इस लेख में हम क्रिकेट पर सरल एवं सहज चर्चा करेंगे एवं जानेंगे कि एक ओवर में सिर्फ 6 गेंदे ही क्यों होते हैं। तो इस मजेदार तथ्य को जानने के लिए इसे अंत तक जरूर पढ़ें;

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क्रिकेट के एक ओवर में छह गेंदे ही क्यूँ होते हैं

क्रिकेट क्या है?

क्रिकेट एक बल्ले और गेंद का खेल है जो ग्यारह खिलाड़ियों की दो टीमों के बीच एक मैदान पर खेला जाता है, जिसके केंद्र में एक 22-यार्ड (20-मीटर) पिच होती है, जिसमें प्रत्येक छोर पर एक विकेट होता है, प्रत्येक में तीन स्टंप पर संतुलित दो बेल होते हैं। बल्लेबाजी पक्ष बल्ले से विकेट पर फेंकी गई गेंद पर प्रहार करता है और फिर विकेटों के बीच दौड़ता है, जबकि गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण पक्ष इसे रोकने की कोशिश करता है (गेंद को मैदान से बाहर जाने से रोककर) और प्रत्येक बल्लेबाज को आउट करने की कोशिश करता है ताकि जीत की संभावना बढ़ जाए।

जब गेंद स्टंप्स से टकराती है और बेल्स को हटाती है, और क्षेत्ररक्षण पक्ष द्वारा या तो गेंद को बल्ले से टकराने के बाद पकड़ा जाता है, लेकिन वो भी जमीन पर टकराने से पहले, तो उसे आउट करार दिया जाता है। जब दस बल्लेबाज आउट हो जाते हैं, तो पारी समाप्त हो जाती है और टीमें भूमिकाएं बदल लेती हैं। खेल का निर्णय दो अंपायरों द्वारा किया जाता है, एक तीसरे अंपायर और अंतरराष्ट्रीय मैचों में मैच रेफरी द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। वे दो ऑफ-फील्ड स्कोरर के साथ संवाद करते हैं जो मैच की सांख्यिकीय जानकारी रिकॉर्ड करते हैं।

ट्वेंटी 20 से क्रिकेट के रूप, प्रत्येक टीम 20 ओवर की एक पारी के लिए बल्लेबाजी करती है और खेल आमतौर पर तीन घंटे तक चलता है, जबकि टेस्ट मैच आमतौर पर 5 दिनों में खत्म होता है। परंपरागत रूप से क्रिकेटर्स ऑल-व्हाइट किट में खेलते हैं, लेकिन सीमित ओवरों के क्रिकेट में वे क्लब या टीम कलर पहनते हैं। बुनियादी किट के अलावा, कुछ खिलाड़ी गेंद से होने वाली चोट को रोकने के लिए सुरक्षात्मक गियर पहनते हैं।

क्रिकेट का सबसे पहला संदर्भ 16वीं शताब्दी के मध्य में दक्षिण पूर्व इंग्लैंड में मिलता है। यह 19वीं सदी के उत्तरार्ध में पहले अंतरराष्ट्रीय मैचों के साथ, ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार के साथ विश्व स्तर पर फैल गया। खेल का शासी निकाय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) है, जिसमें 100 से अधिक सदस्य हैं, जिनमें से बारह पूर्ण सदस्य हैं जो टेस्ट मैच खेलते हैं। खेल के नियम, क्रिकेट के नियम, लंदन में मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) द्वारा बनाए रखा जाता है। इस खेल का अनुसरण मुख्य रूप से दक्षिण एशिया, आस्ट्रेलिया, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिणी अफ्रीका और वेस्ट इंडीज में किया जाता है।

महिला क्रिकेट, जो अलग से आयोजित और खेला जाता है, ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मुकाम हासिल किया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाली सबसे सफल टीम ऑस्ट्रेलिया है, जिसने पांच विश्व कप सहित सात एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ट्राफियां जीती हैं, जो किसी भी अन्य देश से अधिक है और किसी भी अन्य देश की तुलना में टॉप रेटेड टेस्ट टीम रही है।

क्रिकेट के एक ओवर में छह गेंदे ही क्यों?

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सन 1979-80 के बाद से ही सारी दुनिया में छह गेंदों के मानक ओवर का चलन शुरू हुआ था।

उसके पहले ऐसा कोई नियम था नहीं और न ही नियम बनाने वाली आईसीसी जैसी कोई संस्था, इसीलिए अलग-अलग समय और अलग-अलग देशों में चार, पाँच और आठ गेंदों के ओवर भी होते थे।

इंग्लैंड में 1889 तक चार गेंदों का एक ओवर होता था। उसके बाद 1899 तक पाँच गेंद का ओवर हो गया। इसके बाद 1900 में छह गेंदों के ओवर की शुरुआत हुई।

शुरुआती वर्षों में ऑस्ट्रेलिया में भी चार गेंद का ओवर  होता था। इसके बाद जब इंग्लैंड में छह गेंद का ओवर हुआ तो । वहाँ भी छह गेंद का ओवर हो गया।

लेकिन वर्ष 1922-23 के सीजन से ऑस्ट्रेलिया ने आठ गेंदों का एक ओवर करने का फैसला लिया। 

ऑस्ट्रेलिया की देखा-देखी इंग्लैंड ने भी सन 1939 में अपने घरेलू cricket में दो साल के लिए आठ गेंदों के ओवर का प्रयोग किया। पर उस समय द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हो गया।

विश्व युद्ध खत्म होने के बाद जब इंग्लैंड में नियमित रूप से क्रिकेट का सीजन शुरू हुआ तो छह गेंदों के ओवर की वापसी हो गयी।

बाकी के देशों का क्या था हाल?

बात दक्षिण अफ्रीका की करें तो दक्षिण अफ्रीका में 1938-39 और फिर 1957-58 में आठ गेंद का ओवर चला। इसी तरह पाकिस्तान में 1974-75 और 1977-78 में आठ गेंद का ओवर रहा। 

क्रिकेटों के जानकारों का मानना है कि चार गेंदों का ओवर काफी छोटा लगा। उसे कुछ और बड़ा करने के प्रयास में यह संख्या आठ तक पहुँच गयी। पर 8 कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया तो सोचा कि न 8 और 4 अब होगा तो 6 ।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का संचालन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल करती है, जिसकी स्थापना 1909 में इंग्लैंड , ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने मिलकर की थी।

उस समय इसका नाम इंपीरियल क्रिकेट कौन्फ्रेंस था। सन 1965 में इसका नाम इंटरनेशनल क्रिकेट कोन्फ्रेंस और 1989 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल हो गया। 

क्रिकेट में भारत की स्थिति

भारत में सन 1792 में पहला क्रिकेट_क्लब बन गया था, पर उसे टेस्ट क्रिकेट का दर्जा सन 1932 में मिला जब उसने इंग्लैंड के साथ लॉर्ड्स में अपना पहला टेस्ट मैच खेला।

टेस्ट क्रिकेट का दर्जा पाने वाली भारतीय टीम दुनिया में छठी टीम थी। उसके पहले इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टेंडीज़ और न्यूजीलैंड की टीमों को यह दर्जा प्राप्त था।


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