यह लेख अनुच्छेद 65 (Article 65) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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अनुच्छेद 65

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📜 अनुच्छेद 65 (Article 65)

65. राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन — (1) राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा जिस तारीख को ऐसी रिक्ति को भरने के लिए इस अध्याय के उपबंधों के अनुसार निर्वाचित नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करता है।

(2) जब राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है तब उपराष्ट्रपति उस तारीख तक उसके कृत्यों का निर्वहन करेगा जिस तारीख को राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को फिर से संभालता है।

(3) उपराष्ट्रपति को उस अवधि के दौरान और उस अवधि के संबंध में, जब वह राष्ट्रपति के रूप में इस प्रकार कार्य कर रहा है या उसके कृत्यों का निर्वहन कर रहा है, राष्ट्रपति की सभी शक्तियाँ और उन्मुक्तियां होंगी तथा वह ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकार का जो संसद, विधि द्वारा, अवधारित करे, और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसी उपलब्धियों, भत्तों और विशेषाधिकारों का, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, हकदार होगा।
—-अनुच्छेद 65

65. The Vice-President to act as President or to discharge his functions during casual vacancies in the office, or during the absence, of President.— (1) In the event of the occurrence of any vacancy in the office
of the President by reason of his death, resignation or removal, or otherwise, the Vice-President shall act as President until the date on which a new President elected in accordance with the provisions of this Chapter to fill such vacancy enters upon his office.

(2) When the President is unable to discharge his functions owing to absence, illness or any other cause, the Vice-President shall discharge his functions until the date on which the President resumes his duties.

(3) The Vice-President shall, during, and in respect of, the period while he is so acting as, or discharging the functions of, President, have all the powers and immunities of the President and be entitled to such emoluments, allowances and privileges as may be determined by Parliament by law and, until provision in that behalf is so made, such emoluments, allowances and privileges as are specified in the Second Schedule.
Article 65

🔍 Article 65 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का पहला अध्याय है – कार्यपालिका (Executive)

कार्यपालिका के तहत अनुच्छेद 52 से लेकर 78 तक आते हैं। और इस भाग के अंतर्गत संघ के कार्यपालिका की चर्चा की गई है। जिसके तहत राष्ट्रपति (President), उप-राष्ट्रपति (vice president), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) एवं महान्यायवादी (Attorney General) आते हैं।

कार्यपालिका के तहत यहाँ प्रधानमंत्री की चर्चा इसीलिए नहीं की गई है क्योंकि मंत्रिपरिषद का मुखिया ही प्रधानमंत्री होता है।

यहाँ यह याद रखिए कि संविधान के भाग 5 को संघ या The Union के नाम से भी जाना जाता है।

कुल मिलाकर संविधान के भाग 5 के अंतर्गत अनुच्छेद 52 से लेकर अनुच्छेद 151 तक आता है। इस लेख में हम अनुच्छेद 65 को समझने वाले हैं;

अनुच्छेद-39 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-21 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 65 – राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन

अनुच्छेद 56 के तहत हमने राष्ट्रपति (President) की पदावधि (term of office) के बारे में समझा। वहाँ हमने देखा कि राष्ट्रपति (President) अपने पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की अवधि तक पद धारण करता है।

यानि कि अगर सबकुछ सामान्य रहता है तो राष्ट्रपति का पद 5 वर्ष बाद रिक्त होगा। लेकिन ऐसी भी स्थिति आ सकती है जब राष्ट्रपति अपना टर्म पूरा होने से पहले ही त्यागपत्र दे दे। या फिर टर्म पूरा होने से पहले ही मृत्यु को प्राप्त हो जाए या फिर संविधान के अतिक्रमण के कारण  महाभियोग द्वारा हटा दिया जाएं।

कुल मिलाकर दो स्थितियाँ बनती है एक सामान्य स्थिति जिसके तहत 5 वर्ष बाद राष्ट्रपति का पद रिक्त होगा और दूसरा आकस्मिक स्थिति  जिसके तहत 5 वर्ष से पहले भी राष्ट्रपति का पद रिक्त हो सकता है।

इसी रिक्ति को भरने के लिए कुछ प्रावधान बनाए गए है जो कि अनुच्छेद 62 के तहत आता है (ठीक से समझने के लिए पहले उसे अवश्य समझे)। और अनुच्छेद 62 का ही विस्तार है अनुच्छेद 65।

अनुच्छेद 65 के तहत यही कहा गया है कि राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा और उसके कृत्यों का निर्वहन करेगा। इस अनुच्छेद के कुल तीन भाग हैं आइये समझें;

अनुच्छेद 65(1) के तहत यह व्यवस्था है कि यदि राष्ट्रपति पद की रिक्ति, मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारण से हुई है तो ऐसी स्थिति में उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के रूप कार्य करेगा।

और उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा जिस तारीख को ऐसी रिक्ति को भरने के लिए नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करता है।

उदाहरण के लिए

◾ 24 अगस्त 1974 को फकरुद्दीन अली अहमद राष्ट्रपति पद को संभालते है। 11 फ़रवरी 1977 को इनकी मृत्यु हो जाती है। 11 फ़रवरी 1977 को उस समय के उपराष्ट्रपति बी डी जत्ती ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में राष्ट्रपति पद को संभाल लिया। और बी डी जत्ती 25 जुलाई 1977 तक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते रहे क्योंकि इसी तारीख को नीलम संजीवन रेड्डी ने राष्ट्रपति के पूर्णकालिक पद (5 वर्ष) को संभाल लिया।

अनुच्छेद 65(2) के तहत यह व्यवस्था किया गया है कि यदि राष्ट्रपति अनुपस्थिति, बीमारी या अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने में असमर्थ हो तब उपराष्ट्रपति उस तारीख तक उसके कृत्यों का निर्वहन करेगा जिस तारीख को राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को फिर से संभालता है।

अनुच्छेद 65(3) बस ये कहता है कि अगर अनुच्छेद 65(1) और (2) के अनुसार जब उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति का पद धारण कर लेता है तब वे राष्ट्रपति की सभी शक्तियों को इस्तेमाल करने के योग्य हो जाते हैं।

इतना ही नहीं, उन्हे वे सभी उपलब्धियां, उन्मुक्तियां (immunity), वेतन, भत्ते व विशेषाधिकार प्राप्त होते है जो एक राष्ट्रपति को प्राप्त होते हैं। हालांकि संसद चाहे तो विधि बनाकर इसमें संशोधन कर सकता है।

नोट – अगर आपको ठीक से समझ में न आए तो आप अनुच्छेद 62, 63, 64 और 65 आदि को एक साथ पढ़ सकते हैं। क्योंकि सभी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

तो यही है अनुच्छेद 65 (Article 65), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है? [यूपीएससी]

अनुच्छेद-52 – भारतीय संविधान
अनुच्छेद-31(क) – भारतीय संविधान
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FAQ. अनुच्छेद 65 (Article 65) क्या है?

राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन।
विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (नवीनतम संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से) और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।