यह लेख Article 243J (अनुच्छेद 243ञ) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें,
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📜 अनुच्छेद 243J (Article 243ञ) – Original
भाग 9 [पंचायत] |
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243J. पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा— किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों द्वारा लेखे रखे जाने और ऐसे लेखाओं की संपरीक्षा करने के बारे में उपबंध कर सकेगा। |
Part IX [THE PANCHAYATS] |
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243J. Audit of accounts of Panchayats— The Legislature of a State may, by law, make provisions with respect to the maintenance of accounts by the Panchayats and the auditing of such accounts. |
🔍 Article 243J Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 9, अनुच्छेद 243 से लेकर अनुच्छेद 243-O तक विस्तारित है। यह भाग भारत में स्थानीय स्व:शासन की नींव रखता है जो कि हमेशा से संविधान का हिस्सा नहीं था बल्कि इसे साल 1992 में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम की मदद से संविधान का हिस्सा बनाया गया।
भाग 9 पूरी तरह से पंचायत को समर्पित है। इसके तहत कुल 16 अनुच्छेद आते हैं जिसकी मदद से पंचायती राज व्यवस्था को एक संवैधानिक संस्था बनाया गया।
पंचायती राज व्यवस्था के जुड़ने से भारत में अब सरकार की त्रिस्तरीय व्यवस्था हो गई है – संघ सरकार (Union Government), राज्य सरकार (State Government) और स्थानीय स्वशासन (जिसके अंतर्गत पंचायत एवं नगरपालिकाएं आती हैं)।
कुल मिलाकर भारत में पंचायतें गाँव, मध्यवर्ती और जिला स्तर पर (त्रिस्तरीय) स्थानीय स्वशासन संस्थाएँ हैं जो जमीनी स्तर के लोकतंत्र और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस लेख में हम अनुच्छेद 243J को समझने वाले हैं;
याद रखें, पंचायत के पूरे संवैधानिक कॉन्सेप्ट को समझने के लिए भाग 9 के तहत आने वाले पूरे 16 अनुच्छेद को एक साथ जोड़कर पढ़ना और समझना जरूरी है। अगर आप चीजों को समग्रता के साथ समझना चाहते हैं तो पहले कृपया नीचे दिए गए दोनों लेखों को पढ़ें और समझें;
⚫ पंचायती राज का इतिहास (History of Panchayati Raj) |
⚫ पंचायती राज, स्वतंत्रता के बाद (Panchayati Raj after Independence) |
| अनुच्छेद 243J – पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा (Audit of accounts of Panchayats)
अनुच्छेद 243J के तहत पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा (Audit of accounts of Panchayats) के बारे में उपबंध किया गया है।
अनुच्छेद 243J के खंड (1) के तहत कहा गया है कि किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों द्वारा लेखे रखे जाने और ऐसे लेखाओं की संपरीक्षा करने के बारे में उपबंध कर सकेगा।
इस अनुच्छेद के तहत राज्य विधानमण्डल पंचायतों के खातों की देखरेख और उनके परीक्षण के लिए प्रावधान बना सकता है। चाहे तो विधानमंडल इसके लिए एक अलग लेखा परीक्षक संगठन बना सकता है या फिर उस राज्य के महालेखाकारों को ये काम सौंपा जा सकता है।
नोट – RTI Act 2005 के तहत कोई भी व्यक्ति पंचायत के किसी भी वित्तीय लेन-देन से संबन्धित सूचना मांग सकता है।
अनुच्छेद 148 के तहत केंद्र के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक – CAG की व्यवस्था की गई है।
तो यही है अनुच्छेद 243J , उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक – CAG |
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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⚫ भारतीय संविधान ⚫ संसद की बेसिक्स ⚫ मौलिक अधिकार बेसिक्स ⚫ भारत की न्यायिक व्यवस्था ⚫ भारत की कार्यपालिका |
अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |