यह लेख अनुच्छेद 74 (Article 74) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

पाठकों से अपील 🙏
Bell आइकॉन पर क्लिक करके हमारे नोटिफ़िकेशन सर्विस को Allow कर दें ताकि आपको हरेक नए लेख की सूचना आसानी से प्राप्त हो जाए। साथ ही नीचे दिए गए हमारे सोशल मीडिया हैंडल से जुड़ जाएँ और नवीनतम विचार-विमर्श का हिस्सा बनें;
⬇️⬇️⬇️
Article 74

अगर टेलीग्राम लिंक काम न करे तो सीधे टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial


📜 अनुच्छेद 74 (Article 74)

मंत्रि-परिषद
74. राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद 1[(1) राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधान मंत्री होगा और राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग करने में ऐसी सलाह के अनुसार कार्य करेगा:]

2[परंतु राष्ट्रपति मंत्रि-परिषद से ऐसी सलाह पर साधारणतया या अन्यथा पुनर्विचार करने की अपेक्षा कर सकेगा और राष्ट्रपति ऐसे पुनर्विचार के पश्चात दी गई सलाह के अनुसार कार्य करेगा।]

(2) इस प्रश्न की किसी न्यायालय में जांच की जाएगी कि क्या मंत्रियों ने राष्ट्रपति को कोई सलाह दी, और यदि दी तो क्या दी।
————————-
1. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 13 द्वारा (3-1-1997 से) खंड (1) के स्थान पर प्रतिस्थापित।
2. संविधान (चवालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1978 की धारा 11 द्वारा (20-6-1979 से) अन्तःस्थापित।
—-अनुच्छेद 74

Council of Ministers
74. Council of Ministers to aid and advise President.1[(1) There shall be a Council of Ministers with the Prime Minister at the head to aid and advise the President who shall, in the exercise of his functions, act in accordance with such advice:]

2[Provided that the President may require the Council of Ministers to reconsider such advice, either generally or otherwise, and the President shall act in accordance with the advice tendered after such reconsideration.]

(2) The question whether any, and if so what, advice was tendered by Ministers to the President shall not be inquired into in any court.
——————
1. Subs. by the Constitution (Forty-second Amendment) Act, 1976, s.13, for cl. (1) (w.e.f. 3-1-1977).
2. Ins. by the Constitution (Forty-fourth Amendment) Act, 1978, s. 11 (w.e.f. 20-6-1979).
Article 74

🔍 Article 74 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 74 (Article 74) को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
—————————

| अनुच्छेद 74 – राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद

अनुच्छेद 74 ही वो अनुच्छेद है जिसके तहत प्रधानमंत्री के बारे में कुछ प्रारंभिक जानकारी मिलती है। इस अनुच्छेद के तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) होगी। इस अनुच्छेद के दो खंड है;

अनुच्छेद 74(1) के अनुसार, राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रि-परिषद (CoM) होगी जिसका प्रधान, प्रधान मंत्री (PM) होगा और राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग करने में ऐसी सलाह के अनुसार कार्य करेगा:

यहाँ से दो बातें पता चलती है पहला कि एक मंत्रिपरिषद होगी उसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करेंगे, दूसरी बात कि ये राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए होंगे।

मंत्रिपरिषद (Council of Ministers):

हमने ऊपर समझा कि संघीय कार्यपालिका में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं महान्यायवादी के साथ-साथ मंत्रिपरिषद (CCoM) भी होते हैं। और इस मंत्रिपरिषद की व्यवस्था इसी अनुच्छेद के तहत की गई है।

◾भारत में केंद्रीय मंत्रिपरिषद मंत्रियों का समूह है, जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रधान मंत्री की सलाह पर नियुक्त किया जाता है। केंद्रीय मंत्रिपरिषद में कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री शामिल होते हैं।

कैबिनेट मंत्री मंत्रिपरिषद के सबसे वरिष्ठ सदस्य होते हैं, और वे महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों और देश के समग्र शासन के लिए जिम्मेदार होते हैं। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विशिष्ट विभागों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जबकि राज्य मंत्री कैबिनेट मंत्रियों को उनके काम में सहायता करते हैं।

अनुच्छेद 75 के अनुसार केंद्रीय मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है, और वे भारत के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। प्रधान मंत्री मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है और मंत्रियों के कार्यों के मार्गदर्शन और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार होता है।

◾केंद्रीय मंत्रिपरिषद का आकार और संरचना राजनीतिक स्थिति और सत्ता में सरकार की प्राथमिकताओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। 2023 तक, भारत में वर्तमान केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधान मंत्री सहित लगभग 70 मंत्री शामिल हैं।

विस्तार से पढ़ें – केन्द्रीय मंत्रिपरिषद (अवधारणा)

प्रधानमंत्री (Prime Minister):

भारत के प्रधान मंत्री भारत सरकार की कार्यकारी शाखा के प्रमुख हैं। प्रधान मंत्री को भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और ये आमतौर पर राजनीतिक दल या गठबंधन के नेता होते हैं जो भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा में बहुमत का आदेश देते हैं।

◾भारत में प्रधान मंत्री की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है और भूमि क्षेत्र के मामले में सातवां सबसे बड़ा देश है।

1947 में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से भारत में कई प्रधान मंत्री रहे हैं। भारत के कुछ सबसे उल्लेखनीय प्रधानमंत्रियों में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी शामिल हैं।

इन नेताओं में से प्रत्येक ने अलग-अलग तरीकों से अपने राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को आकार देते हुए देश पर अपनी अनूठी छाप छोड़ी है।

◾भारत के प्रधान मंत्री देश के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के प्रत्येक प्रधान मंत्री ने अपने पूर्ववर्तियों द्वारा रखी गई नींव पर निर्माण करते हुए और अपने तरीके से भारत की नियति को आकार देते हुए देश पर अपनी अनूठी छाप छोड़ी है। 

विस्तार से पढ़ें – प्रधानमंत्री (Prime minister)

राष्ट्रपति को सलाह देना:

अनुच्छेद 74 में लिखा हुआ है कि राष्ट्रपति को सलाह और सहायता देने के लिए मंत्रिपरिषद एवं प्रधानमंत्री होंगे। हालांकि संविधान में यह भी लिखा हुआ है कि मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई सलाह को राष्ट्रपति पुनर्विचार के लिए भी कह सकता है लेकिन पुनर्विचार के बाद जो सलाह दी जाएगी उसे राष्ट्रपति को मानना ही पड़ेगा।

अनुच्छेद 74(2) के तहत यह व्यवस्था किया गया है कि इस प्रश्न की किसी न्यायालय में जांच नहीं की जाएगी की क्या मंत्रियों ने राष्ट्रपति को कोई सलाह दी, और यदि दी तो क्या दी।

इसका मतलब ये है कि मंत्रिपरिषद, राष्ट्रपति को सलाह देता है या नहीं इससे कोई फर्क पड़ता नहीं है क्योंकि ये जांच का विषय नहीं है।

राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संबंध

हमारे यहाँ निर्वाचित राष्ट्रपति है। फिर भी इस अनुच्छेद से इंग्लैंड के समान संसदीय कार्यपालिका प्रणाली का समावेश किया गया है। इसके कारण राष्ट्रपति कार्यपालिका का प्रारूपिक या सांविधानिक प्रधान रह गया है।

वास्तविक शक्ति मंत्रिपरिषद के हाथों में है। और मंत्रिपरिषद के सदस्य आमतौर पर सीधे जनता से चुन कर आते हैं। बहुमत प्राप्त करने वाला दल अपना एक नेता चुनता है। राष्ट्रपति उसे प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करता है। प्रधानमंत्री एक मंत्रिपरिषद का गठन करता है जिसे कि राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। मंत्रिपरिषद कार्यपालिका की भूमिका निभाती है और इसी को सरकार कहते हैं।

मंत्रिपरिषद के सदस्य सदन के सदस्य होते हैं वहीं राष्ट्रपति संसद का एक हिस्सा है। कोई भी विधेयक राष्ट्रपति की सहमति के बाद ही अधिनियम बनता है।

तो यही है अनुच्छेद 74 (Article 74), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
—————————
FAQ. अनुच्छेद 74 (Article 74) क्या है?

अनुच्छेद 74 के तहत राष्ट्रपति की सहायता और सलाह के लिए मंत्रिपरिषद के गठन की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री इसी मंत्रिपरिषद की अध्यक्षता करता है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

| Related Article

Hindi ArticlesEnglish Articles
अनुच्छेद 73
अनुच्छेद 75
⚫ Article 73
⚫ Article 75
—————————
भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
——Article 74—
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।