यह लेख Article 186 (अनुच्छेद 186) का यथारूप संकलन है। आप इस मूल अनुच्छेद का हिन्दी और इंग्लिश दोनों संस्करण पढ़ सकते हैं। आप इसे अच्छी तरह से समझ सके इसीलिए इसकी व्याख्या भी नीचे दी गई है आप उसे जरूर पढ़ें, और MCQs भी सॉल्व करें।
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📜 अनुच्छेद 186 (Article 186) – Original
भाग 6 “राज्य” [अध्याय 3 — राज्य का विधान मंडल] [राज्य के विधान मण्डल के अधिकारी] |
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186. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते — विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को तथा विधान परिषद् के सभापति और उपसभापति को, ऐसे वेतन और भत्तों का जो राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, नियत करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसे वेतन और भत्तों का जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, संदाय किया जाएगा। |
Part VI “State” [CHAPTER III — The State Legislature] [Officers of the State Legislature] |
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186. Salaries and allowances of the Speaker and Deputy Speaker and the Chairman and Deputy Chairman.—There shall be paid to the Speaker and the Deputy Speaker of the Legislative Assembly, and to the Chairman and the Deputy Chairman of the Legislative Council, such salaries and allowances as may be respectively fixed by the Legislature of the State by law and, until provision in that behalf is so made, such salaries and allowances as are specified in the Second Schedule. |
🔍 Article 186 Explanation in Hindi
भारतीय संविधान का भाग 6, अनुच्छेद 152 से लेकर अनुच्छेद 237 तक कुल 6 अध्यायों (Chapters) में विस्तारित है (जिसे कि आप नीचे टेबल में देख सकते हैं)।
Chapters | Title | Articles |
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I | साधारण (General) | Article 152 |
II | कार्यपालिका (The Executive) | Article 153 – 167 |
III | राज्य का विधान मंडल (The State Legislature) | Article 168 – 212 |
IV | राज्यपाल की विधायी शक्ति (Legislative Power of the Governor) | Article 213 |
V | राज्यों के उच्च न्यायालय (The High Courts in the States) | Article 214 – 232 |
VI | अधीनस्थ न्यायालय (Subordinate Courts) | Article 233 – 237 |
जैसा कि आप ऊपर देख सकते हैं, इस भाग के अध्याय 3 का नाम है “राज्य का विधान मंडल (The State Legislature)” और इसका विस्तार अनुच्छेद 158 से लेकर अनुच्छेद 212 तक है।
इस अध्याय को आठ उप-अध्यायों (sub-chapters) में बांटा गया है, जिसे कि आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं;
Chapter 3 [Sub-Chapters] | Articles |
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साधारण (General) | Article 168 – 177 |
राज्य के विधान मण्डल के अधिकारी (Officers of the State Legislature) | Article 178 – 187 |
कार्य संचालन (Conduct of Business) | Article 188 – 189 |
सदस्यों की निरर्हताएं (Disqualifications of Members) | Article 190 – 193 |
राज्यों के विधान-मंडलों और उनके सदस्यों की शक्तियां, विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां (Powers, privileges and immunities of State Legislatures and their members) | Article 194 – 195 |
विधायी प्रक्रिया (Legislative Procedure) | Article 196 – 201 |
वित्तीय विषयों के संबंध में प्रक्रिया (Procedure in respect of financial matters) | Article 202 – 207 |
साधारण प्रक्रिया (Procedure Generally) | Article 208 – 212 |
इस लेख में हम राज्य के विधान मण्डल के अधिकारी (Officers of the State Legislature) के तहत आने वाले अनुच्छेद 185 को समझने वाले हैं।
⚫ अनुच्छेद 79 – भारतीय संविधान |
| अनुच्छेद 186 – अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते (Salaries and allowances of the Speaker and Deputy Speaker and the Chairman and Deputy Chairman)
भारत एक संघीय व्यवस्था वाला देश है यानी कि यहाँ केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी होता है और जिस तरह से केंद्र में विधायिका (Legislature) होता है उसी तरह से राज्य का भी अपना एक विधायिका होता है।
◾ केन्द्रीय विधायिका (Central Legislature) को भारत की संसद (Parliament of India) कहा जाता है। यह एक द्विसदनीय विधायिका है, जिसका अर्थ है कि इसमें दो सदन हैं: लोकसभा (लोगों का सदन) और राज्यसभा (राज्यों की परिषद)। इसी तरह से राज्यों के लिए भी व्यवस्था की गई है।
अनुच्छेद 168(1) के तहत प्रत्येक राज्य के लिए एक विधानमंडल (Legislature) की व्यवस्था की गई है और यह विधानमंडल एकसदनीय (unicameral) या द्विसदनीय (bicameral) हो सकती है।
जिस तरह से अनुच्छेद 97 के तहत केंद्र में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्तों के बारे में बताया गया है, उसी तरह से अनुच्छेद 186 के तहत राज्यों में भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्तों के बारे में बताया गया है;
अनुच्छेद 186 के तहत कहा गया है कि विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को तथा विधान परिषद् के सभापति और उपसभापति को, ऐसे वेतन और भत्तों का जो राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, नियत करे और जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक ऐसे वेतन और भत्तों का जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट हैं, संदाय किया जाएगा।
यहाँ दो बातें हैं;
पहली बात तो ये कि विधान परिषद के सभापति और उपसभापति को तथा विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को, ऐसे वेतन और भत्ते मिलेंगे जो विधान-मंडल, विधि द्वारा, तय करेंगे।
दूसरी बात ये है कि अगर विधान मंडल ने इस संबंध में विधि नहीं बनाई है तो जब तक इस निमित्त इस प्रकार उपबंध नहीं किया जाता है तब तक विधान परिषद के सभापति और उपसभापति को तथा विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को ऐसे वेतन और भत्ते मिलेंगे, जो दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट (Specified) हैं।
सभी राज्यों से इस संबंध में अपने-अपने कानून पास कर रखें हैं;
भारतीय संविधान की दूसरी अनुसूची क्या है?
भारतीय संविधान की दूसरी अनुसूची में विभिन्न उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के खर्चों, अधिकारों और अतिरिक्त लाभों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं। इनमें भारत के राष्ट्रपति, राज्यों के राज्यपाल, लोक सभा (लोकसभा) के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष शामिल हैं। अनुसूची में विधान सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और राज्य की विधान परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, सर्वोच्च न्यायालय और राज्य के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और राज्य के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के लिए भी प्रावधान शामिल हैं। इत्यादि।
तो यही है अनुच्छेद 186, उम्मीद है आपको समझ में आया होगा। दूसरे अनुच्छेदों को समझने के लिए नीचे दिए गए लिंक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
◾ राज्य विधानमंडल (State Legislature): गठन, कार्य, आदि ◾ भारतीय संसद (Indian Parliament): Overview |
सवाल-जवाब के लिए टेलीग्राम जॉइन करें; टेलीग्राम पर जाकर सर्च करे – @upscandpcsofficial
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अस्वीकरण – यहाँ प्रस्तुत अनुच्छेद और उसकी व्याख्या, मूल संविधान (उपलब्ध संस्करण), संविधान पर डी डी बसु की व्याख्या (मुख्य रूप से), प्रमुख पुस्तकें (एम. लक्ष्मीकान्त, सुभाष कश्यप, विद्युत चक्रवर्ती, प्रमोद अग्रवाल इत्यादि) एनसाइक्लोपीडिया, संबंधित मूल अधिनियम और संविधान के विभिन्न ज्ञाताओं (जिनके लेख समाचार पत्रों, पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर ऑडियो-विजुअल्स के रूप में उपलब्ध है) पर आधारित है। हमने बस इसे रोचक और आसानी से समझने योग्य बनाने का प्रयास किया है। |