यह लेख अनुच्छेद 68 (Article 68) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।
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📜 अनुच्छेद 68 (Article 68)
68. उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि — (1) उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की समाप्ति से पहले पूर्ण कर लिया जाएगा। (2) उपराष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से हुई उसके पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्ति होने के पश्चात यथाशीघ्र किया जाएगा और रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति, अनुच्छेद 67 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की पूरी अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा। |
68. Time of holding election to fill vacancy in the office of VicePresident and the term of office of person elected to fill casual vacancy.— (1) An election to fill a vacancy caused by the expiration of the term of office of Vice-President shall be completed before the expiration of the term. (2) An election to fill a vacancy in the office of Vice-President occurring by reason of his death, resignation or removal, or otherwise shall be held as soon as possible after the occurrence of the vacancy, and the person elected to fill the vacancy shall, subject to the provisions of article 67, be entitled to hold office for the full term of five years from the date on which he enters upon his office. |
🔍 Article 68 Explanation in Hindi
अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)।
कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।
कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।
यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।
कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 68 को समझने वाले हैं;
|अनुच्छेद 68 – उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
जैसा कि हमने अनुच्छेद 67 में समझा कि उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। यानि कि 5 वर्ष बाद वो पद खाली हो जाएगा। इसे कहते हैं सामान्य रिक्ति।
लेकिन हमेशा ऐसा होता नहीं है। उपराष्ट्रपति पद कई बार आकस्मिक स्थितियों में खाली हो सकता है। जैसे कि कार्यकाल पूर्ण होने से पहले त्यागपत्र दे देना, पद पर रहते हुए मृत्यु को प्राप्त हो जाना, इत्यादि।
तो कुल मिलाकर दो उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने के लिए दो स्थितियाँ बनती है – सामान्य (Normal) एवं आकस्मिक (Casual)।
इस अनुच्छेद में दोनों ही स्थितियों के बारे में बात की गई है कि सामान्य रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन कब होगा और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन कब होगा या उसकी पदावधि क्या होगी।
इस अनुच्छेद के दो भाग हैं। पहले भाग में बताया गया है कि उपराष्ट्रपति की पदावधि की समाप्ति से हुई रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, पदावधि की समाप्ति से पहले पूर्ण कर लिया जाएगा।
अनुच्छेद 62 के तहत राष्ट्रपति के लिए भी यही व्यवस्था किया गया है और इस अनुच्छेद के तहत उपराष्ट्रपति के लिए भी यही व्यवस्था किया गया है कि वर्तमान उपराष्ट्रपति का पद समाप्त होने से पहले ही नए उपराष्ट्रपति का चुनाव करवा लिया जाएगा।
हालांकि राष्ट्रपति के मामले में इस व्यवस्था में आपको 1977 के बाद निरंतरता देखने को मिलेगी, लेकिन उपराष्ट्रपति के चुनाव में देर-सवेर होता रहा है। ये आप नीचे के चार्ट से आसानी से समझ सकते हैं;
उपराष्ट्रपति | पदग्रहण | पदमुक्ति | तत्कालीन राष्ट्रपति |
1. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | 13 May 1952 | 12 May 1962 | राजेंद्र प्रसाद |
2. ज़ाकिर हुसैन | 13 May 1962 | 12 May 1967 | सर्वपल्ली राधाकृष्णन |
3. वी वी गिरि | 13 May 1967 | 20 July 1969 | ज़ाकिर हुसैन |
4. गोपाल स्वरूप पाठक | 31 August 1969 | 30 August 1974 | वी वी गिरि, फकरुद्दीन अली अहमद |
5. बी डी जत्ती | 31 August 1974 | 30 August 1979 | फकरुद्दीन अली अहमद, नीलम संजीव रेड्डी |
6. मोहम्मद हयातुल्लाह | 31 August 1979 | 30 August 1984 | नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह |
7. रामास्वामी वेंकटरमन | 31 August 1984 | 24 July 1987 | ज्ञानी जैल सिंह |
8. शंकर दयाल शर्मा | 7 September 1987 | 24 July 1992 | रामस्वामी वेंकटरमण |
9. के आर नारायण | 21 August 1992 | 24 July 1997 | शंकर दयाल शर्मा |
10. कृष्ण कांत | 21 August 1997 | 27 July 2002 | के आर नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम |
11. भैरो सिंह शेखावत | 19 August 2002 | 21 July 2007 | एपीजे अब्दुल कलाम |
12. मोहम्मद हमीद अंसारी | 11 August 2007 | 10 August 2017 | प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी, राम नाथ कोविन्द |
13. वेंकैया नायडु | 11 August 2017 | 10 August 2022 | राम नाथ कोविन्द |
14. Jagdeep Dhankhar | 11 August 2022 | Incumbent | द्रौपदी मुर्मू |
इस अनुच्छेद के दूसरे भाग में बताया गया है कि आकस्मिक स्थिति में उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होने पर यानि कि उपराष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने के कारण से हुई उसके पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन, रिक्ति होने के पश्चात यथाशीघ्र किया जाएगा।
और दूसरी बात ये कि रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति, अनुच्छेद 67 के उपबंधों के अधीन रहते हुए, अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की पूरी अवधि तक पद धारण करने का हकदार होगा।
कहने का अर्थ ये है कि अगर आकस्मिक स्थिति में उपराष्ट्रपति का पद रिक्त होता है तो जितनी जल्दी हो सके चुनाव करवाया जाएगा और उस चुनाव से चुनकर आएगा वो पूरे पाँच वर्ष के लिए आएगा न कि उस बचे हुए कार्यकाल के लिए।
◾ उपराष्ट्रपति चुनाव की पूरी प्रक्रिया समझें – उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है? [यूपीएससी]
तो यही है अनुच्छेद 68 (Article 68), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अनुच्छेद 68, उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि से संबन्धित है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;
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