यह लेख अनुच्छेद 140 (Article 140) का यथारूप संकलन है। आप इसका हिन्दी और इंग्लिश दोनों अनुवाद पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें।

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Article 140


📜 अनुच्छेद 140 (Article 140) – Original

केंद्रीय न्यायपालिका
140. उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियाँ — संसद, विधि द्वारा, उच्चतम न्यायालय को ऐसी अनुपूरक शक्तियां प्रदान करने के लिए उपबंध कर सकेगी जो इस संविधान के उपबंधों में से किसी से असंगत न हों और जो उस न्यायालय को इस संविधान द्वारा या इसके अधीन प्रदत्त अधिकारिता का अधिक प्रभावी रूप से प्रयोग करने के योग्य बनाने के लिए आवश्यक या वांछनीय प्रतीत हों ।
अनुच्छेद 140

THE UNION JUDICIARY
140. Ancillary powers of Supreme Court.—Parliament may by law make provision for conferring upon the Supreme Court such supplemental powers not inconsistent with any of the provisions of this Constitution as may appear to be necessary or desirable for the purpose of enabling the Court more effectively to exercise the jurisdiction conferred upon it by or under this Constitution.
Article 140

🔍 Article 140 Explanation in Hindi

अनुच्छेद 52 से लेकर 151 तक भारतीय संविधान के भाग 5 के तहत आता है। भाग 5 को 5 अध्यायों में बांटा गया है। इसी का चौथा अध्याय है – संघ की न्यायपालिका (The Union Judiciary)

संसद के इस अध्याय के तहत अनुच्छेद 124 से लेकर अनुच्छेद 147 तक आते हैं। इस लेख में हम अनुच्छेद 140 (Article 140) को समझने वाले हैं;

न्याय (Justice) एक जटिल और बहुआयामी अवधारणा है जो व्यक्तियों के साथ निष्पक्ष व्यवहार और न्यायपूर्ण समाज के रखरखाव को संदर्भित करता है।

न्याय लोकतंत्र का एक आधारभूत स्तंभ है क्योंकि यह व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है, कानून के शासन को बनाए रखता है, संघर्ष के समाधान की सुविधा देता है और निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा देता है। यह लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करता है और समाज की समग्र भलाई और स्थिरता में योगदान देता है।

भारत में इसे सुनिश्चित करने के लिए संविधान द्वारा एकीकृत न्यायिक व्यवस्था (Integrated Judiciary System) की शुरुआत की गई है। इस व्यवस्था में उच्चतम न्यायालय सबसे शीर्ष पर आता है, उसके बाद राज्यों उच्च न्यायालय आता है और फिर उसके बाद जिलों का अधीनस्थ न्यायालय

अनुच्छेद-139 – भारतीय संविधान
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| अनुच्छेद 140 – उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियाँ

संविधान का भाग 5, अध्याय IV संघीय न्यायालय यानि कि उच्चतम न्यायालय की बात करता है। अनुच्छेद 140 उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियाँ (Ancillary powers of Supreme Court) के बारे में है।

अनुच्छेद 140 कहता है कि संसद, विधि द्वारा, उच्चतम न्यायालय को ऐसी अनुपूरक शक्तियां प्रदान करने के लिए उपबंध कर सकेगी जो इस संविधान के उपबंधों में से किसी से असंगत न हों और जो उस न्यायालय को इस संविधान द्वारा या इसके अधीन प्रदत्त अधिकारिता का अधिक प्रभावी रूप से प्रयोग करने के योग्य बनाने के लिए आवश्यक या वांछनीय प्रतीत हों।

कहने का अर्थ है कि संसद, विधि द्वारा सुप्रीम कोर्ट के लिए अनुपूरक शक्तियों (Ancillary powers) का उपबंध कर सकती है। लेकिन यहाँ कुछ शर्तें हैं;

(पहली बात) ऐसी अनुपूरक शक्तियाँ (Ancillary Powers) संविधान के उपबंधों में से किसी से भी असंगत नहीं होना चाहिए।

(दूसरी बात) ये अनुपूरक शक्तियाँ (Ancillary Powers) ऐसी होनी चाहिए जो कि उस न्यायालय को इस संविधान द्वारा या इसके अधीन प्रदत्त अधिकारिता का अधिक प्रभावी रूप से प्रयोग करने के योग्य बनाने के लिए आवश्यक हो।

Q. सहायक शक्तियाँ (Ancillary Powers) क्या हैं?

स्पष्ट रूप से प्रदत्त शक्तियों की सहायता करने वाली शक्तियों को सहायक शक्तियों (Ancillary Powers) के रूप में संदर्भित किया जाता है।

दरअसल कानून बनाने की व्यक्त शक्तियों में सहायक मुद्दों पर अतिरिक्त रूप से कानून पारित करने की क्षमता शामिल होती है।

उदाहरण के लिए, बैंकिंग पर कानून बनाने की क्षमता में बैंकों द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका, उनके बोर्डों की संरचना, आरबीआई के साथ उनकी बातचीत आदि जैसे मुद्दों पर कानून बनाने की सभी संबंधित क्षमताएं भी शामिल होंगी।

⚫ ⚫ विस्तार से समझेंउच्चतम न्यायालय का क्षेत्राधिकार (Jurisdiction of Supreme Court)

तो यही है अनुच्छेद 140 (Article 140), उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial

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अनुच्छेद 139A – भारतीय संविधान
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संसद की बेसिक्स
मौलिक अधिकार बेसिक्स
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भारत की कार्यपालिका
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FAQ. अनुच्छेद 140 (Article 140) क्या है?

अनुच्छेद 140 उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियाँ (Ancillary powers of Supreme Court) के बारे में है। क्या है यह आनुषंगिक शक्तियाँ, विस्तार से समझने के लिए लेख पढ़ें;

अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है।