यह लेख अनुच्छेद 136 (Article 136) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 136


📜 अनुच्छेद 136 (Article 136) – Original

केंद्रीय न्यायपालिका
136. अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत — (1) इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, उच्चतम न्यायालय अपने विवेकानुसार भारत के राज्यक्षेत्र में किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा किसी वाद या मामले में पारित किए गए या दिए गए किसी निर्णय, डिक्री, अवधारण, दंडादेश या आदेश की अपील के लिए विशेष इजाजत दे सकेगा।

(2) खंड (1) की कोई बात सशस्त्र बलों से संबंधित किसी विधि द्वारा या उसके अधीन गठित किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा पारित किए गए या दिए गए किसी निर्णय, अवधारण, दंडादेश या आदेश को लागू नहीं होगी।
अनुच्छेद 136

THE UNION JUDICIARY
136. Special leave to appeal by the Supreme Court.— (1) Notwithstanding anything in this Chapter, the Supreme Court may, in its discretion, grant special leave to appeal from any judgment, decree, determination, sentence or order in any cause or matter passed or made by any court or tribunal in the territory of India.
(2) Nothing in clause (1) shall apply to any judgment, determination, sentence or order passed or made by any court or tribunal constituted by or under any law relating to the Armed Forces.
Article 136

🔍 Article 136 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का चौथा अध्याय है – संघ की न्यायपालिका (The Union Judiciary)

संसद के इस अध्याय के तहत अनुच्छेद 124 से लेकर अनुच्छेद 147 तक आते हैं। इस लेख में हम अनुच्छेद 136 (Article 136) को समझने वाले हैं;

न्याय (Justice) एक जटिल और बहुआयामी अवधारणा है जो व्यक्तियों के साथ निष्पक्ष व्यवहार और न्यायपूर्ण समाज के रखरखाव को संदर्भित करता है।

न्याय लोकतंत्र का एक आधारभूत स्तंभ है क्योंकि यह व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है, कानून के शासन को बनाए रखता है, संघर्ष के समाधान की सुविधा देता है और निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है। यह लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करता है और समाज की समग्र भलाई और स्थिरता में योगदान देता है।

भारत में इसे सुनिश्चित करने के लिए संविधान द्वारा एकीकृत न्यायिक व्यवस्था (Integrated Judiciary System) की शुरुआत की गई है। इस व्यवस्था में उच्चतम न्यायालय सबसे शीर्ष पर आता है, उसके बाद राज्यों उच्च न्यायालय आता है और फिर उसके बाद जिलों का अधीनस्थ न्यायालय

अनुच्छेद-135 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 136 – अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत

संविधान का भाग 5, अध्याय IV संघीय न्यायालय यानि कि उच्चतम न्यायालय की बात करता है। अनुच्छेद 136 अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत (Special leave to appeal by the Supreme Court) के बारे में है।

अनुच्छेद 136 के तहत दो खंड आते हैं; आइये समझते हैं।

अनुच्छेद 136(1) के तहत कहा गया है कि इस अध्याय में किसी बात के होते हुए भी, उच्चतम न्यायालय अपने विवेकानुसार भारत के राज्यक्षेत्र में किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा किसी वाद या मामले में पारित किए गए या दिए गए किसी निर्णय, डिक्री, अवधारण, दंडादेश या आदेश की अपील के लिए विशेष इजाजत दे सकेगा।

विशेष अनुमति द्वारा अपील (Special leave to appeal by the Supreme Court) – सैन्य अदालतों के मामलों को छोड़कर अन्य किसी भी अदालतों के किसी भी प्रकार के मामलों के संबंध में उच्चतम न्यायालय को इस बात का अधिकार है कि वे किसी पीड़ित या असंतुष्ट व्यक्ति के मामले को विशेष अनुमति द्वारा सीधे अपने पास सुनवाई का मौका दे। भले ही कोई भी अदालत उस मामले में अपना जजमेंट ही क्यों न सुना दिया हो। इसे ही Special Leave Petition कहा जाता है।

यह अनुच्छेद 136 के तहत सुप्रीम कोर्ट को मिला एक विशेषाधिकार है जिसका वो इस्तेमाल कर सकता है यदि उसे लगता है कि,

(1) मामला संवैधानिक व्याख्या की मांग करता है, या

(2) उस अमुक व्यक्ति के साथ बहुत अन्याय हुआ है। 

लेकिन यहाँ पर याद रखने वाली बात ये है कि यह एक विवेकाधीन शक्ति है और इसीलिए किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा इसका अधिकार के रूप मे दावा नहीं किया जा सकता। ये सुप्रीम कोर्ट पर निर्भर करता है वे इस अधिकार का इस्तेमाल करता है कि नहीं।

इस तरह इस उपबंध का कार्यक्षेत्र काफी व्यापक है और इसकी पूर्ण सुनवाई उच्चतम न्यायालय में निहित है। इस शक्ति का उपयोग उच्चतम न्यायालय सावधानी के साथ विशेष परिस्थितियों में ही बिरले रूप में ही करता है क्योंकि इस शक्ति का प्रयोग किसी भी नियम के तहत करना मुश्किल होता है।

अनुच्छेद 136(2) – जैसा कि हमने ऊपर भी चर्चा किया खंड (1) की कोई बात सशस्त्र बलों से संबंधित किसी विधि द्वारा या उसके अधीन गठित किसी न्यायालय या अधिकरण द्वारा पारित किए गए या दिए गए किसी निर्णय, अवधारण, दंडादेश या आदेश को लागू नहीं होगी।

⚫ ⚫ विस्तार से समझेंउच्चतम न्यायालय का क्षेत्राधिकार (Jurisdiction of Supreme Court)

विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition – SLP) क्या है?

विशेष अनुमति याचिका (SLP), पीड़ित पक्ष को सर्वोच्च न्यायालय में भारतीय उपमहाद्वीप के अंदर अदालत या न्यायाधिकरण द्वारा किए गए किसी भी निर्णय, डिक्री, आदेश, संकल्प, या सजा को चुनौती देने की विशेष शक्ति देती है। इस कॉन्सेप्ट को भारत शासन अधिनियम 1935 से लिया गया है।

भारतीय संविधान के अनुसार भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पास “विवेकाधीन शक्ति” है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के पास किसी भी मामले में भारतीय उपमहाद्वीप के भीतर किसी भी अदालत या न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए किसी भी निर्णय, डिक्री या आदेश को अपील करने के लिए विशेष अनुमति देने की क्षमता है। अपने विवेक का उपयोग करके, भारत का सर्वोच्च न्यायालय भी अपील करने की अनुमति नहीं देने का निर्णय ले सकता है।

हालांकि पीड़ित पक्ष इसका इस्तेमाल एक अधिकार के रूप ने नहीं कर सकता है क्योंकि यह एक विशेषाधिकार है जिसका उपयोग केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है।

दूसरी बात ये कि एक सैन्य अदालत या कोर्ट-मार्शल द्वारा निपटाए जाने वाले मामलों के लिए विशेष अनुमति याचिका (SLP) की आवश्यकता नहीं होती है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 136 को अनुच्छेद 132, 133, 134 और 135 से क्या अलग करता है?

◾ संविधान के अनुच्छेद 132 से 135 के तहत केवल अंतिम आदेशों के खिलाफ अपील सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुनी जा सकती है। हालांकि, अनुच्छेद 136 के तहत यह जरूरी नहीं है।

◾ अनुच्छेद 132 से 134 के अनुसार, उच्च न्यायालय का अंतिम निर्णय एकमात्र निर्णय है जो अपील के अधीन है; लेकिन, अनुच्छेद 136 के तहत, सर्वोच्च न्यायालय किसी भी अदालत या ट्रिब्यूनल से अपील करने के लिए विशेष अनुमति दे सकता है।

◾ अनुच्छेद 132 से 134 के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय केवल किसी न्यायालय या अधिकरण के निर्णय, फैसले, सजा या आदेश के संबंध में अपील सुन सकता है; लेकिन, अनुच्छेद 136 के तहत, किसी भी मामले या विषय वस्तु के संबंध में अपील की जा सकती है।

यहाँ यह याद रखिए कि मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर नहीं की जा सकती है।

तो यही है अनुच्छेद 136 (Article 136), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial

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FAQ. अनुच्छेद 136 (Article 136) क्या है?

अनुच्छेद 136 अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत (Special leave to appeal by the Supreme Court) के बारे में है। इसे विशेष अनुमति याचिका (Special Leave Petition – SLP) अभी कहा जाता है।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।