इस लेख में हम राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति पर सरल और सहज चर्चा करेंगे।
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राष्ट्रपति की क्षमादान करने की शक्ति
राष्ट्रपति किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध व्यक्ति के दंडदेश (Sentence) को निलंबित, माफ या परिवर्तित कर सकता है।
किसी के अपराध को माफ करना राष्ट्रपति की न्यायिक शक्ति है। राष्ट्रपति इस प्रकार के निर्णय लेने को स्वतंत्र होता है।
संविधान के अनुच्छेद 72 में राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों को क्षमा करें की शक्ति प्रदान की गयी है, जो निम्नलिखित मामलों में किसी अपराध के लिए दोषी करार दिये गए हैं:-
🔷1. संघीय विधि के विरुद्ध किसी अपराध में दिये गए दंड में, 🔷2. सैन्य न्यायालय द्वारा दिये गए दंड में, और: 🔷3. यदि दंड का स्वरूप मृत्युदंड हो।
राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति न्यायपालिका से स्वतंत्र है। वह एक कार्यकारी शक्ति है परंतु राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग करने के लिए किसी न्यायालय की तरह पेश नहीं आता।
राष्ट्रपति की इस शक्ति के दो रूप हैं: – 🔷1. विधि के प्र्योग में होने वाली न्यायिक गलती को सुधारने के लिए, 🔷2. यदि राष्ट्रपति दंड का स्वरूप अधिक कड़ा समझता है तो उसका बचाव प्रदान करने के लिए।
राष्ट्रपति की क्षमादान के प्रकार
राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति में निम्नलिखित बातें सम्मिलित हैं:-
✅1. क्षमा (Pardon)
इसमें दंड और बंदीकरण दोनों को हटा दिया जाता है तथा दोषी की सभी दंड (Punishment), दंडदेशों (Penalties)और निर्रहता (Helplessness) से पूर्णत: मुक्त कर दिया जाता है।
✅2. लघुकरण (Commute)
इसका अर्थ है कि दंड के स्वरूप को बदलकर कम करना । उदाहरनार्थ➡ मृयुदण्ड का लघुकरण कर कठोर कारावास में परिवर्तित करना, जिसे साधारण कारावास में परिवर्तित किया जा सकता है।
✅3. परिहार (Avoidance)
इसका अर्थ है, दंड के प्रकृति में परिवर्तन किए बिना उसकी अवधि कम करना। उदाहरण के लिए दो वर्ष के कठोर कारावास को एक वर्ष के कठोर कारावास में परिहार करना।
✅4. विराम (Break)
इसका अर्थ है किसी दोषी को मूल रूप में दी गयी सजा को किन्ही विशेष परिस्थिति में कम करना, जैसे -शारीरिक अपंगता अथवा महिलाओं को गर्भावस्था की अवधि के कारण।
✅5. प्रतिलंबन (Replication)
इसका अर्थ है किसी दंड विशेषकर मृत्यु दंड पर अस्थयी रोक लगाना। इसका उद्देशय है कि दोषी व्यक्ति का क्षमा याचना अथवा दंड के स्वरूप परिवर्तन की याचना के लिए समय देना।