आपने कोई बहुत बड़ी गलती कर दी और न्यायालय ने उसके लिए मृत्युदंड दे दिया है तो अब एक ही इंसान इस दुनिया में है जो जायज़ तरीके से आपको बचा सकता है, वो है राष्ट्रपति। इस लेख में हम राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति पर सरल और सहज चर्चा करेंगे, एवं इसके विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे।

📌 Join YouTube | 📌 Join FB Group |
📌 Join Telegram | 📌 Like FB Page |
राष्ट्रपति की क्षमादान करने की शक्ति
राष्ट्रपति किसी अपराध के लिए दोषसिद्ध व्यक्ति के दंडदेश (Sentence) को निलंबित, माफ या परिवर्तित कर सकता है। राष्ट्रपति इस प्रकार के निर्णय लेने को स्वतंत्र होता है।
संविधान के अनुच्छेद 72 में राष्ट्रपति को उन व्यक्तियों को क्षमा करने की शक्ति प्रदान की गयी है, जो निम्नलिखित मामलों में किसी अपराध के लिए दोषी करार दिये गए हैं:-
1. संघीय विधि के विरुद्ध किसी अपराध (Crime) में दिये गए दंड में,
2. सैन्य न्यायालय द्वारा दिये गए दंड में, और:
3. यदि दंड का स्वरूप मृत्युदंड हो।
राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति न्यायपालिका से स्वतंत्र है। वह एक कार्यकारी शक्ति है परंतु राष्ट्रपति इस शक्ति का प्रयोग करने के लिए किसी न्यायालय की तरह पेश नहीं आता।
राष्ट्रपति के इस शक्ति के दो रूप हैं: –
1. विधि के प्रयोग में होने वाली न्यायिक गलती को सुधारने के लिए,
2. यदि राष्ट्रपति दंड का स्वरूप अधिक कड़ा समझता है तो उसका बचाव प्रदान करने के लिए।
राष्ट्रपति की क्षमादान के प्रकार
राष्ट्रपति की क्षमादान शक्ति में निम्नलिखित बातें सम्मिलित हैं:-
1. क्षमा (Pardon)
इसमें दंड और बंदीकरण दोनों को हटा दिया जाता है तथा दोषी को सभी दंड (Punishment), दंडदेशों (Penalties) और निर्रहता (Helplessness) से पूर्णत: मुक्त कर दिया जाता है।
2. लघुकरण (Commute)
इसका अर्थ है कि दंड के स्वरूप को बदलकर कम करना । उदाहरण के लिए, मृत्युदण्ड का लघुकरण कर कठोर कारावास में परिवर्तित करना, जिसे साधारण कारावास में परिवर्तित किया जा सकता है।
3. परिहार (Avoidance)
इसका अर्थ है, दंड के प्रकृति में परिवर्तन किए बिना उसकी अवधि कम करना। उदाहरण के लिए दो वर्ष के कठोर कारावास को एक वर्ष के कठोर कारावास में परिहार करना।
4. विराम (Break)
इसका अर्थ है किसी दोषी को मूल रूप में दी गयी सजा को किन्ही विशेष परिस्थिति में कम करना, जैसे -शारीरिक अपंगता अथवा महिलाओं को गर्भावस्था की अवधि के कारण।
5. प्रतिलंबन (Replication)
इसका अर्थ है किसी दंड विशेषकर मृत्यु दंड पर अस्थायी रोक लगाना। इसका उद्देश्य है कि दोषी व्यक्ति को क्षमा याचना अथवा दंड के स्वरूप परिवर्तन की याचना के लिए समय देना।
राष्ट्रपति और राज्यपाल की क्षमादान शक्तियों तुलना
1. राष्ट्रपति केन्द्रीय विधि के विरुद्ध किसी अपराध के लिए दोष सिद्ध ठहराए गए किसी व्यक्ति के दंड को क्षमा, उसक प्रतिलंबन, विराम अथवा दंडादेश का निलंबन, परिहार या लघुकरण कर सकता है। |
राज्यपाल राज्य विधि के तहत किसी अपराध मे सजा प्राप्त व्यक्ति को वह क्षमादान कर सकता है या दंड को स्थगित कर सकता है। |
2. राष्ट्रपति सजा-ए मौत को क्षमा कर सकता है, कम कर सकता है या स्थगित कर सकता है या बदल सकता है। एकमात्र उसे ही यह अधिकार है कि वह मृत्युदंड की सजा को माफ कर दे। |
राज्यपाल मृत्युदंड की सजा को माफ नहीं कर सकता, चाहे किसी को राज्य विधि के तहत मौत की सजा मिली भी हो। उस व्यक्ति को राज्यपाल की बजाए राष्ट्रपति से क्षमा याचना करनी होगी। लेकिन राज्यपाल इसे स्थगित कर सकता है। या पुनर्विचार के लिय कह सकता है। |
3. राष्ट्रपति कोर्ट मार्शल (सैन्य अदालत) के तहत सजा प्राप्त व्यक्ति की सजा माफ कर सकता है, कम कर सकता है या बदल सकता है। |
राज्यपाल को कोर्ट मार्शल (सैन्य अदालत) के तहत सजा प्राप्त व्यक्ति की सजा माफ करने की कोई शक्ति प्राप्त नहीं है। |
राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति Practice Quiz upsc
⏫राष्ट्रपति को पूरी तरह से समझें – यहाँ क्लिक करें।
⏫राष्ट्रपति चुनाव को पूरी तरह से समझें – यहाँ क्लिक करें।
⏫राष्ट्रपति के पावर को समझिए – यहाँ क्लिक करें।
⏫अध्यादेश के बारे में सब कुछ जानिए – यहाँ क्लिक करें।
⏫राष्ट्रपति की वीटो पावर को समझिए – यहाँ क्लिक करें।