यह लेख अनुच्छेद 77 (Article 77) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 77

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📜 अनुच्छेद 77 (Article 77)

सरकारी कार्य का संचालन
77. भारत सरकार के कार्य का संचालन — (1) भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्रवाई राष्ट्रपति के नाम से की हुई कही जाएगी।
(2) राष्ट्रपति के नाम से किए गए और निष्पादित आदेशों और अन्य लिखतों को ऐसी रीति से अधिप्रमाणित किया जाएगा जो राष्ट्रपति द्वारा बनाए जाने वाले नियमों1 में विनिर्दिष्ट की जाए और इस प्रकार अधिप्रमाणित आदेश या लिखत की विधिमान्यता इस आधार पर प्रश्नगत नहीं की जाएगी कि वह राष्ट्रपति द्वारा किया गया या निष्पादित आदेश या लिखत नहीं है।
(3) राष्ट्रपति, भारत सरकार का कार्य अधिक सुविधापूर्वक किए जाने के लिए और मंत्रियों में उक्त कार्य के आबंटन के लिए नियम बनाएगा।

2(4)* * * * * *
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1. देखिए समय-समय पर यथा संशोधित अधिसूचना सं. का. आ. 2297, तारीख 3 नवंबर, 1958, भारत का राजपत्र, असाधारण, 1958, भाग 2, अनुभाग 3(ii), पृष्ठ 1315।
2. संविधान (बयालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1976 की धारा 14 द्वारा (3-1-1977 से) खंड (4) अंतःस्थापित किया गया था और संविधान (चवालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1978 की धारा 12 द्वारा (20-6-1979 से) उसका लोप किया गया।
—-अनुच्छेद 77—-

Conduct of Government Business
77. Conduct of business of the Government of India.—(1) All executive action of the Government of India shall be expressed to be taken in the name of the President.
(2) Orders and other instruments made and executed in the name of the President shall be authenticated in such manner as may be specified in rules1 to be made by the President, and the validity of an order or instrument which is so authenticated shall not be called in question on the ground that it is not an order or instrument made or executed by the President.
(3) The President shall make rules for the more convenient transaction of the business of the Government of India, and for the allocation among Ministers of the said business.
2(4) * * * *
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1. See notification No. S.O. 2297, dated the 3rd November, 1958, Gazette of India, Extraordinary, Pt. II, Sec. 3 (ii), p. 1315, as amended from time to time.
2. Cl. (4) was ins. by the Constitution (Forty-second Amendment) Act, 1976, s.14 (w.e.f. 3-1-1977) and omitted by the Constitution (Forty-fourth Amendment) Act, 1978, s. 12 (w.e.f. 20-6-1979).
—-Article 77

🔍 Article 77 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 77 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 77 – भारत सरकार के कार्य का संचालन

अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्य के संचालन के बारे में है। इस अनुच्छेद के तहत तीन खंड आते हैं;

अनुच्छेद 77(1) के तहत कहा गया है कि भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्रवाई राष्ट्रपति के नाम से की हुई कही जाएगी। अनुच्छेद 53 के तहत हमने समझा था कि संघ की कार्यपालक शक्ति राष्ट्रपति में निहित होगी।

इस अनुच्छेद को आप अनुच्छेद 53 का ही विस्तार समझ सकते हैं। क्योंकि अनुच्छेद 77(1) के तहत कहा गया है कि भारत सरकार की समस्त कार्यपालक कार्यवाहियाँ राष्ट्रपति के नाम से की जाएगी और उसी प्रकार अभिव्यक्त भी होगी।

अनुच्छेद 77(2) के तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति के नाम से पारित आदेशों तथा अन्य दस्तावेजों को इस प्रकार अधिप्रमाणित किया जाएगा जैसा कि राष्ट्रपति द्वारा बनाए जाने वाले नियमों में निर्दिष्ट हो।

इसके अतिरिक्त इस प्रकार अधिप्रमाणित किए गए किसी आदेश अथवा प्रपत्र की वैधता पर इस आधार पर कोई प्रश्न नहीं किया जाएगा कि उक्त आदेश अथवा प्रपत्र राष्ट्रपति द्वारा निर्मित अथवा निष्पादित हैं।

कहने का अर्थ है कि राष्ट्रपति के नाम से पारित आदेशों को किस तरह से अधिप्रमाणित (authenticated) किया जाएगा; इसके नियम स्वयं राष्ट्रपति बना सकता है।

अनुच्छेद 77(3) के तहत कहा गया है कि राष्ट्रपति, भारत सरकार का कार्य अधिक सुविधापूर्वक किए जाने के लिए और मंत्रियों में उक्त कार्य के आबंटन के लिए नियम बनाएगा।

तो यही है अनुच्छेद 77 (Article 77), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 77 (Article 77) क्या है?

अनुच्छेद 77 भारत सरकार के कार्य का संचालन के बारे में है। इसके तहत बताया गया है कि भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्रवाई राष्ट्रपति के नाम से की हुई कही जाएगी।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अनुच्छेद 76
अनुच्छेद 78
⚫ Article 76
⚫ Article 78
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भारतीय संविधान
संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
भारत की न्यायिक व्यवस्था
भारत की कार्यपालिका
Constitution
Basics of Parliament
Fundamental Rights
Judiciary in India
Executive in India
——Article 77—-
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।