अगर आप शेयर मार्केट की बेसिक्स को एक क्रम में और बहुत ही सरल भाषा में समझना चाहते हैं तो आप सही जगह पर हैं।

शेयर मार्केट से संबंधित इंटरनेट पर ढेरों लेख मौजूद है लेकिन उसमें क्रमबद्धता नहीं है इसीलिए उससे पूरे कॉन्सेप्ट को समझना काफी मुश्किल हो जाता है।

इस लेख के पूरे सिरीज में हम शेयर मार्केट के बेसिक्स पर सरल और सहज चर्चा करेंगे, एवं इसके विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को समझेंगे। इस सिरीज़ के पूरे लेख को एक्सेस करने के लिए दिए गए लिंक को क्लिक करें; 📈 Share Market and Related

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शेयर मार्केट क्या है?

हम जिस समय-काल में जी रहें हैं शेयर मार्केट हमारे अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण भाग है। हमारे अर्थव्यवस्था का भाग है मतलब हमारी ज़िंदगी का एक भाग है। यानी कि हम एक बाज़ार आधारित अर्थव्यवस्था में जी रहें है।

हम इस बाज़ार में कभी निवेशक (Investor) होते हैं तो कभी ट्रेडर (Trader), कभी ऋणदाता (Lender) होते हैं तो कभी उधार लेने वाले (borrower) होते हैं।

इसी बाज़ार का एक हिस्सा है शेयर बाज़ार या फिर शेयर मार्केट, जहां पर शेयरों की खरीद-बिक्री होती है। ये बाज़ार आज इतना प्रभावशाली है कि हम चाहे न चाहे ये हमें किसी न किसी रूप में प्रभावित करता ही है।

शेयरों की खरीद-बिक्री क्यों होती है?

शेयर (Share) के बारे में हमें इतना तो जरूर पता होता है कि इसका मतलब अपने हिस्से के चीजों को दूसरों से बांटना या साझा करना होता है। जैसे कि हम अपना खाना शेयर करते हैं, अपनी फीलिंग्स शेयर करते हैं, अपनी कार शेयर करते हैं आदि। पर बाज़ार के सेंस में बात करें तो हम अपने हिस्से के चीजों को तभी शेयर करते हैं जब उसके बदले में हमें कुछ चाहिए होता है। और चाहिए क्या होता है तो पैसा।

पूंजीवाद की अवधारणा ही यही है कि आपके पास अभी जो संपत्ति या पूंजी है बस उसी से संतुष्ट मत हो जाओ बल्कि उसे और बढ़ाओ और बढ़ाते ही रहो। ये तभी बढ़ेगा जब हम अपने बिज़नस को बढ़ाएंगे, बिज़नस तभी बढ़ेगा जब उत्पादकता बढ़ेगी और उत्पादकता तभी बढ़ेगी जब उसमें एक्सट्रा पूंजी डाला जाएगा। ये पूंजी या तो उधार (ऋण) लेकर आ सकता है या फिर अपने बिज़नस का शेयर बेचकर।

अगर उधार लेकर बिज़नस बढ़ाना हो तो फिर बात अलग है लेकिन जब शेयर बेचकर बिज़नस बढ़ाने की व्यवस्था को अपनाया जाता है तो फ़िर शेयरों की खरीद-बिक्री शुरू होती है।

शेयरों की खरीद-बिक्री कहाँ होती है?

अगर शेयरों की खरीद-बिक्री होगी तो सवाल ये आता है कि ये कहाँ होगी? अगर मुझे अपने बिज़नस का शेयर बेचना है तो मैं कहाँ उस आदमी को खोजुंगा जो इसे लेगा। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि खरीदने वाले और बेचने वाले अकेले सिर्फ मैं ही नहीं हूँ बल्कि हजारों हैं। इसीलिए स्टॉक एक्स्चेंज बनायी गई जो कि एक माध्यम का काम करता है खरीदने और बेचने वालों के बीच। स्टॉक एक्स्चेंज अच्छे से, बिना कोई गड़बड़ी किए काम करता रहे इसीलिए उसकी नियमन (regulation) की आवश्यकता हुई और सेबी (SEBI) जैसी संस्था बनायी गई।

समय के साथ-साथ अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ, बाज़ार हमारे ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा बनने लगा, जितना चाहे उतना धन इकट्ठा करने की छूट मिली, ज्यादा से ज्यादा धन इकट्ठा करने के उद्देश्य से ज्यादा से ज्यादा लोग इस बाज़ार व्यवस्था में सक्रिय तौर पर भाग लेने लगे। इस तरह के विस्तार से नई-नई चीज़ें इसमें जुड़ते चले गए और व्यवस्थाएं आमलोगों के लिए जटिल होता चला गया। पर क्या ये वाकई जटिल है?

शेयर मार्केट को समझना मुश्किल क्यों है?

ऐसा नहीं है, अगर एक क्रमबद्ध तरीके से चीजों को समझा जाये तो फिर ये जटिल बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल अगर इसे शुरू से समझना हो तो वित्तीय बाज़ार (Financial markets) से समझने की शुरुआत करनी चाहिए।

मोटे तौर पर वित्तीय बाज़ार को दो भागों में बांटा जा सकता है – (1) मुद्रा बाज़ार (Money Market) और (2) पूंजी बाज़ार (Capital Market)। हालांकि अब कुछ सालों से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) भी चल रही तो उसे भी इसी के तहत रखा जाता है। नीचे दिये गए चार्ट की मदद से आप और स्पष्ट तरीके से समझ सकते हैं कि शेयर मार्केट इस सब में कहाँ आता है:

डेरिवेटिव क्या है

◼️ शेयर मार्केट को अच्छे से समझने के लिए हमें इस चार्ट में बताए गए हरेक टॉपिक को एक क्रम से समझना होगा क्योंकि बहुत सारे टॉपिक एक-दूसरे से अंतर्संबंधित (Interrelated) है जिसे कि समझना आवश्यक है। हम वित्तीय बाज़ार (Financial market) से शुरुआत करेंगे, क्योंकि देखें तो सब की जड़ यही है।

◼️ उसके बाद हम मुद्रा बाज़ार (Money market) और फिर पूंजी बाज़ार (Capital market) को समझेंगे। शेयर मार्केट, पूंजी बाज़ार का ही एक हिस्सा है लेकिन उसे समझने से पहले हम प्रतिभूतियों (Securities) को समझेंगे।

इसे इसलिए पहले समझेंगे क्योंकि बॉन्ड (Bond) कि बात करें या फिर शेयर की ये भी एक प्रतिभूति है। इन प्रतिभूतियों की खरीद-बिक्री स्टॉक एक्स्चेंज के माध्यम से होती है इसीलिए इसके बाद स्टॉक एक्स्चेंज (Stock exchange) को समझेंगे।

इसके बाद हम दिलचस्प उदाहरणों के जरिये समझेंगे कि कंपनी कैसे बनती है फिर वो शेयर कैसे जारी करती है, एक निवेशक के रूप में हम कैसे शेयर खरीद सकते हैं, खरीदने से पहले क्या-क्या प्रक्रियाएं अपनायी जाती है? सब कुछ हम जानेंगे।

शेयर मार्केट को समझने के बाद हम म्यूचुअल फ़ंड, बीमा (Insurance), बॉन्ड मार्केट, डेरिवेटिव्स आदि जितने भी इससे संबद्ध अन्य विषय हैं; को भी पढ़ेंगे और समझेंगे।

सारे लेख क्रमबद्ध और व्यवस्थित तरीके से प्रेजेंट किया गया है, आप बस धैर्य बनाए रखिए और एक क्रम से पढ़िये। सभी लेख के थंबनेल (Thumbnail) पर क्रम संख्या अंकित है ताकि आपको क्रम ढूँढने में कोई परेशानी न हो।

◼️ जैसा कि हमने ऊपर चर्चा किया है, वित्तीय बाज़ार (Financial market) से हम इस सिरीज़ को शुरू करेंगे तो आइये इसे समझते हैं कि वित्तीय बाज़ार (Financial markets) क्या है

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