पकड़ना और थामना; वैसे तो शब्द सुनकर ही थोड़ा बहुत अंतर समझ में आ जाता है। फिर भी इन शब्दों से संबंधित बहुत कुछ है जो आपको जानना चाहिए।

इस लेख में हम पकड़ना और थामना में अंतर की तलाश करेंगे और देखेंगे कि कौन सी चीज़ दोनों में अंतर पैदा करती है, तो लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। अब आइये एक शेर से शुरुआत करते हैं; facebook page

न हाथ थाम सके, न पकड़ सके दामन, 
बड़े क़रीब से उठकर चला गया कोई.

पकड़ना और थामना में अंतर
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पकड़ना और थामना

पकड़ना और थामना में अंतर क्या है? - [Key Difference] WonderHindi.Com

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पकड़ना और थामना दोनों में ही किसी चीज़ को रोकने की भाव की प्रधानता है। इसके बावजूद भी प्रयोग के दौरान इन दोनों में स्पष्ट अंतर देखा जा सकता है।

दोनों शब्दों (पकड़ना और थामना) के लिए अगर इंग्लिश के Hold शब्द का इस्तेमाल करें तो दोनों में अंतर ढूँढना थोड़ा मुश्किल है।

इसी प्रकार से Catch aur Grab शब्द का इस्तेमाल भी दोनों के लिए किया जाता है। इन दोनों शब्द का भी इस तरह से इस्तेमाल हुआ है कि हम पकड़ना और थामना दोनों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल कर लेते हैं……..

पर इस्तेमाल के दौरान दोनों में कभी-कभी सूक्ष्म अंतर दिखायी दे जाता है। जैसे कि कोई बॉल फेंकता है तो हम उसे Catch करना कहते हैं, लेकिन जैसे ही बॉल पूरी तरह से हमारे हाथ के गिरफ्त में आ जाता है, हम उसके लिए Grab शब्द का इस्तेमाल कर देते हैं। लेकिन हिन्दी में फिर भी हम पकड़ना शब्द का ही इस्तेमाल करते हैं।

यानी कि Grab शब्द का भी इस्तेमाल पकड़ने के सेंस में ही होता है। पर यहाँ पर इसका सेंस आमतौर पर कुछ ऐसा होता है, जैसे कोई चीज़ हमारे हाथ से फिसल कर निकल रहा हो, या हमारे गिरफ्त से छूटने की कोशिश कर रहा हो।

जब किसी शॉपिंग मॉल आदि में कोई ऑफर दिया जाता है तो वहाँ Grab शब्द का इस्तेमाल खूब किया जाता है। उसका सेंस आमतौर पर यही होता है कि ऑफर हाथ से निकला जा रहा है, उसे जल्दी पकड़िये।

अगर पकड़ना के लिए Arrest शब्द का इस्तेमाल करें और थामना के लिए Sustain शब्द का तो कुछ अंतर झलकता है।

Arrest में थोड़ा सा हलकापन नजर आता है इसका झुकाव थोड़ा सा नकारात्मकता के नजदीक लगता है। वहीं जब Sustain की बात करें तो इसमें एक सहारे का भाव नजर आता है। बचाने का भाव नजर आता है। और ये सकारात्मकता के ज्यादा नजदीक नजर आता है।

| पकड़ना का अर्थ

किसी वस्तु को हाथ में मजबूती से इस प्रकार रखना है कि वह गिरने, छूटने, छिटकने या इधर-उधर नहीं होने पाये, इसे हम पकड़ना कह सकते हैं।

किसी तेजी से आती हुई वस्तु को आगे बढ़ने से रोकना या फिर किसी तेजी से जाती हुई वस्तु को रोकना भी पकड़ना ही है। जैसे कि गिरफ्तार करने के अर्थ में इसका प्रयोग देखें तो – पुलिस ने भागते हुए चोर को पकड़ कर जेल भेज दिया।

जाल या फंदे में फंसा कर किसी को अपने वश में कर लेना भी पकड़ना है:- जैसे – आज उसने अपने जाल में बहुत सारे मछली को पकड़ा।

किसी वस्तु को भली-भांति जानने, पहचानने और समझने के अर्थ में भी यह प्रयुक्त होता है:- जैसे – अब मेरी कही हुई बात उसकी पकड़ में आने लगी है।

किसी फैलने वाली वस्तु के संपर्क में आने से उसके प्रभाव से युक्त होना भी पकड़ना है:- जैसे – माचिस की तीली जलाते ही घास के ढेर में आग पकड़ ली।

रोग से शरीर का कोई अंग बेकार हो जाने की स्थिति में भी यह प्रयुक्त होता है; जैसे – गठिया ने उनका ठेहुना पकड़ रखा है।

जो आगे निकल जाने को हो, उसके पास समय से पहुँच जाना या उसके पास जाकर उसका हिस्सा हो जाना भी पकड़ना है:- जैसे उन्होने दौड़ कर ट्रेन पकड़ ली।

अनुचित कार्य करने वाले का भंडाफोड़ करना भी पकड़ना है; जैसे – लोगों ने उसे दूध में पानी मिलाते हुए पकड़ लिया।

| थामना का अर्थ

जैसा कि हमने ऊपर भी चर्चा किया है कि इन दोनों का अर्थ रोकना ही है। लेकिन थामना में सहारे का भाव थोड़ा ज्यादा होता है। जैसे कि – इसी बांस ने छप्पर को थाम रखा है, वरना छप्पर गिर जाता। किसी प्रकार के प्रहार को रोकना भी थामना है; जैसे – उसने लाठी थाम ली वरना उसका तो सिर ही फूट जाता।

| जब हम दोनों को एक साथ इस्तेमाल करके इसे समझने की कोशिश करते हैं तो चीज़ें स्पष्ट होने लगती है। आप खुद ही देखिये।

जैसे कि – थोड़ा थम भी जाओ न प्लीज नहीं तो मैं तुम्हें नहीं पकड़ पाऊँगा।

प्रेमी-प्रमिका के मामले में इसका अच्छा इस्तेमाल देखने को मिलता है। जैसे कि एक लड़के को अपनी प्रेमिका से मैंने ये कहते हुए सुना कि उस दिन तो मैंने तुम्हारा हाथ जबर्दस्ती पकड़ा था, लेकिन आज पकड़ने नहीं तुम्हारा हाथ थामने आया हूँ।

ऊपर का शेर अगर आपने पढ़ा हो तो आप गौर कर पाएंगे कि थामना में एक कोमलता का भाव नजर आ रहा है। जबकि पकड़ना में हार्डनेस नजर आता है।

उस शेर में, इन दोनों शब्दों का अच्छा ब्लेंड नजर आता है कि – हाथ तो थाम नहीं ही सके पर काश! कि जाते-जाते उसका दामन भी पकड़ लेता।

नोट – साड़ी, दुपट्टा, गले में या वक्षःस्थल पर पहने हुए अंगरखे, कुरते आदि का कमर के नीचे का वह भाग जो झूलता या लटकता रहता है, उसी को दामन कहते हैं।

एक गाना बताता हूँ उसकी मदद से आप इन दोनों में अंतर अच्छे से समझ सकते हैं। गाने का बोल है – थम के बरस ओ जरा थम के बरस। आप खुद ही देखिये कि इस गाने में थम के बरस का इस्तेमाल किया गया है न कि पकड़ के बरस का।

जैसा कि हमने ऊपर भी चर्चा किया है कि पकड़ने में थोड़ा हार्डनेस का भाव है वहीं थामने में कोमलता का भाव है; जैसे – उँगलियों को पकड़ने में थामने की अपेक्षा गिरफ्त अधिक मजबूत होती है। जैसे – पुलिस के कहने पर अपराधी नहीं थमा तो पुलिस ने उसे दौड़ कर पकड़ लिया।

उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा और समझ में भी आया होगा, नीचे अन्य महत्वपूर्ण लेखों को भी पढ़िये और आनंद लीजिए…!

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