छोड़कर किसी भी राज्य में अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्रों के नियंत्रण और प्रबंधन के प्रावधान 5वीं अनुसूची में निर्दिष्ट हैं।

अनुसूचित क्षेत्र (Scheduled Area) किसे कहते हैं:

अनुसूचित क्षेत्र भारत के वे क्षेत्र हैं जो भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची में सूचीबद्ध हैं। और पांचवी अनुसूची अनुच्छेद 244(1) के तहत ही बनाया गया है। इस अनुसूची में इन क्षेत्रों के प्रशासन और शासन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं, मुख्य रूप से महत्वपूर्ण आदिवासी आबादी वाले राज्यों में।

अनुसूचित क्षेत्र आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान और तेलंगाना राज्यों में पाए जाते हैं। राज्य के राज्यपाल के पास अनुसूचित क्षेत्रों में विशेष शक्तियां और जिम्मेदारियां हैं, जिसमें आदिवासी समुदायों के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न मामलों पर नियम बनाना शामिल है।

अनुसूचित क्षेत्रों में भूमि स्वामित्व और भूमि का हस्तांतरण आदिवासी भूमि के शोषण को रोकने के लिए प्रतिबंधों के अधीन है। पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (PESA) स्थानीय जनजातीय स्वशासी निकायों, जिन्हें पंचायत के रूप में जाना जाता है, को स्थानीय संसाधनों, विकास परियोजनाओं और अन्य मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अधिकार प्रदान करता है।

अनुच्छेद 244 के खंड (2) के तहत कहा गया है कि छठी अनुसूची के उपबंध असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के लिए लागू होंगे।

यानि कि मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और असम राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची के प्रावधानों के अनुसार प्रशासित किया जाएगा।

जनजातीय क्षेत्र (Tribal Area) किसे कहते हैं?

जनजातीय क्षेत्र, जिन्हें जनजातीय उप-योजना (Tribal Sub-Plan) क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है, राज्यों के भीतर काफी जनजातीय आबादी वाले क्षेत्र हैं जहां जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक असमानताओं और विकास आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए विशेष विकास योजनाएं और धन आवंटित किए जाते हैं।

इन क्षेत्रों की पहचान और परिभाषा अलग-अलग राज्यों द्वारा उनके क्षेत्रों में जनजातीय आबादी की सघनता के आधार पर की जाती है। अनुसूची 6 में आप इसे देख सकते हैं जिसे कि अनुच्छेद 244(2) और अनुच्छेद 275 (1) के तहत बनाया गया है।

कुल मिलाकर बात यह है कि भारत में अनुसूचित क्षेत्र और जनजातीय क्षेत्र दोनों ही जनजातीय समुदायों के अद्वितीय सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं को पहचानने और ऐतिहासिक अन्याय को संबोधित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इन प्रावधानों का उद्देश्य आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाना और उनकी विशिष्ट पहचान और जीवन के पारंपरिक तरीकों का सम्मान करते हुए उनके समग्र कल्याण को बढ़ावा देना है।

कुल मिलाकर, अनुच्छेद 244 अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन के बारे में उपबंध करता है। राष्ट्रपति, संबंधित राज्य के राज्यपाल से परामर्श करने के बाद, कार्यकारी आदेश द्वारा कुछ क्षेत्रों को “अनुसूचित क्षेत्र” घोषित करने का अधिकार रखते हैं। इन क्षेत्रों को “अनुसूचित क्षेत्र” कहा जाता है। दूसरी ओर, जनजातीय स्थान असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के वे क्षेत्र हैं जो ऐसे क्षेत्रों के लिए जिला या क्षेत्रीय स्वायत्त परिषद की व्यवस्था की गई है।

अनुसूचित क्षेत्रों को पाँचवीं अनुसूची में परिभाषित किया गया है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 244(1) में संदर्भित किया गया है। दूसरी ओर, आदिवासी क्षेत्रों को संविधान के अनुच्छेद 244(2) के तहत छठी अनुसूची में परिभाषित किया गया है।

तो यही है अनुच्छेद 244, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial

| Related Article

अनुच्छेद 244A – भारतीय संविधान
अनुच्छेद 243 – भारतीय संविधान
Next and Previous to Article 244
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
Important Pages of Compilation
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।